हॉट भाभी Xxx चुदाई कहानी मेरे दोस्त की बीवी की है. वो मेरे दोस्त के लंड से खुश नहीं थी. मुझे भी वो बहुत अच्छी लगी तो मैंने उसे चोद कर मजा लिया दिया.
दोस्तो, मैं हर्षद एक बार पुन: अपने दोस्त और उसकी बीवी के साथ वाली इस सेक्स कहानी में आपका स्वागत करता हूँ.
चूत चुदाई की प्यासी मेरे दोस्त की बीवी
अब तक आपने पढ़ा था कि रात को ग्यारह बजे सरिता मेरे पास चुदने के लिए आ गई थी.
अब आगे हॉट भाभी Xxx चुदाई कहानी:
सरिता मेरे पास आकर मेरे गले में अपने हाथ डालकर और अपने दोनों पांव फैलाकर मेरी जांघों पर बैठ गयी.
मेरा लंड खड़ा होने की वजह से उसके पेट पर रगड़ खा रहा था.
मैंने उसे थोड़ा उठने कहा तो खड़ी हो गयी.
मैंने अपना लंड अपनी दोनों जांघों के बीच दबाकर रखा और मैं बेड पर किनारे पर बैठ गया.
पोजीशन बनाने के बाद मैंने सरिता को लंड पर अपनी गांड रखकर बैठने को कहा.
सरिता मुझसे चिपककर बैठ गयी.
हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बांहों में कस लिया था.
मैंने सरिता से पूछा- विलास सो गया क्या? अगर वो जाग गया तो बहुत मुसीबत हो जाएगी.
सरिता बोली- हर्षद तुम चिंता मत करो. मैंने उन्हें दूध में नींद की गोली खिलायी है. वो अब तब तक नहीं उठेंगे, जब तक मैं नहीं जगाऊंगी.
मैंने सरिता के होंठों पर होंठ रखकर किस करके कहा- सरिता, तुम बहुत ही होशियार हो. अब हमें कोई चिंता नहीं, पूरी रात मजा करेंगे.
बस हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे.
सरिता मेरे माथे पर अपने होंठों से किस करती हुई बोली- हर्षद, आज से हम दोनों पति पत्नी हैं. आज से मेरे लिए तुम ही सब कुछ हो.
सरिता की आंखों में अलग सी खुशी और प्यार नजर आ रहा था.
मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैंने अपने हाथों से उसका सर पकड़कर उसका माथा चूम लिया.
मैंने कहा- हां सरिता, हमारी शादी नहीं हुई तो क्या हुआ. हम जब भी मिलेंगे तब पति पत्नी की तरह एक दूसरे को प्यार और खुशियां देते रहेंगे
सरिता बहुत खुश हो गयी थी, उसने मेरे होंठों को चूस लिया.
फिर मैं सरिता को अपनी बांहों में जकड़ कर अपने दोनों हाथों से उसकी पीठ को सहलाने लगा.
उसकी कसी हुई चूचियां मेरे सीने पर रगड़ रही थीं, उसके निपल्स मेरे सीने में चुभ रहे थे.
इसी तरह सरिता की पीठ, कमर और गांड को सहलाता रहा, तो सरिता मदहोश होती जा रही थी.
मैंने अपनी जांघें दोनों तरफ तान लीं तो सरिता की गांड की दरार बढ़ गयी और मेरा लंड उसकी जांघों में फँसता हुआ सरिता की गांड और चूत की दरार में सट गया.
मेरे लंड का सुपारा सरिता की गांड पर सट गया था.
सरिता कामुक हो रही थी.
पहली बार वो अपनी मांसल गांड के छेद पर मेरे लंड के स्पर्श का अनुभव कर रही थी.
सरिता मेरी पीठ और गांड को सहलाती हुई अपनी गांड आगे पीछे करके अपनी चूत और गांड के छेद को मेरे लंड पर रगड़ने लगी थी.
उसका सर मेरे कंधे पर रखा था. उसके मुँह से गर्म सिसकारियां निकलने लगी थीं.
सरिता की चूत गीली हो रही थी. मेरा लंड भी गीला होने लगा था.
मुझे अब जोश आने लगा था. मैं अपने होंठों से सरिता की गर्दन पर किस करने लगा और अपने दांतों से हल्का सा काट भी देने लगा था. कभी उसके कान, गाल और होंठों को काटने लगा, तो सरिता और मदहोश हो गयी.
उसकी चूत की गर्माहट मेरे लंड को और गर्म कर रही थी.
उसकी चूत से कामरस बह रहा था, जिससे मेरा लंड पूरी तरह से गीला हो गया था.
सरिता से मुँह से गर्म गर्म सिसकारियां निकल रही थीं.
मैंने सरिता को उठाया और खड़ा कर दिया, फिर उसे अपनी बांहों में कस लिया.
हम दोनों की कामुकता से गर्म हुए दो नंगे बदन आपस में सट गए थे.
इससे हमारे जिस्मों में करंट सा दौड़ने लगा था.
हम दोनों मदहोश हो चुके थे.
मैं उसके होंठों को चूसने लगा.
हम दोनों पांच मिनट एक-दूसरे के होंठ चूसते रहे.
फिर मैं अपने होंठों से सरिता के दोनों मम्मों के आस-पास किस करने लगा और फिर दोनों दूध बारी बारी से चूसकर मैं उसके पेट पर अपनी जीभ फिराने लगा.
वो मदभरी आहें निकाल रही थी.
मैं अपने घुटने के बल बैठकर सरिता की नाभि के आजू बाजू अपनी जीभ गोल गोल घुमाने लगा तो सरिता सिहर उठी.
फिर मैं उसकी नाभि में गीली जीभ डालकर अन्दर बाहर करने लगा तो सरिता अपने दोनों हाथों से मेरा सर सहलाने लगी.
मैं अपनी जीभ फिराते फिराते उसकी चूत पर आ गया. मैं सरिता की टांगें फैलाकर चूत के आस-पास जीभ फिराकर उसका चूतरस चाटने लगा. बहुत ही अलग सी महक थी और टेस्टी भी लग रहा था.
फिर मैंने उसकी चूत की दोनों पंखुड़ियों को दोनों तरफ खींचकर उसकी गुलाबी पानीदार चूत में अपनी जीभ अन्दर गहराई तक डाल दी.
इससे सरिता जोर से चिल्ला दी और ‘आह हां हाय ऊंई ऊंई हं हं …’ करने लगी.
वो मेरे सर जोर से दबाने लगी.
सरिता की चूत अन्दर से ऐसी गर्म थी, जैसे चूत में आग लग गयी हो.
पांच मिनट तक ऐसे ही सरिता की चूत को उसकी गहराई तक अपनी जीभ से चोदने में लगा रहा तो सरिता पूरी कामवासना में डूब गई थी और जोर जोर से मादक सिसकारियां ले रही थी.
फिर सरिता मेरा सर बाहर खींचकर बोली- हर्षद बस करो अब … और नहीं सह सकती मैं … अब डाल दो अपना लंड मेरी चूत में … आंह जल्दी से चोदो मुझे!
मैं खड़ा हो गया और सरिता को जोर से अपनी बांहों में कसकर उसके होंठों को चूसने लगा.
सरिता कामुक आवाज में बोली- प्लीज हर्षद अब कुछ करो ना!
मेरा लंड भी जोश में आकर सरिता की चूत से टकरा रहा था.
मैंने सरिता का एक पैर उठाकर बेड पर रखा तो सरिता ने अपने दोनों हाथ मेरे गले में डाल दिए.
सरिता की चूत खुल गयी थी.
मैंने एक हाथ उसकी कमर में डालकर उसे सहारा दिया और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़ कर सुपारे को चूत के छेद पर रगड़ने लगा.
सरिता भी मेरे लंड पर दबाव डालने लगी.
मेरे लंड का सुपारा चूतरस से पूरा चिकना हो गया था.
फिर जैसे ही मैंने एक धक्का मारा तो मेरे लंड का सुपारा अन्दर चला गया.
सरिता जोर से सीत्कारने लगी.
मैं अपने दूसरे हाथ सरिता की मांसल गांड को सहलाने लगा और उसकी गांड के छेद में भी उंगलियां फिराने लगा.
सरिता और अधिक कामुक होने लगी.
फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर दूसरा धक्का मारा और अपना आधे से ज्यादा लंड चूत में पेल दिया.
सरिता कुछ जोर से सीत्कारने लगी- ऊंई मां आआ … हा हा हं हुं हर्षद आहिस्ता डालो ना … मुझे दर्द हो रहा है.
उसने मेरे कंधे पर अपना सर रखा. उसके मुँह से गर्म सिसकारियां निकल रही थीं.
मैं ऐसे ही एक हाथ से पीठ और दूसरे हाथ से उसकी गांड सहलाता रहा और उसे शांत होने दिया.
कुछ पल बाद मैं अपने मुँह में सरिता एक चुची लेकर चूसने लगा और एक हाथ से दूसरी चुची मसलने लगा.
दूसरा हाथ मैंने उसकी गांड की दरार में डाल रखा था.
सरिता पहली बार ये सब अनुभव ले रही थी.
वो बहुत मदहोश हो चुकी थी.
थोड़ी ही देर में सरिता खुद अपनी गांड आगे पीछे करने लगी.
सरिता अपनी चूत में मेरा पूरा लंड लेना चाहती थी.
मैं भी उसका साथ देकर लंड अन्दर बाहर करने लगा. मैं अपना लंड हर धक्के के साथ और अन्दर पेलता रहा.
अब मैंने दोनों हाथों से सरिता की कमर पकड़ कर जोर का धक्का दिया और पूरा लंड उसकी चूत की गहराई तक डाल दिया.
सरिता कसमसाकर जोर से सिसकारियां भरने लगी.
मेरा लंड का सुपारा सरिता के गर्भाशय को टटोल रहा था.
सरिता की चूत की दीवारों ने मेरे लंड को पूरा जकड़ रखा था. वो मेरे लंड को अन्दर खींच रही थी.
मैं सरिता की गांड को सहलाते हुए उसकी गांड के छेद में उंगली डालता तो सरिता सीत्कारने लगती थी.
वो पूरी मदहोश हो गयी थी. उसने मुझे कसके पकड़ा … तो उसके नाखून मेरी पीठ को काटने लगे, उसके नाखून पीठ में गड़ने लगे.
अब उसका शरीर अकड़ने लगा था, वो अपनी गांड जोर से हिलाने लगी.
कुछ ही पलों में उसकी वासना भरी चूत अपना गर्म चूतरस मेरे लंड पर छोड़ने लगी थी.
उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगी थीं.
सरिता झड़ गयी थी, मेरे पूरे लंड को अपने गर्म चूतरस से नहला रही थी.
मैं उसकी पीठ और गांड को अपने हाथों से सहला रहा था.
फिर मैंने लंड आधा बाहर निकाला तो सरिता की चूत से चूतरस बाहर बहकर उसकी जांघों पर बहने लगा था.
मेरी भी जांघें सरिता की जांघों से सटी हुई थीं तो मेरी जांघें भी गीली हो गयी थीं.
हम दोनों अजीब सा अनुभव ले रहे थे.
सरिता ने अपना पैर बेड से नीचे रख दिया तो मैंने अपना तना हुआ लंड बाहर निकाल दिया.
इससे सरिता की चूत से चूतरस टपकने लगा.
मैंने नीचे बैठकर अपना मुँह सरिता की चूत पर रखा तो सरिता सिहर उठी.
मैं अपने होंठों से उसका मीठा चूतरस पीने लगा.
सरिता की चूत के आजू बाजू का पूरा रस मैंने चाटकर चूत साफ कर दी.
मैं खड़ा हो गया तो सरिता ने मेरे होंठों को किस किया और मेरे होंठों को चूसकर अपने चूतरस का स्वाद अनुभव करने लगी.
सरिता दूसरी बार झड़ गयी थी.
अब वो सामान्य हो गयी थी लेकिन मेरा लंड अभी भी फड़क रहा था.
मैंने सरिता को अपनी बांहों में उठाकर बेडपर लिटा दिया और उसकी जांघों के बीच घुटने के बल बैठ गया.
मैंने अपने दोनों हाथ उसकी दोनों चूचियों पर रख दिए.
पांच मिनट तक मैं सरिता चूचियां मसलता रहा तो वो फिर सिहरने लगी.
उसने अपनी आंखें बंद कर लीं तो मैं मसलना छोड़कर उसके ऊपर झुक गया और मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
सरिता आंखें खोलकर देखने लगी.
वो मेरी पीठ और कमर को अपने दोनों हाथ से सहलाने लगी.
मेरे होंठों को चूसती हुई बोली- हर्षद, आज मैं तुमसे कुछ मांगने वाली हूँ. क्या तुम मुझे दे सकते हो?
मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर कहा- सरिता, आज से तुम मेरी पत्नी हो … जो मांगना है, बिना झिझक मांग लो. सरिता मैं तुम्हें दुनिया की हर खुशी दे दूँगा, मुझ पर भरोसा रखो.
सरिता बोली- हर्षद, तुमने अब तक मुझे बहुत सारा सुख दिया है, जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. वो सब तुमसे पाकर मैं बहुत खुश हूँ. लेकिन हर्षद मुझे तुमसे एक बच्चे की ख्वाहिश है. मुझे तुम्हारी तरह स्मार्ट और हैंडसम बच्चा चाहिए, क्या तुम मुझे दोगे हर्षद?
उधर नीचे मेरा तना हुआ लंड सरिता की चूत पर रगड़ खा रहा था जिससे सरिता कसमसा रही थी.
मैंने सरिता से कहा- बस इतनी सी बात है. मैं ये तुम्हारी ख्वाहिश पूरी करके ही कल चला जाऊंगा सरिता. लेकिन ये बात सिर्फ हमारे दोनों के बीच ही रहेगी और एक बात है, जो तुम्हें करने पड़ेगी.
सरिता ने नीचे से अपनी गांड हिलाकर जोर से मेरे लंड को अपनी चूत पर रगड़कर कहा- हर्षद, तुम जो चाहोगे, मैं करूंगी लेकिन मुझे तुम्हारे बच्चे की मां बना दो. तुम्हारा ये अहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी.
मैंने कहा- मैं अहसान नहीं कर रहा हूँ सरिता. ये हमारे प्यार की निशानी होगी. अब सुनो सरिता, मेरे जाने के बाद तुम विलास से हर रोज आठ दिन तक चुदवा लेना. मैं तुम्हें कुछ गोलियां देता हूँ, वो उसे हर रात दूध में डालकर आठ दिन खिलाती रहना. इसी वजह से उसका वीर्य पन्द्रह मिनट के बाद निकलेगा. अब तुम्हारी चूत का भी मुँह खुला है, तो उसका रस आराम से अन्दर चला जाएगा. हो सकता है कि उसके लंड से तुम्हें मजा न आए … लेकिन तुम झूठमूठ का चिल्लाती रहना. इससे उसे भी जोश आएगा और उसे बाद में कोई शक नहीं होगा. वो समझेगा कि अपना ही बच्चा है. समझ गयी सरिता.
सरिता खुश होकर बोली- मैं सब कुछ करूंगी अपने बच्चे के लिए हर्षद. तुम तो बहुत होशियार हो हर्षद … मेरा तुम पर पूरा भरोसा है.
इतना कहकर सरिता मेरे होंठ चूसने लगी और नीचे हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत की दरार में रगड़ने लगी.
मैं समझ गया कि सरिता अब फिर से कामुक होने लगी है.
मैं फिर अपने घुटनों के बल आ गया और सरिता की टांगें अपने कंधे पर रख लीं.
सरिता की चूत और ऊपर आ गयी और उसका मुँह भी ज्यादा खुल गया था.
मेरा लंड सरिता अपने हाथ में पकड़कर मसल रही थी.
मैंने अपने हाथों से सरिता की चूत की पंखुड़ियों को दोनों तरफ खींचकर फैला दिया.
इससे चूत की दरार फ़ैल गयी.
सरिता लंड का सुपारा चूत की दरार में लेकर नीचे से गांड हिलाने लगी. सरिता लंड चूत में लेने के लिए बेताब हो रही थी.
इस हॉट भाभी Xxx चुदाई कहानी के अगले भाग में सरिता भाभी की मजेदार चुदाई लिखूंगा. आप मुझे मेल करना न भूलें.
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हॉट भाभी Xxx चुदाई कहानी का अगला भाग: भाभी की प्यासी चूत और बच्चे की ख्वाहिश- 4