क्लासमेट की डर्टी सेक्स की तमन्ना पूरी की- 1

चुदाई की कहानियाँ हिंदी में पढ़ें. मेरी कोचिंग की एक लड़की मेरी दोस्त बन गयी. वो मुझे जानबूझकर अपने जिस्म के दर्शन कराती थी. एक दिन वो मुझे अपने घर ले गयी.

दोस्तो, मेरा नाम प्रकाश है. मैं चुदाई की कहानियाँ हिंदी में लिखता हूँ.
मेरा कद 5 फुट 9 इंच का है और लंड की साईज 6.5 इंच है.

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आपको अच्छी लगी और आप लोगों के मेल भी आए, उसके लिए आप सभी का धन्यवाद.

आज मैं जो Xxx कहानी बताने जा रहा हूँ, ये मेरे साथ तब घटी थी, जब मैं विदेशी भाषा सीखने मुलुंड जाता था.

मेरी क्लास में तीन लड़के और 8 लड़कियां थीं. उनमें से कुछ शादीशुदा थीं और कुछ जॉब करती थीं.

मैं भी जॉब करता हूँ. लेकिन कुछ अलग भाषा आनी चाहिए इसलिए मैंने इस क्लास को ज्वाइन किया था.

मेरे क्लास में जस्सी नाम की पंजाबी लड़की पढ़ती थी.
वो भी जॉब करने के साथ साथ विदेशी भाषा सीखने आती थी.

उस क्लास में आने वाले सभी स्टूडेंट्स में उम्र में मैं ही सबसे बड़ा था.
मेरी उम्र 35 साल की थी. शायद इसीलिए सब लोग मेरी रिस्पेट करते थे.

जो मैडम हमको पढ़ाती थीं, वो भी पहले मुझसे ही पूछती थीं कि आपको समझ आया या नहीं.
मैं सर हां में हिला देता था.

ऐसे ही दिन बीतते गए.
मेरे ऑफिस में कुछ दिन बाद काम बढ़ जाने से मुझे समय की किल्लत होने लगी. जिस कारण से मैं पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहा था. ये बात क्लास में भी सबको समझ में आ गई थी.

क्लास में पहले तो मैं अकेले ही एक बाजू वाली बैंच पर बैठता था. मगर कुछ दिन बाद जस्सी मेरे बाजू में बैठने लगी और हमारी बातें होने लगीं.

मैं जस्सी के बारे में बता देता हूँ.
उसकी उम्र 25 साल के आस पास की रही होगी. उसका कद कम था. वो यही कोई 5 फुट की रही होगी.
मैंने उसके फिगर के ऊपर कभी ध्यान नहीं दिया. उसके चुचे 32 इंच के आप पास के रहे होंगे.

ज्यादातर वो टी-शर्ट और जींस पहन कर आती थी.

जब मेरे ऑफिस में काम की वजह से समय की दिक्कत आ रही थी, उसी वक्त वो भी ऑफिस के कारण थोड़ा मायूस रहती थी.
वैसे तो मेरी क्लास शनिवार और रविवार को रहती थी लेकिन शनिवार को काम ज्यादा होता था और उसी वजह से मुझे रविवार को भी काम निपटाना पड़ता था.

ऐसे ही एक दिन मुझे मुलुंड में कुछ काम था, तो मैं घर से जल्दी निकल गया था.
काम खत्म होने के बाद मैं सीधा क्लास में गया. उधर देखा तो कोई नहीं था.

मैं क्लास में जाकर बैठ गया.
थोड़ी देर बाद जस्सी आ गयी.
उससे बातें हुईं.

क्लास में हम दोनों के अलावा कोई नहीं था तो हमने ऑफिस की बातें एक दूसरे से साझा करना शुरू कर दीं.
इससे हमारे बीच आपसी घनिष्ठता बढ़ने लगी और हम दोनों का मन कुछ हल्का होना सा महसूस हुआ.

उस दिन न जाने क्या बात थी कि हम दोनों के अलावा और कोई नहीं आया था, काफी देर हो गई थी.

हम दोनों यूं ही बात करते करते एक दूसरे से काफी खुल गए थे.
हमारे बीच हंसी मजाक होने लगा था.

हालांकि अभी तक मेरे मन में उसके लिए कुछ भी सेक्स की भावना नहीं थी.

उस दिन जस्सी बड़े गले वाली टी-शर्ट पहन कर आई थी.
बातचीत में दरमियान जब वो हंसती तो उसके गहरे गले वाली टी-शर्ट में से उसके चुचों का ऊपर का हिस्सा दिखाई देने लगता था.

एक दो बार मैंने देखा, उसी समय उसने मेरी नजरों को भांपा और मुस्कुरा दी.

मैंने सॉरी बोला, उस पर जस्सी कुछ बोली नहीं, बस वो मुस्करा कर रह गई थी.

फिर उस दिन हम दोनों अपने अपने गंतव्य की तरफ निकल गए.

यह सिलसिला चलता रहा.
हमारी पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी.

इसी बीच उसकी शादी तय हो गई.
जस्सी अपनी शादी तय होने से बहुत खुश थी. उसका होने वाला पति बहुत अमीर था.

शादी के बाद वो अपने पति के साथ घूमने भी गई थी. घूम कर आने के बाद वो थोड़ी मायूस सी लगी.

मैंने उससे पूछा, तो बोली- कुछ नहीं, मेरे ससुराल वाले बहुत ही सख्त मिजाज के हैं.
मैंने उससे उसके पति के बारे में पूछा, तो वो कुछ नहीं बोली.

इस सबसे मैंने उसमें एक बदलाव सा महसूस किया.
उसके कपड़े पहनने का तौर तरीका भी बदल गया था. वो कुछ और ज्यादा गहरे गले वाली टी-शर्ट पहन कर आने लगी थी.

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ऐसे ही एक दिन मेरी नजर उसके टी-शर्ट के अन्दर गयी तो उसके निप्पल नजर आ गए.
सच में बहुत ही टाईट चुचे समझ आ रहे थे.

तभी उसने मेरी तरफ देखा और कातिल मुस्कान बिखेर दी.
मैं झेंप सा गया.
मैंने सॉरी बोल दिया.

उसके बाद वो जब भी देखती तो उसकी नजरों में मुझे एक कशिश सी दिखने लगी थी.
शायद वो मुझसे कुछ कहना चाहती थी.

अगस्त के महीने में मेरे घर में पूजा थी तो मैंने क्लास के सभी लोगों को आमंत्रण दिया था.

पूजा शुक्रवार को थी.

क्लास में से जस्सी को छोड़ कर सब लोग आए. मुझे जस्सी के न आने से थोड़ा बुरा लगा कि जो मेरी बेस्ट फ्रेंड है, वही नहीं आयी.

उसका शाम को फोन आया.
वो बोली- सॉरी प्रकाश, मुझे ऑफिस में काम था इसलिए आ नहीं सकी. लेकिन मैं कल जरूर आऊंगी. मेरे लिए प्रसाद निकाल कर रखना.
मैंने अपनी बीवी से कहा- जस्सी कल आने वाली है, तुम छोटे डब्बे में प्रसाद निकालकर रख देना.

दूसरे दिन 12 बजे जस्सी का फोन आया और बोली- मैं एक बजे तक आ जाऊंगी. फिर आपके घर से ही हम दोनों क्लास के लिए निकल जाएंगे.

मैं सोचता रह गया कि क्लास का टाईम 4 बजे का है और ये इतनी जल्दी जाकर क्या करना चाहती है.

फिर ठीक एक बजे जस्सी मेरे घर आयी.
उसने आज सफेद कलर का टॉप पहना हुआ था और जींस पहनी हुई थी. टॉप के ऊपर एक जैकेट था.

बातें करते करते उसने बताया कि आज क्लास 2 बजे से है और मैडम आज 8 बजे तक क्लास लेने वाली हैं.

मुझे लगा कि हमारी टीचर शायद मुझे मैसेज करना भूल गई होंगी.

बातें करते करते 1.30 बज गए.
उसने कहा- आप मुझे स्टेशन छोड़ दो, मैं बस से आ जाऊंगी.

तभी मेरी बीवी बोली- जब आप एक ही क्लास में हो और एक ही जगह जा रहे हो, तो बाईक पर ही चले जाओ. हां थोड़ा लेकिन बारिश का मौसम है, तो आपके पास रेन कोट है क्या?
तभी जस्सी बोली- नहीं.
मेरी बीवी अन्दर जाकर अपना रेन कोट ले आई और उसे दे दिया.

जस्सी ने रेन कोट बैग में रखा और हम लोग बाइक पर बैठ कर चल दिए.

जैसे ही हम मेन रोड पर आए, बूंदाबांदी होना शुरू हो गयी.
मैंने जस्सी से कहा- रेनकोट पहन लो.
लेकिन उसने मना कर दिया.

फिर बारिश जोर से शुरू हो गयी.

मैंने चलने से पहले ही रेनकोट पहन लिया था.

बारिश ने जोर पकड़ लिया था. आगे का रास्ता भी कुछ दिखायी नहीं दे रहा था इसलिए मैंने बाईक को साईड में एक जगह रोक दिया.
उधर थोड़ा शेड था.

जस्सी पूरी तरह से गीली हो गयी थी. उसने अपनी जैकेट की चैन खोल दी. मुझे समझ नहीं आया कि इसने ऐसा क्यों किया.

मगर जब मेरी उस पर निगाह पड़ी तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.
उसने टॉप के अन्दर कुछ नहीं पहना था और टॉप बहुत ही ट्रांसपेरेंट था. उसके निप्पल साफ़ दिख रहे थे जो कि बारिश के वजह से टाईट हो गए थे.

उसके चुचे मेरी कल्पना से बड़े निकले. शायद 36 के चुचे थे.
बड़ा ही मस्त नजारा था. उसके निप्पल पूरे तने हुए थे.
टॉप पारदर्शी था तो बड़े ही मादक दिख रहे थे.

मैंने जस्सी से पूछा- ये क्या है?
जस्सी बोली- दिखता नहीं, टॉप है और टॉप के अन्दर मेरे चुचे हैं.

मैंने उससे कहा- हां वो तो सब मालूम है बेबी … मगर पहले तुम जैकेट की चैन लगाओ. अन्दर का सब दिख रहा है
वो बोली- हां ये तेरे देखने के लिए ही खोले हैं.

मैंने जस्सी से कहा- यार, यह ठीक नहीं है.
वो बोली- याद है तुमने मुझे पति के बारे में पूछा था, तो मैं कुछ बोली नहीं थी!

मैं- हां तो … उसका और इसका क्या संबंध है जस्सी?
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था.

तभी एक कपल हमारे बाजू में आकर खड़ा हो गया.
हम लोग चुप हो गए.

जस्सी- एक काम करते हैं, पहले घर चलते हैं. मैं पूरी गीली हो गयी हूँ. उधर मैं कपड़े बदल लूंगी, फिर क्लास चलेंगे. मेरा घर मुलुंड में ही है.

मैं- ठीक है जस्सी, लेकिन मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही है कि क्लास 2 बजे है, मुझे मैडम ने फोन या मैसेज क्यों नहीं किया?
जस्सी बोली- घर चलो पहले.

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हम दोनों बाईक पर बैठे और उसके घर आ गए.
उसका फ्लैट एक बड़े टॉवर में सातवीं मंजिल पर था.
उधर जाकर देखा तो फ्लैट में ताला लगा था.

मैंने उससे पूछा- क्या घर पर कोई नहीं है?
वो बोली- मैं यहां अकेली रहती हूँ. क्योंकि यहां से मेरा ऑफिस नजदीक है. मेरे घर वाले सब पुणे में रहते हैं.

मैं बाहर खड़ा रहा और उससे कहा- ठीक है, तुम चेंज कर लो. मैं यहीं खड़ा रहता हूँ.
उसने मुझे अन्दर खींचा और दरवाजा बंद कर लिया.

वो बोली- सॉरी प्रकाश, मैंने तुमसे झूठ बोला था. आज क्लास 4 बजे ही है. और हां … मेरा पति मुझसे प्यार जरूर करता है लेकिन उसको सेक्स करना नहीं आता. मैं बीच में 5 दिन के लिए अपने पति के साथ बाहर घूमने गयी थी. उसने मुझसे सेक्स के लिए पूछा तो मैं ना नहीं कर सकी, लेकिन जैसे ही हमने कपड़े उतारे, उसने बिना कुछ किये अपना लंड सीधा मेरी चुत में डाल दिया और दो मिनट की पुल्ल पुल्ल में खेल खत्म. मुझे अजीब सा लगा, लेकिन उसने मुझे बताया कि उसे चुत चाटना या उसका लंड कोई चूसे, उसे पसंद नहीं है.

मैं अवाक होकर जस्सी के शब्दों को सुन रहा था.

जस्सी- हां, उसने और एक बात मुझे बताई. वो बिजनेसमैन है, और उसने बहुत बार होटल में किसी कॉलगर्ल के साथ सेक्स किया है.

मैं जस्सी की बातें सुनकर मुँह बाए खड़ा था.

जस्सी- अब बताओ प्रकाश, मैं क्या करूं. मुझे फोर-प्ले बहुत पसंद है … और गंदे तरीके से चुदना पसंद है. मैं चाहती हूँ कि आज मेरी ये इच्छा तुम पूरी कर दो. तुझे अपनी दोस्ती की कसम, ना मत करना.

मैं सिर्फ जस्सी की आंखों में देखे जा रहा था.

जस्सी- मुझे मालूम है प्रकाश कि तुझे मेरे चुचे बहुत पसंद हैं.

तभी मेरे मोबाईल की घंटी बजी.

जस्सी वहां से अन्दर चली गयी. शायद वो कपड़े बदलने गई थी.

ये फोन हमारी क्लास की मैडम का फोन था.

मैं हैलो बोला, तो उन्होंने कहा- अरे आज बारिश बहुत हो रही है, तो क्लास रद्द कर दी है.
मैं बोला- ठीक है.

तब तक जस्सी मेरे सामने खड़ी थी.
वो भी पूरी नंगी.

सच में वो एक कमसिन सी लौंडिया दिख रही थी. उसके तने हुए चुचे, ब्राऊन कलर के कड़क निप्पल, चुत एकदम साफ थी. वो एक गोलमटोल माल जैसी लग रही थी.

मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या ये सपना है या सच है.

वो बोली- किसका फोन था?
मैंने बताया- मैडम का फोन था, आज क्लास कैंसिल कर दी है.

जस्सी- देख प्रकाश किस्मत भी मेरा साथ दे रही है. मेरे दिल में सिर्फ तू है, जिसके साथ मैं इतनी निजी बात कर सकती हूँ. मुझे आज के कुछ घंटे मेरी चाहत की जिंदगी जीने दो. मैं तुम्हारी जिंदगी भर आभारी रहूंगी.

ये बोलते हुए उसकी आंखों में पानी आ गया था.
उसके होंठ थरथरा रहे थे.

फिर वो मेरे सीने से लग गयी.

बाजू में तौलिया पड़ा था, मैंने वो उठाया और जस्सी के बदन से लपेट दिया.

मैंने कहा- अरे संभाल न खुद को … ठंडी लग जाएगी.
वो बोली- तुम हो ना गर्म करने के लिए!

मैं हंस दिया.

वो- चलो पहले तुम फ्रेश हो जाओ. मैं तब तक हल्दी वाला दूध तैयार करती हूँ.
मैं बाथरूम में घुस गया.
उधर सारे कपड़े निकालकर फ्रेश हुआ और एक तौलिया लपेट कर बाहर आ गया.

मैं जस्सी के सामने घुटने के बल बैठ कर बोला- बोल मेरी रानी, गुलाम के लिए क्या हुक्म है आपका?

जस्सी- टॉवेल निकाल दो … और मुझे प्यार करो. मुझे ऐसे प्यार करो कि जिंदगी भर मुझे लगना चाहिए कि मैंने सेक्स करते समय कुछ मिस नहीं किया. तुम समझ रहे हो ना कि मुझे क्या क्या चाहिए …. एकदम डर्टी सेक्स!
मैं बोला- ठीक है, तुम मुझे याद रखोगी. आज के इस सेक्स से हम दोनों की इच्छा पूरी हो जाएगी.

दोस्तो, मेरी चुदाई की कहानियाँ आपको मजा दे रही होंगी.
इसके अगले भाग में जस्सी के साथ चुत गांड की चुदाई किस तरह से हुई, वो लिखूंगा. आप मुझे मेल करना न भूलें.

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चुदाई की कहानियाँ हिंदी में का अगला भाग: क्लासमेट की डर्टी सेक्स की तमन्ना पूरी की- 2