पब में मिला एक हैंडसम आज्ञाकारी गुलाम

मैं बहुत थक गयी थी और वीकेंड पर रिलेक्स होना चाह रही थी. मेरे पेरेंट्स की गैरमौजूदगी में मैं एक पब में गयी और मुझे मेरे तनाव को दूर करने का एक खूबसूरत साधन मिल गया.

दोस्तो, मैं इंडियन गर्ल सिमरन एक बार फिर वापस आ गयी हूं अपनी एक और रोमांचक घटना के साथ। ये घटना एक बहुत ही हैंडसम लड़के के साथ हुई थी जिसने मेरे सामने एक स्लेव (गुलाम) का रोल प्ले किया था.

मेरी पिछली कहानी थी: सेक्सी कॉलेज गर्ल ने जूनियर को बनाया सेक्स गुलाम

जो लोग मुझे नहीं जानते हैं उनके लिए बता दूं कि मैं बाहर से देखने में बहुत शरीफ और सीधी दिखती हूं लेकिन अंदर से बहुत ही अलग हूं. मुझे लड़कों के साथ मस्ती करना पसंद है और सेक्स में हमेशा कुछ नया और रोचक करती हूं.

मुझे पार्टी करने का बहुत शौक है और मैं अपने वीकेंड पर शहर में पार्टियों में ही घूमती रहती हूं. मेरे ऐसे कुछ दोस्त भी हैं जिनको मेरी तरह ही मस्ती करना पसंद है. इसके अलावा मुझे नये दोस्त बनाना भी बहुत पसंद है इसलिए मैं घूमती ही रहती हूं.

मेरे मम्मी-पापा वीकेंड पर हमारे फार्म हाउस की देखभाल के लिए चले जाते हैं और फिर दो दिन के बाद ही आते हैं. इसलिए मैं शनिवार से सोमवार तक बिल्कुल अकेली ही रहती हूं. ऐेसे ही एक वीकेंड की कहानी मैं आज आपको बता रही हूं.

वो शुक्रवार की रात थी. उस दिन मैं अपने घर थोड़ी जल्दी आ गयी थी. मेरा ये सप्ताह काफी व्यस्त गया था और मैं दिमागी और शारीरिक रूप से काफी थक गयी थी. वीकेंड में मैं अपना सारा स्ट्रेस निकालना चाह रही थी (उसके साथ ही कुछ और भी)।

मैंने अपने कई दोस्तों के पास फोन किया लेकिन कोई भी उस रात को फ्री नहीं था. मॉम और डैड फार्म हाउस में चले गये थे. मैंने उस रात अपना डिनर भी जल्दी ही कर लिया और फिर अकेले ही पार्टी करने के लिए सोचने लगी.

फिर मैं काफी देर तक नहाते हुए शॉवर के नीचे खड़ी रही. मैंने अपने गीले बदन को पोंछा और फिर नंगी ही बाहर आ गयी. बाहर आकर मैं अपनी अलमारी में कुछ कपड़े देखने लगी.

तभी मेरी नजर शीशे पर पड़ी. मैंने अपने नंगे जिस्म को शीशे में देखा और खुद से ही बोली- आज किसी न किसी हैंडसम जवान लड़के को मेरे इस खूबसूरत जिस्म की खुशामद करने का मौका जरूर मिलेगा.

फिर मैंने अलमारी खोली और अपनी पसंदीदा ब्राज़ीलियन शॉर्ट पैंटी निकाली. फिर मैंने एक ब्लैक रंग का वन-पीस पहना. ये ड्रेस इतना टाइट था कि मेरी फिगर का हर एक उभार उसमें साफ साफ नापा जा सकता था.

मेरा वन-पीस ऐसा फंसा हुआ था कि नीचे से मैंने ब्रा भी नहीं पहनी. मेरी चूचियों को मेरी ड्रेस ने ही संभाला हुआ था. यह ड्रेस बहुत उत्तेजक थी क्योंकि नीचे झुकते हुए मेरी चूचियों का कर्व उसमें साफ दिख रहा था.

लड़कों को गर्म करने और तड़पाने के लिए मेरी ये ड्रेस एकदम से परफेक्ट थी. अपनी अधनंगी टांगों पर मैंने जालीदार जुराब चढ़ा ली और फिर अपनी हील्स भी पहन लीं.

फिर मैं ड्राइव करते हुए पास के एक पब में गयी. चूंकि वीकेंड था तो पब में बहुत भीड़ थी और पूरा भरा हुआ था. फिर पब के पास में ही मुझे एक अच्छी जगह दिख गयी. वहां मेरे कुछ और जान-पहचान वाले भी मुझे मिल गये.

अपने लिये मैंने एक ड्रिंक ऑर्डर कर दिया और वहीं बैठकर आसपास नजर घुमाने लगी. पब में रात का म्यूजिक बहुत अच्छा लग रहा था. साथ में ही कुछ लोग डान्स भी कर रहे थे. तभी मेरे पास बैठे एक लड़के ने टोकते हुए मुझसे बात शुरू की।

वो बोला- क्या तुम यहीं की रहने वाली हो?
मैं मुस्कराती हुई बोली- हां, हम यहां बहुत पहले से रहते हैं. शहर बसने की शुरूआत से ही।

लड़का- मुझे नहीं पता था कि शहर में इतनी खूबसूरत लड़कियां भी हैं!
मैंने ठहाका मारकर कहा- अच्छा, फ्लर्ट करने में तो माहिर लग रहे हो मुझे तुम!

वो आंख दबाते हुए बोला- मैं और भी कई चीजों में माहिर हूं!
मैं खिसक कर उसके पास होते हुए बोली- अभी से ही नॉटी हो रहे हो!

लड़का देखने में मस्त था. उसकी मस्त बॉडी उसकी शर्ट में से ही उभरी हुई दिख रही थी. उसने ब्लू कलर की शर्ट और ब्लू कलर की ही जीन्स पहनी हुई थी. उसके करीब जाते ही उसके कस्तूरी इत्र की खुशबू मेरी सांसों में घुलने लगी थी और मैं उसकी महक में खो सी गयी थी.

“वैसे मेरा नाम वरुण है. मैं इस शहर में नया हूं. मेरा अभी प्रोमोशन हुआ है और मुझे इस शहर में पिछले हफ्ते ही ट्रांस्फर किया गया है.”

इस तरह आपस में बात करते हुए हमने एक दूसरे के बारे में जाना. वो शहर की एक नामी सॉफ्टवेयर कंपनी में ऊंचे पद पर मैनेजर के रूप में कार्यरत था. इसके साथ ही उसको बॉडी फिट रखने का भी बहुत शौक था.

बातें करने पर पता चला कि हम दोनों की पसंद आपस में काफी मिलती जुलती थीं. इसलिए हम दोनों बहुत तेजी से एक दूसरे के नजदीक आ रहे थे. उसकी बातों के अंदाज लग रहा था कि वो काफी खुले विचारों वाला शख्स है.

जब हम बात कर रहे थे तो बीच-बीच में उसकी नजर मेरी वक्षरेखा पर जा रही थी, जो मैं कई बार नोटिस कर चुकी थी. इसीलिए मैं भी जानूबझकर बार-बार हल्की नीचे झुक जाती थी ताकि उसको मेरी चूचियां देखने के लिए तड़पा सकूं.

इसी तरह से कई बार हुआ. वो ऐसे दिखा रहा था जैसे वो बातों में मशगूल है लेकिन नजर बचाकर बार-बार मेरी चूचियों को देख जाता था. फिर मैंने बहाने से अपनी हील्स को एडजस्ट करने का नाटक किया और उसके सामने पूरी झुकते हुए अपनी चूचियां दिखा दीं.

फिर मैंने एकदम से ऊपर की ओर देखा तो वो मेरी छाती पर ही देख रहा था. मेरे देखते ही वो एकदम से चौंक सा गया और थोड़ा घबरा गया.

वो कुछ कहता इससे पहले ही मैं ऊपर उठ गयी.
मैं बोली- क्या देख रहे थे?
मैंने कड़ी सी आवाज़ में पूछा.
वो बोला- कोई अगर कुछ दिखाना चाह रहा हो और सामने वाला उसको न देखे तो यह असभ्यता ही कहलायेगी.
कहकर वो फूहड़ों की तरह हंस दिया.

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मुझे उसी पल पता लग गया था कि मेरे वीकेंड के लिए मुझे खेलने के लिए जो खिलौना चाहिए था वो ये ही है. मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा और उसे जोर से भींच दिया.

“तुम्हारी मालिकन को सिर्फ ये ताड़ना पसंद नहीं है, उसको एक काबिल मर्द भी चाहिए. यदि तुम समझ रहे हो कि मेरे कहने का मतलब क्या है और तुम्हें लगता है कि तुम उसके लायक हो, तो अपनी मालकिन को फॉलो करो.”
मैंने धीरे से उसके कान में फुसफुसा दिया और वहां से चल पड़ी.

मैं पार्किंग की ओर आ गयी और अपनी कार के पास आकर खड़ी हो गयी. बिना देर किये अरूण मुझे मेरी ओर आता हुआ दिखाई दिया.
मेरे पास आकर वो बोला- मुझे नहीं पता था कि इस शहर में मुझे इतनी जल्दी अपनी किंकी सेक्स फैंटेसी को पूरा करने का मौका मिलेगा.

“हमें कहां चलना है मैम? आपको मुझे आपकी कार में ही जगह देनी होगी क्योंकि मैं यहां कैब से आया हुआ हूं.” उसने कहा.
मैं चुपचाप अपनी कार में जा बैठी. उसे भी पता था कि उसे क्या करना है.

वो भी बिना कुछ रिएक्ट किये कार में अंदर आकर बैठ गया. मैंने गाड़ी स्टार्ट की और हम निकल पड़े. रात काफी हो चुकी थी. घर की ओर लौटते हुए मैं देख रही थी कि सड़क पर इक्का दुक्का लोग ही थे.

“वरुण, अपनी मालकिन के सामने लड़का भरे पूरे कपड़ों में अच्छा नहीं लगता है.”

“समझ गया मालकिन!” कहकर वो अपने कपड़े उतारने लगा. पहले उसने अपनी पैंट उतारी और फिर अपनी शर्ट उतार दी.
“हिचकिचाओ नहीं, खिड़कियों पर स्क्रीन लगी हुई है, बाहर वाला अंदर का कुछ नहीं देख सकता है.” मैंने उसे भरोसे में लेते हुए कहा।

सड़क की पोल-लाइट से आ रही हल्की रोशनी में उसके एब्स चमक रहे थे. उसके कसरती जिस्म को मैं अच्छी तरह देख पा रही थी. उसके अंडरवियर में उसका लंड उठा हुआ था और चड्डी पर उसके प्रीकम का धब्बा भी बन चुका था.

“हरामजादे, तुम पहले से ही गर्म हो रखे हो! क्या मालकिन की चूचियों को देखकर ऐसा हुआ है?” कहते हुए मैंने उसके लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही ऐेसे पकड़ लिया जैसे गाड़ी का गियर हो।

वो चुपचाप मेरी ओर देख रहा था. फिर मैंने अपनी हथेली पर थूक दिया और हाथ उसके सामने कर दिया. उसे पता था कि उसे क्या करना है. उसने तुरंत मेरे थूक को मेरी हथेली के ऊपर से चाट लिया.

अब मैं एक हाथ से कार चला रही थी और मेरा दूसरा हाथ उसकी छाती पर उसके निप्पलों को मसल कर भींच रहा था, उनको मरोड़ रहा था. बीच बीच में मैं उसके लंड को भी हाथ में पकड़ कर भींच देती थी.

वो चुप था, कुछ नहीं बोल रहा था लेकिन मेरी हरकतें उसे सिसकारने पर मजबूर कर रही थीं. उसके मुंह से बार बार ऊंह्ह … अम्म … स्सस … हाह्ह … करके सिसकारियां निकल रही थीं.

ड्राइव करते हुए हम मेरे घर पहुंच गये. मैंने अपने बंगले के गैराज में अपनी कार को पार्क कर दिया. मैंने उसे घुटनों पर रेंगते हुए मेरे पीछे आने के लिए बोला.

मैंने उसके कपड़े अपने हाथ में उठा लिये ताकि वो मजबूरन केवल अपनी अंडरवियर में ही मेरे पीछे रेंगते हुए आये. वो घुटनों पर मेरे पीछे आया और अंदर आते ही मैंने अंदर से सिटकनी और कुंडी मार दी.

अब मैंने उसके बाल पकड़े और उसको सोफे तक खींचकर ले गयी. उसके जूते मैंने बाहर ही उतरवा दिये थे. मगर मैंने अभी भी अपनी हील्स पहनी हुई थी.

“हे कन्ट (चूत के गुलाम), ये है तुम्हारे लिये मेरा कैदखाना, तुम्हें यहीं पर मुझे खुश करना है!” मैंने हुक्म देते हुए कहा और सोफे पर बैठ गयी.
“ओके मैडम, मुझे आपकी सेवा करने में बहुत खुशी होगी.” उसने जवाब दिया.

फिर वो झुक कर मेरी हील्स पर किस करने लगा. उसने मेरी ओर देखा और मेरी एक हील को निकलवा दिया. फिर मेरे पैर को अपने हाथ में थाम लिया.

अब उसने मेरे पैर को पंजे से लेकर टखने तक चाटना शुरू किया. मैं उसके इस सेवक वाले भाव से काफी खुश थी. फिर मैंने दूसरा पैर उसकी जांघ पर रख दिया और अपनी हील को उसकी जांघ पर दबा दिया.

जैसे ही उसकी चीख ने उसका मुंह खोला मैंने अपने पैर का अंगूठा उसके मुंह में दे दिया. फिर मैंने अपनी दूसरी हील भी निकाल दी और वो दोनों पैरों को चाटने लगा. वो बहुत अच्छे गुलाम की तरह बर्ताव कर रहा था. फिर मैंने उसको चाटने से रोक दिया.

उसके बाद मैंने अपने दोनों पैरों को उसकी अंडरवियर पर रख दिया. मैं अपने पंजों से उसके अंडरवियर में उसके लंड को महसूस करने लगी. उसका लम्बा और सख्त लंड मैं अच्छी तरह महसूस कर पा रही थी जो काफी गर्म हो गया था और बार बार झटके दे रहा था.

उसके लंड को मजा देने से पहले मैं उसके साथ खेलना चाहती थी. मैं अपने बेडरूम में गयी और उसको मेरे पीछे आने के लिए कहा. हम दोनों रूम में दाखिल हुए.

मैं उसकी तरफ देखते हुए खड़ी हो गयी. वो अपने घुटनों पर मेरे सामने था और मेरे अगले आदेश का इंतजार कर रहा था. मैंने अपने वन-पीस को खींचा और उसके सामने ही उसकी जिप खोलने लगी. फिर मैंने उसको कामुक से अंदाज में अपने जिस्म से अलग किया और एक तरफ फेंक दिया.

“तुम्हारी मालकिन तुम जैसे रंडी की औलाद को गर्म करने के लिए नीचे ब्रा नहीं पहनती है”। कहते हुए मैंने अपने दोनों हाथों में अपने बूब्स को भर लिया. अब मैं उसके सामने ऊपर से बिल्कुल नंगी खड़ी थी.

मेरे दोनों दूधिया बूब्स मेरे हाथ में थे और उनके गुलाबी निप्पल नुकीले होकर बाहर निकल आये थे. मेरी ब्राज़ीलियन पैंटी ने आगे से मेरी चूत को ढका हुआ था लेकिन मेरे चूतड़ पीछे से साफ नंगे दिख रहे थे.

अपनी लम्बी लम्बी टांगों पर मैंने जालीदार जुराब पहनी हुई थी. मेरा गुलाम वो लड़का इस नजारे को मुंह फाड़कर देख रहा था और उसके मुंह से लार टपकने लगी थी.

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अब मैं बेड के किनारे पर बैठ गयी और अपनी टांगों को फैला दिया. वरुण आगे आया और उसने मेरी टांगों के बीच में मुंह दे दिया. उसने मेरी गीली पैंटी को चाटना शुरू कर दिया. उसकी जीभ मेरी पतली सी पैंटी के ऊपर फिर रही थी और मेरी चूत से निकल रहे रस को पैंटी के ऊपर से ही चाट रही थी.

मैंने उसके सिर को पकड़ लिया और अपनी जांघों में जोर से भींच लिया. अब मेरे हाथ मेरे बूब्स पर आ गये और मैं उनको जोर से भींचने लगी और अपने निप्पल्स को मसलने लगी.

वो मेरी चूत के चारों ओर से चाट रहा था. उसकी लार और मेरी चूत से गीली होकर मेरी पैंटी टपकने लगी थी. अब मैं और ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकती थी.

“तुम तो बहुत अच्छा चाटते हो, अब फर्श पर लेट जाओ और अपनी मालकिन को अपना हुनर भी दिखाओ.” उसको थप्पड़ मारते हुए मैंने उसे ऑर्डर किया.

वरूण फर्श पर नीचे लेट गया. मैं उसके ऊपर दोनों तरफ पैर करके खड़ी हो गयी. फिर मैंने उसकी गोटियों में जोर से किक मारी और उसकी चीख निकल गयी.

जैसे ही वह चीखा, मैंने उसके मुंह पर थूक दिया और उसको चटवा दिया. अब मैं उसके मुंह पर आ गयी और अपनी पैंटी को उतार दिया. अपनी पैंटी से मैंने अपनी चूत की फांकों को पोंछा और फिर उसको ड्रेसर पर रख दिया.

मैं बिल्कुल उसके चेहरे के ऊपर ही खड़ी थी ताकि उसको मेरी टपकती हुई चूत अच्छी तरह से दिखे. फिर मैं उसके पंजों की ओर मुंह करके उसके मुंह पर चूत रख कर बैठ गयी और अपनी चूत को चटवाने लगी.

उसकी गर्म जीभ मेरी चूत पर लगी तो मैं जैसे स्वर्ग में थी. मैं जोर से सिसकार उठी- आह्ह … आऊऊ … ओह्ह … यस … लिक इट (चाटो इसे)। मैं अपने चूतड़ों को उसके मुंह पर रगड़ने लगी.

फिर मैंने उसके मुंह पर गांड टिकाते हुए उसकी अंडरवियर को निकाल दिया. मैंने इस सेक्सी इंडियन लड़के के लंड को हाथ में ले लिया और उसको खींचने लगी. अब मैं उसको मुंह में लेने के लिए और नहीं रुक सकती थी.

हम 69 की पोजीशन में आ गये. अपने होंठ मैंने उसके लंड के सुपारे पर टिका दिये और उसके प्रीकम को उसके लंड पर चारों ओर फैला दिया. फिर मैंने उसके लंड पर थूका और थूक को भी फैला दिया. अब उसका लंड मेरी लार उसके कामरस से बिल्कुल गीला हो गया था.

मैं उसको जड़ से लेकर चोटी तक चूसने-चाटने लगी. उसका लंड तनकर इतना मोटा हो गया था कि मेरे मुंह में नहीं समा रहा था. मेरी सांस रुक गयी जब मैंने उसको पूरा मुंह में भरने की कोशिश की.

काफी देर तक मैं उसके मुंह में भरकर अंदर लिये रही. इस बीच मैं अपनी चूत को उसके मुंह पर रगड़ रही थी. वो इतनी जोर से मेरी चूत चाट रहा था कि मैं उसके मुंह पर ही झड़ने वाली थी.

वो मेरी चूत की फांकों और मेरी क्लिट को जोर जोर से चूसते हुए काट रहा था. अब मैंने उसके लंड को चूसना बंद कर दिया और अपनी चूत को उसके मुंह पर एडजस्ट कर लिया.

“अपनी मालकिन का पानी निकालो, मेरे गुलाम!” मैंने अपनी चूचियों को जोर जोर से भींचते हुए कहा.
अब उसकी जीभ तेजी से मेरी चूत पर चलने लगी. मैं जोर से अपने बूब्स दबाने लगी और आखिरकार मेरा पानी उसके मुंह में निकल गया.

उसके मुंह में पानी निकलने से हुआ वो कामोन्माद सच में बहुत मदहोश कर देने वाला था. मेरी चूत का फव्वारा उसके पूरे मुंह को भिगो चुका था. वो मेरी चूत से निकले पानी की बूंद-बूंद को चाट गया. जब तक चूत थरथराती रही वो उसको चाटता रहा.

अब मेरी बारी थी अपने उस गुलाम को मजा देने की। मैंने उसको बेड पर खींच लिया.
“नीच! अब मालकिन को चोदने का समय आ गया है.” मैं चारों पंजों पर उठी और ड्रेसर से पर्स उठाकर उसके हाथ में एक कॉन्डम थमा दिया.

उसने वो कॉन्डम पहन लिया और मेरी गांड को अपने हाथों में थाम लिया. मैंने भी बेडशीट को कसकर पकड़ लिया. मैंने उसका लंड और उसके लंड का तनाव देखा था. वो मेरी चूत को सच में फाडऩे वाला था.

फिर उसने मेरे चूतड़ों को पकड़ा और मेरी चूत में लंड को पेल दिया. मैं दर्द में चिल्ला उठी. मेरी टाइट चूत के लिए उसका लंड बहुत ज्यादा बड़ा था. उसने धीरे से पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया और मेरी चूत को पीछे खींचते हुए अपने लंड पर पटकने लगा.

उसका लंड मेरी चूत को फैलाता हुआ उसको अंदर तक खोद रहा था. मेरी चूत उसके लंड पर बुरी तरह से कस गयी थी. मैं भी अपनी गांड को उसके लंड की ओर धकेल कर चुदने लगी. वो आनंद बिल्कुल स्वर्ग जैसा था.

फिर धीरे धीरे हमारी स्पीड बढ़ती चली गयी. पूरा बेड हिलने लगा. मैं बुरी तरह से चीखते हुए चुद रही थी. उसके मूसल लंड ने मेरी चूत को फाड़कर रख दिया.

ऐसे ही स्पीड बढ़ते बढ़ते चुदाई चरम पर पहुंच गयी और वो चिल्लाया- मेरा होने वाला है मैम, प्लीज मुझे मेरा माल निकालने की आज्ञा दो। आह्ह … मैं आ रहा हूं … आह्ह … आह्ह!

मैं पहले से ही उसकी जबरदस्त चुदाई से चरमरा गयी थी. इसलिए मैं जोर जोर से उसके लंड को अपनी चूत में भींचने लगी ताकि उसका जल्दी निकल जाये.

उसने मेरी गांड को जोर से भींच लिया और मेरे ऊपर गिरकर झटके देने लगा. उसका वीर्य कॉन्डम में भरने लगा. उसने अपने लंड को बाहर निकाला और हम दोनों हांफते हुए फर्श पर गिर पड़े.

तो दोस्तो, कैसी लगी स्टोरी? यह मेरे लिए एक यादगार अनुभव था जिसने मेरे वर्क स्ट्रेस को दूर करने में मेरी पूरी मदद की.
यदि किसी लड़की या लड़के को अपने ऐसे ही किसी बी.डी.एस.एम. एक्सपीरियंस या अपनी फैंटेसी के बारे में बताना है तो मैं आपके लिए हाजिर हूं.

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