दोस्त की गर्लफ्रेंड नहीं चुदी तो चाची को चोदा

नमस्ते दोस्तो, मैं आप सबका दोस्त अभिषेक गुप्ता, आपकी सेवा में हाजिर हूँ. आज मैं एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ.
मैं बलिया यूपी से हूँ लेकिन मैं पटना में रहता हूं. मेरा लंड 7 इंच का है और मैं अंटियों भाभियों और प्यारी चुदक्कड़ लड़कियों की प्यास बुझाता हूँ यानि कॉलब्वॉय हूँ.

मैं अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड को चोदने की दास्तान सुनाने जा रहा हूं. उसका नाम रानी है.. उसका फिगर बहुत सेक्सी है. उसको देखने के बाद किसी का भी मन उसको चोदने का करेगा. बड़े बड़े उभरे हुए चूतड़, पतली कमर, बड़ी बड़ी चूचियां, मस्त 34-28-36 का फिगर. उसके चलने पर कमाल की गांड दिखती है. मन करता है कि साली को यहीं पटक कर चोद दूँ.

मेरे दोस्त ने उसको पटाया था, ये उसने मुझे बाद में बताया कि ये है तो उसकी जुगाड़, लेकिन मैं इसकी चूत का मजा तेरे को भी दिला दूंगा.

मैंने मालूम किया कि वह लड़की मेरे गाँव की है. एक बार वो उसको मिलाने हमारे गांव की मेन रोड पर आया. उसने मुझको फोन किया और बताया कि वह मुझे अपनी गर्लफ्रेंड से मिलवाना चाहता है.

उसने मुझे बुलाया और अपनी गर्लफ्रेंड से मिलवा कर मुझसे आँख मारते हुए कहा कि तुम इधर खड़े हो जाओ, कोई आए तो बता देना.

मैं उसकी मंशा समझ गया कि ये अपनी गर्लफ्रेंड से मजा लेना चाहता है. मैंने भी उन दोनों से कहा कि मुझे भी कुछ परसाद खिला देना.
रानी खिलखिला कर बोली- चिंता मत करो, मुझे तुम्हारा भी ख्याल रहेगा.

मुझे आज पूरी उम्मीद हो गई थी कि रानी की चुत में मेरा लंड भी घुस जाएगा.

वे दोनों एक तरफ को होकर मजा लेने लगे. मैं मेन रोड पर उसकी निगरानी करते हुए देखरेख करने लगा. मुझे उन दोनों की हरकतें साफ़ दिख रही थीं, जिससे मेरा लंड तुनकी मार रहा था.

वह अपनी गर्लफ्रेंड को किस करने लगा. वो उसके होंठों को ऐसे चूसे जा रहा था, जैसे कि उसे खा जाएगा. उसका हाथ उसकी चूचियों पर था और वो उनको जोर से मींजने लगा.

तभी मैंने देखा कि कोई आ रहा था, मेरे कहने पर वह अलग हो गया. वे दोनों एक दूसरे के विपरीत दिशा में जाने लगे. कुछ देर बाद वह आदमी चला गया तो उसने अपनी गर्लफ्रेंड को फिर से पकड़ लिया और उसे किस करने लगा, उसकी चूचियां दबाने लगा.

फिर उसने अपनी गर्लफ्रेंड को एक घर के पीछे ले जाकर उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. वह पेंटी नहीं पहने हुई थी. दोस्त ने अपनी गर्लफ्रेंड की चुत पर हाथ लगाया, उसकी चुत का पानी उसके हाथ में लग गया. उसके बाद वह अपने लंड को निकाल कर उसके हाथ में दे दिया. वह लंड को ऊपर नीचे करने लगी.

मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड के मम्मे दबा रहा था, साथ ही साथ उसके होंठों को भी जोर से चूस रहा था. फिर उसकी चुत पर लंड को रख कर जोर से धक्का दे दिया. उस लड़की की चुत में लंड पूरा घुस गया. वह तिलमिला उठी. कुछ पल दर्द का आलम रहा, फिर दोनों मजा लेने लगे.

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बस फिर क्या था मेरा दोस्त उस लड़की की चूत में जोर जोर से लंड अन्दर बाहर करने लगा. उस लड़की के मुँह से तेज स्वर में कामुक आवाजें निकलने लगीं. दोस्त ने उसे चुप कराया क्योंकि रास्ते पर लोग आ जा रहे थे. मेरे दोस्त ने अपनी गर्लफ्रेंड के होंठों पर होंठ रखे और झटके देने लगा. उन दोनों की चुदाई जोरों पर चल रही थी. करीब 15 मिनट चुदाई के बाद वह झड़ गया.

मैं खड़ा लंड सहला रहा था. अब मेरी बारी आ गई थी. लेकिन उस लड़की ने मुझसे कहा कि तुम बाद में कभी चुदाई कर लेना.
मैं जोर दे रहा था, लेकिन उसका कहना था कि उसको घर जाने में देरी हो गई थी, इस बार नहीं.. कल चुदाई कर लेना.
मैंने उसकी चूचियों को दबाया और किस करने लगा.

वह बोल रही थी- छोड़ दे यार प्लीज़, बाद में कर लेना.
मैंने कहा- तुमने कहा था कि तुम मेरे लंड का भी ख्याल रखोगी.
उसने मेरा लंड पकड़ कर दबाते हुए कहा- हां मुझे याद है मैं मना किधर कर रही हूँ. लेकिन अभी मुझे घर जाने में देर हो रही है.. प्लीज़ तुम कल मेरी मार लेना.
मैं उसकी बात मान गया और कहा कि कल पक्का चुत मारूँगा.

वह झट से मान गई. मैंने बस उसकी चुत को हाथ से रगड़ा और किस किया चूचिया चूसीं, फिर छोड़ दिया.

वह घर चली गई, मैंने मुठ मार कर संतोष कर लिया. कुछ देर बाद मैं भी घर आ गया.

अभी मेरा किसी की चुदाई करने का बहुत मन कर रहा था, लेकिन कोई ऐसा माल ही नहीं था, जिसकी चुदाई कर सकूँ. तभी मुझे अपनी चाची की याद आई. मैं उनको एक बार चोद चुका था.. लेकिन अब वह मुझे चोदने नहीं देती हैं. जब उनको चोदा था, उस समय चाचा व्यापार में लगे रहने के कारण चाची को चोद नहीं पाते थे. इसी लिए मैंने उस समय उनकी चुदाई की थी.

आज मैं उनके रूम में गया, वह आँखें मूंदें हुए लेटी थीं. मैंने जाकर उनके होंठों पर किस करते हुए उनकी एक चूची को दबा दिया.
उन्होंने झटके से आँख खोल कर मुझे देखा और धक्का दे दिया. वह गुस्सा हो गई थीं.
मैं फिर भी उनके होंठों को चूसने लगा और चूचियां भी जोर जोर से मींजने लगा. उनके विरोध के बावजूद मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके शरीर को अपने शरीर से दबाए रखा.

चाची मुझे गालियां दिए जा रही थीं- हट हरामी.. साले छोड़ दे कमीने.

मैंने उनको नहीं छोड़ा और चूमता ही रहा. मैं चाची की चूचियां भी मींजने लगा. कुछ ही देर में चाची भी मजा लेने लगीं. मैंने उनकी साड़ी को ऊपर किया, चुत पर हाथ लगाया. चाची की चुत गीली हो गई थी. उसमें से रस निकल रहा था.

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क्या खुशबू थी यार.. मैं तो मदहोश हो गया. मैंने चाची के पैर फैलाए और उनकी चुत पर होंठ रख दिए.

अब मैं चाची की चुत को ऐसे चाट रहा था, जैसे गाय की चूत को सांड अपनी बड़ी बड़ी जीभ निकाल कर चाटता है.

उनके मुँह से कामुक आवाजें निकल रही थीं- आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह चोद दे.. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है.. आह.. डाल दो अपना मोटा लंड अपनी चाची की चूत में..

मैंने भी देरी नहीं करते हुए अपना लंड उनकी चुत पे लगा कर जोर से धक्का दे दिया. उनके मुँह से आवाज निकलने लगीं. उनकी चुत गीली होने के कारण पहले शॉट में ही आधे से अधिक लंड उनकी चुत में चला गया. फिर एक बमपिलाट धक्के से पूरा लंड उनकी बच्चेदानी तक चोट करता हुआ घुस गया. चाची की कराह निकल गई. इधर मुझे क्या मस्त मजा आ रहा था. ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में सैर कर रहा होऊं. मैं सटासट धक्के लगाने लगा.

चाची के मुँह से मादक कराहें निकल रही थीं- आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह चोदो मुझे और जोर से चोदो.. फाड़ डालो मेरी चुत को.. ये साली चुत एक दिन मुझे बर्बाद कर देगी.. आह्ह आह्ह और जोर से चोद साले.. फाड़ डाल अपनी चाची की चुत को.. जोर से मेरे लाल चोदो मुझे चोदो आह्ह आह्ह वाह.. मेरे लाल.. मजा आ गया.. आह और जोर से बेटा और जोर आह्ह आह्ह..

इसी तरह की घमासान चुदाई से 15 मिनट बीत गए. अब वह चरम सीमा पर आ गई थीं. तभी एकदम से अकड़कर चाची झड़ गईं. लेकिन मेरा अभी तक नहीं हुआ था. मैं चाची की चूत को हचक हचक कर चोदता रहा. चाची के झड़ने के दस मिनट बाद मैं भी उनकी चुत में ही झड़ गया.

फिर मैं लंड निकाल कर चाची की चुत चाटने लगा. मुझे चुत चाटने में बहुत मजा आता है.

चाची मुझसे नाराज हो गईं और बोलीं- अभिषेक ये अच्छा नहीं है.. मेरी चूत गंदी पड़ी है.
मैंने उनसे कहा- मैं किसी को नहीं बताने वाला कि मैंने चाची की चुत चाटी है.

कुछ देर बाद मैं चुदाई का मजा लेकर अपने रूम में चला गया. अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी अभी बाकी है. वो मैं अगली कहानी में बताऊंगा. इसके साथ ही एक कहानी और भी है. जिसमें मैं एक ऐसे लड़के से मिला, जहां मैं क्रिकेट खेलने जाता था. वह दूसरे गाँव का लड़का था, वह बहुत बड़ा चुदक्कड़ है.. उसको गांड मारना अच्छा लगता है. मैंने उसकी गांड की सील कैसे तोड़ी, ये भी मैं अगली कहानी में बताऊंगा.

मेरी चुदक्कड़ आंटियों और भाभियों लड़कियों.. आप सभी को मेरे लंड का सलाम. आप अपनी चुत में उंगली बाद में कर लेना, पहले मेरी इस चुदाई की कहानी पर अपने कमेंट्स भेज दो.
धन्यवाद.