दोस्त ने गर्लफ्रेंड की सहेली की चुत दिलाई- 1

न्यू हॉट गर्ल्स सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई के लिए मुझे साथ ले जाता था. मैंने उसे मुझे भी चूत दिलवाने को कहा. उसकी गर्लफ्रेंड ने मना कर दिया.

मैं गुड्डू …
मेरी पिछली सेक्स कहानी
रॉंग नम्बर वाली लौंडिया को जमकर चोदा
को आप सबने बहुत पसंद की और बहुत प्यार दिया, जिसके लिए मैं आपका आभारी हूँ.

अब एक बार फिर से आपके सामने अपनी न्यू हॉट गर्ल्स सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूं.

इस बात को तीन साल हो गए हैं. तब मैं और मेरा दोस्त कुच्ची हम दोनों अपने गांव में ही थे.

आप तो जानते ही हैं कि हम दोनों में कितनी मस्त जमती है.

कुच्ची की एक गर्लफ्रेंड थी, जिससे वो अकसर मिलने जाया करता था. उसका नाम शब्बो था.

कुच्ची उससे मिलने जब भी जाता, तो मुझे साथ ले जाता था. क्योंकि उसका शब्बो से रात में ही मिलना होता था और रात के समय अकेला जाना ठीक नहीं था.

एक दिन रात को करीब आठ बजे कुच्ची मेरे पास आया और बोला- आज शब्बो से मिलने जाना है, तैयार रहना.
मैंने कहा- साले मादरचोद, एक बात बता … मैं रोज रोज रात में तेरे साथ जाता हूं, भी मेरा भी कुछ फायदा होगा कि बस मैं यूं ही हिलाता रहूँगा. साले तू तो शब्बो को चोदता है, उससे मजे लेता है. उसके साथ न जाने तू क्या क्या कर रहा होगा, मैं ये सोच सोच कर ही मुठ मारता रहूँ या मेरे लिए भी तूने कुछ सोचा है!

मेरे इतना बोलने पर कुच्ची बोला- अबे लौड़े के बाल, तू चलता है कि नहीं ये बता, भोसड़ी के … नौटंकी मत चोद.
मैं हंसने लगा और बोला- चल भोसड़ी के … तू भी क्या याद करेगा कि कोई चेला मिला था.

हम दोनों हंसने लगे.

आप सोच रहे होंगे कि मैं कुच्ची का चेला कैसे … तो दोस्तो ये भी एक कहानी है, उसके बारे में फिर कभी विस्तार से बताऊंगा.

उस रात तय समय पर हम दोनों साइकिल लेकर चूत की राह पर निकल पड़े.
करीब आधा घंटे का रास्ता तय करके हम दोनों मंजिल पर पहुंच गए जहां शब्बो अपनी गीली चूत लिए कुच्ची के खड़े लंड का इंतज़ार कर रही थी.

जिस जगह पर उन दोनों को मिलना था, वो एक घर था, जो अभी बन ही रहा था.
उस अधबने घर में कुल चार कमरे थे और पीछे भी एक गली थी.

कुच्ची ने मुझे एक कमरे में रुकने को कहा और खुद उसको फोन करके आगे के कमरे में चला गया.
बस दो मिनट में शब्बो आ गई.

कुच्ची उसे अपने साथ कमरे में ले गया और उसकी चुदाई में जुट गया.

मैं बगल के कमरे से खिड़की के पास खड़े होकर उन दोनों की चुदाई का नज़ारा देखने की कोशिश कर रहा था.
वहां अंधेरा बहुत था, तो मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.

मगर हां, उन दोनों की चुदाई से होने वाली कामुक आवाजों को मैं साफ साफ सुन पा रहा था.
मैं उन आवाजों को सुन कर अंदाजा लगा रहा था कि वहां अब कौन सा सीन चल रहा होगा.

‘पुच … पुच … उंग … गूं गूं …’ जैसी आवाजें आ रही थी, जिससे अनुमान लगाया जा सकता था कि चूत और चूचियों के साथ लंड की भी चुसाई हो रही थी.

इन मादक आवाजों को सुन कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.
मैंने अपने पैंट की चैन खोल कर लंड बाहर निकाला और लंड सहलाने लगा.

‘आह … आह … आराम से इस्स … ओह … हांआं …’
इन तेज मदभरी गर्म आवाजों को सुनकर मेरा ध्यान टूट गया.

मैंने अंदाजा लगाया कि अब कुच्ची का लंड शब्बो की चूत को चीर रहा है.

उस कमरे से लगातार ‘उम्म … आह … फचा … फ्च … चट …चट …’ की आवाजें गूंज रही थीं.
मैं अपने लंड को जोर जोर से हिला कर मुठ मारने लगा.

पर मेरा पूरा ध्यान उनकी चुदाई पर था तो मेरे लंड से जल्दी पिचकारी निकलना मुश्किल लग रहा था.
मैं खुद भी जल्दी झड़ना नहीं चाहता था तो मैं अपने लंड को बस हाथ में लेकर सहलाने लगा और बस उन दोनों की चुदाई की ओर ध्यान लगा दिया.

कुछ ही देर में वहां का माहौल शांत पड़ गया था.
अब सिर्फ लम्बी लम्बी सांसों की आवाजें आ रही थीं. इसका मतलब था कि कुच्ची का लंड झड़ चुका था.

मैं सोचने लगा अगर वाकयी कुच्ची झड़ चुका है तो मतलब शब्बो की चूत अभी गर्म होगी … क्योंकि ये सब बहुत जल्दी खत्म हो गया था.
ये मुझे मालूम था कि इतनी जल्दी लंड तो झड़ सकता था, चूत तो कभी नहीं रोने वाली थी.

तभी मैंने उन दोनों की आवाज़ सुनी.
वो दोनों कुछ फुसफुसा रहे थे.

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मैं कान को खिड़की से सटा कर उनकी बात को सुनने लगा.

कुच्ची बोल रहा था- तो क्या हुआ … वो मेरा दोस्त है … जैसे मैं, वैसे वो!
शब्बो- नहीं, मुझे ये सब नहीं करना, तुम्हें करना है … तो करो, वरना मैं जा रही हूं.

कुच्ची- ठीक है मादरचोद जा.
इस पर शब्बो थोड़ा नखरे से बोली- नहीं जाऊंगी.

कुच्ची- तो बता … बुला लूं उसको?
शब्बो- नहीं, तुम ही करो.

कुच्ची- तुझे चुदवाना है या नहीं!
शब्बो- हां.

कुच्ची- कितना?
शब्बो की इठलाई हुई आवाज आई- रात भर.
कुच्ची- तो मैं तो तुझे रात भर चोद नहीं पाऊंगा, गुड्डू को भी बुला लेता हूं … फिर हम दोनों तुझे रात भर चोदेंगे.

उनकी बातें सुन कर मैं सन्न हो गया था.
मैं सोच रहा था कि ये कुच्ची क्यों अपने लंड पर कुल्हाड़ी मारने पर तुला हुआ है.
मैंने तो मज़ाक किया था, मगर लगता है कि इस साले ने तो दिल पर ले लिया.

मैं बीच में कुछ बोल भी नहीं सकता था कि तुम लोग मजे करो, मुझे नहीं चाहिए.

हालांकि मैं भी उसको चोदना तो चाहता था क्योंकि वो जबरदस्त माल थी. उसकी हाइट कम थी मगर गोरा रंग, बड़ी-बड़ी चूचियां, पीछे उभरी हुई गांड. कोई भी उसको देखे, तो बस वासना का शिकार बन जाए. उसे चोद न सके … तो उसके नाम का मुठ तो मार ही दे.

मैं खुद उसके नाम से कई बार लंड हिला चुका था, पर मैं शब्बो को उसकी मर्जी से ही चोदना चाहता था.

उन दोनों में बहुत देर तक मुझे लेकर बहस चलती रही पर शब्बो ने मंजूरी नहीं दी.
आखिर में कुच्ची ने उसको गाली देकर भगा दिया, वो जाना नहीं चाहती थी … पर कुच्ची ने उसे जाने पर मजबूर कर दिया.

उसके जाने के बाद मैंने कुच्ची को बहुत कोसा.
मैंने उसके पास जाकर कहा- तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था.

वो भैन का लौड़ा मुझे ही सुनाने लगा- अबे चूतिया है क्या तू? साले वो गर्म थी, उसे चुत चुदवाने का नशा चढ़ा था. तू सुन रहा था … फिर भी आया क्यों नहीं?

मैंने कहा- अरे यार वो मान नहीं रही थी, जबरदस्ती करना ठीक नहीं था.
कुच्ची- अबे यार, तू आ जाता तो वो मना नहीं करती … बस थोड़ा नखरे दिखाती और मान जाती. तेरे चक्कर में मैंने उसको ढंग से चोदा भी नहीं और तू भोसड़ी के अब ज्ञान चोद रहा है.

कुच्ची काफी गुस्सा हो रहा था.

मैं उसे समझाने लगा- देख भाई ऐसा करना ठीक नहीं होता … वो शायद उस वक्त हम दोनों को चोदने दे देती, मगर बाद में फिर कभी शायद दुबारा तुझे न मिलती. क्योंकि हम दोनों ऐसा करते, तो यूं समझो हम दोनों उसके साथ जबरिया सेक्स करते … और मेरे भाई ये हरगिज सही नहीं रहता.

मेरी बात सुनकर वो भी शांत हो गया था. फिर हम दोनों ने अपनी साइकिल पर गांड टिकाई और घर की तरफ चल दिए.

फिर करीब आठ दिन बाद कुच्ची ने कहा- चल आज एक दावत में जाना है, तैयार हो जा!
मेरे पूछने पर उसने बताया कि शब्बो के गांव में ही चलना है.

मैंने कहा- साले दावत है या ऐसे ही शब्बो को चोदने के चक्कर में जा रहा है!
कुच्ची हंस कर बोला- अबे लौड़ू चल बे … सच में उधर शादी की दावत भी है और जिसके घर शादी है, उसने मुझे बुलाया है.

मैं फटाफट तैयार हुआ और हम दोनों निकल पड़े.

वहां पहुंचा तो कुच्ची बोला- चल थोड़ा घूम कर आते हैं.
मैंने कहा- घूमना बाद में कर लेंगे … चल पहले खाना खा लेते हैं. सच में भूख लगी है.

मगर उसने मेरी एक न सुनी, वो सीधा नहर की ओर बढ़ने लगा.

मैं दौड़ कर उसके पास गया और गाली देते हुए मैंने उससे कहा- भोसड़ी के … तुझे तो चूत की भूख़ है मादरचोद … तभी तो तू इधर आया है.
कुच्ची हंसते हुए बोला- अबे गड़दुल्ले दिन में कहां चुत मिलने वाली है, बात कुछ और है, तू चुपचाप चल बस.

नहर पर पहुंच कर देखा कि शब्बो एक लड़की के साथ में खड़ी थी.

उस लड़की का रंग गेहुंआ था. करीब पांच फुट लम्बी, आंखों में गहरा काजल, भरा हुआ बदन, चूचियों की साइज कुछ छत्तीस इंच की थी. एकदम मस्त चढ़ती जवानी कि देखे तो लंड ललचा जाए.

इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता, कुच्ची उस लड़की से बोला- अब बोलो, क्या कहती हो!

ये कहते हुए कुच्ची का इशारा मेरी तरफ था.

कुच्ची के इतना बोलते ही उस लड़की ने हंसते हुए अपना मुँह दुपट्टे से दबाया और हां में सर हिलाती हुई भाग गई.
इधर शब्बो भी हंस रही थी.

उसके जाने के बाद शब्बो ने कहा- मैं उससे पूछ कर बताती हूं.
शब्बो भी चली गई.

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मैं भी थोड़ा-थोड़ा समझ रहा था. मैंने कुच्ची से पूछा कि क्या चक्कर है बे?
उसने कहा- तुझे भूख लगी थी न … चल पहले खाना खाते हैं.

इतना कहते हुए उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा और चलने को बोला.

मैं उसका हाथ झटकते हुए बोला- भोसड़ी के, मैं चूतिया हूँ क्या … तू मेरा सौदा कर रहा है कुत्ता साले.
कुच्ची हंसते हुए बोला- चुप रह भोसड़ी वाले … पहले मेरी तो बात सुन कमीन.

मैं- हां बता, ये क्या चूतियापा है!
कुच्ची ने मुझे बताया कि उस दिन जब रात में शब्बो की चूत शांत नहीं हो सकी और मैंने उससे तेरे लिए कहा, तो वो समझ गई कि तू भी अकेला है.

मैंने कुच्ची से पूछा- फिर क्या हुआ?
कुच्ची- फिर शब्बो ने बाद में कहा कि ऐसा करो, मेरी एक सहेली है जमीला. उसे गुड्डू से सैट करा देते हैं. अब जब भी वो तेरे साथ आएगा, तो उधर वो दोनों मज़ा करेंगे और इधर हम. मुझे शब्बो की बात में दम लगा, तो बस मैंने हां कर दी. आज वही सब हो रहा था, तेरे लिए चूत का बंदोबस्त हो रहा था. और तू है कि मुझ पर भड़क रहा है.

मैं- अबे मुझे क्या पता कि तुम लोग ये क्या खिचड़ी पका रहे हो, मुझे पहले क्यों नहीं बताया?
कुच्ची ने कहा कि मैं पूरा मामला फिट होने के बाद ही तुझे बताना चाह रहा था.

मैंने बीच में ही उसकी बात काटते हुए बोला- तो मामला कहां तक फिट हुआ?
कुच्ची मेरी खिंचाई करते हुए बोला- क्यों साले क्या अभी से ही तेरा लंड फड़फड़ाने लगा है?

हम दोनों हंसने लगे.

बात करते-करते हम वहां वापस पहुंचे, जहां दावत थी.
वहां किसी लड़की की शादी थी तो बारात आ चुकी थी.

मैं तो अब खाना खाना चाह रहा था मगर कुच्ची मुझे वहां ले गया, जहां बहुत सारी औरतें और लड़कियां बारात देखने खड़ी थीं.

वो बोला- तेरी सैटिंग इधर ही मिलेगी.

कुच्ची के मुँह से ये सुनते ही मेरी नज़र उन लड़कियों की भीड़ में से जमीला को ढूंढने लगी.
मगर जमीला और शब्बो कहीं भी नज़र नहीं आ रही थीं.

तभी कुच्ची के पास शब्बो का फोन आया और उसने बताया कि हम दोनों छत पर हैं.

मैंने देखा तो छत पर शब्बो के साथ जमीला भी थी.

उसने इतनी जल्दी कपड़े भी बदल लिए थे. होंठों पर लाली, कानों में बालियां, सफेद रंग की टाइट कुर्ती, लाल दुपट्टा जो गले में लपेट रखा था.
इससे उसकी चूचियां मस्त उभरी हुई दिख रही थीं. वह होंठों पर मुस्कान लिए अपनी कजरीली कातिल निगाहें मुझ पर ही गड़ाई हुई थी.

ये नजारा देख कर मेरे लंड में सुरसुराहट होने लगी.
मुझे यकीन था कि वो भी मुझसे आकर्षित है. होती भी क्यों नहीं … मैं भी कम नहीं हूँ. पूरा 5.7 फुट लम्बा हूं, रंग गेहुंआ है मगर लौंडियों को एक नजर में पसंद आ जाने वाला मस्त लौंडा हूँ.

उस दिन मैंने भी नीले रंग की जींस और हल्के पीले रंग की शर्ट पहनी हुई थी. ये ड्रेस मेरे चाचा के लड़के रिज़वान ने सेलेक्ट की थी, उसकी पसंद भी कमाल की है.

हम कुछ देर तक एक दूसरे को ताड़ते रहे. शब्बो भी पीले सूट में कयामत ढा रही थी.

मैंने गौर किया कि मेरे और कुच्ची के अलावा और भी लड़के थे जो उन दोनों पर नजर गड़ाए हुए थे.
आखिर क्यों नहीं गड़ाते, ऐसी मस्त जवानी का स्वाद कौन नहीं चखना चाहेगा.

कुछ देर बाद हम दोनों वहां से हट गए.
मेरी भूख तो खत्म हो चुकी थी, फिर भी हमने हल्का फुल्का कुछ खाया.

खाने के बाद कुच्ची ने शब्बो से फ़ोन पर बात की. उसने जाने की अनुमति दे दी और हम दोनों वहां से निकल गए.

रास्ते में कुच्ची ने मुझे बताया कि वो जमीला से पिछले चार-पांच दिन से बात कर रहा था.
इस दौरान कुच्ची ने जमीला के ऊपर मेरा इम्प्रेशन जमा दिया था, जिसमें आखिरी कड़ी थी कि मुझे रूबरू मिलाना, जो आज हुआ था.

कुच्ची और शब्बो की इस प्लानिंग में मैंने जमीला को आज ही देखा था.
जमीला ने भी मुझे पहली बार देखा था. इस पहली नजर में ही हम दोनों घायल हो गए थे.

दोस्तो, मेरे यार कुच्ची ने मेरे लौड़े के लिए मस्त जमीला की चुत का इंतजाम करने की तैयारी कर दी थी.

सेक्स कहानी के अगले भाग में जमीला की चिकनी चुत में मेरा लंड किस तरह से घुस सका, ये लिखूंगा.
आप मेरी न्यू हॉट गर्ल्स सेक्स कहानी पर अपने मेल जरूर कीजिएगा.
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न्यू हॉट गर्ल्स सेक्स कहानी का अगला भाग: दोस्त ने गर्लफ्रेंड की सहेली की चुत दिलाई- 2