अचानक मिली लड़की की सहेली को भी पेला- 6

गर्लफ्रेंड की गांड फक़ करने का मजा मैंने लिया. मैं उसकी चूत कई बार चोद चुका था. पर वो गांड मरवाने में हिचकती थी मेरे बड़े लंड के कारण! पर मैंने उसकी गांड मार ही ली!

फ्रेंड्स, आप मेरी सेक्स कहानी में नीता और गीता नामक दो सहेलियों की चुदाई का मजा पढ़ रहे थे.
पिछले भाग
गर्लफ्रेंड की सहेली की गांड मारी
में अभी तक आपने पढ़ा था कि मैं गीता को चोद रहा था और नीता नाश्ता बनाने गई थी.

जब वो नाश्ता लेकर हमारे पास आई तो हम सभी ने नाश्ता किया और उसके बाद गीता चाय लेने चली गई. उसी दौरान नीता मेरे साथ मजा लेने लगी. उसी के साथ गीता भी रस लेने लगी थी.

अब आगे गर्लफ्रेंड की गांड फक़:

गीता और नीता दोनों मेरे लंड को देख रही थीं. मेरा लंड तनाव में आने लगा था.
कुछ ही देर में हमने अपनी अपनी चाय खत्म कर दी. गीता उठकर कप ट्रे में रखकर चली गयी.

नीता ने झपट कर मेरे लंड को जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया. वो मेरे लंड पर अपनी गांड रखकर जांघों पर बैठ गयी.
नीता अपनी गांड का छेद मेरे लंड पर रगड़ने लगी थी.

मेरा लंड तनकर लोहे जैसा हो गया था.

मैंने नीता से कहा- उठो नहीं तो गीता आ जाएगी.
नीता बोली- अभी वो बर्तन धो रही है, तब तक थोड़ा सा टाईम पास करते हैं.

मैं अपने दोनों हाथों से उसकी गांड को पकड़कर उठाने लगा, तो दोनों तरफ से उंगलियों से खींचने के कारण नीता की गांड का छेद खुलने लगा था.

इसी बीच नीता ने अपने हाथ में थूक लेकर मेरे लंड के सुपारे पर मल दिया और अपनी गांड के छेद पर रखकर लंड को गांड में लेने की कोशिश कर रही थी.
उसी वक्त मैंने नीचे से जोर का धक्का मार दिया. मेरे लंड का सुपारा नीता की गांड में घुसकर अटक गया.

वो चिल्लाने लगी, तो मैंने उसके मुँह पर हाथ दबाकर रख दिया.

इतने में गीता के फोन की घंटी बजने लगी, उस वजह से गीता इधर ही आने लगी.
नीता तुरंत मेरे लंड से उठकर खड़ी हो गयी और मेरे बाजू में बैठ गयी.

गीता ने आकर फोन उठाया और बातें करने लगी तो उसकी सासू मां का फोन था.
वो बोल रही थी कि वो दोनों दो बजे तक घर आ रहे हैं. अभी ग्यारह बज गए थे.

नीता बोली- अब हम दोनों चलते हैं गीता!
गीता अपना मुँह लटकाकर बोली- हां नीता … शुक्रिया तुम दोनों का. तुम दोनों ने मेरा साथ दिया.

इस बात पर मैंने गीता के मुँह पर हाथ रखते हुए कहा- ऐसी बातें नहीं करते पगली. हमें भी तुम्हारे साथ रहकर बहुत मजा आया.
इतने में नीता बोली- मैं ऊपर जाकर तैयार होती हूँ. तुम दोनों बातें करो.

नीता के जाते ही गीता ने मुझे अपनी बांहों में कस लिया और बोली- हर्षद मुझे पूरा भरोसा है, तुम मुझे प्रेग्नेन्ट बनाकर ही जा रहे हो. तुम्हारा लंड काफी जानदार और दमदार है. देखो ना अभी भी मेरी चूत को रगड़ रहा है.
तो मैंने कहा- हां गीता, वो दोनों भी एक दूसरे के दीवाने हो गए हैं. देखो ना तुम्हारी चूत भी कितनी गीली हो गयी है. दिल करता है कि मेरा लंड हमेशा ही तुम्हारी इस गुलाबी और पानी दार चूत में पड़ा रहे.

गीता बोली- देर किस बात की है, अब डाल दो ना जल्दी से, नीता के आने तक एक बार रगड़ दो मेरी चूत को. फिर हमारी न जाने कब मुलाकात होगी.

गीता की बात सुनकर मैंने उसका एक पैर सोफे पर रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रख दिया. उसकी गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर एक जोर का धक्का मारकर पूरा लंड गीता की चूत में पेल दिया.

गीता ने कसमसा कर मुझे बांहों में कस लिया और होंठ चूसते हुए अपनी कमर हिलाने लगी.
वो अब लंड चूत में अन्दर बाहर करने लगी.

गीता के स्तन मेरे सीने में दब गए थे.
मैं भी जोश में आ गया और जोर जोर से धक्के मारकर गीता की चुदाई करने लगा.

गीता बोली- हर्षद, तुम्हारे साथ बिताए हुए हर पल को मैं जिंदगी भर याद रखूंगी.
मैंने लंड पेलते हुए कहा- हां गीता, मैं भी ये पल हमेशा याद रखूंगा.

हम दोनों कामुक होकर चुदाई में मस्त थे.
गीता बोली- जल्दी करो ना हर्षद … मैं झड़ने वाली हूँ.

मैं तेज गति से धक्के मारने लगा तो दो मिनट में ही हम दोनों झड़ने लगे थे.
गीता मेरी गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर पूरा लंड चूत में ले रही थी.

उधर नीता तैयार होकर नीचे आ गई थी और हमारा चुदाई का खेल देख रही थी.

गीता की पीठ उसकी तरफ थी, तो वो नीता को नहीं देख सकती थी.
मैंने ही नीता को इशारे से रुकने को बोला था.

जैसे ही मेरा पूरा वीर्य गीता की चूत ने गटक लिया, गीता ने आहिस्ता से मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाल दिया.

गीता मेरे लंड को वीर्य से लबालब देखकर मचल गई और उसके मुँह से पानी टपकने लगा.
वो सोफे पर बैठ कर मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.

मुझे इतना मजा आ रहा था दोस्तो, कैसे बताऊं!

उसने चाटकर मेरा पूरा लंड साफ कर दिया था.
गीता की चूत से हम दोनों का कामरस बाहर आकर उसकी जांघों से लेकर घुटनों तक बह रहा था.

मैंने गीता से कहा- चलो अब बाथरूम में साफ करके तैयार हो जाते हैं.
हम दोनों बाथरूम जाकर साफ करके कपड़े पहनकर तैयार होकर बाहर आ गए.

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नीता अब सोफे पर बैठ गई थी.
हमें देखकर नीता उठकर खड़ी हो गयी.
गीता और नीता एक दूसरे से गले मिल गईं.

फिर गीता ने मुझे गले से लगा लिया तो हम दोनों ने एक दूसरे को चूम लिया.

गीता बोली- फिर वापस कब आओगे?
मैंने कहा- तुमसे अच्छी सी खुशखबरी सुनने के बाद जरूर आऊंगा.

इस बात पर हम तीनों मुस्कुराने लगे.
मैं और नीता गीता को बाय करके वहां से निकल पड़े.

नीता बाईक चला रही थी और मैं उसके पीछे बैठकर उसकी जांघें सहला रहा था.
नीता हंस कर बोली- रात भर चोद कर दिल नहीं भरा क्या हर्षद?

मैंने उसकी कमर को कसके पकड़ा और उसे चूम लिया.
थोड़ी देर में हम दोनों गांव में आ गए.

मुझे एक बड़ी सी कपड़े की दुकान दिखाई दी तो मैंने नीता को रुकने को बोला.
नीता बोली- क्या हुआ?
“कुछ नहीं, मुझे तुम्हारे लिए कुछ लेना है.”
हम उस दुकान की लेडीज स्पेशल में गए.

उधर एक लड़की थी, वो बोली- क्या चाहिए भाभी जी?
मैंने कहा- कोई नई डिजायन की नाईटी दिखा दो.

उसने अलग अलग कलर की कुछ नाईटी दिखाईं.
नीता बोली- ये पिंक कलर की मुझे पसंद है.

मैंने कहा- हां यही मुझे भी बहुत पसंद आई है. इससे मैचिंग की ब्रा और पैंटी भी ले लो.
नीता ने उसी कलर की ब्रा और पैंटी भी ले ली.

मैंने बिल दे दिया और हम दोनों वहां से निकल पड़े.
नीता खुश हो गयी थी.

थोड़ी ही देर में हम दोनों नीता के घर पहुंच गए.

नीता ने बाईक लगाकर दरवाजा खोला और हम दोनों अन्दर आ गए.

वह बोली- भूख लगी होगी ना हर्षद?
मैंने कहा- हां नीता बहुत तेज लगी है.

नीता बोली- तुम चेंज करके आराम करो, मैं खाना बनाती हूँ.
नीता ने चेंज करके नाईटी पहन ली.

मैंने सिर्फ लुंगी लपेटी और बेड पर लेट गया.

मैं रात भर सो नहीं सका था तो मेरी तुरंत आंख लग गयी थी.
कुछ देर बाद नीता ने मुझे मेरे होंठों को चूमकर जगाया.
तब मेरी नींद खुल गयी.

नीता बोली- उठो हर्षद, खाना तैयार है, खाकर फिर सो जाना.
मैं बेड से उठकर फ्रेश होकर आया और नीता ने हम दोनों को खाना लगाया.

हम दोनों साथ में खाना खाने लगे.
थोड़ी ही देर में हम दोनों ने खाना खत्म कर दिया, तो नीता बर्तन उठाकर किचन में चली गयी.

मैं उठकर बाहर जाकर शेड में कुर्सी पर बैठ गया.
बाहर धूप नहीं थी, बस थोड़े से बादल छाए हुए थे. मस्त हवा चल रही थी.

थोड़ी ही देर में नीता अपना काम निपटा कर बाहर आ गयी और बोली- अरे तुम यहां बैठे हो हर्षद, मैं तो समझी थी कि सो गए होगे.
ये कहती हुई वो मेरी तरफ मुँह करके मेरी जांघों पर बैठ गयी.

उसने अन्दर से ब्रा-पैंटी कुछ नहीं डाला था. उसकी पारदर्शक नाईटी से सब दिख रहा था.
उसने अपने दोनों हाथ मेरे गले में डाल दिए और मेरे होंठों को चूमने लगी.

मेरा लंड उसकी गांड की दरार को छू रहा था.
मैंने भी अन्दर से कुछ नहीं डाला था.
नीता मुझे चूमकर बोली- हर्षद जब सुबह तुम गीता की गांड में अपना मोटा लंड डालकर चोद रहे थे न, वो देखकर मेरा भी बहुत मन कर रहा है पीछे से लेने का. मेरी गांड में बहुत गुदगुदी हो रही है.

इस बात पर मैंने कहा- बस इतनी सी बात, बोलो कब डालना है?
गीता मुस्कुराती हुई बोली- जब तुम्हारा मूड करे.

मैंने उसके स्तन मसलते हुए कहा- नीता तुम जब भी मेरा मूड बनाओगी तब!
नीता बोली- मतलब!

मैंने कहा- मतलब मेरे इस शैतान को अभी जगाओगी, तो अभी खेल शुरू कर देते हैं.
नीता हंस कर बोली- बहुत बदमाश हो तुम. चलो मैं अभी ही तैयार हूँ. इस शैतान को अभी जगा देती हूँ.

मैंने नीता से कहा- क्या इधर ही करोगी?
नीता बोली- नहीं चलो अन्दर चलते हैं.

अब हम दोनों अन्दर आ गए और नीता ने दरवाजा बंद कर दिया.
मैंने उसकी नाइटी को झट से निकालकर फेंक दिया.

नीता ने भी मेरी लुंगी खींचकर फेंक दी.
अब हम दोनों नंगे थे.

मैं बेड पर पैर नीचे लटका कर बैठ गया.
नीता ने मुझे पीछे धकेल दिया, तो मैं लेट गया.

नीता खड़ी रहकर मेरे लंड को अपने दोनों हाथों में लेकर सहलाने लगी.

उसके कोमल हाथ से लंड सहलाना मुझे उत्तेजित करने लगा था.
नीता एक हाथ से मेरी अंडगोटियां सहला रही थी और दूसरे हाथ से लंड आगे पीछे करने लगी थी.

मुझे बहुत मजा आने लगा था.
मैं आंखें बंद करके लेटा था.

कुछ पल बाद नीता ने अपने मुँह से ढेर सारा थूक लंड पर छोड़ दिया था.
वो तेज गति से लंड आगे पीछे करने लगी थी.

दो मिनट में ही मेरा लंड लोहे जैसा सख्त हो गया था.
नीता मेरे लंड का चिकना सुपारा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी तो मेरे पूरे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी थी.

मैंने उठकर नीता को बेड पर आने को कहा, तो नीता ऊपर आ गयी.
उसे मैंने डॉगी पोजीशन में कर लिया.
अब नीता की गोरी, मुलायम गांड और उसके बीच छुपा हुआ भूरे रंग का छेद मेरे सामने था.

मैंने अपने हाथ में थूक लेकर नीता की गांड के छेद पर मल दिया और थोड़ा सा थूक उंगली में लगा कर उसकी गांड के छेद मे डालकर अन्दर से भी मल दिया.
इससे नीता मादक सिसकारियां लेने लगी थी.

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फिर मैंने घुटनों के बल आकर अपने लंड का सुपारा नीता की गांड के छेद पर रखा और दोनों हाथों से उसकी पतली कमर को जकड़ कर एक जोर का धक्का मार दिया.
मेरा आधा लंड नीता की चिकनी गांड को चीरते हुए अन्दर घुस चुका था.

नीता जोर जोर से चिल्लाने लगी- उई माँ … मर गई रे … आह आ ओह स्स्स हाय रे हर्षद … निकालो अपना लंड बाहर … नहीं लेना मुझे … आंह बहुत दर्द हो रहा है मुझे.
वो अपनी कमर हिलाकर लंड बाहर निकालने की नाकाम कोशिश करने लगी थी.

थोड़ी देर मैं वैसे ही शान्त रहा और उससे कहा- अब और दर्द नहीं होगा नीता … गांड फक़ में पहली बार ऐसा ही दर्द होता है. गीता को भी हुआ था ना!
मेरी बात सुनकर नीता चुप हो गयी.

मैं अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ सहलाने लगा.
फिर उसके ऊपर झुककर उसके दोनों स्तन मसलने लगा, तो नीता गर्म होने लगी थी.

अब मैंने अपने दोनों हाथ नीचे सरकाकर उसके पेट, नाभि को सहलाते हुए चूत को सहलाने लगा.
इससे नीता पूरी तरह से कामुक होकर मादक सिसकारियां लेने लगी.

साथ ही वो अपनी गांड आगे पीछे करने लगी.
मैंने उसकी चूत सहलाते हुए एक उंगली चूत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.

अब नीता आहें भरने लगी थी.
उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो गयी थी.

मैं फिर से अपने पोजीशन में आ गया और नीता की कमर पकड़ कर आधा लंड ही गांड के अन्दर बाहर करने लगा.
नीता भी अपनी गांड आगे पीछे हिलाकर लंड अन्दर लेने लगी थी.

मैं अपने मुँह से कुछ और थूक लंड पर छोड़ कर तेज गति से लंड नीता की गांड में डालने लगा था.
अब गर्लफ्रेंड की गांड फक़ में मजा आने लगा था, तो वो भी जोर जोर से अपनी गांड से लंड पर धक्के मारने लगी थी.

आहिस्ता आहिस्ता मैंने पूरा लंड नीता की गांड में घुसा दिया था.
नीता ने अपने एक हाथ से अपनी गांड को सहलाकर मेरे लंड को चैक किया कि पूरा अन्दर गया या नहीं.

मैंने उसके ऊपर झुककर उसके दोनों स्तन अपने दोनों हाथों से मसलते हुए कहा- नीता, मेरा शैतान पूरा तुम्हारे बिल में घुस चुका है.

नीता- तुम बहुत शैतान हो, आखिर डाल ही दिया ना अपना मूसल मेरी गांड में. बहुत शातिर मर्द हो तुम. बिना शादीशुदा होकर भी सब जानते हो कि औरत को क्या चाहिए और उन्हें कैसे खुश करना है … ये कोई तुमसे सीखे.
मैं हंस दिया.

नीता- हर्षद ये तुम्हारा तगड़ा लंड थोड़ी देर अन्दर ही रहने दो, मुझे बहुत मजा आ रहा है. देखो ना कितना फिट बैठ गया है.
ऐसा कहकर नीता ने अपनी गांड मेरे लंड पर दबाए रखी और उस दौरान मैं उसके स्तन मसलता रहा था.

थोड़ी देर बाद नीता अपनी गांड आगे पीछे हिलाने लगी तो मैं उसके स्तन पकड़ कर आहिस्ता से धक्के मारने लगा.
कुछ देर ऐसा करने के बाद नीता बोली- बहुत मजा आ रहा है हर्षद. अब और जोर जोर से करो.

मैं अपने घुटनों के बल आ गया और आधा लंड बाहर निकालकर जोर जोर से धक्के मारने लगा.
अब नीता मजा लेने लगी- स्स्स स्स्स आह आह ओह हा ऐसे ही जोर जोर से धक्के मारो हर्षद … आ स्स्स स्स्स बहुत मजा आ रहा है. कितना मस्त चोद रहे हो मेरी गांड को हर्षद.

नीता की इन्हीं बातों ने मुझे और जोश आ गया और अब मैं अपने लंड को सुपारे तक बाहर निकाल कर तेज गति से गांड में डालने लगा.
नीता के मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगी.

वो अपनी गांड तेज गति से आगे पीछे करने लगी थी.
पन्द्रह मिनट तेज गति से नीता की गांड चुदाई के बाद मैं अपनी चरमसीमा पर पहुंच गया और कुछ जोर के धक्के मारकर मेरे लंड ने नीता की गांड मे अपने वीर्य की गर्म पिचकारियां मारकर गीता की गांड वीर्य से भर दी.

नीता थक चुकी थी. वो बेड पर सीधी लेट गयी और मैं उसके ऊपर लंड अन्दर रखे हुए ही उसके ऊपर लेट गया.
हम दोनों भी थक गए थे.
हम दोनों की आंख लग गयी थी.

जब मेरी नींद खुली, तो नीता नीचे से हिलने लगी थी.
नीता बोली- अब उठो हर्षद, बहुत समय हो चुका है.

मैंने आहिस्ता से अपना लंड नीता की गांड से बाहर निकाला और बेड के नीचे खड़ा हो गया.
नीता मेरे मुरझाए लंड पर लगे वीर्य के गाढे धब्बे देखे और वो वैसे ही लेटी हुई मेरे लंड की तरफ अपना मुँह ले आयी.

उसने झट से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगी.
एक हाथ मेरी गांड पर रखकर सहला रही थी, तो दूसरे हाथ से अंडगोटियां सहला रही थी.

मैं अपनी आंखें बंद करके मजा ले रहा था.
थोड़ी ही देर में नीता ने मेरा लंड चिकना कर दिया. पूरा वीर्य उसने चाट लिया था.

अब वो बेड से नीचे उतरकर बोली- हर्षद चलो बाथरूम में जाकर फ्रेश होते हैं.
हम दोनों बाथरूम जाकर फ्रेश होकर नंगे ही बाहर आ गए.

तो दोस्तो, तीन दिन वहां रहकर नीता और उसकी सहेली गीता की जमकर चुदाई करके उनकी प्यासी चुत की प्यास बुझा दी.

आपको मेरी ये गर्लफ्रेंड की गांड फक़ कहानी कैसी लगी, मेल करके जरूर बताएं.
मैं जल्दी ही आपके मनोरंजन के लिए एक नयी सेक्स कहानी हाजिर होऊंगा. तब तक के लिए मेरा नमस्कार.
अपना ख्याल रखना.
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