गर्लफ्रेंड और उसकी चचेरी बहन को चोदा

मैं मेरी गर्लफ्रेंड को शिमला घुमाने ले या तो उसकी चचेरी बहन हमारे साथ आई थी. रात में हम तीनों एक ही बेड पर थे. मैंने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ उसकी चचेरी बहन को चोदा. कैसे?

सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम राज है. मैं हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूं और दिल्ली से सटे गुरुग्राम में जॉब करता हूं.

अन्तर्वासना पर मैं पहली बार अपनी कहानी लिख रहा हूं जो कि एक सच्ची घटना है. अगर कहानी में कोई गलती हो जाये नजरअंदाज करें.

दोस्तो, मेरी एक गर्लफ्रेंड है जिसको मैं प्यार से रजू कहता हूं. उसने ही अपने लिये यह नाम चुना था क्योंकि वो मेरे नाम पर ही अपना नाम रखना चाह रही थी इसलिए उसने मेरे कहने पर उसने अपना नाम रजू रख लिया. उसका असली नाम मैं यहां पर नहीं बता सकता हूं.

हमारी दोस्ती आज से 6 साल पहले हुई थी तब मैं 20 साल का था. उसके बाद हम दोनों में प्यार हो गया था और तब से ही हम दोनों साथ हैं. दो साल के बाद हमारी दोस्ती सेक्स तक पहुंच गई थी. पिछले चार साल से मैं मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई कर रहा हूं. वो भी मेरे साथ काफी खुश है.

हमको सेक्स में नये नये प्रयोग करना बहुत पसंद है. जब भी हम मिलते हैं तो एक नये तरीके से सेक्स करते हैं. कभी दिन में चुदाई करते हैं तो कभी रात में. कभी होटल में सेक्स करते हैं और कभी कहीं सुनसान इलाके में खुले में चुदाई कर लेते हैं. हम दोनों को ही इसमें बहुत मजा आता है.

रात को कई बार पार्टी करते हुए तो चुदाई का आनंद और ज्यादा होता है. मेरी गर्लफ्रेंड को एक टांग उठाकर चुदाई करवाना बहुत पसंद है. मैंने कई बार पेड़ के सहारे भी उसकी इसी पोज में चुदाई की है. कभी दीवार के सहारे टांग उठाकर चुदवाती है वो. कभी जंगल में जाकर चुदवाती है.

कई बार हमने गाड़ी में भी सेक्स किया है. उसको मेरे लंड पर बैठ कर अपनी चूत में लंड को रगड़ना बहुत पसंद है. वो मेरे लंड का पानी अपनी चूत में ही निकलवाती है. अब आप समझ ही गये होंगे कि हम दोनों ही सेक्स करने के कितने शौकीन हैं.

अब मैं आपको अपने साथ हुई एक रोचक घटना बताता हूं. बात दिसम्बर 2018 की है. क्रिसमस पर हम दोनों एक बर्फीले हिल स्टेशन पर घूमने के लिए सोच रहे थे. मैंने और रजू ने प्लान बना लिया कि अबकी बार बर्फ में चुदाई करेंगे.

फिर हम घूमने के लिए निकल गये. दोस्तो रजू के चाचा की लड़की चंडीगढ़ में रहती है. जब हम घूमने के लिए निकले तो रास्ते में उसके चाचा की लड़की मीनू के यहां पर रुक गये. मीनू की शादी को तीन साल हो चुके थे लेकिन अभी तक उसको बच्चा नहीं हुआ था. वो एक स्कूल में टीचर की नौकरी करती है.

जॉब होने की वजह से वह वहां पर रेंट पर रह रही थी. इसलिए रजू ने कहा कि जब चंडीगढ़ से गुजर ही रहे हैं तो मीनू से मिलकर भी चलेंगे. हम दोनों मीनू के यहां चले गये. वहां जाकर उन दोनों ने बातें कीं. हमने थोड़ी मस्ती भरी बातें की.

रजू मीनू से कहने लगी कि तुम भी हमारे साथ घूमने के लिए चलो.
चूंकि मीनू टीचर थी और उसकी छुट्टियां चल रही थीं इसलिए मीनू भी हमारे साथ चलने के लिए तैयार हो गई. हम लोग पहाड़ी पर बर्फ में घूमने के लिए चले गये.

वहां पर जाकर हम लोगों ने एक होटल में रूम ले लिया. उसके बाद हम बाहर टहलने के लिए निकल गये. जंगल में घूमे और काफी सारी मस्ती की हम तीनों ने. फिर शाम हो गई तो ठंड पड़ने लगी और हम वापस आने लगे.

हम बर्फ में थे तो मैंने थोड़ी सी बर्फ उठा कर रजू के चूचों के अंदर डाल दी. वो एकदम से उछल पड़ी. मुझे मुक्कों से मारने लगी. मैं एक तरफ भाग गया. मीनू और रजू से मैं काफी दूर चला गया था.

मीनू वहीं पर पास में बैठ गई और रजू मुझे ढूंढने लगी. मुझे पेशाब लगी तो मैं साइड में पेड़ों के पास जाकर मूतने लगा. तभी वहां पर रजू आ गई और मुझे देखने लगी. वो मेरे लंड को देख रही थी. मैं मूत रहा था.

रजू ने मेरे लंड पर एक चांटा मार दिया. मेरे लंड में हल्का दर्द हुआ और पेशाब बंद हो गया. मैंने इसका बदला लेने के लिए रजू के चूचों को दबा दिया. मेरा लंड अभी भी बाहर ही लटक रहा था.

हम दोनों ऐसे ही मजाक करते हुए एक दूसरे को छेड़ रहे थे कि तभी मीनू हम दोनों को ढूंढती हुई आ गयी. उसके आते ही मैंने लंड को अंदर कर लिया और तब तक मीनू पास में आ गयी. पता नहीं उसने मेरा लंड देखा या नहीं लेकिन उसके करीब पहुंचने से पहले ही मैंने अपने लंड को अंदर कर लिया था.

उसके बाद हम लोग वापस होटल में आ गये. काफी बर्फ गिरना शुरू हो गई थी उस टाइम तक. सर्दी काफी थी तो रजू ने कहा कि चलो आज पार्टी करते हैं. हमने पार्टी करने के लिए चिकन ऑर्डर कर लिया. उसके बाद मैं जाकर बाहर से शराब ले आया.

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जब तक मैं आया तो चिकन आ चुका था. हम तीनों साथ में बैठ कर पार्टी करने लगे. चिकन खाया और हमने दो-दो पैग पीये. उसके बाद हमें सुरूर सा चढ़ने लगा और हम ऐसे ही बिस्तर पर लेट गये. सारा सामान ऐसे ही एक तरफ रख दिया और आंखें भारी होने की वजह से नींद भी आने लगी थी.

रजाई ओढ़ कर हम तीनों लेट गये और बातें करने लगे. कुछ देर बातें करने के बाद मीनू की आवाज आनी बंद हो गई. मैंने सोचा कि मीनू सो चुकी है. यही सोच कर मैंने गर्लफ्रेंड के बूब्स पर हाथ रख दिया. वो अभी जाग रही थी. मैं धीरे धीरे अपनी गर्लफ्रेंड के बूब्स को दबाने लगा.

कुछ देर तक उसके बूब्स को दबाने के बाद मैंने उसके चूचों में हाथ डाल दिया. अब मेरे हाथ उसके निप्पल तक पहुंच रहे थे. वो भी धीरे-धीरे गर्म हो रही थी. उसने नाइट ड्रेस पहनी हुई थी इसलिए खुलेपन की वजह से उसके पूरे चूचे मेरे हाथ में आ रहे थे.

रजू के मुंह से अब तेज सांसें निकल रही थीं. तभी मीनू बोल पड़ी- तुम लोग सो गये क्या?
मैंने एकदम से हाथ रजू के चूचों से बाहर निकाल दिया.
फिर रजू बोल पड़ी- नहीं, मैं तो जाग रही हूं अभी.
फिर मैं भी बोल पड़ा- मुझे भी नींद नहीं आयी है.

मीनू बोली- मैंने सोचा कि तुम दोनों सो गये हो.
उसके बाद हम तीनों फिर से बातें करने लगे. मगर मेरा लंड अब खड़ा हो चुका था. हम तीनों साथ में ही लेटे थे तो मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैं फ्रंट में था, रजू बीच में और मीनू दूसरे किनारे की तरफ थी.

कमरे की लाइट बंद थी इसलिए ज्यादा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. इसी बात का फायदा उठा कर मैंने फिर से रजू के चूचों में हाथ डाल दिया. मैं दोबारा से उसके चूचों को दबाने लगा. वो भी कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रही थी और हम तीनों बातों में लगे हुए थे.

उसके बाद मैंने गर्लफ्रेंड के निप्पल को चुटकी से मसलना शुरू कर दिया तो वो कराह उठी और मीनू एकदम से जैसे चुप हो गई. उसको शायद शक हो गया था लेकिन तभी हमने बातें करना शुरू कर दिया. मैं अभी भी रजू के चूचों को तेजी से दबा रहा था.

रजू दोबारा से मेरा साथ देने लगी और गर्म होकर उसने मेरे लंड पर हाथ रख लिया. मेरा लंड पूरा तना हुआ था. वो मेरे लंड को सहलाने लगी. फिर उसने अपना हाथ मेरी लोअर में घुसा दिया. मेरी फ्रेंची के ऊपर से लंड को पकड़ कर दबाने लगी. उसके बाद उसने मेरी फ्रेंची में हाथ डाल दिया और मेरे लंड के टोपे को आगे पीछे करने लगी.

अब मेरी हालत भी खराब होने लगी थी. रजू के कोमल हाथों के छूने से लंड जैसे फटने को हो रहा था. मैंने रजू की कमर को अपनी तरफ कर लिया. उसकी पजामी खींच दी और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी गांड को दबाने लगा. उसके नर्म-नर्म चूतड़ दबाते हुए मन कर रहा था कि उसकी चूत में लंड देकर उसकी चूत को चोद कर फाड़ ही दूं.

उसके बाद मैंने अपनी लोअर को भी नीचे कर लिया और रजू की पैंटी पर अपनी फ्रेंची में तने हुए लौड़े को घिसने लगा. अब मेरे हाथ रजू के चूचों को दबा रहे थे. मेरा लंड उसकी पैंटी को रगड़ रहा था. वो भी अपनी गांड को मेरे लंड पर धकेल रही थी.

फिर मैंने रजू की पैंटी को भी निकाल दिया और अपनी फ्रेंची को नीचे करके उसकी नंगी गांड को दबाते हुए उसकी चूत में उंगली करने लगा. वो उचकी और फिर से मीनू चुप हो गई. अबकी बार शायद उसको ये पक्का पता लग गया था कि हम दोनों मजे ले रहे हैं. मगर वो कुछ नहीं बोली.

जब मुझसे रुका न गया तो मैंने रजू की चूत को टटोल कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया तो रजू के मुंह से एकदम से आह्ह निकल गई. मीनू ने वो आवाज सुनी तो उसने पास का ही टेबल लैंप जला दिया और रजाई हटा दी.

उसने देखा कि रजू नीचे से पूरी नंगी है और मेरा लंड उसकी गांड के पास तना हुआ था. वो देख कर हंसने लगी और बोली- ये क्या हो रहा है?
रजू बोली शर्म से लाल होकर कहने लगी- दीदी, ये राज मान नहीं रहा था.
अब जब मीनू ने सब कुछ देख ही लिया था तो हम दोनों भी मीनू से खुल कर बात करने लगे.

रजू बोली- अगर आपका मन कर रहा है तो आप भी हमारे साथ ही आ जाओ.
वो बोली- ऐसे नहीं, पहले ड्रिंक करेंगे उसके बाद.
रजू बोली- ठीक है. राज हमारे लिये ड्रिंक बनायेगा.
मैं ऐसे ही नंगा उठ कर ड्रिंक बनाने लगा. मेरा लंड मेरी जांघों के बीच में तना हुआ था. मीनू मेरे लंड को देख रही थी.

कुछ पल में ही मैंने ड्रिंक बना दी और तीनों पीने लगे. ड्रिंक खत्म करने के बाद रजू मेरे टी-शर्ट को उतारने लगी. उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया. उसके बाद मैंने रजू को भी पूरी नंगी कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे और मीनू हम दोनों को देख रही थी. वो भी गर्म होने लगी थी.

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उसके बाद मीनू ने भी अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये. उस वक्त रजू मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी. वो जोर-जोर से मेरे लंड पर अपना मुंह चला रही थी. उसके बाद मैंने रजू के चूचों को जोर से दबाते हुए उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.

अब मीनू भी हमारे पास आ गई. रजू ने अपने मुंह से मेरा लंड निकाल दिया. अब मीनू ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और उसको सहलाते हुए बोली- बहुत मस्त यार ये तो.
मैंने कहा- तुम्हारी चूत में जाकर इसको और मस्ती आयेगी.

उसके बाद मीनू ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और मैंने उसको बेड पर गिरा कर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये थे. अब रजू ने मीनू की गांड में उंगली करनी शुरू कर दी थी और वो अपने एक हाथ से अपने चूचों को दबा रही थी. तीनों ही सेक्स की मस्ती में मस्त होने लगे थे.

कुछ देर तक ऐसे ही चला और फिर मीनू मेरे मुंह की तरफ आ गई. मैंने उसके चूचों को जोर से दबा दिया. तभी रजू ने आकर अपनी चूत को मेरे मुंह पर लगा दिया. मैं रजू की चूत को चूसने लगा. अब रजू और मीनू दोनों एक दूसरे के चूचों से खेलने लगीं.

कुछ देर तक हम ऐसे ही चूसा-चुसाई करते रहे.

फिर मैंने रजू को लेटा कर उसकी टांग उठा दी और उसकी चूत में लंड को डाल दिया. गर्लफ्रेंड की चूत चुदाई का मजा लेते हुए मैं मीनू के चूचों को भी बीच-बीच में दबा रहा था. कुछ देर तक रजू की चूत को चोदने के बाद मैंने अपना पानी रजू की चूत में छोड़ दिया. मैं उसके ऊपर पड़ा रहा.

मीनू बोली- तुम दोनों ने तो मुझे गर्म करके छोड़ दिया यार. मेरी चूत भी गीली हो रही है.
रजू बोली- दीदी तो आप दूर क्यों बैठी हो. राज के लंड को खड़ा कर दो और मजे लो.

इतना कहने पर मीनू मेरे पास आई और उसने मेरे सोये हुए लंड को अपने मुंह में भर लिया. वो तेजी के साथ मेरे लंड को चूसने लगी. पांच मिनट तक वो जोर से मेरे लंड को चूसती रही. पहले तो मुझे गुदगुदी होती रही लेकिन फिर धीरे धीरे लंड में दोबारा से तनाव आना शुरू हो गया. मैंने रजू को एक पैग बनाने के लिए कह दिया.

रजू पैग बना कर ले आई और मैंने पैग लगा कर मीनू को बेड पर पटक लिया. उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड पर कंडोम लगा कर उसकी चूत में लगा दिया.
मीनू बोली- कंडोम मत लगाओ.
रजू ने मीनू की तरफ आश्चर्य से देखा और फिर मेरी तरफ देख कर मुस्कराने लगी.

मैंने कहा- लेकिन बिना कंडोम के क्यों?
मीनू बोली- मैंने बहुत दिनों से लंड नहीं लिया है. मुझे कंडोम के बिना ही तुम्हारा लंड लेना है.
मैंने कहा- ठीक है.
उसके बाद मैंने लंड से कंडोम उतार दिया और मीनू की चूत की चुदाई करने लगा. मीनू भी मेरे लंड की चुदाई का मजा लेने लगी.

उसकी चूत अभी भी रजू से टाइट लग रही थी. मुझे मीनू की चूत चोदते हुए बहुत मजा आया. दस-पंद्रह मिनट तक मैंने उसकी चूत को चोदा और मेरा पानी निकलने को हो गया तो मैंने मीनू से पूछा कि कहां पर निकालना है.
वो बोली- अंदर ही पानी छोड़ दो. भर दो मेरी चूत को.
मैंने तीन-चार जोर के शॉट लगाये और मीनू की चूत में अपना पानी भर दिया. उसके बाद मैं मीनू के चूचों पर लेट गया. वो मुझे किस करने लगी.

कुछ देर के बाद वो बोली- मेरे और मेरे पति के बीच में कुछ प्रॉब्लम हो गई है. इसलिए मुझे बेबी नहीं हो रहा है. तुम एक बार फिर से मेरी चूत को चोद दो, क्या पता मैं तुम्हारे लंड से चुद कर प्रेग्नेंट हो जाऊं.
उसके बाद मैंने दोबारा से मीनू की चुदाई की. फिर रात में उठ कर एक बार मैंने फिर से अपनी गर्लफ्रेंड की चूत मारी.

इस तरह से मैंने गर्लफ्रेंड और चचेरी बहन को चोदा पूरे सात दिनों तक … मुझे मजा आ गया.
दो-तीन महीने के बाद पता चला कि मीनू प्रेग्नेंट हो चुकी है. मुझे भी ये सुन कर खुशी हुई. लेकिन वहां से आने के बाद मैंने कभी दोबारा से चचेरी बहन को चोदा नहीं! मैंने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ ही चुदाई की.

तो दोस्तो, आपको मेरी यह स्टोरी कैसी लगी. इस बारे में मेल करके मुझे जरूर बताना. मुझे आपके मैसेज का इंतजार रहेगा. कहानी पर कमेंट भी करें. मैंने अपना मेल आईडी नीचे दिया हुआ है.
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