ग़ाज़ियाबाद की देसी कॉलेज गर्ल की चूत चुदाई

मेरा नाम अमित है। मैं ग़ाज़ियाबाद से हूँ और एक मेडिकल स्टूडेंट हूँ। मेरा रंग एकदम गोरा है। मेरी लंबाई 5 फीट 6 इंच है.. मैं दिखने में बहुत ही स्मार्ट हूँ। मेरे लंड की लंबाई और मोटाई असाधारण है।

जब मैं कॉलेज में पहुँचा.. तो मैं बहुत ही सिंपल था। लेकिन कुछ दिनों में मेरे साथ जो हुआ उससे मेरी लाइफ एकदम चेंज ही हो गई।

जब मैं पहली बार अपनी क्लास में गया तो मैं शांत सा बैठा था क्योंकि ये सब मेरी लाइफ में पहली बार था।

पहली नजर में प्यार हो गया

जैसे ही सभी का परिचय हुआ तो मेरा अपनी क्लास में एक बहुत ही खूबसूरत लड़की से भी परिचय हुआ.. उसका नाम रिया (बदला हुआ नाम) था।
उसका फिगर बहुत ही सेक्सी था। मेरे अनुमान से उसका साइज़ 28-26-28 का रहा होगा। वो बहुत ही सेक्सी और दुबली-पतली थी।
कुछ ही देर में पता चला कि वो हॉस्टल में रहती है। गर्ल्स हॉस्टल मेरे हॉस्टल के बगल में ही था, मुझे उससे पहली नजर में ही प्यार हो गया था।

ऐसे ही कुछ दिन बीतते गए.. मैं उससे बात करना चाहता था। मैंने उसकी एक फ्रेंड से जुगाड़ लगाई.. और किसी तरह मैंने उससे धीरे धीरे बात करना शुरू कर दी।

सेक्स चैट, फोन सेक्स

उसको भी मेरे साथ बात करने में अच्छा लगने लगा और हम दोनों फ़ोन पर भी बातें करने लगे। मैं उससे पूरी-पूरी रात बात करने लगा। धीरे-धीरे सेक्स चैट शुरू हो गईं और हम दोनों फोन सेक्स करने लगे।

मैंने उससे मिलने के लिए कहा.. पहले तो वो मना कर रही थी.. पर मेरे मनाने से वो मान गई। हम लोगों ने एक दोस्त के कमरे पर जाने का प्लान बनाया।

मैंने अपने दोस्त से सुबह कॉलेज जाने को बोल दिया और उसके रूम की चाभी ले ली। मैंने रिया को कॉल किया और पास के बस स्टैंड पर मिलने को बोला।

वो आ गई.. जब मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया। वो ग़ज़ब की लग रही थी। मेरे मुँह से निकला- ओएमजी.. तुम कितनी खूबसूरत लग रही हो..
उसने वहीं पर मुझे हग कर लिया और चलने को बोला क्योंकि आग दोनों तरफ लगी हुई थी।

मैंने रास्ते में ही खाने के लिए चिप्स और कोल्डड्रिंक और पिज़्ज़ा आदि ले लिया.. और कमरे पर आ गए।

मैंने कमरे में आकर गेट बंद किया.. सामान रख कर उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसे दीवार से सटा कर चूमने लगा। वो भी मेरी बांहों में सिमट गई।

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क्या मस्त नज़ारा था.. उसके होंठ तो बहुत ही सेक्सी ओर सॉफ्ट थे। मैंने उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके मम्मों दबाने स्टार्ट कर दिए। क्या मस्त चूचे थे दोस्तो.. बिल्कुल मक्खन की तरह मुलायम थे। उसके शरीर से सेंट की महक मुझे पागल कर थी।

मैंने उसे बहुत चूमा.. उसकी गर्दन पर भी खूब देर तक चूमा। यहाँ किस करने से लड़कियां बहुत जल्दी गर्म होती हैं। मैं उसे लगातार चूमे जा रहा था।

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी… आह्ह.. वो पिंक ब्रा में बिल्कुल परी सी लग रही थी। मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को बहुत ही मजे से चूस रहा था।

मेरा एक हाथ उसकी गांड पर था, वो मेरे बाल सहला रही थी।
फिर मैं उसे गोद में उठा कर बिस्तर पर ले आया, हम दोनों फिर से चिपक गए, अब वो बहुत ज़्यादा ही गर्म हो रही थी। वो पागल हुए जा रही थी।

मैंने उसकी जींस उतार दी, क्या मस्त चिकनी टाँगें थीं.. एकदम मखमल जैसी।

अब वो पिंक ब्रा और पैंटी में थी, मैं उसे लगातार चूमे जा रहा था, मैंने उसकी पीठ पर बहुत किस किया और कमर को बहुत सहलाया और किस किया।

अब मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके मम्मों अपने मुँह में दबा कर खाए जा रहा था, उसकी चुदास भी भड़क रही थी।

अब मेरा एक हाथ उसकी चूत पर था और एक हाथ उसके एक चूचे पर लगा था। मैं उसे सहलाते हुए किस किए जा रहा था और वो कामुकता से चिल्ला रही थी ‘आह्ह.. जानू.. मुझे चोद दो.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… अब नहीं रुका जाता.. आह्ह..’
मैं उसे और तड़पाना चाहता था।

कुंवारी चूत की महक

उसने मेरे कपड़े उतार दिए, मैं अब केवल एक फ्रेंची में था। मैंने भी उसकी पेंटी उतार दी, उसकी चूत की महक से मैं पागल हो गया। मैं 69 में होकर उसकी चूत चाटने लगा।

देर तक चूत चाटने के कारण उसका शरीर अकड़ने लगा। उसने मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुँह में ही अपना रस छोड़ दिया। क्या नमकीन स्वाद था.. खट्टा सा..
उसने मेरा लंड पकड़ लिया, मैंने उसे मुँह में लेने के लिए बोला.. तो वो मना करने लगी।

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मेरे फोर्स करने के बाद उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया। मैं तो जन्नत की सैर कर रहा था।
अब मैं उसके ऊपर आया.. और उसकी टाँगों को फैला दिया। उसकी चूत पर थूक लगाया और अपना लंड उसकी चूत की फांकों में थोड़ा सा घुसेड़ा.. उसके चेहरे पर हल्का सा दर्द था।

वो कहने लगी- मेरा पहली बार है।
मैंने कहा- डोंट वरी यार.. मेरा भी पहली बार ही है।
वो हल्का सा हँस दी।

मैंने थोड़ा सा धक्का लगाया तो लंड फिसल गया और हम दोनों को दर्द हुआ।
मैंने फिर से कोशिश की, इस बार मैं सफल हुआ और लंड चूत में फंस गया। अब मैंने बिना देर लिए एक ज़ोर से धक्का लगा दिया और मेरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया।

वो चिल्ला उठी- आह.. उई.. उई.. मर गई..
उसकी झिल्ली फट चुकी थी।
मैं कुछ पल ऐसे ही पड़ा रहा।

कुछ देर में उसका दर्द कम हुआ तो मैंने फिर ज़ोर से एक धक्का मारा। अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस चुका था। वो चिल्ला रही थी और उसकी आँखों में आँसू थे। मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा कर उसे किस करने लगा।

कुछ पल दर्द के निकले फिर वो मजे में आ गई थी। अब मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए। कमरे में हम दोनों की ‘आहा.. उहू.. आह.. हाय..’ की आवाजें आ रही थीं।

मुझे बहुत मजा आ रहा था, वो भी मजे से चुद रही थी और कह रही थी ‘आह्ह.. जान.. ज़ोर से चोदो..’

वो कुछ देर बाद झड़ने वाली थी। उसका शरीर अकड़ने लगा.. वो झड़ गई.. और एकदम से निढाल हो गई। मेरा अभी बाकी था। मैं भी लगभग पांच मिनट बाद उसकी चूत में ही झड़ गया।

बाद में उसने बताया कि वो 3 बार झड़ी थी।

मैंने उसे उस दिन दो बार चोदा।
इसके बाद मैं और वो बहुत बार एक हुए।

यह थी मेरी समागम यात्रा.. बाद में मैंने उसकी गांड भी मारी.. उसकी कहानी बाद में बताऊँगा।
अभी सर्दी बहुत ज़्यादा है.. अपने लंड और चूत का पानी निकालते रहो और गर्मी लेते रहो।

मुझे अपने प्यारे मेल जरूर लिखना.. आपका प्यारा चॉकलेटी ब्वॉय अमित।
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