घर की बात घर मे

हेलो दोस्तो, मैं आपका दोस्त ऋषि बोल रा हूँ. वैसे तो अपने मेरी बहोत सी पुरानी न्यू हिन्दी सेक्स स्टोरी पड़ी होगी पर आज की जो कहानी मैं ले कर आया हूँ. वो सबसे मस्त है यानी की सबके प्राइवेट पार्ट को हिला देनी वाली है.

मेरा नाम तो आपको पता चल ही गया है और अब मैं आपको अपनी आगेकी बाते बतता हूँ.
मेरी एज 23 साल है और मैं दिखने मे काफ़ी हॅंडसम हूँ. मेरे गोरे चेहरे फ्रेंच कट शेव बहोट ही मस्त लगती है. मेरे उपर आधी से ज़्यादा लड़किया तो इसी वजह से मरती है. और दूसरी बात ये की मेरा लड़कियो के लिए नेचर बहोत ही नाइस है. और इन्ही दो वजह से लड़कियाँ मुझ पर मरती है.
अब दोस्तो मैने अपने बारे मे तो बता दिया. अब मैं आपको कहानी पर ले चलता हूँ. क्योकि मेरी खुद की तारीफ मे वो मज़ा नही आने वाला जो की स्टोरी से आने वाला है.

तो चलिए अब कहानी को शुरू करते है.

दोस्तो, मेरी एक मौसी भी है. जो की बहोत ही ज़्यादा सुंदर और गुड लुकिंग है. ये कहानी उन दीनो की है जब मेरी सोनम मौसी मेरे घर पर आई थी. उनकी उम्र करीब 35 साल के आस-पास की है. उनके 3 बच्चे है जो की साथ मे ही आए थे.

मौसी मम्मी से छोटी है और मौसा जी की सरकारी जॉब है जिसकी वजह से वो बाहर ही रहते है. मौसी अपनी फिगर का काफ़ी ध्यान रखती है और रखे भी क्यो ना आख़िरकार वो है ही इतनी सुंदर और जवान. मेरी मौसी हमेशा ही साड़ी पहनती है और उनके साड़ी बाँधने का स्टाइल भी कुछ अलग ही है.
वैसे वो साड़ी मे बहोत ही कयामत लगती है. उनके ब्लाउस भी कुछ अलग ही डिज़ाइन के होते है. जिसको देख कर मेरा मूड तो खराब हो ही जाता है. मौसी एक दम डीप नेक ब्लाउस पहनती है जिससे वो जब भी झुकती है तो उनके ब्लाउस मे से बूब्स के दर्शन हो जाते है.

बूब्स के दर्शन होते ही मेरा लंड तो पागल हो जाता है. मेरा मन उनको चोदने का करता है. वैसे दोस्तो मैने अपनी मा, बहेन और बुआ को काई बार चोद रखा है जिसके बारे मे फिर कभी बताऊंगा. .
मैं मौसी को चोदने के लिए प्लानिंग करने लग गया की कैसे और किस के थ्रू मौसी को चोदा जा सकता है. उस समय मेरे दिमाग़ मे सिर्फ़ मेरी मा ही आई. क्योकि मा ही है जो मेरी बात को समझेगी और फिर मुझे मौसी को चोदने का मौका मिलेगा.

मैने फिर उससी रात मा को चोदने का सोचा और मा के कमरे मे जा कर बैठ गया. मा अभी घर के कम ही कर रही थी और बस 15 -20 मिनिट तक अंदर आने वाली थी. इसलिए मैं बैठ सेक्स वीडियोस फोन मे देखने लग गया.
वीडियोस को देखते देखते मैने अपना लंड कब बाहर निकल लिया मुझे पता ही नही चला. तब कुछ ही पल बाद मा अंदर आई और मुझे ऐसे देख कर थोड़ा हस पड़ी और बोली – बेटा अगर इतनी ही गर्मी है तो मैं निकल देती हू तेरी गर्मी.

मैं तो यही चाहता था इसलिए अब मैने फोन को साइड मे रखा और तभी मा मेरे पास आ गई. मा उस समये नाइटी मे थी तो जेसे ही मा ने मेरे लंड को हाथ मे लिया तो वैसे ही मैने भी उनकी नाइटी उतार दी.
वो बिल्कुल नंगी थी और मैं उनके बड़े बड़े बूब्स देख कर मसालने लग गया. मा मेरे लंड को हाथो मे आयिल लगा कर मालिश कर रही थी और मैं उनके दूध को निकालने मे लगा हुआ था.

तब मेरे माइंड मे मौसी का ख्याल आया की क्यो ना अभी ही मौसी के बारे मे बात कर ली जाए. तो मैने मा के बूब्स को मसालते हुए ही खा – मा मौसी कितनी सुंदर है ना.

मा- हा तेरी मौसी है तो बहोत सुंदर.

मैं- तो मा प्लीज़ मुझे उनकी चूत दिला दो.
मा – बहेनचोड़ अब तेरी नज़र मेरी बेहेन पर है.

मैं – तो क्या हुआ मा, आख़िर कर वो भी एक औरत है और वो भी इतनी सुंदर.

मा – हाँ हाँ बेहेन के लोड्े, मैं जानती हूँ की तेरा लंड उसकी चूत को मरने के लिए बेताब है. क्योकि मैने काई बार देखा है की जब वो थोड़ा झुकती है तो तेरी नज़र उनके बूब्स पर जा टिकती है.

मैं- हाँ मा वो है ही इतने मस्त.
मा – हाँ हाँ वो खुद भी देखती तक नही है कुछ और रंडी की तरह बनी घूमती है. और तुम्हारे पापा ने भी एक बार कह दिया था की इससे कपड़े पहनना सीखा दे कही बाद मे ये मत कहना की मैने उसके बूब्स दबोच डाले. पर मैं उनकी ये बात सुन कर हस के टाल देती थी. और अब तू भी ऐसा ही है.
मैं – मा प्लीज़ ना दिलवा दो उनकी चूत.

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मा – चल ठीक है पर पहले अपनी मा की चूत की प्यास भूज़ा.

उनकी ये बात सुनते ही मैने उन्हे अपने नीचे लंबा पाया और उनकी टाँगे उपर की और उठा दी. उपर की उठाते ही लंड को चूत मे जाने का रास्ता मिल गया तो मैने बूब्स को ज़ोर से मसालते हुए एक ज़ोर का धक्का दिया और पूरा का पूरा एक ही बार मे अंदर घुसा दिया.
मा अब मज़े मे आहह आहह करने लग गई और मैं भी उन्हे मज़े मे चोदने लग गया. पर आज मैं इतनी जबरदस्त चुदाई कर रा था की मा जल्दी ही झॅड गई.

अब मैं मा के उपर से उठा और अपने लंड का पानी निकालने के लिए उनके मूह मे लंड डाल दिया. लंड जाते ही मा लंड को चूसने लग गई और फिर उनकी थूक मे भीग कर लंड पूरी तरह से पागल हो गया. और फिर मैने अगले 5 मिनिट मे ही अपना सारा पानी उनके मूह मे ही निकल दिया और वो सारा पी गई.
ऐसे ही मैं अब उठ कर कपड़े पहें कर अपने रूम मे सोने चला गया और फिर अगले दिन जब सुबह हुई तो मा ने मुझे उठाया और बोली बेटा नहा ले. तब मैं नहाने चला गया और तभी मैने बाहर से मा और मौसी की बातो को सुना.

मा – क्या हुआ सोनम बड़ी उदास लग रही हो.

मौसी – कुछ नही बस थकावट सी लग रही है.

मा – देखो सोनम जो उदासी तुम्हारे चेहरे पर है वो इसकी नही है. बल्कि बात कुछ और ही है तो बताओ क्या बात है.
मौसी – हाँ दीदी, बात तो कुछ है.

मा – तो बोलो ना फिर.

मौसी – दीदी वो..

इतने मे मैं वॉशरूम से बाहर आ जाता हूँ और मुझे देख मौसी रुक जाती है इसलिए मैं वाहा से अपने कमरे मे चला जाता हूँ. पर मैने अपने कान दरवाजे पर लगाए हुए है जिससे मैं मा और मौसी की बात सुन सकु.
मा – हाँ अब बोलो, अब तो तेरे- मेरे इलावा कोई भी नही है.

मौसी – दीदी बात ये है की ये अब मुझे खुश नही रख पाते.

मा- क्या मतलब है सॉफ सॉफ बोल.

मौसी – दीदी अब इनकी जॉब के चक्कर मे ये मेरे साथ सोते भी नही है और पहले तो 4 साल पहले हम एक साथ ही सोते थे.

मा – तो क्या ये 3 बच्चे खरीदे है.

ये बात सुन कर मौसी और मा हस पड़े. फिर मा ने खा की जो भी है खुल के बोल.
मौसी – ये मेरे साथ अब संभोग भी नही करते है.

मा – क्या संभोग, मतलब चुदाई.

मौसी – हाँ वही दीदी.

मा – देख पहले तो ये अजीब से वर्ड यूज़ करना बंद कर और दूसरा ये की शरमाना भी बंद कर. और मेरी तेरी इस प्राब्लम का सिचुयेशन जानती हूँ.

मौसी – नही दीदी आप यही सब कहोगी की खीरा डाल ले, गाजर डाल ले.
मा – नही मैं ये सब नही बल्कि 9 इंच लंबा लंड डालने को कहूँगी.

मौसी – लंड पर किसका.

मा – वो तुझे पता चल जाएगा पर पहले ये बता की लेगी या न्ही.

मौसी – हाँ दीदी ज़रूर लूँगी क्योकि मैं तो बहोत ही तड़प रही हूँ. पर बताओ तो कोन है वो.

मा – नही वो तुझे रात को पता चल जाएगा और तभी देख लियो.
ऐसा कह कर मा मेरे पास आई और मुझसे बोली की मैने तेरी मौसी को पटा लिया है. तब मैं ये सुन कर वो भी मा के मूह से सुन कर बहोत खुश हुआ और बोला की मा वो जानती है की कोन चोदने वाला है उन्हे.

मा – नही उससे रात को ही पता चलेगा.

मैं – मा पर कही वो नाराज़ हो गई तो.
मा – नही होगी क्योकि जब औरत लंड मे लिए तड़पति है ना तो वो ये नही देखती की कोन है, किसका है बस उससे तब चुदाई से मतलब होता है. और तुझे ऐसी मा कभी नही मिली होगी जो खुद भी चुदे और बेहेन को चुडवाए.

रात तो हो चुकी थी इसलिए अब मैं मा के साथ उन्ही के रूम मे चला गया. वाहा पर मौसी पहले से ही बैठी थी. मुझे देख कर पहले तो वो बहोत खुश हुई की उसका भांजा आया है और मुझे बैठने को कहा. मैं उनके बहोत करीब जा कर बैठ गया. तब मा बोली – ले सोनम जिससे चुदवाना है वो बंदा तेरे सामने हाजिर है.

मौसी ये सुन कर डर गई और अपने आप को संभालते हुए बोली – दीदी आप ये क्या कह रही हो.
मा – जो सच है वही कह रही हूँ.

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मौसी – नही दीदी मैं अपने भानजे से नही चुदवा सकती.

मा – क्यो नही चुदवा सकती.
इतना कहते ही मा ने मौसी की साड़ी का पल्लू खीच दिया तो मौसी के बूब्स ब्लाउस मे दिखने लग गये. पर मौसी डर रही थी इसलिए मा बोली – देख अब मैं अपने बेटे से खुद को चुदवा चुकी हूँ और अपनी बेटी को भी तो तुझे क्या प्राब्लम है.
मौसी – क्या कह रहे हो दीदी आप. आप अपने ही बेटे से केसे.

मा – ये है ही ऐसी चीज़, इसकी प्यास भुजने के लिए ये नही देखती की तुम्हारा पति ही हो.

सोनम मौसी ये सब सुन कर शरमाने लग गई तो मा बोली चल ठीक है. अब ऐसा कर बेटा तू इसी के सामने मुझे चोद. फिर देख इसे पता चलेगा की क्या मज़ा है. और वैसे भी जब ससुराल जाएगी तो वाहा पर किसी से करवाएगी तो एड्स का रिस्क है. और अगर तुझसे चुदवाअगि तो सब भूल जाएगी और घर की बात घर तक ही रहेगी.
मम्मी की ये कड़वी कड़वी बाते सुन कर मौसी कुछ ठीक हुई तो मा ने उसकी साड़ी उतार दी. अब मौसी सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट मे थी. जिसमे वो बहोत ही मस्त लग रही थी.

उधर मा ने मेरी निक्कर भी नीचे करदी और मेरा फन-फनता हुआ लंड बाहर आ गया तो मा ने मौसी को हाथ मे पकड़ने को कहा. मौसी ने मा की बात मानी और लंड को हाथ मे पकड़ कर उपर नीचे करने लग गई.
तभी मा ने पीछे से मौसी का ब्लाउस खोल दिया और जेसे ही ब्लाउस खुला तो मौसी के बूब्स आज़ाद हो गये. तभी मौसी ने हाथ को लंड से हटा कर अपने बूब्स पर रख दिया. तब मा ने उसके हाथो को जेसे तेसे हटाया तो मैने झट से उनके बूब्स हाथो मे ले लिए और मसालने लग गया.

प्यारी मौसी के मूह से सिसकारिया निकालने लग गई. तब मा ने मौसी का हाथ फिर से मेरे लंड पर रख दिया और मौसी उससे उपर नीचे करने लग गई. इस बीच मैने मौसी के चिकने बूब्स को मूह ने भरा और उनका दूध पीने लग गया जिससे वो आहह आहह करने लग गई.
मम्मी भी अब कपड़े उतार चुकी थी और पीछे से मौसी से चिपक कर अपने बूब्स सहला रही थी. जिससे मौसी को काफ़ी अच्छा लग रा था. अब मैने भी एक हाथ झट से पेटिकोट मे डाल दिया तो मौसी चीख पड़ी और मेरा हाथ निकालने लग गई. मैने भी बिना कोई परवाह करते हुए उनका पेटिकोट खोल दिया.

पेटिकोट पूरा उतार कर नीचे आ गया था और अब मैं उनको लंबा पा कर उनकी चूत पर आ गया था. मा भी उनके पास बैठ कर अपने बूब्स उनके मूह मे डाल रही थी तो कभी खुद ही मौसी के बूब्स चूस रही थी. जिससे मौसी को मज़ा आ रा था.
धीरे-धीरे मौसी भी शरम भूल गई थी और फिर मैने उनकी चूत को पहले अच्छे से देखा. जो की बहोत ही सुंदर लग रही थी. मैने भी मज़े से मौसी की चूत पर पहले तो उंगली रखी और उंगली से ही मसालने लग गया.

मेरे ऐसा करने से मौसी बहोत ही पागल हो रही थी की तभी मम्मी बोली की चल अब असली मज़ा दे. मैं मा की बात सुन कर उनकी चूत के सामने लेट गया. और फिर उनकी चूत के होंठो को खोल कर मनमोहक खुश्बू लेने लग गया.
और फिर मैने अपनी जीब निकल कर चूत पर रखी तो मौसी के मूह से आआहह निकल गई और बोली की गुदगुदी हो रही है. मैने कोई परवाह नही करी और उनकी लचीली चूत चट्टा रहा. और ऐसे ही फिर मैने धीरे से अपनी जीब उनकी चूत मे डाल दी तो वो फिर से आअहह करने लग गई.

तब मौसी बोली की क्या मज़ा आ रा है. ये मज़ा तो तेरे मौसा जी ने भी कभी नही दिया. अब मैं उनकी बात सुन कर और ज़ोर से चाटने लग गया और उधर मा भी बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसालने लग गई.
फिर करीब 30 मिनिट ऐसे चूसने के बाद मौसी बोली की निकालने वाला है तो मैने अपनी पूरी जीब चूत मे डाल दी और ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे करने लग गया. और फिर उनकी चूत से पानी की बरसात हो गई जो की बहोत ज़्यादा थी. जिसे मैने पूरा का पूरा चाट कर पी लिया.
उस रात मैं मौसी की चुदाई 5 बार करी और मा को भी चोदा. मौसी तो मेरी चुदाई से बहुत खुश हो गई . अब जब भी उनका चुदाई का मन करता है तो मुझसे ही करवाती है