हाय दोस्तो.. मेरा नाम अनिल है। मैं पुणे से हूँ.. मैं अभी बी.कॉम कर रहा हूँ।
यह बात दीवाली की है.. हमारे यहाँ दीवाली पर मेरे करीबी रिश्तेदार के घर से एक लड़की अंजलि आई थी।
मैं उसे बहुत पसंद करता था।
मुझे नहीं पता था कि वो भी मुझे पसन्द करती है।
वो जब घर आई.. तो मैं बहुत खुश हुआ। वो भी मुझे देखकर मुस्कुराई.. मुझे लगा कि वो ऐसे ही स्माइल दे रही है.. पर मुझे क्या मालूम था कि इस दीवाली मेरी किस्मत खुलने वाली है।
एक दिन मैं और अंजलि घर पर अकेले थे, हम दोनों टीवी देख रहे थे।
उसने अपनी पसंद का चैनल लगाया।
मैं भी टीवी देखने लगा।
मैं उसके बाजू में बैठा था, वो भी मुझसे चिपक कर बैठी हुई थी।
मेरा हाथ ग़लती से उसके हाथ पर चला गया.. वो कुछ नहीं बोली।
मैं समझ गया कि वो भी मुझसे राजी है और हो सकता है कि चुदना भी चाहती हो।
फिर धीरे-धीरे मैं उसके हाथ को सहलाने लगा। वो भी कुछ नहीं बोली.. वो चुपचाप टीवी देखती रही।
फिर मैंने हिम्मत बढ़ाकर उसकी जांघ पर हाथ रख दिया.. जब उसने कुछ नहीं कहा तो मैं उसकी जांघ को सहलाने लगा।
इतने में ही मेरा लंड टाइट हो गया।
वो अब भी चुपचाप टीवी देख रही थी.. जैसे उसे कुछ पता ही नहीं हो कि मैं उसके साथ क्या कर रहा हूँ।
मैं कुछ देर तक ऐसे उसको सहलाता रहा.. फिर मैं उसका हाथ पकड़ कर किस करने लगा।
वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगी।
फिर मैंने उसके हाथ को अपने खड़े लंड पर रख दिया।
वो मेरे लंड को बहुत प्यार से सहलाने लगी।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं एक हाथ से उसके चूचे दबा रहा था।
वो मुझसे बोली- अनिल, ज़रा धीरे दबाओ।
पर मैं कहाँ मानने वाला था।
मैं उसके मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था।
वो धीरे-धीरे सिसया रही थी।
फिर थोड़ी देर बाद मैं उसे लिटा कर उसके ऊपर आ गया।
अब मैं उसके मम्मों को बहुत प्यार से चूस रहा था।
वो मुझसे बोली- अनिल.. आज मुझे बहुत चोदो.. मैं बहुत प्यासी हूँ।
मैं अभी उसके कपड़े निकाल ही रहा था कि घर की डोरबेल बज उठी और हम दोनों का सपना अधूरा ही रह गया।
वो उठकर टीवी देखने लगी और मैं दरवाजा खोलने चला गया।
देखा तो मेरी माँ बाजार करके आ गई थीं।
इसके बाद मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मार ली।
मैं रात को घर के ऊपर वाले कमरे में सोता था।
मैंने उससे बोला- अंजलि तुम रात को मेरे पास आ जाना।
उसने ‘हाँ’ बोल दिया।
मैं घर के ऊपर सोने गया.. रात 12 बजे वो आई।
मैं उस वक़्त गहरी नींद में सोया था।
वो मेरे पास आकर लेट गई, मुझे उसका धक्का सा लगा और मैं जाग गया।
मैंने उसको देखा.. इस वक्त वो बहुत सेक्सी लग रही थी।
वो मेरे लंड को सहलाने लगी, मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
अब मैं पूरा नंगा था.. वो मुझे पागलों की तरह मुझे किस करने लगी, मेरा लंड चूसने लगी।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं उसके सिर को पकड़ कर आगे-पीछे करने लगा।
कुछ ही देर में मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया।
बाद में मैंने उसको पूरी नंगी किया।
मैंने उसको अपने नीचे किया और मैं उसके ऊपर चढ़ गया।
मैं उसके होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगा।
वो भी बहुत गर्म हो गई थी।
उसके चूचे बहुत बड़े बिकुल बड़े आम की तरह थे, मैं उन्हें बड़ी बेरहमी से दबाने लगा और मसलने लगा।
वो हल्के-हल्के चिल्लाने लगी- आह.. आहह.. आओह्ह..
फिर मैं उसकी चूत चूसने लगा।
कुछ मिनट तक उसकी चूत को पागलों की तरह चूसता रहा।
वो झड़ गई.. मैंने उसका पूरा पानी पी लिया।
वो बोलने लगी- अनिल अब मुझे चोद दो.. मुझसे रहा नहीं जा रहा।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाया और पेल दिया.. वो चिल्ला पड़ी- आहह आहह अनिल.. आअहह आहह..
मैं उसके होंठों को किस करने लगा.. ताकि किसी को उसकी आवाज़ सुनाई ना दे।
मैं जोरों से धक्के मारने लगा.. कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी।
मैं भी बड़े मज़े से लंड को उसकी चूत में आगे-पीछे कर रहा था।
तभी वो अकड़ गई और झड़ गई।
उसके बाद में भी झड़ गया, मैंने उसकी चूत में ही अपना माल छोड़ दिया।
हम दोनों यूं ही एक-दूसरे से चिपके हुए पड़े रहे।
बाद मैं मैंने उसके मम्मे बहुत चूसे।
एक तरह से पूरी रात उसके मम्मों को मुँह में भर कर चचोरता रहा।
उसके चूचे बहुत मस्त थे।
उस रात मैंने उसको तीन बार चोदा।
उसके बाद मैं जब भी हम मिलते हैं.. हर बार हम दोनों हचक कर चुदाई करते हैं।
यह मेरी सच्ची कहानी है.. मुझे आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा।
गुड बाय..
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