मेरा गांडू भाई और मेरे चोदू यार-4

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अब तक की मेरी सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि मेरा भाई आदी को लड़के पसंद थे. वो मेरे ब्वॉयफ्रेंड का लंड चूसना चाहता था. मैंने अपने भाई की इच्छा पूरी करते हुए उसे लंड चूसने का मौक़ा दिलाया.
अब आगे:

आदी विक्की के पास को गया और उसके लंड को पकड़ कर हिलाने लगा. फिर उसने लंड पर शहद गिराया और चूसने लगा.
विक्की बोला- कहां गई थी?
मैं बोली- शहद लेने गई थी … बस तुम चुप रहो और लंड चुसाई का मजा लो.

आदी ने विक्की का लंड चूसना चालू कर दिया और मैं वहीं खड़े होकर ये सब देख रही थी. तभी मैंने अपने मोबाइल से आदी और विक्की की वीडियो बना ली. आदी बहुत अच्छे से विक्की का लंड चूस रहा था. ऐसा लग रहा था कि ये लंड चूसने में एकदम एक्सपर्ट है.

विक्की- आहाहा … तान्या मेरी जान … और जोर से चूसो … कितना मस्त चूस रही हो … आह..
उसकी मादक आवाजें कमरे में गूंजने लगी थीं.

थोड़ी देर तक लंड चुसाई का खेल यूं ही चलता रहा. फिर विक्की जोर जोर से आवाजें करने लगा. कुछ ही पलों में उसने लंड की पिचकारी आदी के मुँह में मार दी. मैं देख कर ठगी सी रह गई, आदी को वीर्य चाटना अच्छा लग रहा था. आदी ने विक्की रस पीकर उसका लंड चाट लिया और साफ़ कर दिया.

जब आदी विक्की के लंड का सारा पानी पी गया, तब मैंने आदी को इशारा किया कि अब बाहर जाओ.
वो मुझसे इशारा करने लगा कि थोड़ी देर और चाट लेने दो.
मैं मुस्कुरा दी. अब आदी लंड को छोड़ कर विक्की की छाती को किस करने लगा, चाटने लगा.

मुझे लगा कि अब ज्यादा हो रहा है, तो मैंने आदी को गुस्से में बाहर जाने का इशारा किया, तो वो उठ गया और जाने लगा.
मैं आवाज देते हुए बोली- विक्की डार्लिंग, एक मिनट रुको … मैं आती हूँ.

ये कह कर मैं आदी को बाहर लेकर चली गई.

मैंने आदी से कहा- तुम्हारा काम हो गया … अब जाओ … चुपचाप सो जाओ.

आदि कमरे में चला गया. मैं अपने कमरे में अन्दर आ गई और विक्की के बगल में लेट गई.
मैंने उसे चूमते हुए पूछा- कैसा लगा बेबी?
वो बोला- आज बहुत मज़ा आया यार … आज बड़ा मस्त लंड चूसा तुमने … ऐसा लगा कि आज तुम्हारी जीभ कुछ ज्यादा ही मस्ती से लंड चूस रही थी.

मैंने उसकी आंख की पट्टी खोल दी और उसे किस करने लगी.

थोड़ी देर में उसका लंड फिर खड़ा हो गया. कुछ पल बाद मैं उसके लंड पर बैठ गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मजा सा आ गया और उसका लंड अपनी चुत में फिट करके खेलने लगी.

उफ्फ्फ … मजा आने लगा. आज मैंने अपने यार का लंड अपने भाई से चुसवाया था, तो वैसे भी मुझे बड़ी उत्तेजना हो रही थी. मैं अपने यार का लंड लेते समय सोच रही थी कि आज मेरे यार का लंड मेरे भाई ने चूस कर मेरे लिए तैयार किया है.

ये मस्त और कामुक बातें सोचते हुए मैं और भी मस्ती से लंड पर उछलने लगी.

थोड़ी देर बाद मैंने उसका हाथ खोल दिया. वो अब खड़े हो कर मुझे चोदने लगा.

मस्त चुदाई हुई. आज तो मैं विक्की के लंड से दो बार झड़ चुकी थी. दस मिनट बाद वो भी झड़ गया और हमेशा की तरह मेरे ऊपर ही गिर गया. मैंने उसको अपनी छाती पर समेट लिया और उसे महसूस करने लगी.
हम ऐसे ही लेटे रहे.

फिर मैं बोली- अब तुम जाओ … काफी टाइम हो गया है.
वो अपने कपड़े पहन कर चला गया.
मैं वैसे ही नंगी आदी के रूम में गई, तो देखा कि वो जाग रहा था.

मैं बोली- अभी तक जाग रहे हो, सो जाओ … सुबह स्कूल जाना है.
वो बोला- थैंक्यू … दीदी आई लव यू.
मैं बोली- तुम्हें मज़ा आया?
वो बोला- हां.

मैं अपने रूम में आ गई और आज़ाद ख्यालों में डूबी ऐसे नंगी ही बेड पर लेट गई. आज मैं बहुत खुश थी कि अब मैं आज़ाद हूँ … कभी भी चुद सकती हूं … क्योंकि आदी तो अब मेरी हेल्प करेगा.
तभी आदी मेरे रूम में आ गया और बोला- दीदी मैं यहीं सो जाऊं, आपके पास?
मैं नंगी पड़ी थी … मैंने खुद को ढकने का कोई प्रयास नहीं किया और उससे बोला- ठीक है … आ जाओ.

वो आकर मेरी बगल में सोने लगा.

तभी विक्की का कॉल आया. अब मैं बिना आदी से डरे, उसके सामने ही विक्की से बात करने लगी … क्योंकि अब मैं आजाद थी.

उस दिन आदी मुझे नंगा ही लिपट कर सोया. मुझे उसके लंड से कोई उत्तेजना ही नहीं हुई. इसकी दो वजहें थी, एक तो वो मेरा भाई था और दूसरा उसका लंड खड़ा ही नहीं होता था.

सुबह हम दोनों रोज की तरह अपने कॉलेज और स्कूल गए.

दूसरे दिन भी रात में विक्की आया, आदी ने आज रात को कल जैसे ही उसका लंड चूस कर पानी निकाल दिया.

फिर एक दिन राहुल भी आया और उसका लंड भी आदी ने चूस लिया. अब तो आदी मेरे पास ही सोता था और मैं उसका साथ बहुत एन्जॉय करती थी. मुझे कोई फ़िक्र नहीं रह गई थी.

ऐसे ही कुछ दिन चला. फिर मम्मी डैडी वापस घर आ गए. उस दिन आदी मेरे रूम में सोने आने लगा.

ये देख कर मम्मी ने पूछा- क्या हुआ बेटा … तुम दीदी के रूम में क्यों सो रहे हो?
मैं बोली- अरे मम्मी … ये रात में डरता है न … इसलिए जब आप नहीं थीं, तब ये मेरे साथ ही सोता था.
आदी- हां मम्मी, मुझे अकेले सोने में डर लगता है … मैं दीदी के रूम में ही सोऊंगा.
मम्मी- अच्छा ठीक है … दीदी से पूछ लो फिर जैसा लगे, सो करो.
मैं बोली- हां मम्मी ठीक है … सोने दो बस अब मेरे रूम में डबलबेड लगवा दो. आदी तुम भी अपना सामान मेरे रूम में शिफ्ट कर लो.

मम्मी ने भी हामी भर दी. अब हम दोनों भाई बहन एक ही रूम में सोते थे आदी भी मुझसे बहुत खुश रहता था और वो मुझसे अपनी सारी बातें बताता था.

मैं भी उससे पूछ लेती थी कि तुमको कौन पसंद है. उसमें क्या क्या पसंद आ रहा है. मैं अब उसे अपनी सिस्टर जैसे अपने रूम में रखती थी. उसके सामने नंगी हो जाना, उसके सामने ब्वॉयफ्रेंड से बात करना … साथ में पोर्न वीडियो देखना … ये सब सामान्य हो गया था.

वो भी मुझे ब्वॉयफ्रेंड से मिलने में भी मदद करता था. जब मम्मी डैडी जॉब पर चले जाते थे, तब हम दोनों कॉलेज और स्कूल से आने के बाद घर पर बहुत मस्ती करते थे. अब आदी मेरे सामने मेरे कपड़े, मेरी लिपस्टिक सब लगाता था. वो ब्रा पेंटी पहन कर मेरे सामने लड़की बन कर मुझे बहुत मज़ा देता था.

सब कुछ ऐसे ही चलता रहा. फिर एक दिन विक्की ने मिलने के लिए अपने एक अन्य दोस्त के फ्लैट पर ले आने का कहा. उसके इस दोस्त का नाम कुमार था. पर जब हम पहुंचे, उसी समय विक्की को उसके घर से कॉल आ गया और उसको बुला लिया गया. उसे जाना पड़ा.

विक्की ने जाते हुए अपने दोस्त से कहा कि यार मुझे जरूरी काम आ गया है. तुम तन्नू को उसके घर छोड़ देना.
कुमार ने हामी भर दी.

फिर विक्की ने मुझसे कहा- तुम कुमार के साथ चली जाओ, वो तुम्हें घर छोड़ देगा.

विक्की वहां से चला गया. उस दिन मुझे सूखा ही घर वापस आना पड़ रहा था. मेरी चुत बिना लंड लिए ही रह गई. मैं लंड को लेकर सोच रही थी.
तभी कुमार बोला- घर चलोगी या अभी कुछ देर यहीं बैठोगी?
मैं बोली- हां मैं कुछ देर यहीं रूकती हूँ … मैं कॉलेज बंक करके आई हूं. इतनी जल्दी घर जाऊँगी, तो मम्मी पूछेगी कि इतनी जल्दी कैसे आ गई.

यहां मैं आप सभी को कुमार के बारे में बता दूँ. उससे विक्की के जरिये मेरी अच्छी जान-पहचान हो गई थी. वो भी अच्छा हैंडसम जवान लड़का था.

विक्की के जाने के बाद हम दोनों कमरे में बैठे थे और बातें कर रहे थे. वो मुझे विक्की के खिलाफ भड़का रहा था. ये सब थोड़ी देर बाद मुझे समझ आई कि वो मुझे लाइक करता था.
कुमार- तुम विक्की से बहुत प्यार करती हो क्या?
मैं- हां आई लव हिम.
कुमार- अच्छा … तुम बियर लोगी क्या?
मैं- नहीं यार, मैं दिन में नहीं पीती, मुझे चढ़ जाती है … और अभी घर भी जाना है.
कुमार- अरे कुछ नहीं होगा … आधी ही पी लो.

ये बोलते हुए वो फ्रिज से तीन कैन लेकर आ गया. एक कैन खोल कर उसने मुझे दे दी और दो खुद ले लीं. वो एक खोल कर पीने लगा. मैं भी कैन लेकर पीने लगी.

कुमार- यार तुम्हारी कोई फ्रेंड हो, तो मुझे भी बताओ … आई एम सिंगल.
मैं- अच्छा विक्की तो बता रहा था तुम्हारी जीएफ है.
कुमार- नहीं यार … वो साली किसी और के साथ भाग गई … और वो मज़े भी नहीं देती थी.
मैं- कौन से मज़े?
कुमार- वही जो तुम यहां आ कर विक्की को देती हो.
मैं कुछ नहीं बोली.

तब उसने कहा- अच्छा तुमने करण को क्यों छोड़ा था?
करण का नाम सुन कर मैं थोड़ा शॉक्ड हो गई.
मैं- कौन करण?
कुमार- वही … तुम्हारा एक्स ब्वॉयफ्रेंड!
मैं थोड़ा हड़बड़ाते हुए बोली- तुम्हें कैसे पता … और ये बात तुमने विक्की को भी बताई है क्या?
कुमार- अरे नहीं … मैंने किसी को नहीं बताया … और तुम विक्की से क्यों डर रही हो … वो भी तो और लड़कियों को यहां ला कर चोदता है.

उसके मुँह से चोदता है शब्द सुनकर … और विक्की की ये बात सुन कर मुझे थोड़ा अजीब लगा.
मैं- क्या बात कर रहे हो?
कुमार- अरे चुप रहो … ये बात विक्की को मत बोल देना … नहीं तो वो मुझसे गुस्सा हो जाएगा. तुम मेरी फ्रेंड जैसी हो, इसलिए तुम्हें बता दिया.

उसके साथ मेरी ऐसे ही बातें हुईं, फिर कॉलेज खत्म होने के समय उसने मुझे घर छोड़ दिया.

घर आकर मैंने विक्की को कॉल किया. विक्की ने मुझे बताया कि वो कॅनेडा जा रहा है … उसकी दीदी का एक्सीडेंट हो गया है, सो वहां उसे थोड़ा टाइम लगेगा.
वो इस समय टेंशन में था, तो मैंने उसे कुमार वाली बात नहीं बताई.

फिर ऐसे ही दिन चलते रहे. विक्की को गए हुए काफी दिन हो गए थे, अब मेरी चुत में आग लगने लगी थी. उधर राहुल के साथ मैं बोर हो गई थी. अब मैं नए लंड की तलाश में थी.

मैं अब कुमार से बात करने लगी थी. उससे पहले भी बातें होती रहती थीं, जब विक्की था … तब भी. लेकिन अब विक्की नहीं था, तो अब मेरी कुमार से ज्यादा बातें होने लगी थीं. उससे एक दो बार मिलना भी हो जाता था. शायद उसकी नज़र भी मेरे पर थी और मुझे लंड चाहिए था.

मैंने कुमार को पसंद कर लिया … क्योंकि उसके पास हमेशा रूम उपलब्ध होता था. ये सब सोच कर मैं भी उसे डोरे डालने लगी.
एक दिन उसने मुझे बोल दिया कि वो मुझे लाइक करता है.
पहले तो मैंने मना कर दिया. तब उसने कहा कि तुम शाम को मुझसे मिलने मेरे कमरे पर आ सकती हो क्या? मैं मिल कर तुमसे बात करना चाहता हूँ.

उस दिन मैं आदी को लेकर कुमार के घर गई. अंधेरा हो गया था, इसलिए मम्मी ने बोला था कि आदी के साथ जाओ. मुझे आदी के साथ अब कोई प्रॉब्लम नहीं थी … क्योंकि आदी तो सब जानता ही था.

रास्ते में आदी बोला- दीदी, हम लोग कहां जा रहे हैं?
मैं- तुम्हारे नए जीजू के पास.
यह कह कर मैं हंसने लगी.
आदी- कौन है वो?
मैं- विक्की का दोस्त है … कुमार. तुम वहां जाकर तुम टीवी में वीडियोगेम खेलना, मुझे उससे थोड़ी बात करनी है.

मैं कुमार को कॉल किया और बोली- हैलो … मैं अपने भाई के साथ आ रही हूँ. मम्मी अकेले आने नहीं दे रही थीं, तुम टीवी में वीडियोगेम लगा दो, जब हम आएं, तो आदी को बोलना कि वो वीडियोगेम खेल ले … ओके.
वो बोला- ठीक है.

कुछ ही देर में हम दोनों कुमार के फ्लैट पर आ पहुंचे. हम दोनों अन्दर गए, मैंने आदी को कुमार से मिलवाया.

कुमार हमको अन्दर ले गया. तब वीडियोगेम देख कर आदी बोला- भैया मैं वीडियोगेम खेल लूं क्या?
कुमार- हां हां खेल लो … और ये लो स्नैक्स खाओ.
मैं- आदी तुम वीडियो गेम खेलो, मैं भैया के साथ रूम में असाइनमेंट कर लेती हूं. यहां तुम बहुत डिस्टर्ब कर रहे हो.
आदी- ठीक है दीदी.

हम दोनों कुमार के रूम में चले गए.
मेरी चुदाई स्टोरी आपको मजा दे रही है या नहीं? मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
[email protected]
कहानी जारी है.

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