गॅंड की चुदाई की बस मे

gand ki chudai bus mai सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। हिन्दी सेक्स स्टोरीस के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।

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माय नेम ईज़ आर्यन(नेम चेंज्ड) .मैं कोलकाता का रहने वाला हूँ. मेरी एज 24 है मैं यहा अकेले रहता हूँ. मुझे स्कूल गर्ल्स,कॉलेज की लड़कियाँ और भाभी बहुत पसंद है.

मैं जब क्लास ** मे था तब मैने अपनी एक टीचर के साथ फर्स्ट टाइम सेक्स किया था वो मेरी स्कूल की टीचर थी शी वाज़ अनमॅरीड उस समय वो 26 साल की थी और मैं ** ये कहानी भी मैं जल्दी लिखूंगा. .

अब बिना टाइम वेस्ट किए स्टोरी पर आता हूँ.

मैं डेली कोलकाता बस मे ट्रॅवेल करता हूँ और आपलोगो को पता होगा की यहा के बस मे कितनी भीड़ होती है. और हमे यही तो चाहिए ताकि किसी की भी गॅंड या चूची मसल सके और लड़के लोग तो जानबूझ के भीड़ वाले बस मे जाते है, ताकि मज़ा ले सके .और बहुत सी लड़की लोग को भी मज़ा आता है भीड़ मे लंड जब उनकी गॅंड पे गड़ता है या जब कोई उनकी बूब्स को दबाता है.

ये बात 14 जुलाइ की है जब मैं अपने मासी के घर जाने के लिए लगभग शाम को 7 बजे पि.जि. हॉस्पिटल के पास से बस लिया तो उमसे बोहोट भीड़ थी. भीड़ का फ़ायदा उठाने के एक लड़की के पीछे खरा हो गया वो लगभग 25 – 28 साल की थी. उसको देख के मेरा लंड जंप करने लगा साली को मन तो हुआ बस गॅंड दबोच लू पर मैने अपने आप को रोका.

उफ़ साली की गॅंड उफफफफ्फ़ मेरा लंड तो तुर्रंत खडा हो गया. ओह दोस्तों मैं बताना भूल गया की जब भी मैं बस मे ट्रॅवेल करता हूँ तो जनभुजाके खाली ट्राउज़र्स पहनता हूँ बिना अंडरवेर के ताकि लंड आछेसे सटा सकु भीड़ मे और लंड चुत की आग ही ऐसी है एक बार लंड गॅंड पे रगड़ने. लगे तो कोई भी लड़की गरम हो जाएँगी.

आछा आगे आता हूँ कहानी पे. तो जैसे ही मेरा लंड उसकी गॅंड पे लगा उसने आहह कर दी. क्यूंकी भीड़ ज्यदा थी वो मैं एकदम लंड उसके गॅंड पे गाड़ने लगा उसने लेगिंग पहनी थी बिना पेंटी की और टाइट टॉप मे थी उसका फिगर लगभग 34-26-36 था. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

साली की चूची और गॅंड देख के मुझसे कंट्रोल नही हुआ मैने उसके बूब्स पे हाथ फेर दिया वो कुछ नही बोली मैं समझ गया की ग्रीन सिग्नल है मैने बिना टाइम वेस्ट किए एक हाथ उसकी गॅंड पे और एक हाथ चूची पे रख दिया. मैने फील किया की उसकी निपल्स टाइट हो चुकी थी. उफफफ्फ़ उसके बदन से क्या खुसबु आ रही थी.

मैं उसकी गॅंड पे हाथ फेरता कभी चूची पे तो कभी कमर पे उसकी बदन से खेल रा था मैने फिर एक हल्की से चूटी काट दी मैने उसकी गॅंड पे वो आहह ह अहहा आह कर दी.

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मैं डर गया की कही गुस्सा तो नही हो गई पर कुछ देर बाद जब वो अपना गॅंड खुद मेरे लंड पे रगड़ने लगी तो मैं समझ गया की रास्ता सॉफ है प्यारे आज तो गॅंड मार दे इसकी मैने उसका इरादा जान ने के लिए उसके लेगिंग के एलास्टिक पे अपनी उंगली डाली देखा वो मुझे नही रोकी तो मैं मौके का फ़ायदा उठा के उसकी नंगी गॅंड को लेगिंग के अंदर से मसलने लगा.

साली रंडी की क्या मस्त गॅंड थी उउफफफफफफफ्फ़ एकदम नरम नरम गॅंड थी उसकी मैने उसकी गॅंड की छेद मे दो उंगली डाल दी और वो किसी तरफ अपने एक्सप्रेशन को नॉर्मल रखने का ट्राइ कर रही थी आप समझ सकते है स्पेशली फीमेल लोग की ऐसा आपके साथ हो तो एक्सप्रेशन नॉर्मल रखना कितना मुश्किल है एनीवेझ आगे बढ़ते है.

बस अचानक ब्रेक लगा मैने उसकी निप्पल तन दी और ज़ोर से आआहह कर दी. फिर शर्मा के सर नीचे कर लिया. आपलोग सोच रहे होंगे ये सब कैसे होता है बस मे तो बता दू. की कोलकाता के बस मे ये बहुत कॉमन है और खास कर के कदमतला – न्यूटन ओर के6 बस मे. और इसलिए चढ़ने का मतलब् गॅंड और चूची से सो खेल सकते हो इतनी भीड़ होती है.
वो अपनी गॅंड बार बार मेरे लंड पे मार रही थी और मेरा लंड एकदम लोहे की तरह टाइट था और उसकी लेगिंग को लगभग मेरा लंड चिर चुका था उसके छेद पे वॉर किए जा रहा था. बस मे काफ़ी भीड़ होती है इसलिए ये सब आम बात है.

मेरा लंड बाहर आने को बेताब था मैने सोचा की इसकी गॅंड मार देता हूँ आज और मैने अपना हाथ फिर से उसकी गॅंड पे फेरना चालू किया वो एकदम गरम हो गई थी फिर मैने सामने उसकी चुत पे हाथ ले गया तो वो काफ़ी गिल्ली थी क्यूंकी उसने पैंटी भी नही पहनती थी.
मैने उसके अंदर हाथ डाला वो चुप चाप बस आअहह उम्म्म्म आहह ईच आ हा अहह अहह आह हा आह हा अहह आह आआहह आआअहह एकदम धीमे धीमे आवाज़ मे कर रही थी और अपनी होंठ. को बाइट कर रही थी मैं समझ रा था की इसकी प्यास बढ़ गई है.

मैने पीछे से थोड़ी सी उसकी लेगिंग नीचे की और अपना ट्राउज़र्स थोड़ा नीचे किया और भीड़ के कारण चिपके थे तो समझ भी नही आया किसी को और उसकी नंगी गॅंड पे अपना नंगा लंड रगड़ रहा था वो बार बार लंड को गॅंड मे लेने के लिए मुझे पीछे पुश कर रही थी पर मुझे उसको तड़पाने मे मज़ा आ रा था और मैं उसकी गॅंड पे लंड रगडे जा रहा था साली आ अहहा आअहह आअहह किए जा रही थी.

मैने सोचा आज इसको ट्रेलर बहुत दिखा दिया अब पिक्चर की बारी है और अचानक मैने अपना 8.6 इंच का लंड एक झटके मे उसकी गॅंड मे पेल दीया और ज़ोर से चीखना चाही फिर नही चीख पाई मैने देखा उसकी आँखों मे दर्द के आँसू आ गये थे.

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क्यूंकी इतना बड़ा लंड एक झटके मे मैने उसकी गॅंड मे पेल दिया था. पर उसे मज़ा आ रा था और थोड़ी देर दर्द से शांत रही फिर अपने बदन को हलका हल्का हिलाने लगी मैं समझगया की साली फॉर्म मे है और वो हिल के अपने गॅंड को ठीक से अड्जस्ट करने का ट्राइ कर रही थी.

भीड़ बोहोट थी इसलिए हिल नही पा रही थी बस अपने बॉडी को आगे पीछे धकक्का दे रही थी और आहह आह आह आह आह अहबहह आ आ आ आ आ कर् रही थी साली पूरी रंडी की तरह 100 लोगों से ज़्यादा आदमी से भारी बस मे पेल्वा रही थी मुझे तो जैसे जॅकपॉट लग गया था रोज गॅंड पे लंड रगड़ के काम चलाना पड़ता था और आज पेलने को मिल गया.

उसकी बॉडी के मोशन से समझ आ रहा था की वो झड़ चुकी है. जैसे ही न्यू ब्रिड्ज पे गाड़ी चढ़ने लगी बस खुद उपर नीचे होने लगी और बस की मोशन का फ़ायदा उठा के मैं धक्के मारता रहा और वो दाँत से अपनी होंठ काट ती रही. और उसकी गॅंड की नरम नरम चमरी मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे बोहोट मज़ा आ रा था. उसकी बूब्स को किसी तरह दबोच के दबाए जा रहा था और वो बस आह आ आह आ आह कर रही थी.

उसकी निप्पल एकदम कड़क थी साली पूरे जोश मे थी मुझे अपनी माँ याद आ गई जिनके साथ मैने पहली बार चुदाई की थी थोड़ी देर मे मैं पहुचने वाला था मैने सोचा एक ट्राइ मारता हूँ.

मैने उसकी कान मे कहा. साली रंडी अगर लंड पसंद आया हो तो मैं जहा उतरु उतर जाना इतना कह के उसकी निप्पल तान दिया वो पूरा बहल हो चुकी थी हम लोग जब तक मंदिरताला पहुचे तब तक उसकी गॅंड पेलता रहा और फिर मैने उसकी गॅंड मे अपना माल छोड़ दिया.

मेरी गरम पिचकारी से उसकी गॅंड भर गई और वो अपनी लेगिंग ठीक कर ली मैं मंदिरताला उतरा. और मुझे देख के काफ़ी खुशी हुई की वो भी वही उतरी फिर थोड़ा इग्नोर करने का नाटक किया और आटो मे जाके बैठ गया . अचनाक मुझे किसी ने मीठी आवाज़ मे हेलो कहा मैने देखा वही लड़की थी

मैं – ओह हाय .

लड़की – सो कैसा रा आपका बस का सफ़र (मुस्कुराते हुए)

मैं – 50 – 50 था. मैने भी स्माइल करके जवाब दिया.

लड़की – तो संडे को 100% कर ले

मैं – मुझे सुन के बहुत अछा लगा मैने कहा क्यू नही ज़रूर वैसे भी बहोत छोटा ट्रेलर था पिक्चर बाकी है

लड़की – अछा जी पर मेरे पास प्लेस नही

मैं – कोई प्राब्लम नही है मेरे अंकल के फ्लॅट मे रहता हू. आप जब चाहो आ सकती हो

लड़की – संडे सुबह 7 बजे मिलते है

मैं – ओके डन

लड़की – मेरा नेम …..

मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

आगे टू बी कंटिन्यूड फ्रेंड्स. आगे बतौँगा की कैसे वो मेरे घर आई और मैने उसकी चुदाई की. .

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