पनघट के ऊपर बहन माधवी ठुमक ठुमक के चल रही थी. उसके बदन के ऊपर सर के ऊपर रखे हुए घड़े से पानी टपक रहा था. और आधे भीगे हुए बूब्स ब्लाउज के ऊपर से ही दिख रहे थे पानी की वजह से. गाँव के जमीनदार हसमुख शेठ का बेटा कुलदीप और उसका दोस्त विनय वही पनघट के सामने अपने अपने घोड़े ले के खड़े हुए थे. माधवी ने उन्हें देखा और उसकी चाल ढीली पड़ गई. उसका बाप रमेश अपनी जमीन शेठ के वहाँ गिरवे रख चूका था. और कुलदीप ही अब वो सब काम देखता है. जमीन की खेती करने देने की एवज में अक्सर माधवी अपनी आबरू कुलदीप के लिए देती है.
18 साल की कच्ची उम्र में ही उसकी नथ कुलदीप शेठ ने अपने फ़ार्महाउस में खोली थी. उस दिन उसकी चूत के खून से कुलदीप के लंड का अभिषेक हुआ था. अक्सर माधवी को फ़ार्म हाउस पर बुला के कुलदीप उसके छेदों को चोदता रहता है.
माधवी दबे पाँव शेठ के पास से निकली और कुलदीप ने कहा, कहाँ है रे रमेशवा? घर पर तो नाही है?
माधवी रुक गई और उसके साथ की लड़कियां आगे निकल पड़ी.
विनय ने माधवी को ऊपर से निचे तक देखा. माधवी की कमसिन जवानी को देख के उसके मुहं में भी पानी आ गया. वो बोला: कुलदीप जी माल तो कडक फंसा के रखा है आप ने!
कुलदीप ने मुछो के ऊपर ताव दे के कहा, बड़ी सुहानी छोरी है हमरे गाँव की, कुछ भी करने को बोलो कर देती है.
विनय ने लंड को जैसे जगाने के लिए उसे हलके से हाथ मारा. और फिर वो कुलदीप को देख के बोला, अब उ तो साथ में बैठ के कुछ करें तो मानेंगे हम ना!
कुलदीप ने माधवी को कहा, सुन रे माधवी, इ हमरे दोस्त है, शहर से आवत है, तू इ सब घड़ा वडा घर छोड़ के सीधे फ़ार्म हाउस पर आ.
माधवी कतरा रही थी. वो बोली: माई को क्या कहेंगे साहब जी?
कुलदीप बोला: उ हम मिलनवा को भेजते है तुहे बुलावे खातिर, माई नु कहीं की साहब ने मक्के दी रोटी बनवानी है ओ वास्ते बुलावत है.
माधवी जी बाबु जी कह के चल पड़ी. विनय उसकी गांड को ही देख रहा था. कुलदीप ने कहा, गजब की जान है रे आगे पीछे दोनों जगह इस छोरी में, नंगा डांस भी करेगी शराब पिला के!
विनय बोला: कसम से आज तो शिलाजीत खाने का मन हो रहा है!
वो दोनों हसंते हुए अपने अपने घोड़े को ले के फ़ार्महाउस की तरफ निकल गए. फार्म हाउस को अय्याशी के लिए ही बनाया था कुलदीप ने. वैसे उसके बाप के जमाने में यहाँ एक कमरा था. लेकिन अब उसने 4 कमरे और बना दिए है और एक छोटा किचन भी. एक कमरे में बेड है और वही पर सामने वीडियो देखने के लिए छोटा टीवी और सीडी प्लेयर है. और बगल में एक छोटे कबाट में ब्ल्यू फिल्म की सीडी रहती है. मिलन नाम का एक चौकीदार है जो कुलदीप के लिए लड़कियों को ले के आता है फ़ार्महाउस पर. और शराब, शबाब का सब प्रबंध उसके हाथ में ही है.
माधवी घर पहुँच के कपडे ही सही कर रही थी की मिलन आ गया. उसने माधवी की माँ कमला को बोला की कुलदीप साहब के वहां महमान आये है, माधवी को भेज के मक्के की रोटी बनवा दो जरा.
कमला बोली, साहब बड़ी मक्के की रोटी खा रहा है आजकल तेरा.
मिलन बोला, हां माधवी बनाती ही है करारी की साहब के मुहं में बस गया है वो सवाद.
माधवी मिलन के साथ चल पड़ी. कुलदीप और विनय ने इधर शराब के बोतल के ढक्कन खोल दिए थे. दोनों बैठ के पिने लगे थे. माधवी को कमरे में छोड़ के मिलन जा रहा था. उसे कुलदीप ने बोला, मिलनवा मेन गेट को कुण्डी मार के वही डट जाई.
मिलन ने बोला: जी माई बाप.
माधवी का दिल जोर जोर से धडक रहा था. हालांकि ये पहली बार नहीं था जब उसकी चुदाई के लिए उसे यहाँ पर लाया गया था. वो कमरे में घुसी और विनय के पास खडी हुई. कुलदीप ने उसे हाथ पकड के अपने पास बिठाया. वो दोनों के बिच में थी. और कुलदीप ने टीवी के ऊपर एक थ्रीसम फिल्म चालु कर दी. विनय का लौड़ा उसके कपड़ो में खड़ा हो चूका था. और कुलदीप का भी. कुलदीप ने माधवी को अपनी तरफ खिंच के उसके होंठो को चूम लिया. उसकी मूछ के बाल माधवी के होंठो में चिभने लगे थे. लेकिन वो मालिक को कहा कुछ कह सकती थी.
माधवी की गोलाइयों के उपर विनय ने अपने हाथ रख दिए. और वो उन दोनों बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा. माधवी की सिसकियाँ निकल गई क्यूंकि बूब्स बड़े ही जोर से धर लिए गए थे. वो उफ्फ्फ तक ना कर पाई थी की उसकी पेटीकोट के नाड़े को कुलदीप ने खोल दिया. ऊपर ब्लाउज को विनय ने खोलना चालू कर दिया बिच बिच में. एक मिनिट के भीतर तो ये गाँव की करारी लड़की को एकदम नंगा कर के उसके यौवन के रस को ये दोनों मर्द आँखों से पी रहे थे. माधवी को शर्म भी आ रही थी इसलिए उसने अपनी चूत को दोनों हाथ से ढंक लिया था. विनय ने अपने पैर से उसके हाथो को हटाया. इस 19 साल की लड़की की देसी चूत के ऊपर हलकी हलकी सी झांट थी. कुछ दिन पहले ही कुलदीप ने उसे शेविंग किट से बाल साफ करने को कहा था इसी फ़ार्महाउस में. और तभी झांट को हलकी की गई थी. विनय ने एक ऊँगली से चूत की लिप्स को खोला और अंदर की लाल चमड़ी को देखह के बोला, माल काफी कडक है कुलदीप भाई!