गांडू भाई की गलती से बहन की बुर की चुदाई

मेरे गांडू भाई ने डिलीवरी बॉय से गांड मरवा ली से आगे
हैलो साथियो, अब तक आपने मेरी सेक्स स्टोरी में पढ़ा था कि मेरा भाई गांड मराने का शौकीन था और उसने पिज्जा वाले डिलीवरी ब्वॉय से अपनी गांड मरवा ली थी। वो डिलीवरी ब्वॉय समझ रहा था कि रात के अँधेरे में उसने मेरी गांड मारी थी और उसके फोन मेरे पास आने लगे थे।

अब आगे..

उसके बाद मैं ये सोचने लगी कि इसका लंड मेरी बुर की चुदाई करेगा तो कितना मज़ा मिलेगा पर ये सब कैसे होगा। मैंने बड़ा दिमाग़ लगाया और भाई के पास गई। मैंने भाई के पास जाकर देखा तो भाई लेटा हुआ था।
मैंने भाई से कहा- क्या कर रहा है?
भाई ने कहा- कुछ नहीं।
उसके बाद मैंने बातों-बातों में भाई से पूछा- तेरी कोई जी एफ है?
तो उसने कहा- नहीं दीदी, मुझे इन सब चीजों में कोई इंटरेस्ट नहीं है।

तो मैंने झटके से बोल दिया कि तो किसमें इंटरेस्ट है.. लड़कों में?
ये बात सुनते ही वो मेरा मुँह देखने लगा।
मैंने कहा- बता बता.. कुछ मत छुपा.. जो सच है वो बता?
फिर वो चुप हो गया, तो मैंने उससे कहा- एक बात बताऊं.. उस दिन जो डिलीवरी बॉय आया था.. वो मैंने सब देखा था।

ये सुनते ही वो पूरा घबरा गया और नीचे मुँह करके बैठ गया।

मैंने उससे साफ़ शब्दों में कहा- मुझसे कुछ मत छुपा.. तेरा जिसमें इंटरेस्ट है, मुझे बता?
तो उसने अपने मुँह को ऊपर उठा कर कहा- दीदी, मुझे लड़की बन के रहना अच्छा लगता है।
फिर धीरे-धीरे वो पूरा खुल गया।

तब मैंने उससे कहा- देख मैं तेरा पूरा साथ दूँगी लेकिन आज से जो भी करेंगे.. हम दोनों साथ ही करेंगे।
मेरी बात समझने में उसने देर नहीं लगाई और वो झट से बोल पड़ा- दीदी.. क्या आप भी मेरे साथ किसी से चुदना चाहती हो?
मैंने भी सब शर्म भूल कर साफ़ शब्दों में कहा- हाँ जिस डिलीवरी बॉय का लंड तूने चूसा था.. वो मुझे डेली फोन करके बोलता है कि आज रात को बुला लो। उसको लगता है कि उस दिन उसका लंड मैंने चूसा था।

ये सुनते ही उसने मुझे ‘सॉरी’ कहा, तो मैंने कहा- जो होता है.. अच्छे के लिए ही होता है.. क्यों ना आज उसको बुला कर हम साथ में मज़ा लें?
मेरी बात सुनते ही भाई ने झट से ‘हाँ’ बोल दिया।
मैंने उससे कहा- तो चल तुझे अपनी तरह तैयार करती हूँ।

मैंने उसको पूरा माल किस्म की लौंडिया जैसा तैयार किया, फिर उस डिलीवरी बॉय को कॉल करके आने को कह दिया।

कुछ टाइम बाद डोरबेल बज़ी तो मैंने झट से भाई से कहा- तू साइड में छुप कर देख.. जब मैं कहूँ, तभी आना।

भाई झट से छुप गया, मैंने बेबीडॉल गाउन पहना हुआ था.. जो कि मेरे घुटनों से काफ़ी ऊपर उठा था और गाउन के नीचे ब्रा पेंटी भी नहीं पहनी थी।

मैं दरवाज़े की तरफ़ गई और गेट खोला।

जैसे ही डिलीवरी बॉय अन्दर आया, उसने आते ही मुझे हग कर लिया और ज़ोर से मेरे मम्मों को दबा दिया। मेरे मुँह से ‘आह..’ निकल गई।

मैंने संभलते हुए उससे कहा- पहले दरवाज़ा तो बंद कर दूँ..!
उसने कहा- जल्दी करो जान.. सब्र नहीं होता.. आज तो तेरे अच्छे से मज़ा लूँगा।

मैंने झट से दरवाज़ा बंद किया और उसको पकड़ कर भाई के कमरे में ले गई। कमरे में जाते ही उसने दुबारा मुझे पकड़ लिया और मेरी गर्दन पर किस करने लगा। मेरी बुर पूरी गीली हो गई और जल्दी ही उसका हाथ मेरी बुर पर चला गया। गीली बुर पाकर वो बहुत खुश हुआ और उसने टाइम खराब ना करते हुए मेरा गाउन निकाल फेंका। साथ ही वो खुद के कपड़े भी निकालने लगा।

मैं नंगी खड़ी हुई उसको देख रही थी। वो जैसे ही नंगा हुआ, उसका लंड बहुत लंबा झूलता हुआ दिखाई दिया। उसका लंड देख कर मैं तो जैसे पागल ही हो गई थी।

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उसके बोलने से पहले मैंने खुद ही उसका लंड पकड़ लिया और घुटनों पर बैठ कर उसका लंड अपने मुँह में भर लिया। उसने मेरे सिर को पकड़ कर मुँह में धक्का देना शुरू किया। करीब 5 मिनट लंड चुसाई के बाद मुझे बड़ा मज़ा आया।
उसके बाद उसने कहा- जान आओ ना.. हम दोनों 69 करते हैं।

मैं जाकर बिस्तर पर लेट गई। वो मेरे बराबर में आकर लेट गया और अपनी जीभ से मेरी बुर से खेलने लगा। पहली बार बुर पर किसी का स्पर्श पाकर मैं जल्दी ही झड़ गई। लेकिन वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। उसके बाद उसने लंड को मेरे मुँह से बाहर निकाला और बुर पर घिसने लगा। मैं बहुत एग्ज़ाइटेड थी कि लंड मेरी बुर की चुदाई करेगा, अन्दर जाएगा तो कितना मज़ा आएगा।

तभी वो बोल पड़ा- जानू आप अकेली हो क्या घर में?
तो मैंने कहा- नहीं मेरी छोटी सिस्टर है.. वो ऊपर वाले कमरे में सो रही है।
उसने कहा- कोई प्राब्लम तो नहीं होगी ना?
मैंने कहा- नहीं.. वो सोने के बाद जल्दी से नहीं जागती।

वो लगातार मेरी बुर पर लंड घिस रहा था।

वो मुझसे बोला- आपने पहले भी सेक्स किया है क्या?
तो मैंने कहा- पहली बार कर रही हूँ।
तो वो मुझसे बोला- आपको बहुत दर्द होगा.. एक काम करता हूँ.. मेरी बाइक की डिग्गी में एक ऐसी चीज़ रखी है.. जिससे आपको दर्द नहीं होगा। आप बस 2 मिनट रूको, मैं अभी लेकर आता हूँ।
मैंने कहा- ओके।

उसने बिस्तर पर पड़ी चादर को लपेटा और कमरे से बाहर चला गया।

मैं बिस्तर पर लेटी हुई अपनी आँखें बंद करके बुर सहला रही थी। अचानक मुझे अपने कमरे का गेट बंद होने की आवाज़ आई, मैंने अपनी आँखें खोलीं तो सामने 2 लड़के खड़े हुए थे।

मैं जल्दी से उठने लगी, तो उसने कहा- जान, ये मेरा फ्रेंड है.. बाहर अकेला बैठा था तो प्लीज़ बुरा मत मानना।

इतना कहते ही वो चादर को अपने बदन से दूर करके बिस्तर पर आ गया और मुझे पकड़ लिया।

मैंने कहा- प्लीज़.. मैं 2 के साथ नहीं करूँगी।
तो उसने कहा- जान प्यार से मान जाओ.. नहीं तो क्या फायदा आपके साथ ज़बरदस्ती होगी.. और आपकी बहन आवाज़ सुन कर आ जाएगी, फिर हम उसको भी चोद देंगे।

मैं तो पूरी तरह से डर गई कि ये तो ज़बरदस्ती करने पर आ गए।

तब तक दूसरे वाले ने भी अपने पूरे कपड़े निकाल दिए। उसका लंड भी पहले वाले के जितना ही लंबा था। वो लंड को हाथ में पकड़ कर आगे को आया और मेरे मुँह में लंड को टच करने लगा।

तो मैंने मन में सोचा कि चुदना मुझे 100% है ही.. क्यों ना प्यार से चुदूँ। बस मैंने अपना मुँह खोल लिया और उसका लंड मुँह में चला गया। तब तक पहले वाले ने मेरी टांगें चौड़ी कीं और अपना लंड मेरी बुर पर रगड़ने लगा। फिर रगड़ते-रगड़ते कब उसने झटका मार दिया.. पता ही नहीं चला। बस मेरी आँखों में से आंसू निकल आए। आवाज़ ज़्यादा नहीं निकली, क्योंकि मुँह में लंड घुसा था।

उसने बिना रुके मेरी बुर में 3 झटके मारे.. जिससे उसका पूरा लंड अन्दर घुस गया। दर्द के मारे मैं मछली की तरह तड़फ़ने लगी, तो वो रुक गया और मेरे मम्मों को चूसने लगा।
फिर वो बोला- बेबी बस.. अब मज़ा आएगा, दर्द नहीं होगा.. थोड़ा सहन कर लो।

मैं भी मुँह से लंड बाहर निकाल कर रोती रही।
मैं बोली- मुझे नहीं करना.. प्लीज़ बाहर निकालो.. मैं मर जाऊंगी।

उसने एक ना सुनी और धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा। कुछ टाइम बाद थोड़ा दर्द कम हुआ और मज़ा आने लगा। तब मैंने खुद ही अपना मुँह खोला और लंड चूसने लगी।

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वो समझ गया कि मुझे भी मज़ा आ रहा है। उसने धक्कों की स्पीड तेज़ की और मुझे चोदने लगा। दस मिनट बाद उसका पानी बुर में ही निकल गया। तब तक दूसरा मेरी बुर मारने के लिए रेडी था। दोनों ने अपनी पोज़िशन चेंज की और पहले वाले का लंड मैंने हाथ में ले लिया।

उसका लंड मेरी बुर की सील टूटने से पूरा खून से भरा हुआ था। मैंने पास में रखी बोतल से पानी लेकर उसका लंड साफ़ किया और मुँह में ले लिया।

तब तक दूसरे ने बुर में लंड घुसा कर मेरी चुदाई करने लगा। मुँह में जाने से पहले वाले का लंड दुबारा खड़ा हो गया।
वो मुझसे कहने लगा- बेबी, आपकी गांड में डाल दूँ?
मैंने कहा- नहीं.. मैं मर जाऊंगी.. नेक्स्ट टाइम गांड में डाल लेना।

तब तक दूसरे वाले का भी पानी मेरी बुर में निकल चुका था और वो भी अपना लंड साफ़ करवाने आ गया। मैंने उसका लंड भी चूस कर साफ़ कर दिया।

चूसने से उसका भी लंड दुबारा से खड़ा हो गया। अब दोनों बोलने लगे- प्लीज़, एक बार और चुदाई करने दो।
मैंने उन दोनों को मना किया कि नहीं प्लीज़ अब मैं बहुत थक चुकी हूँ.. नेक्स्ट टाइम करेंगे।
तो वो बोलने लगे- फिर इस खड़े लंड को नेक्स्ट टाइम तक कैसे रोकेंगे?
तो मैंने कहा- तुमको और मज़ा चाहिए?
उन्होंने कहा- हाँ।
तो मैंने कहा- जैसा मैं बोलती हूँ वैसा करना, कुछ एक्सट्रा करने की ज़रूरत नहीं है।
उन्होंने कहा- ओके बेबी.. करना क्या है?

मैंने कहा- ऊपर वाले रूम में मेरी सिस्टर सो रही है।
ये वाली बात मैंने थोड़ी तेज़ आवाज़ में बोली ताकि भाई को सुनने में आ जाए और वो जल्दी से ऊपर वाले रूम में जाकर सोने का नाटक करने लगे।
आगे मैंने उन्हें कहा- उस सोती हुई को ही अपना लंड चुसवाना और उसके पीरियड्स चल रहे हैं तो बुर में नहीं गांड में डालने की कोशिश करना, पर ध्यान से कहीं वो चिल्लाने ना लग जाए।
ये सुनकर वो बहुत खुश हुए और मुझे बोलने लगे- जैसा तुम कहोगी, वैसा करेंगे जल्दी चलो।

मैं उन्हें लेकर ऊपर वाले रूम में गई तो भाई सोने का नाटक कर रहा था, जिसको मैंने बिल्कुल लड़की की तरह तैयार किया हुआ था। कमरे में लाइट बंद थी, हल्का सा उजाला था, जिसने वो लोग पहचान नहीं सके कि ये इसकी बहन नहीं, भाई है।

वो दोनों नंगे ही उसके पास चले गए। एक ने उसके होंठों पर लंड रखा तो भाई ने सोने का नाटक करते हुए अपना मुँह खोल दिया और लंड चूसने लगा। तब तक दूसरे ने मेरी भाई की स्कर्ट (उसने मेरी स्कर्ट पहनी हुई थी) को ऊपर उठा कर उसकी चिकनी गांड पर लंड रगड़ने लगा। दोनों का पानी जल्दी ही निकल गया। जो अपना लंड गांड पर रगड़ रहा था.. उसका पानी में पी गई और दूसरे का पानी भाई के मुँह में ही निकल गया।

उसके बाद मैंने दोनों को नीचे बुलाया और दोनों अपने कपड़े पहन कर चले गए।

अब हम दोनों भाई-बहन या यूं कहिए कि बहन-बहन बहुत खुश हैं। वो लौंडे अब लगभग डेली आते हैं.. उनके साथ नए-नए लंड भी आते हैं, जिस दिन मॉम-डैड की नाइट शिफ्ट होती है, उस दिन हमारी खूब चुदाई होती है।

दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आपको इधर तक की सेक्स स्टोरी अच्छी लगी होगी। आगे की सेक्स स्टोरी भी जल्दी ही लिखूँगी कि मैं प्रेग्नेंट हो गई थी, उसके बाद क्या किया और बाहर कितने लंडों से मैं चुदी।

तब तक मेल करके बताओ कि मेरी बुर की चुदाई की सेक्स स्टोरी कैसी लगी।
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