फ्रेंड वाइफ Xxx स्टोरी में पढ़ें कि एक दिन मैंने अपने पार्टनर की एक्स बीवी को लिफ्ट दी और उसे घर तक छोड़ने गया. उसने चाय के लिए मुझे अंदर बुला लिया. वहां क्या हुआ?
हैलो फ्रेंड्स, मैं विनय वर्मा एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी में आपका स्वागत करता हूँ.
सेक्स कहानी के पहले भाग
पार्टनर की जवान बीवी पर दिल आया
में अभी तक आपने पढ़ा था कि किस तरह से सविता और अमित के तलाक के बाद मुझे एक बहुत बढ़िया मौका मिला कि सविता मुझसे दोस्ती के लिए तैयार हो गई थी और आज की रात मैं उसे चोदने वाला था.
अब आगे फ्रेंड वाइफ Xxx स्टोरी:
सविता मेरे कंधे पर सर रखकर बैठी हुई थी और मैं आहिस्ते आहिस्ते उसकी मखमली बांहों को सहला रहा था.
कुछ देर बाद मैंने और आगे बढ़ने की सोची और सविता का दमकता हुआ चेहरे को अपने हाथों से ऊपर उठाया.
वो अब हर चीज के लिए बिल्कुल तैयार लग रही थी और उसने अपनी आंखें बंद कर ली थीं.
मैं उसके गुलाब जैसे कोमल होंठों की तरफ बढ़ने लगा और जल्द ही उसके होंठों को अपने होंठों से चूमने लगा.
सविता अपने आपको पूरी तरह से मुझे सौंप चुकी थी. वो भी मेरा साथ देते हुए अपनी जीभ मेरी जीभ से लड़ाने लगी.
मैंने उसकी कमर को अपने एक हाथ से थाम लिया और उसे अपने और करीब ले आया.
जल्द ही हम दोनों गर्म होने लगे और सविता अपने दोनों हाथों को मेरे सर पर रखकर मेरे बाल सहलाने लगी.
मैं कभी उसके होंठ चूमता, कभी उसकी जीभ अपने मुँह में भरकर चूसता.
जल्द ही मेरा एक हाथ उसके सीने पर जाकर उसके कसे हुए दूध को गाउन के ऊपर से ही सहलाने लगा.
कसम से उसके दूध इतने सुडौल थे कि उनको सहलाने का अलग ही मजा मिल रहा था.
कुछ देर हम लोग सोफे पर बैठे हुए ही एक दूसरे को चूमते रहे, फिर मैं उसे लेकर बेडरूम की तरफ़ चल दिया.
बेडरूम में जाकर खड़े होकर ही हम दोनों एक दूसरे को अपनी बांहों में भर लिया और एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे.
दोस्तो, अभी तो शुरूआत हुई थी लेकिन मैं समझ चुका था कि सविता काफी गर्म औरत थी और उसे कई दिनों से किसी मर्द का साथ नहीं मिला था.
वो मुझे बिल्कुल नोंचे जा रही थी और मैं भी उसके जोश का जवाब अपने जोश से दे रहा था.
जल्द ही मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए उसके शरीर से निकाल दिया.
अब वो चड्डी पहने हुए मेरी बांहों में झूम रही थी.
उसका दूधिया बदन किसी कयामत से कम नहीं था.
उसने भी अपने हाथों से मेरे कपड़े निकालने शुरू कर दिए और जल्द ही मैं भी केवल चड्डी में रह गया.
अब मेरा बालों से भरा मजबूत बदन सविता के कोमल चिकने बदन पर चिपक कर उसे सहलाने लगा.
मैंने अपने दोनों हाथ उसके पीठ पर ले जाकर पीठ से उसकी गांड तक उसे सहलाते हुए उसके होंठ, गोरे गाल, उसकी सुराही जैसी गर्दन पर अपने चुम्बन की झड़ी लगा दी थी.
उसके दोनों हाथों को ऊपर उठाकर उसके अंडरआर्म को अपने जीभ से मलाई की तरह चाटने लगा.
फिर मैं उससे अलग हुआ और नीचे झुककर उसके छोटे छोटे गुलाबी निप्पल्स को अपने मुँह में भर लिया.
सविता उस वक्त काफी उत्तेजित हो गई और मेरे सर को अपने दूध पर दबाते हुए कराहने लगी- सीईईई आआह मम्मीईई … चूस लो … बहुत दिनों से किसी ने चूसे नहीं हैं.
मैंने कहा- इसका मतलब तुम काफी दिनों से चुदी नहीं हो.
वो दारू के नशे में बोली- हां, काफी दिनों से मेरी चूत को लंड नहीं मिला है.
उसकी साफ़गोई से मैं भी जोश में आ गया और उसके एक निप्पल को दांत से हल्के हल्के से काटने लगा.
‘आउच्च … उऊफ्फ …’
सविता भी जोश से भर गई और मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ाते हुए मुझे अपने सीने पर चिपकाने लगी.
काफी देर तक मैंने उसके दोनों दूध को बहुत बुरी तरह से चूसा और दबाया जिससे उसके दोनों दूध लाल टमाटर की तरह दिखने लगे.
अब मैंने सविता को बिस्तर पर लेटा दिया और खुद भी बिस्तर पर चला गया.
मैं सविता के पैरों के पास बैठ गया. वो केवल चड्डी पहने मेरे सामने लेटी हुई थी.
उसका दमकता हुआ गोरा बदन मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रहा था.
मैंने अपने हाथों में उसका एक पैर उठाया और उसे चूमते हुए उसकी गदराई हुई जांघों तक उसे चूमने लगा.
ऐसे ही मैंने उसकी दोनों जांघों पर चुम्बन की झड़ी लगा दी.
इसके बाद मैंने अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसकी चड्डी निकालनी शुरू की और सविता ने भी अपने चूतड़ उठाकर चड्डी निकालने में मेरी मदद की.
अब वो बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी और पहली बार मैंने उसकी चूत के दर्शन किए.
उसकी हल्की गेहुंए रंग की चूत, जिस पर बिल्कुल भी झांटें नहीं थीं, उसे देख कर मेरे लंड ने भी चड्डी के अन्दर से ही उसे सलामी दी.
जल्द ही मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
सविता की ‘सीईइ सीईइ …’ की कामुक आवाजें सारे कमरे में गूंजने लगीं.
मैंने अपनी दो उंगलियों से उसकी चूत को फैलाया और अन्दर तक उसकी चूत को चाटने लगा.
उसकी चूत पानी से सराबोर हो गई थी. मैंने उसकी चड्डी से उसकी चूत को साफ किया और काफी देर तक उसकी चूत चाटता रहा.
सविता ज्यादा देर तक अपने आपको रोक नहीं सकी और वो झड़ गई.
मैंने उसकी चूत को फिर से पौंछा और अब मैंने भी अपनी चड्डी को निकाल दिया.
मेरा फनफनाता हुआ लंड आजाद होकर सविता के सामने था.
सविता अभी अभी झड़ी थी इसलिए मैंने उसे फिर से गर्म करने के लिए उसे अपने ऊपर ले लिया.
उसने बिना किसी शर्म के मेरे सीने को चूमते हुए नीचे हाथ बढ़ाकर मेरे लंड को थाम लिया और सहलाने लगी.
जल्द ही सविता मेरे लंड के पास पहुंच गई और मेरे लंड को आहिस्ते आहिस्ते हिलाते हुए मेरे सुपारे को गौर से देखने लगी.
अचानक से सविता ने मेरे सुपारे को गप से अपने मुँह में भर लिया और किसी कुल्फी की तरह मेरे सुपारे को चाटने लगी.
उस वक्त मुझे जन्नत जैसा महसूस हो रहा था.
सविता पूरे लंड को अपनी जीभ से चाट रही थी.
मैंने अपने हाथ बढ़ाया और उसकी गोरी गांड को सहलाने लगा.
कुछ देर तक उसने मेरे लंड को चूसा और मेरे ऊपर लेट गई.
उसे मैंने अपनी बांहों में भरकर पलटा दिया और उसके ऊपर आ गया.
मैंने उसकी दोनों जांघों को फैला दिया.
दोनों जांघ फ़ैलने से उसकी चूत ने भी अपना मुँह खोल दिया और उसका छेद साफ साफ दिखने लगा.
मेरा लंड बिल्कुल उसकी चूत के ऊपर सैट हो गया था.
मैं उसके चेहरे को देखते हुए इशारे से अन्दर डालने के लिए पूछा.
उसने भी अपनी आंखें बंद करते हुए अपनी सहमति दे दी.
अगले ही पल मैंने जोर लगाया और लंड फिसलता हुआ चूत में घुस गया.
‘आआह …’ की प्यारी सी आवाज सविता के मुँह से निकली.
उसने बड़े प्यार से मेरे इतने बड़े लंड को झेल लिया था.
मैं समझ गया कि इसे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई और मैं इसे तेजी से चोद सकता हूँ.
मैंने उसे अपने सीने से चिपका लिया और सविता ने भी मुझे कस कर जकड़ लिया.
मैंने अपने लंड को जल्दी जल्दी अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और जल्द ही अपनी पूरी ताकत से उसे चोदने लगा.
उसकी मादक आवाजें तेजी से कमरे में गूंजने लगीं.
उसकी गर्म सांसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं.
उसने अपने नाखून मेरी पीठ पर दबा दिए थे.
हम दोनों ही पूरे जोश में थे और एक दूसरे का साथ देते हुए चुदाई का मजा ले रहे थे.
सविता अपनी गांड उचका उचका कर चुदवा रही थी और उसकी ये अदा मुझे दीवाना बना रही थी.
आज बहुत दिनों बाद मुझे सविता जैसी गर्म लड़की चोदने को मिली थी.
सविता मेरा हर तरह से पूरा साथ दे रही थी और मैं उसके कोमल बदन को अपने बदन से लपेटे दनादन चुदाई किए जा रहा था.
बीच बीच में मैं उसके गालों और होंठों को चूमता जा रहा था और वो भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे मुँह में डाल रही थी.
करीब पांच मिनट की धुंआधार चुदाई के बाद मैं रुका और अपना लंड बाहर निकाल लिया.
अब मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और सविता को ऊपर आने का इशारा किया.
सविता मुस्कुराती हुई उठी औऱ अपने दोनों पैर फैलाते हुए मेरी कमर में फंसा कर मेरे लंड पर बैठ गई.
एक हाथ से मेरे लंड को उसने अपनी चूत में फंसाया और झटका लेते हुए बैठती चली गई.
उसने लंड चूत में लेकर मेरे गले में अपनी बांहें डाल दीं.
मैंने भी अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को सम्हाला और सविता अपनी कमर हिलाते हुए लंड अन्दर बाहर लेने लगी.
वो बहुत मस्ती से कमर हिलाते हुए चुदाई का मजा ले रही थी.
उस पोजीशन में हम दोनों ने 5 मिनट तक चुदाई की और फिर सविता अलग हो गई.
मैंने उसे फिर इशारा किया और उसे घोड़ी बनने के लिए कहा.
सविता तुरंत ही अपने घुटनों पर होकर घोड़ी बन गई.
मैं उसके पीछे अपने घुटनों पर हो गया और पहले उसकी गांड को हाथों से सहलाते हुए अपने होंठों से चूमने लगा.
उसकी गोरी गोरी चिकनी गांड गजब की लग रही थी.
कुछ देर चूमने के बाद मैंने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को फैलाया और लंड चूत में लगाकर अन्दर पेल दिया.
सविता ने भी अपनी गांड हिलाकर लंड को अच्छे से सैट कर लिया.
मैंने उसके चूतड़ों को कसके पकड़ लिया और धक्के लगाना शुरू कर दिया.
मेरे धक्कों के साथ उसके चूतड़ों में गजब की लहर बन रही थी, जो मुझे और तेज चोदने के लिए जोश दिला रही थी.
जल्द ही मैंने अपनी पूरी ताकत लगाकर उसकी चुदाई शुरू कर दी.
उसके चूतड़ जल्द ही मेरे धक्कों से लाल हो गए.
फट फट की आवाज पूरे कमरे में गूंज उठी.
इस बार न वो रुकने को तैयार थी और न मैं. वो बस चिल्लाए जा रही थी.
‘आंह और तेज और तेज और करो और तेज करो.’
लगातार 15 मिनट तक उसे चोदने के बाद मैं उसके अन्दर ही झड़ गया.
इस बीच सविता भी 2 बार झड़ चुकी थी.
हम दोनों के ही बदन पसीने से भीग चुके थे और हम दोनों ही थक कर लेट गए.
मैंने एक सिगरेट सुलगा ली और उसी सिगरेट से सविता भी छल्ले उड़ाने लगी.
उसके आधा घंटा बाद हम दोनों फिर से तैयार हुए और फिर से चुदाई का खेल शुरू हुआ.
इस बार मैंने सविता की गांड भी चोद दी, जो कि मुझे काफी पसंद थी.
आज मेरी दिल की तमन्ना पूरी हो गई थी, जिसे मैं देखकर आहें भरता था, उसे मैं आज चोद चुका था.
दो बार की चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही सो गए.
सुबह सुबह हम जब उठे, उस वक्त 7 बज रहे थे.
उस समय फिर से हम दोनों ने चुदाई की.
इसके बाद हम दोनों ने ही अपने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली.
उसके अगले दिन तक मैं उसके साथ उसके घर पर ही रहा और हम दोनों के बीच रुक रुक कर चुदाई होती रही.
कभी बेडरूम में, कभी सोफे पर, कभी बाथरूम में नहाते वक्त, तो कभी सविता को फर्श पर लेटा कर … मैं उसे चोदता रहा.
ऐसा कोई आसन नहीं बचा था, जिस आसन में हम दोनों ने चुदाई नहीं की हो.
उसके बाद अगली सुबह मैं वापस आ गया.
आज भी मेरा फ्रेंड वाइफ Xxx रिश्ता चल रहा है और कभी मेरे घर पर, तो कभी उसके घर पर … जब भी मौका मिलता है, हम दोनों चुदाई का मजा लेते हैं.
मुझे पाकर सविता ने अपने सारे दोस्तों से रिश्ता तोड़ लिया है और अब वो केवल मुझसे चुदती है.
मैं एक दो बार काम के सिलसिले से बाहर भी गया, जहां सविता भी मेरे साथ गई और हम दोनों ने होटल में रुककर चुदाई का मजा लिया.
सविता के मेरी जिंदगी में आने से मेरी सेक्स लाइफ बिल्कुल बदल गई.
मैं जिस तरह की चुदाई के लिए तरसता था और मुझे कॉलगर्ल के पास जाना पड़ता था, अब वो कमी पूरी हो गई है.
सविता कभी किसी चीज के लिए मना नहीं करती और दिल खोलकर चुदाई करवाती है.
मैं भी उसका पूरा ख्याल रखता हूँ और उसे किसी भी चीज की कमी नहीं होने देता.
वो जो बोलती है, मैं उसे लाकर देता हूँ.
हम दोनों एक दूसरे को पाकर बहुत खुश हैं.
आपको मेरी फ्रेंड वाइफ Xxx स्टोरी कैसी लगी, कहानी के कमेंट में जरूर बताइएगा.
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