दोस्त की सासू मा की कामुकता शांत की

Sasu Maa ki Chudai : सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। हेलो दोस्तो मेरा नाम हर्ष पाटिल है, मैं नवी मुंबई से हूँ. आज मैं आप सभी को एक नयी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो सिक्स मंत पहले घटी है. उसके पहले अपना परिचय देता हूँ जो नये रीडर है उनके लिए. मेरा नाम हर्ष है. मेरी एज 26 यियर्ज़ है.

तो दोस्तो आप सभी को ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधा स्टोरी पे आता हूँ. मेरा एक दोस्त है अवी उसकी बेहन की शादी थी और उसने मुझे इन्वाइट किया था. शादी का प्रोग्राम उसके गाँव मे था. वो और उसकी फॅमिली दस दिन पहले ही जानेवाले थे. और मैं शादी के 2 दिन पहले जाने वाला था. सो उसने मुझे रिक्वेस्ट की के आते वक़्त उसके सास को लेकर आना क्यूंकी वो अकेली आने वाली है.

तो दोस्तो ये स्टोरी की हेरोइन है माया आंटी एज 49 यियर्ज़ विडो साइज़ 34-32-38, यानी के अवी की सास. उनको मैने पहले अवी के शादी मे देखा था वो बेहद खूबसूरत लग रही थी. और उसी समय मैं उनका दीवाना हो गया था. लेकिन उस समय और उसके बाद कुछ हो ना पाया. और उसके बाद अवी के घर पे कुछ ना कुछ प्रोग्राम मे मिल जाती थी. वैसे थोड़ी बोहुत जान पहचान थी मेरी उनके साथ.

फिर मैने उनसे बात की और फिर अवी के गाँव जानेवाली सेमी स्लीपर लक्सरी का टिकेट बुक कर दी. उसके बाद हम लोग सीधा बस स्टॅंड पे मिले थे. उनको उनका बेटा आया था छोड़ने. उसके बाद हम दोनो बस मे आग्ये. फिर बस रात को 9 बजे निकली डेपो से और वो सुबह 6 बजे हमे अवी के गाँव पहुँचाने वाली थी.

आंटी विंडो के साइड मे बैठ गयी और मैं उनके बाजू मे बैठ गया. और हमारे बाजू के सीट पर एक कपल बैठे थे. वो थोड़े नॉटी टाइप के लग रहे थे बिल्कुल एक दूसरे से चिपक कर बैठे थे. बस मे डिम लाइट चालू थी.

फिर मैं और आंटी ने थोड़ी देर इधर उधर की बातें कर रहे थे और मैने नोटीस किया आंटी बार बार बाजू वाले सीट पर देख रही थी. तो एकबार मैने भी वो साइड देखा तब पता चला के वो दोनो एक दूसरे को किस कर रहे थे और एकदूसरे को सहला रहे थे.

फिर मैने आंटी के तरफ देखा वो मूज़े ही देख रही थी, और मंद मंद मुस्कुरा रही थी, मैं भी समझ गया फिर मैं भी मुस्कुरा दिया. और उन्होने धीरे से कहा

आंटी: क्या जमाना आया है.

मैं: ह्म्म अब ये सब तो नॉर्मल है शायद अभी अभी शादी हुई है.

आंटी: हा मुझे भी ऐसी ही लगता है.

अब मैं जानबूझकर उसी टॉपिक पर बात करने लगा.

मैं: उसके लिए इतने उतावला हो रहे है, वैसे तो शादी के बाद हर कोई ऐसी ही बिहेव करता होगा. हाहाहा

आंटी: अब क्या पता कौन कैसे बिहेव करता है.

मैं: क्यूँ आंटी आप की जब नयी नयी शादी हुई थी तब आपने भी ऐसे ही मज्जे किए होंगे ना.

आंटी: अरे नही बेटा तुम्हारे अंकल तो ज़्यादा तर काम मे ही बिज़ी रहते थे. उन्हे ये सब ज़्यादा पसंद नही था. और अब तो वो नही रहे…

इतना कहने के बाद आंटी के आँखे थोड़ी नम हो गयी. फिर मैने उनका हाथ अपने हाथों मे लिया और उनके जाँघ पे रख दिया और उन्हे दिलासा देने लगा.

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मैं: ओह सॉरी आंटी. मेरा मतलब आपका दिल दुखाने का नही था.

आंटी: नही बेटा ठीक है अब जो हो गया सो हो गया.

मैं: लेकिन एक बात कहूँ आंटी. अगर आप बुरा ना माने तो…

आंटी: ह्म्म

मैं: अगर आप मेरी वाइफ होती ना तो मैं आपके साथ बहुत मज्जे करता.

अब आंटी ने मेरी तरफ एक बार देखा और कहा

आंटी: तुम तो इतने हॅंडसम हो तुम्हे तो कोई भी मिल जाएगी फिर मैं ही क्यूँ.

मैं: सच कहु, लेकिन प्लीज़ बुरा मत मानना

आंटी: ह्म्म बोलो.

मैं: आप सच मे बेहद खूबसूरत हो, जब मैने आपको पहली बार देखा था तभी से मैं आपका दीवाना हो गया था. आइ लाइक यू आंटी सो मच.

और मैने उनके हाथ को चूम लिया, वो भी थोड़ा शर्मा गयी. लेकिन कुछ कहा नही उन्होने.

उसके बाद थोड़ी देर मे बस एक जगह खाना खाने के लिए रुक गयी. तब तक मेरे मन उथल पुथल हो रहा था. फिर हम दोनो खाना खाकर वापस बस मे आकर बैठ गये. उसके बाद बस फिर से चालू हो गयी. अब सभी लोग सोने लगे थे बस मे. ड्राइवर ने सभी लाइट्स ऑफ कर दी थी.

फिर थोड़ी देर बाद मैं भी आंटी के और करीब गया और उनका हाथ अपने हाथ मे लिया और आंटी ने अपना सिर मेरे कंधे पर रख कर कहा.

आंटी: क्या सच मे तुम्हे मैं अच्छी लगती हूँ??.

मैं: सच मे अगर मैं आपके एज का होता ना तो आपसे शादी कर लेता.

और मैने उनके सिर पर किस किया उम्म्म.

आंटी: और क्या करते.

मैं: और….

मैं समाज गया अब आंटी भी पूरी मूड मे आई है. फिर मैने उनके चिन को पकड़कर अपने हाथ से उठाया और उनकी आँखों मे देखकर उनके लिप्स को किस किया, वो भी मस्त रेस्पॉन्स कर रही थी. अब मैने अपने एक हाथ से उनका बोबा दबाने लगा था ब्लाउस के उपर से ही. और वो और भी ज़्यादा पॅशनेट्ली किस कर रही थी. थोड़ी देर हम दोनो यूँही कपड़ों के उपर से एकदुसरे को सहला रहे थे.

फिर मैने अपना एक हाथ उनकी सारी के अंदर डाला और उनके चूत के दाने को रगड़ने लगा था. और तभी उन्होने भी मेरी पॅंट की जीप खोली और लंड बाहर निकालकर सहलाने लगी. कुछ देर बाद वो झड़ गयी. शायद बहुत दीनो से प्यासी थी. फिर उन्होने कहा

आंटी: आज के लिए इतना बस अब बाद मे देखेंगे.

मैं: ठीक है आंटी. अब तो दो तीन दिन है हमारे पास

और मैने फिर से उन्हे अपनी बाहों मे लेकर सोने की कोशिश करने लगा. फिर सुबह हम लोग अवी के गाँव पहुँच गये. उसके बाद सुबह से वहाँ पे सब तैयारी चालू थी, मैं भी अवी के साथ मिलकर थोड़ी बहुत उसकी मदत कर देता था.

फिर उसी दिन दोपहर को आंटी और अवी की वाइफ मेरे पास आई और कहा के उनको कुछ खरीदारी करनी है मार्केट मे जो की 20क्म दूर था उनके घर से. फिर अवी के वाइफ ने मूज़े कहा तुम मम्मी को लेकर अवी के भाई के बाइक से जाओ और शाम तक आजना.

मैं तो ये सुनके एकदम खुश हुआ क्यूंकी आंटी के साथ टाइम बिताने को मिल रहा है. फिर मैं भी अवी से बात की और बाइक लेकर आंटी के साथ निकल गया. रास्ते पर ज़्यादा कोई नही था आंटी मुज़ासे बिल्कुल सॅट कर बैठी थी. थोड़ा आगे जाकर मैने पूछा

मैं: वैसे आंटी क्या लेना है मार्केट से?

आंटी: ज़्यादा कुछ नही लेना मैने तो ऐसे तुम्हारे साथ थोड़ा समय गुजारने के लिए यह कह दिया था.

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मैं: ओह आंटी सच मे, मैं भी आपका साथ पाने के लिए तरस रहा था.

फिर थोड़ी देर बाद हम लोग मार्केट पहुँच गये वहाँ पे थोड़ी शॉपिंग की तब तीन बज रहे थे. मुझे वहाँ पे एक होटेल दिखा और आंटी को इशारा किया आंटी मुस्कुरा दी और पूछा क्यूँ?

मैं: कल रात का अधूरा काम पूरा करना था अपनी बीवी के साथ.

आंटी: ओह हर्ष तुम भी ना

और फिर हम दोनो उस होटेल मे चले गये. रूम के अंदर जाने के बाद सबसे पहले मैने आंटी को अपनी बाहों मे लिया और चूमने लगा. आंटी भी मस्त रेस्पॉन्स दे रही थी. अब मैने आंटी को पीछेसे अपनी बाहों मे लिया और उनके गर्दन को चूमते हुए उनके बूब्स सारी के उपर से ही दबाने लगा था. फिर धीरे धीरे उनके ब्लाउस हुक खोलकर उसे निकाल दिया. और उन्हे धीरे धीरे दबाने लगा..

मैं: वाउ आंटी सच ए नाइस बूबी उम्म्म्म…..

आंटी: ह्म्म्म्म… बेटा अब चूस्लो इन्हे. तुम्हारे लिए ही है अब.

यम्मी.. अहह अब मैने आंटी को सीधा किया और उनके बूब्स चूसने लगा. एक हाथ से उनकी गान्ड भी दबा रहा था. तब तक आंटी अपनी सारी निकाली और मैने भी अपने कपड़े निकाल दिए. और फिर आंटी को बेड पर लिटा कर उनके उपर चॅड गया और उनके बूब्स से लेकर नीचे तक चाटने लगा था.

चाटते चाटते मैं उनके चूत तक पहुँच गया. फिर एक बार आंटी को देखा वो अपनी आँखें बंद किए हुए बस मज्जा ले रही थी. अब मैने उनके चूत के दाने को अपने ज़बान से चेदने लगा था. और फिर धीरे धीरे उनकी पूरी चूत मूह मे लेकर चूसने लगा. आंटी ने अपना हाथ मेरे सिर पर रखकर सहला रही थी.

कुछ फिफ्टीन टू ट्वेंटी मिनिट्स चूसने पर आंटी एक बार झड़ गयी थी. उसके बाद उन्होने मुझे उठाया और कहा

आंटी: ओह हर्ष सच मे आज तुमने मुझे बिना चुदाई करे ही झड़ दिया. मैने ये अनुभव पहले कभी नही लिया था.

फिर आंटी ने मेरा लंड हाथ मे लेकर सहलाने लगी थी. और मैं बेड पर लेटा हुआ था और आंटी मेरा लंड चूसने लगी थी. आहहहाहाहह सच मे क्या कमाल का चूस रही थी आंटी. मैं उनके बालो को सहला रहा था और बीच बीच मे उनके बूब्स दबा रहा था.

मैं: ओह आंटी खूब मज्जा आ रहा है क्या मस्त चूस रही हो आप. उम्म्म्मममम

उसके बाद मेरे झड़ने से पहले ही आंटी उठ गयी और अपनी चूत मेरे लंड पर रख उपर से रगड़ने लगी. शायद उन्हे कंट्रोल नही हुवा था. और फिर उन्होने अपनी चूत मे मेरा लंड घुसाकर उपर नीचे होने लगी. और मैं उनके बूब्स चूस रहा था.

मैं: ओह आंटी क्या चूत है आपकी मेरे लंड को बेहद सुकून मिल रहा है इसमे. उम्म्म्माआअ

आंटी: ओह हर्ष तुम्हारा भी लंड लाजवाब है.

मैं: क्या मज्जा आरहा था. आंटी अपने होश खोकर मुझे चोद रही थी. और मैं भी बीच बीच मे नीचे से धक्के मार रहा था. फिर थोड़ी देर बाद मैने आंटी को नीचे लिया और मिशनरी स्टाइल मे चोदने लगा था. और फिर कुछ बीस मिनिट्स बाद वो मोड़ आगया हम दोनो एक साथ फिर से झड़ गये.

मैं आंटी के उपर ही थोड़ी देर सोया. और फिर हमने कपड़े पहन लिए. उसके बाद हम दोनो अवी के घर आगये. फिर हम जब भी मौका मिलता हम चुदाई कर लेते. फिर आंटी ने मेरी सेट्टिंग अवी के मा के साथ भी लगवाया वो मैं अगली कहानी मे बतौँगा कैसे.