परिवार में स्वछन्द यौन सम्बन्ध

फ्री सेक्स कल्चर है मेरे परिवार में! हम अपने घर में नंगे रहते हैं और सब एक दूसरे से खुला सेक्स कर लेते हैं. ऐसे ही सेक्स की एक घटना का मजा लें आप!

सभी पाठकों को नमस्कार.

मैं आज एक नई तरह की सेक्स कहानी से आपको अवगत कराना चाहता हूं.

मेरा नाम रोहन है, मैं 26 साल का हूँ. मैंने काफी सेक्स कहानियां पढ़ी हैं. लेकिन आजकल के लेखकों की लेखनी में कुछ नयापन नहीं है. फिर चाहे उनकी कहानी सच पर आधारित हो या कल्पना पर.

मेरे परिवार में मेरी मॉम डैड, दो बहनें और मैं ही हूँ. मेरी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और वो अपनी ससुराल में रहती हैं.

मेरी मॉम बड़ी ही गदरायी हुई हैं. उनके 36 इंच के चुचे, 38 इंच की गांड और लचकती कमर बड़ी मस्त है. मॉम का रंग बिल्कुल गोरा है और वो दिखने में ऐसी कामुक माल हैं कि उन्हें देख कर किसी का भी लौड़ा खड़ा हो जाए.

मेरी बहन 21 वर्ष की है. उसके 32 इंच के चुचे हैं. कमर 28 की और 34 इंच की गांड है. मेरी बहन किसी विदेशी लौंडिया सी लगती है. उसका दूध सा गोरा बदन देख कर ऐसा लगता है, मानो किसी फिरंगी ने मेरी मॉम को चोद कर उसे पैदा किया हो.

मुझे बचपन से ही अपनी मॉम की और बहनों की पैंटी और ब्रा को सूंघने और उनको पहनने का शौक रहा है.
मैंने काफी बार अपनी मॉम और बहनों की पैंटी में मुठ भी मारी है.

मेरी छोटी बहन दीपाली की पैंटी से अलग ही खुशबू आती है जिसको अपने मुँह पर लगा कर कोई भी अपना लंड हिलाना चाहेगा और मेरी बहन की चड्डी में ही अपना मुठ निकाल देगा.

मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि लोगों ने सेक्स को एक बहुत बड़ा गोपनीय मसला बना रखा है.
जबकि मेरी कल्पना सेक्स को लेकर कुछ और ही है.

मैं चाहता हूं कि हर परिवार में फ्री सेक्स कल्चर होना चाहिए. मैं तो चाहता हूं कि मेरी बहन ज़्यादा से ज़्यादा लड़कों का लंड चूसे और अपनी चूत और गांड नए नए लौड़ों से चुदवाए.

ऐसे ही मैं ये भी चाहता हूं कि घर में चाहे मॉम हों, चाहे कोई भी औरत हो, वो सबके सामने खुल कर सेक्स करे. घर में चुदाई को लेकर बड़ा ही कूल माहौल हो.
जैसे हम खाना खाते हैं, वैसा ही घर में सबका चुदाई को लेकर भी बर्ताव हो.

किसी भी परिवार में, जब मां अपनी ही चूत से बच्चे को जन्म देती है और अपने चुचों से ही उसको दूध पिलाती है, तो जब बच्चा बड़ा हो जाता है, तब ये प्यार कहां चला जाता है?
मेरा तो मानना है, इस प्यार को बरकरार रखते हुए, हर घर में, मॉम को नंगी घूमना चाहिए. इससे उसकी असली खूबसूरती का उसके बच्चों को पता चलेगा.

हर मां को अपने बच्चों को अपने चूचे, गांड या चूत को इस्तेमाल करने की भी छूट देनी चाहिए.
मेरा तो मानना ये है कि घर में किसी को भी कपड़े नहीं पहनने चाहिए, सबको नंगा होकर घूमना चाहिए.

घर के बाहर एक अलमारी होनी चाहिए जिसमें कहीं बाहर से आते ही सब लोग अपने कपड़े उतार दें और नंगे होकर घर में घुसें.

मैं मानता हूं कि मेरी मॉम और डैड को ये फ्री सेक्स कल्चर शुरू करना चाहिए.
इससे मेरी बहन और मैं भी घर में नंगी रहा करें, ताकि सभी को किसी तरह के शारीरिक सुख की कमी न हो.

घर में किसी को भी टॉयलेट या नहाने जाने के लिए गेट भी बंद नहीं करने पड़ें, सब कुछ खुला हो.

बड़ी बहन की शादी के बाद कुछ ऐसा हुआ कि मेरे घर में सभी इसी मानसिकता के हो गए थे.
अब हमारे घर में खुला सेक्स चलता है.

एक बार मेरे घर में ऐसा ही हो रहा था, उसका दृश्य आपको सुनाता हूँ.

उस दिन मैं टॉयलेट में कमोड पर बैठा था.
बाजू में मेरी मॉम नंगी नहा रही थीं और उसी समय मेरी बहन उसी बाथरूम में स्टूल पर बैठ कर अपनी चूत की शेविंग कर रही थी.

अचानक से डैड भी अन्दर आ गए. उन्हें चुदास चढ़ी थी. वो हमारे सामने ही नंगे हो गए और मॉम को अपना लंड चुसाना शुरू कर दिया.
मैं उन दोनों को देख कर गर्मा गया और मैंने अपनी बहन की आधी साफ़ हो चुकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.

बहन मुझसे बोली- अबे यार भाई, रुक तो जाओ. मुझे अपनी चूत पर से बाल तो हटा लेने दो.
इतने में मॉम ने अपनी गांड डैडी की तरफ कर दी और डैडी मॉम की गांड चूसने लगे.

मैंने डैड से पूछा- डैड, क्या मैं आपको जॉइन कर सकता हूँ?
डैड बोले- हां आ जा न. चल तू पीछे से आ जा और जल्दी अपनी मॉम की गांड मार ले बेटा.

मैं अपनी गांड धोकर उठा और डैड के साथ मॉम की चुदाई में लग गया.
मैंने मॉम की 38 इंच की गांड में लंड पेल दिया और आगे से डैडी ने मॉम की चूत में अपना लंड डाल दिया.

हम दोनों बाप बेटे मॉम के दोनों छेदों में अपना लंड चलाने लगे.
मॉम भी मजे से अपनी गांड चुत में एक साथ बाप बेटे का लौड़ा लेने लगीं और मादक आवाजें निकालने लगीं.

कुछ ही देर में हम दोनों ने अपने अपने लौड़े का माल मॉम के दोनों छेदों में झाड़ दिया.
मॉम डैड से बोलीं- यार आपका लंड तो अब बूढ़ा हो चुका है, आप रोहन से कुछ सीखो.

डैड मेरी तरफ ईर्ष्या की नज़रों से देखने लगे.
वो मॉम से बोले- चल मैंने बहुत सीख लिया, अब सुन … मैं 3 दिन के बिज़नेस ट्रिप पर अपनी सेक्रेटरी के साथ जा रहा हूँ. उसको मेरा लौड़ा चूसना बड़ा पसंद है. इन तीन दिनों में तुम मॉम बेटा और बेटी मिल कर चुदाई कर मजा लेना. और सुन रोहन के लंड की दीवानी, जल्दी अपनी चूत और गांड धोकर नीचे आ जा और मेरे लिए नाश्ता बना दे. मुझे अभी ही आफिस निकलना है.

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डैड ये बोलकर बाथरूम से चले गए.
मॉम ने दोबारा नहाना शुरू कर दिया.

अब तक मेरी बहन की चूत पर से सारे बाल साफ़ हो चुके थे.
वो मॉम की चुदाई देख कर गर्म हो गई थी.

मेरी बहन मेरे पास आई और मेरा लंड पकड़ कर बोली- क्या बोल रहा था, अब बता?
मैंने कहा- अब क्या गांड बताऊं … मेरे लंड माल मैं मॉम की गांड में झाड़ चुका हूँ. अब तुझे दिन में बताऊंगा.

यह सुनकर बहन ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और बोली- साले भैनचोद, तेरा लंड किस खेत की मूली है. मैंने अच्छे अच्छों के मुर्दा लंड खड़े कर दिए हैं.
मेरी बहन मेरे लंड को चूस कर उसे खड़ा करने की कोशिश करने लगी.

मैंने मॉम से कहा- यार अब इस कुतिया को मना करो. अभी अभी तो मैंने आपकी गांड मारी है.
मॉम ने कहा- बेटा देख न तेरी बहन की चुत शेव करके कितनी चिकनी और प्यारी चूत हो गई है. तुझे अभी ही इसको चोदना पड़ेगा. ये अब बिना चुदे मानेगी ही नहीं.

मेरी बहन और ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी.

इतने में मॉम का नहाना पूरा हो चुका था, मॉम नंगी ही अपने कमरे के लिए जाने लगीं.
मॉम बाहर जाते जाते मुझसे बोलीं- चल रोहन … चुदाई खत्म करके जल्दी आ जाना. मैं नाश्ते की तैयारी करती हूँ.

मॉम के जाते ही मैंने अपनी बहन को वहीं बाथरूम में टिका दिया और उसकी चुत को बड़ी मस्ती से चोदा.
पहले खड़े होकर पहले उसकी चूत में लंड पेला, फिर उसकी गांड चोदी और अपना मुठ उसकी गांड में ही झाड़ दिया.

फिर हम दोनों एक साथ नहा कर, बदन पौंछ कर नाश्ते के लिए चले गए.

नाश्ते की टेबल पर डैड बैठे थे. वो नाश्ता करने भी नंगे ही आते थे, बस आफिस जाते समय ही कपड़े पहनते थे.
हम सबको तो घर में ही रहना था इसलिए हम तो नंगे ही रहते थे.

मॉम रसोई में नाश्ता लगा रही थीं.
मैंने पीछे से जाकर मॉम की गांड पर एक ज़ोर से चांटा मारा.

मॉम ने कहा- उन्ह क्या कर रहा है बेटा … मुझे नाश्ता लगाने दे.

मैं मॉम के पीछे घुटनों के बल बैठ गया, मॉम की गांड को दोनों हाथों से खींच कर फैलाया और उनके बड़ी सी गांड के छेद को अपनी जीभ से चाटने लगा.

डैड वहीं बैठे देख रहे थे.
मेरी बहन सीन देख कर बोलने लगी- तू मॉम की गांड से बोर नहीं होता क्या?
डैडी ने भी मेरी बहन की हां में हां मिलाते हुए कहा- हां बे … साले अभी कुछ देर पहले ही तो तूने अपनी माँ की गांड मारी थी. अब फिर से लग गया.

मैंने डैड से कहा- आपकी गांड में मिर्ची क्यों लग रही हैं. आप किसी दिन अपनी सेक्रेटरी की गांड के दर्शन करवाओ न. उसकी गांड में भी मेरा लंड जाएगा, तो वो भी आपका लंड लेना भूल जाएगी.

डैड ने हंस कर कहा- हां साले भोसड़ी के .. जल्द ही तुझे मैं अपनी सेकेट्री मोना के छेद भी दिखलाऊंगा बेटे. अपने घर में दो दो गांड वाली हैं. तू अभी इनका मज़ा ही ले. और एक काम और कर, तेरी बहन की गांड का छेद, इतनी मरवाने के बाद भी बड़ा नहीं हुआ. रात को इसमें थूक लगाकर, दो उंगली डालकर सोया कर.
मेरी बहन हंस दी.

डैड- रोहन की मॉम, तुम भी इसकी गांड का छेद बड़ा करने के लिए कुछ करो.
मॉम ने कहा कि आप चिंता मत करो, किसी तरह जल्दी ही इसके दोनों छेद बड़े करवाती हूं.

फिर हम सबने नाश्ता किया और नाश्ते के बाद रोज़ की तरह एक दूसरे के लंड और चूत और गांड पर चॉकलेट लगा कर चाटते थे, इससे एक अच्छे और स्वादिष्ट मीठे की अनुभूति होती थी.

मॉम मेरा लंड चूसती थीं, मैं बहन की गांड, बहन डैड का लंड चूसती थी और डैड मॉम की गांड चाटते थे.
आज भी हम सबका यही कार्यक्रम हुआ.

लंड चूसने और चूत, गांड चाटने का कार्यक्रम करने के बाद, डैड आफिस चले गए.
मॉम मैं और मेरी बहन दीपाली लॉबी में टीवी देखने लगे.

तभी मॉम मुझे कुछ थोड़ी चिंतित सी लगीं.
मैंने उनके 36 इंच के चुचे सहलाते हुए पूछा- क्या हुआ मॉम, परेशान क्यों हो?
मॉम ने बताया कि वो सुबह डैड की बात को लेकर चिंतित थीं कि दीपाली की गांड और बड़ी कैसे करें.

मॉम सोचती थीं कि दीपाली की गांड का छेद भी अभी छोटा ही था.
मैंने मॉम को बताया- इतना भी छोटा छेद नहीं है मॉम … आप टेंशन मत लो.

मॉम ने बहन को घोड़ी बनकर अपनी गांड खोलकर दिखाने को बोला.
बहन घोड़ी बन गयी और अपने दोनों हाथों से अपने प्यारे चूतड़ों को खींचा.
उसकी गांड का छेद साफ दिख रहा था.

मॉम की बात ठीक थी, दीपाली की गांड छेद बहुत छोटा था.

मॉम ने अपनी दो उंगलियों पर अपनी जीभ से थूक लेकर उसकी गांड के छेद पर लगाया और दोनों उंगली अन्दर घुसेड़ने की कोशिश करने लगीं.

उनकी उंगलियां अन्दर चली तो गईं लेकिन मॉम को उसकी गांड बड़ी टाइट लगी.

अब मैंने मॉम को इस टेंशन से निकालने के लिए उनको एक आईडिया बताया.

मॉम ने ये सुनिश्चित कर लिया कि आज से मैं दीपाली की केवल गांड को ही चोदूंगा.
मैंने ओके कह दिया.

मॉम ने मुझसे कहा कि अभी एक शॉट लगा कर दिखाओ, मैं इसकी गांड गीली करती हूं, जिससे तेरा लंड आराम से जा सके.
उधर दीपाली मुड़ी और मॉम के होंठों को चूसने लगी.

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वो बोली- मॉम, आप दुनिया की सबसे अच्छी मॉम हो. आप मेरा कितना ध्यान रखती हो.
मैंने कहा- तुम दोनों ये चुम्मा चाटी बाद में करना, पहले मॉम मुझे इसकी गांड का इलाज करने में मदद करो.

दीपाली दोबारा घोड़ी बन गयी और उसने अपने चूतड़ दोबारा से फैला लिए.
मॉम ने उसकी गांड चाटनी शुरू कर दी जिससे दीपाली की गांड गीली हो जाए और उसमें मेरा लंड आराम से जा सके.

मॉम के साथ मैं भी दीपाली की गांड चाटने लगा.
मुझे मॉम के साथ उसकी गांड चाटने में बड़ा मजा आ रहा था.

मॉम का थूक मेरे थूक के साथ मिलकर, दीपाली की गांड को गीला कर रहा था.
साथ में मेरी जीभ मॉम की जीभ से लग रही थी, इसलिए और ज्यादा मज़ा आ रहा था.

फिर मॉम ने मुझसे कहा- चल अब इसकी गांड बहुत गीली हो गई, अपना लौड़ा खड़ा कर और घुसा दे.
मैंने कहा- मॉम, मेरा लौड़ा खड़ा करने क्या हमारी मौसी आएगी? इसे चूसो तो!
मॉम ने हंस कर कहा- उसको भी किसी दिन बुला लेंगे, अभी तेरी मॉम ही काफी है.

मॉम ने मेरा लौड़ा अपने मुँह में लिया और तेज़ तेज़ चूसने लगीं.
मुझे अपनी मॉम से अपना लंड चुसवाने में मजा आने लगा.

मॉम ने रुक कर कहा- रोहन, आज अपना लौड़ा पूरा कड़क कर ले, जिससे दीपाली की गांड को कुछ फर्क पड़े.
मैंने कहा- मॉम, ये तो आपके मुँह के वश में है, आप मेरा लंड कितना कड़क करना चाहती हैं, आप ही सोचो.
मॉम बोलीं- सब कुछ मैं ही सोचूं क्या, तू सिर्फ लंड हिलाएगा?

मैं- अगर इसको बिल्कुल फौलादी बनाना है मॉम, तो मेरे पास रास्ता है. बस आपको थोड़ा दर्द होगा, मुझे आपके बाल खींच कर रंडियों की तरह आपके मुँह को चोदना होगा.
मॉम ने मुझसे कहा- बेटा रोहन, मैंने तुझे कभी किसी चीज़ के लिए रोका है क्या? तुझे जो करना है, कर … मैं अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए कुछ भी कर सकती हूं.

यह सुनकर मुझे जोश चढ़ गया.
मैंने मॉम के बाल पकड़े और उनके मुँह को तबियत से चोदना शुरू कर दिया.

मेरे मुँह से उस दिन मॉम को गालियां भी निकलने लगीं.
मैं उनको सच में रंडी समझ कर मुँह चुदाई करने लगा.

मैंने कहा- ले साली रंडी, तू मेरी मॉम तो है ही … साथ में मेरी रंडी भी है. चूस मादरचोद मेरा लौड़ा चूस. अन्दर तक ले ले इसको साली कुतिया.
इस तरह से मुझे जोश आने लगा और मेरा लौड़ा सच में फौलादी हो गया.

मॉम ने मेरे लंड को मुँह में से बाहर निकाला और देखा. मॉम मेरा लौड़ा देखकर बोलीं- डाल दे अब अपनी बहन की गांड में.

मेरी बहन की गांड का छेद पहले ही गीला था, मैंने उसमें अपना फौलादी लंड पेल दिया.
झटके से लंड गांड में गया था तो दीपाली की चीख निकल गई.

मॉम ने कहा- उसकी तरफ ध्यान मत दे … जैसे मुझे रंडी बनाकर मेरी मुँह चुदाई कर रहा था, अब अपनी बहन को भी रंडी की तरह चोद दे.

पता नहीं उस दिन मॉम को भी क्या हुआ था, मॉम ने मुझे दो चांटे मारे और कहा- चोद इसको अच्छे से.
मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने दीपाली के बाल पकड़े और तेज़ तेज़ धक्के लगाते हुए गालियां देने लगा- ले बहन की लवड़ी, तेरी गांड को तो मैं आज सुजा दूँगा … साली रंडी बना दूंगा तुझे!

मैं अपने एक हाथ से उसके बाल पकड़ कर उसको बहुत तेज़ तेज़ चोदने लगा और कुछ मिनट के अन्दर ही दीपाली की गांड में लंड रस झाड़ दिया.

ये देखकर मॉम बड़ी खुश हुईं कि मैंने आज दीपाली को पूरे जोश से चोदा है.

मॉम ने मुझे गले लगा कर एक किस किया और कहा- अब तू आराम कर.

मॉम दीपाली की गांड से मेरा मुठ चाटने लगीं.
दीपाली की काफी हालत बुरी हो गई थी इसलिए वो कराह रही थी.

कुछ देर बाद वो और मैं हमारे कमरे में जाकर एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए.

करीब एक घंटे बाद मैंने फिर से अपनी सोती हुई बहन की गांड में अपना लंड ठेल दिया और उसका मुँह दबा कर उसकी गांड मारने लगा.

कुछ मिनट बाद मेरी बहन को मेरे लंड से गांड मराने में मजा आने लगा और वो आह आह करती हुई अपनी चुत रगड़ने लगी.
दस मिनट बाद मॉम भी कमरे में आ गईं और मैंने बहन की गांड छोड़ कर मॉम की गांड मारना शुरू कर दी.

इस तरह से हमारे बीच ये सब मस्ती से चलने लगा.

दोस्तो, ये मेरी फैमिली फ्री सेक्स कल्चर में चुदाई की कहानी थी. अगर आप लोगों का प्यार मिलेगा तो मैं इसके और भी भाग लिखने चाहूंगा जिसमें इस सेक्स कल्चर की कल्पना को आपकी सोच की सीमाओं के पार ले जाऊंगा क्योंकि मैं चाहता हूँ कि इसमें मेरी शादीशुदा बहन को भी शामिल किया जाए.

उसको अभी तक हमारे सेक्स कल्चर के बारे में नहीं पता है.
ये सब उसकी शादी के बाद ही शुरू हुआ था.

इस सेक्स कहानी में मेरी मौसी, पड़ोसी, मेरे जीजा, डैडी की सेक्रेटरी के अलावा और भी बहुत लोग जुड़ते चले गए.
अगर आप सब जानना चाहते हैं कि हमने ये परिवार में चुदाई करना कब और कैसे शुरू किया था, तो भी आप मुझे लिख सकते हैं.

मैं आपको ये भी बताना चाहूंगा कि हमने अपनी बहन दीपाली की शादी कराने के लिए लड़का कैसे ढूंढा और उससे क्या क्या शर्तें रखी थीं.
मेरी सेक्स कहानी पर आपका प्यार मुझे प्रोत्साहित करेगा.

आप मुझे फ्री सेक्स कल्चर पर अपने सुझाव और शुभकामनाएं मेरी ईमेल पर भेज सकते हैं.
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