एक रात में दो देसी लड़की की चूत की सील तोड़ीं

दोस्तो.. अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज साइट के माध्यम से मैं अपनी हिन्दी सेक्स स्टोरी आप लोगों को बताना चाहता हूँ।

मैं बहुत दिनों से किसी लड़की के साथ सम्भोग करना चाह रहा था.. लेकिन कोई मिल नहीं रही थी, मैं इसके लिए बहुत परेशान रहता था।

एक दिन की बात है, मैं एक पेड़ की छाँव के नीचे बैठा था, वहीं कुछ दूर पर कुछ स्त्रियाँ और कुछ लड़कियाँ बैठी थीं।
उस समय मैंने एक लड़की को देखना शुरू किया और मैंने उस पर से नजर नहीं हटाई। कुछ देर बाद उसने मुझे देख लिया, लेकिन मैंने अब भी नजर नहीं हटाई।
वह मुझे देखकर थोड़ा शर्माई, तब मैंने थोड़ा मौका पाकर अपनी आँखों से उसे इशारा किया। मेरी उम्मीद से उलट वह गुस्सा नहीं हुई बल्कि हल्के से मुस्कराई।

अब मुझे लग रहा था कि जिसके लिए मैं परेशान रहता था.. वह काम जल्दी होने वाला है। मेरे मन गुदगुदी हो रही थी कि कब मैं उससे अकेले में कुछ कहूँ।

एक दिन मैं उससे उसी जगह पर शाम को अकेले में मिल ही गया और मैंने मौका पाकर उससे कहा- क्या तुम रात को नौ बजे इसी जगह पर आओगी?

लेकिन वह कुछ बोली नहीं और मेरे हाथ को हल्के से छूकर चली गई। मुझे समझ में नहीं आया कि यह क्या था.. हाँ या ना।

अब मैं तो भी उस जगह नौ बजे से पहुँच गया.. लेकिन वो वहाँ नहीं आई थी। कुछ देर बाद सामने से कोई आता हुआ मालूम पड़ रहा था।
वह और कोई और नहीं था.. वही लड़की थी।
उसे देखकर अचानक मेरे बदन अजीब सी गुदगुदी हो रही थी।

वह मेरे पास आई लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी।
अब मेरे से रह नहीं जा रहा था मैंने उसके हाथ को पकड़ा और अपनी ओर खींचा और उसका किस लेना शुरू कर दिया।

वह भी मेरा साथ दे रही थी। मैंने एक हाथ उसके मम्मों पर रखा और दबाना शुरू किया.. तो वो चीख उठी, वह बोली- इतना जोर से मत दबाओ.. दर्द हो रहा है।

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मैंने धीरे से दबाना शुरू कर दिया। शायद अब उसे मजा आ रहा था। मैं कपड़ों के ऊपर से ही उसकी बुर को सहलाने लगा.. तो वह मादक सिसकारियां लेने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

मैंने भी उसके हाथ को पकड़कर अपने लंड को सहलाने को कहा। उसके हाथ मेरे लौड़े पर लगते ही मेरे शरीर में सनसनी छा गई.. मुझे अनोखा अजीब सा मजा आ रहा था।

उसके बाद मेरा करने का मन कर रहा था.. लेकिन मेरे पास कंडोम सुरक्षा न होने की वजह से मैं उसकी बुर में अपना लंड नहीं डाल पाया। हम दोनों काफी देर तक चूमा-चाटी करते रहे।

फिर मैंने कहा- तुम अपने हाथ से मेरे लंड को हिलाओ.. और मैं तुम्हें अपने हाथ से चोद देता हूँ।

वह अपने हाथ से मेरे लंड को हिला रही थी.. मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था। कुछ देर बाद मैं झड़ गया.. मैंने भी उंगलियों से उसकी चूत को चोदना शुरू किया।

वह ‘आह..ओह.. हाय..’ की आवाज निकलते हुए मुझसे लिपटती जा रही थी। कुछ देर बाद उसकी बुर से चिपचिपा तरल पदार्थ निकल रहा था।
वह बोली- मैं झड़ गई हूँ।
मैंने उससे कहा- मैं कल कन्डोम लेकर आऊँगा और तुम इसी समय यहाँ पर आ जाना।

अगले रात मैं क्या देखता हूँ कि वह अपने साथ किसी और को भी लाई है.. मैं तो ख़ुशी से पागल होता जा रहा था। मेरे पास उस समय 5 कन्डोम थे।

मैंने अपने हाथ से उन दोनों को नंगी किया और मैं भी नंगा होकर दोनों के बीच में लेट गया।
मैं उन दोनों को कभी इधर घूमकर.. तो कभी उधर घूमकर चुम्मा ले रहा था। वो दोनों मेरे लंड को सहला रही थीं.. और मैं भी उनकी बुरों को सहला रहा था।

उस समय मुझे ऐसा लग रहा था मानो साँसें थम के ली जा रही हों.. इतना मजा कभी भी नहीं आया था। फिर उसने मेरे लंड को कंडोम पहनाया फिर मैंने उसे चित्त लेटा दिया, अपने लंड को उसकी बुर में घुसाने लगा।

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उसकी बुर बहुत टाइट थी.. मेरा लंड आसानी से नहीं जा पा रहा था।

उसको बड़ा दर्द भी हो रहा था.. वह चीख रही थी.. लेकिन मैंने हार नहीं मानी.. किसी तरह अपना लंड उसकी चूत में घुसा ही दिया।
वह जोर से चीखी ‘अह.. उह.. म..हाय.. मेरी जान निकल गई रे..’

लेकिन मैं रुका नहीं.. मैं इतना उत्तेजना में था कि आठ-दस धक्के लगाने में ही उसकी बुर में निकल गया।

फिर आधे घण्टे बाद मैं चोदने के लिए दुबारा तैयार हो गया, इस बार मैंने दूसरी को चोदना शुरू किया, इसकी बुर तो उससे भी टाइट थी।
जब मैंने अपना लंड उसकी बुर में डाला तो उसका मुँह से ‘आह.. माई.. रे.. फाड़.. दी..’ की आवाज आई।

फिर मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी बुर में पूरा घुसा दिया। फिर मैंने धक्का देना शुरू कर दिया.. उसकी बुर से खून निकल रहा था। उसे कफी दर्द हो रहा था लेकिन धीरे-धीरे धक्के खाते खाते उसे मजा आने लगा। कुछ पल बाद चुदाई में वह भी मेरा साथ दे रही थी। करीब तीन-चार मिनट बाद वह झड़ गई।

मैंने पहली वाली को चोदना शुरू कर दिया। उसे चोदने में मजा आ रहा था.. क्योंकि उसमें कोई परेशानी नहीं हो रही थी।
करीब पांच मिनट बाद वह झड़ गई। फिर मैंने अपना लंड उसकी बुर में से निकाल कर दूसरी वाली की चूत में डाल दिया।

मैं भी अब झड़ने वाला था। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। कुछ समय बाद मैं कन्डोम में ही उसके बुर में ही झड़ गया और उसी पर लेट गया।

इस प्रकार मैंने एक लंड से ही दो लड़कियों की बुर की सील तोड़ी
यह मेरी पहली चुदाई थी।

आप सभी के मेल के इन्तजार में हूँ।
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