चिकने दोस्त की गरमा गर्म गांड चुदाई

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम आमिर है। मैं 22 साल का हूँ। मैं देखने में बहुत ही जबरदस्त लगता हूँ। मुझे देखकर हर लड़का यही कहता है कि अपना भाई तो हीरो लगता है। लडकियां तो मेरी जबरदस्त पर्सनालिटी को देखकर फ़िदा हो जाती है। मैं भी लड़कियों को पटाने कर चोदने का बहुत शौक रखता हूँ। मुझे लड़कियों की चूंचियो को दबाकर पीना बहुत ही अच्छा लगता है। मै उनकी गांड चुदाई जरूर करता हूँ। लडकियां मेरा 6″ का लौड़ा देखकर होंठ काट लेती है। मेरा लंड लाल लाल साँड़ के जैसा है। लड़कियां मेरी गाजर खाने के लिए बहुत ही परेशान रहती है। मुझे उनकी चूत में ऊँगली डालकर माल को चाटना बहुत अच्छा लगता है। मैंने अब तक कई लोगो का अपना गाजर खिलाया है। मेरे दोस्त भी इस लंड पर फ़िदा थे।
मै बहुत दिनों से अपनी कहानी लिखने को बेकरार था। जो मेरे साथ हुआ वो सच्ची घटना है। दोस्तों दो साल पहले मैं दिल्ली में रहता था। ये घटना तब की है जब मैने किसी लड़की को नहीं चोदा था। पहली बार मेरे गांडू दोस्त ने मुझे अपना छेद देकर किस्मत खोल दी। मुझे एक दोस्त मिला। उसका नाम इरशाद था। वो बहुत ही स्मार्ट था। उसका शरीर किसी लड़की से ज्यादा सॉफ्ट सॉफ्ट था। उसके बदन को छूते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था। मेरी उससे फ्रेंडशिप हो गई। उसका घर दिल्ली में ही था। मुझे रूम लेकर रहना था। वो मुझे अपने घर ले गया। मुझे वही रहने का आश्रय दिया। मै उसके घर में उसके परिवार के साथ रह रहा था। उसके घर में अंकल और आंटी ही रहते थे। वो बहुत अच्छे आदमी थे। आंटी को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था।

मेरा मन उनकी चूत फाडने को करता। आंटी अब इस उम्र में भी एकदम जवान लग रही थी। आखिर उन्ही का लड़का तो था इरशाद। अंकल आंटी जॉब करते थे। वो किसी मीटिंग में दो दिन के लिए जाने वाले थे। उन्होंने मुझसे कहा आमिर मै दो दिन के लिए बाहर जा रहा हूँ। तुम और इरशाद साथ में ही रहना। खाना कामवाली आकर बना जायेगी। लेकिन मुझे क्या पता था कि आज मेरी किस्मत पर मेरा दोस्त दिया जला देगा।
मै हर दिन की तरह आज भी नॉर्मली घर पर रुका हुआ था। लेकिन आज इरशाद कुछ ज्यादा ही उछल रहा था। मैंने पूछा- “क्या बात है भाईजान आज कुछ ज्यादा ही खुश लग रहे हो”
इरशाद- “क्या करूं जनाब बात ही कुछ ऐसी है”
मै- “क्या बात है??? जो तुम मुझे अभी तक नहीं बता रहे हो”
इरशाद- “मै तुझे बता देता पर तुम्हे अचानक बता कर सरप्राइज़ देना चाहता हूँ”
पूरा दिन मेरी दिमाग में यही घूमता रहा क्या हो सकता है। मै जानने को बहुत ही उत्सुक हो रहा था। लेकिन मै कर भी क्या सकता था। वो कुछ बताने को तैयार ही नहीं था। मैं भी अपना काम करने लगा। लेकिन अंदर ही अंदर मुझे जानने की उत्सुकता खाये जा रही थी। इरशाद ने मुझे खुश करने के लिए बहुत सारा प्लान बनाया। मेरी कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। आज कोई स्पेशल डे भी नहीं है। फिर क्यों ऐसा व्यवहार कर रहा है मेरे साथ। उसने शाम को खाना बाहर खाने के लिए होटल चलने को कहा। मैंने भी मना नही किया। शाम को खाना खाकर वापस घर आ गया। मै पढ़ाई करने के लिए अपने कुर्सी पर बैठा ही था कि पीछे से आकर उसने मुझे कहा- “आज घर पर कोई नहीं है। और मस्ती करने का मौका है। तुम फिर भी के किताबो के बीच में ही पड़े सड़ रहे हो”

मै कुछ कहता उससे पहले ही वो मेरी किताब बंद करके खींचने लगा। छोटे बच्चो की तरह वो मुझे खींच रहा था। बच्चे तो सोने के लिए खींचते है। मै भी थोड़ा दबता था। क्योंकि उसी के घर में फ्री में रहता था। हम दोनों ही बनियान और पैजामे में बिस्तर पर बैठे हुए थे। इरशाद मुझे बहुत ही हवस की नजरों से मेरी तरफ देख रहा था। मुझे उसकी गन्दे इशारे करती नजर बिलकुल ही अच्छी नहीं लग रही थी। मैं पूछा- “क्या बात है भाई आज बड़ी अजीब नजरो से देख रहे हो”
इरशाद- “नजरो का क्या है। जो भी जैसा समझ ले”
ये बात उसने बहुत ही दुख से बोला। मै कुछ समझ नहीं पाया। लेकिन फिर भी समझने की कोशिश करने लगा। बार बार पूंछने लगा। इस बार उसने मुझे अपने दिल पर पड़े बोझ को हल्का करने के लिए बताया। कि आज हम लोग मस्ती करते है। मैं ब्लू फिल्म की डी DVD लाया हूँ। पूरी रात हम लोग बैठ कर एन्जॉय करेंगे। मेरा मन भी देखने को मचलने लगा। लेकिन मुझे क्या पता था। इतना मचल जायेगा की सारी हदे पर करनी पड़ेगी। उसने मूवी स्टार्ट की। हम दोनों देख देख कर अपना अपना डंडा हिला रहे थे। मेरा लंड तो कम ही खड़ा हुआ था।
लेकिन उसका लंड तो बहुत ही तेजी से खड़ा हो गया। वो मुठ मार रहा था। लेकिन मुझे नहीं पता था कि ये लड़कियों के शौक रखता है। इतने अमीर घर का होकर भी वो अपने शरीर को लड़कियों की तरह ही मेनटेन कर रखा था। मैंने उसके बदन की नरमी का एहसास तो बहुत पहले ही कर चुका था। मै जब भी उसके पास लेट जाता था कभी तो वो अक्सर रात में अपना हाथ मेरे लंड पर ही रखे मिलता था। मुझे अच्छा नहीं लगता था। लेकिन मुझे क्या पता था कि ये मुझे अपने घर में अपने सपनो को पूरा करने के लिए रखा है। हम दोनों मजा लेकर मुठ मार कर ब्लू फिल्म देख रहा था। झड़ते ही मेरा मन शांत हो गया। मेरा तना खड़ा हुआ लंड धीरे धीरे सिकुड़ कर अपने पुरानी स्थिति में जा पहुचा। पहले की तरह मेरा लंड छोटा हो गया। मै भी कुछ देर चुप रहा। कुछ देर बाद इरशाद ने मुझसे कहा- “भाई तुम्हे छेद चाहिए”
मै- “हाँ लेकिन अब कहाँ मिलने वाला है। वैसे भी एक भी गर्लफ्रेंड नहीं है। न जाने कब तक हाथ से काम चलाना पड़ेगा”
इरशाद- “भाईजान!! एक बात बहुत दिनों से मेरे दिमाग में घुसी हुई है जो मैं तुम्हे पेश करने जा रहा हूँ”
मेरी बेचैनी बढ़ती ही जा रही थी। मैंने कहा- “जल्दी से कहो नहीं तो देर हो जायेगी। फिर मुझे नींद आने लगेगी। मै सो जाऊँगा। फिर तुम कर लेना अकेले में ही बात।
इरशाद- “भाई मेरी गांड में बहुत दिनों से खुजली हो रही है। तुम शांत कर सकते ही”
मै- “क्या….क्या…कह रहे हो तुम । तुम्हारा दिमाग तो ठीक हैं”
इरशाद- “मुझे पता था तुम यही बोलोगे। लेकिन सभी एक जैसे तो नहीं होते। तुम नहीं करोगे तो कोई और करेगा ऐसा”
मैंने भी सोचा कुछ भी हो, हाथ से काम चलाने से तो बेहतर ही होगा। मैंने कुछ देर बाद हाँ बोल दिया। वो ख़ुशी के मारे उछलने लगा।

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पैंट तो हम लोगो ने पहले से ही नीचे सरका रखी थी। थोड़ा सा और नीचे करके निकाल दिया। आज मुझे पहली बार किसी के छेद में अपना लंड डालने का मौका मिल रहा था। इरशाद तो साला हिजरा निकला। वो लड़कियो की तरह अपना होठ काट रहा था। वो मेरे ऊपर अपने हाथों की उंगलियां चलाकर मुझे मदहोश कर रहा था। मैं भी बेकाबू होता जा रहा था। कुछ देर बाद उसने अपना हाथ फिराते फिराते मेरे लंड पर ले गया। उसने मेरे सिकुड़े लंड को हिला हिला कर जगाना शुरू किया।
मेरा पप्पू भी उठने की तैयारी में था। धीरे धीरे वो मिसाइल की तरह खड़ा होने लगा। मैंने भी मान लिया इरशाद लड़का नही लड़की है। फिर मै ब्लू फिल्मों की तरह उसके साथ व्यवहार करने लगा। उसके चिकने बदन पर मैं अपने हाथों से ही मसाज करने लगा। मेरा शरीर का तो एक एक अंग गठीला था। लेकिन उसका पूरा शरीर गोरा गोरा था। मैने उसके जिस्म को छू छू कर आग लगा दिया। मै खड़ा था। वो अपने घुटनों के बल बैठ गया। उसके बाद वो मेरा लंड पकड़ कर अपने मुह में लेने लगा। मै डर रहा था। कही ऐसा न हो की ये अपने मुह में मेरा लंड रखकर जोश में काट वाट ले। मैंने कुछ टाइम तक तो थोड़ा बहुत विरोध किया। लेकिन वो मेरा लंड आइसक्रीम की तरह चाटता हुआ लॉलीपॉप की तरह चूसने लगा।
मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था। लेकिन कुछ देर बाद मजा भी आने लगा। लंड को मैं अच्छे से चुसवा रहा था। मेरा पप्पू गाजर की तरह लाल लाल होकर निखर रहा था। चूस चूस कर उसने मेरे लंड को 6″ का साँड़ जैसा कर दिया। मैं जोश में आकर गरमा रहा था। मै अपना लंड उसके मुह में डालने लगा। मैंने उसका सर पकड़ा और अपना लंड उसके मुह में जड़ तक अपना लंड पेल दिया। मेरा लंड उसके गले से नीचे उतर गया। वो जोर से वुओ….वुय की आवाज के साथ चीख निकाल दिया। लेकिन मेरा लंड उसके पूरे मुह में भरा हुआ था तो वो बोल नहीं पा रहा था। उसकी आँखे लाल लाल हो गई। उसकी साँसे फूलने लगा। वो लंड निकालने को तड़पने लगा। मुझे डर लगने लगा। कही ये मेरा लंड न काट ले। मैंने झट से अपना लंड बाहर किया। वो कुछ देर चैन की सांस लेकर मेरी गोलियां चूसने लगा। उसके गोरी गोरी गांड को देखकर मेरा लंड गांड चुदाई करने को बेकरार हो रहा था। मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसके बाद चिकनाई के लिये पास से थोड़ा तेल लाकर उसके गांड पर मसाज करने लगा। वो भी गांड में लंड लेने को तङप रहा था।

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मैंने अपने लंड पर खूब तेल लगाकर उसके गांड पर रख दिया। मैंने उसे अब कुत्ते की तरह झुकाया। उसके गांड का छेद अच्छे से खुल गया। मै लंड छेद पर ही रगड़ने लगा। वो पकडकर खींच कर अपने गांड में घुसाने लगा। मैंने भी जोर का धक्का मारा। मेरे लंड का सुपारा अंदर फस गया। वो जोर से “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की चीख के साथ चिल्लाने लगा। पहली बार वो भी गांड चुदाई करवा रहा था। हम दोनों ही इस खेल में अनाड़ी थे। लेकिन हमने फिर ब्लू फिल्म से सब सीख लिया था। फिल्म से चुदाई के अलग अलग पोजीशन को देखकर चुदाई करना भी सीख लिया था। मैं धीरे धीरे करके पूरा लंड को घुसाने लगा। आख़िरकार पूरा लंड मैंने जड़ तक पेल कर चुदाई स्टार्ट कर दी। वो अब जोर जोर से “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह. .अई…अई…अई…..” की सिसकारी भर रहा था।
मुझे लगता कि मैं किसी लड़की को चोद रहा हूँ। उसकी आवाज लड़कियों जैसी ही निकल रहीं थी। मै उसके गद्देदार गांड पर हाथ मार मार कर गांड चुदाई कर रहा था। वो भी अब अपने गांड को हिला हिला कर मजा लेने लगा। मैने पहली बार देखा था कि लड़के भी लड़कियों वाले शौक रखते हैं। उसे बहुत मजा आ रहा था। मैंने भी स्पीड बढ़ा दी। जोर जोर से अपना लंड उसके गांड में घुसाकर निकालने लगा। वो बहुत ही जोर जोर से “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज के साथ अपना काम लगवाए हुए था।

मै लेट गया। वो मेरे ऊपर आकर लंड खड़ा करके बैठ कर उछल उछल कर गांड चुदवाने लगा। ख़ूब जोर जोर से ऊपर नीचे होकर अपना गांड मरवाने लगा। मै भी कमर उठा उठा कर पेल रहा था। जब भी तेज पेलता तो उसकी चीखे निकल जाती। वो जोर जोर से “उ उ उ उ उ……अ अ अ अ अ आ आ आ आ… सी सी सी सी….. ऊँ— ऊँ… ऊँ….” की आवाज के साथ चुदवा रहा था। मैं भी अब झड़ने वाला था। मैंने उसके गांड में अपना लंड खूब जल्दी जल्दी डालने के लिए ऊपर नीचे कमर उठा उठा कर पटकने लगा। मेरा लंड स्खलित होने वाला था। मैंने पूछा- “कहाँ गिराऊं अपना माल जनाब”
इरशाद- “मेरे मुह में अपना माल गिरा दो”
मैंने जल्दी से उठ कर मुठ मार कर सारा माल उसके मुह में गिरा दिया। वो बहुत ही मजे से सारा माल पीकर चैन से बैठ गया। पूरी रात हम लोगो ने ब्लू फिल्म देख कर मजा लिया।