दोस्त की कामुक पत्नी से मस्त सम्भोग- 1

सेक्स विद फ्रेंड वाइफ की इच्छा उसे देखते ही हो गयी थी मेरी! मैंने उसे लाइन देना शुरू किया तो उसकी प्रतिक्रिया ने मेरी वासना को और भड़का दिया.

प्रिय मित्रो, मैं आपका कमल किशोर फिर से हाजिर हूँ.
आज मैं 5 साल बाद अपनी जिंदगी में घटी सेक्स घटनाओं और कामुक अनुभवों एक सेक्स कहानी से फिर शुरू करने जा रहा हूँ.

मेरी पिछली कहानी थी: भतीजी ने जीते जी स्वर्ग दिखाया

इस बार ये शुरूआत मेरे दोस्त की शादी के बाद उस वक्त हुई जब मैं पहली बार उससे मिलने गया था.
क्योंकि मैं उसकी शादी में नहीं जा पाया था तो उसकी शादी के छह महीने बाद गया.

मेरे इस दोस्त का नाम मुकेश है और उसकी उम्र 30 साल है. ये शादी उसने अपनी मर्जी से अंतर्जातीय की थी तो इतना विलम्ब हो गया था.

खैर … मैं जैसे ही घर में दाखिल हुआ, तो मुकेश ने ‘आ कमल …’ कहते हुए मुझे अपने गले से लगा लिया.
मैं उसके गले लगने के बाद अंकल आंटी से मिला.

अब बारी थी उसकी दुल्हनिया से मिलने की … उसकी बीवी का नाम स्नेहा था. जैसा नाम, वैसे ही गुण.

स्नेहा सामने आई तो मुकेश ने मेरा उससे परिचय करवाया. उसने ये कह कर परिचय करवाया कि स्नेहा, कमल मेरे बड़े भाई जैसा है, तो तुम भी इसे अपना जेठ समझ कर मिलो.

मैं मुकेश से उम्र में 2 साल बड़ा हूँ तो उसकी बीवी ने भी मेरे साथ जेठ वाला रिश्ता रखा.
मुझे देख कर उसने अपने सर पर थोड़ा सा पल्लू रखा.

स्नेहा की पहली झलक पाते ही मुझे सनसनी दौड़ गई.
वो ऐसी गजब की सुंदरता की मूर्ति थी कि सच में उसे देखते ही किसी को भी उससे स्नेह हो जाए.

स्नेहा अपने माथे तक झुका पल्लू कर जब मेरे सामने आई तो मैं उसे देखता ही रह गया था.
स्नेहा एकदम पतली भी नहीं, मोटी भी नहीं.
वैसे मुकेश उसे कई महीनों से चोद रहा था तो वो गदराये बदन की मालकिन बन गयी थी.

स्नेहा का रंग एकदम झक सफेद दूध जैसा … और गालों की लाली जैसे दूध में केसर डाला हो.
उसकी आंखें तो ऐसी थीं कि खुद बोल रही थीं. काफी बड़ी बड़ी आंखें बड़ी मतवाली थीं.

स्नेहा ने बहुत ही सलीके से अपनी आँखों में काजल लगाया हुआ था.
उसके होंठ थोड़े मोटे, जिस पर सुर्ख लाल रंग की लिपिस्टिक उसे बहुत ही ज्यादा हॉट बना रही थी.
पतली तीखी नाक .. छोटी सी ठुड्डी, लंबी पतली सुराही सी गर्दन.

अब मेरी नजरें उसके वक्ष स्थल यानि स्तनों पर टिक गईं.
स्नेहा के 34 साइज के मम्मे रहे होंगे और गहरे गले से उसकी चूचियों की दरार मेरा लंड खड़ा करने लगी.
मम्मों के नीचे ब्लाउज बन्द होकर एकदम कसा था.

उसके नीचे स्नेहा का सपाट पेट दिख रहा था.
इतना दूधिया सफेद बदन एकदम कांच सा चिकना पूरा चमक रहा था.

पीछे की ओर निकले नितम्ब काफी बड़े और उठे हुए थे.
लग रहा था कि साले मुकेश ने डॉगी स्टाइल स्नेहा को ज्यादा चोदा था.

स्नेहा ने स्लीवलैस ब्लाउज पहना हुआ था जिस वजह से उसके हाथ बेहद सुंदर दिख रहे थे.

नमस्ते करने के बाद स्नेहा आशीर्वाद लेने के लिए थोड़ी सी झुकी, तो मैंने भी खड़े खड़े अपना हाथ उठा दिया.

उसी वक्त मेरी कामुक नजर उसके स्तनों के बीच की दरार पर जा पड़ी.
मेरे मुँह से आह निकल गयी. सेक्स विद फ्रेंड वाइफ की इच्छा होने लगी मेरी! मन में यही आ रहा था कि ये मिल जाए तो लाइफ बन जाए!

मेरे लौड़े ने अपना कमीनापन दिखाना शुरू कर दिया और लंड खड़ा होने लगा.
पर सामने पूरा परिवार था, तो मैं भी सब्र से काम ले रहा था.

स्नेहा आशीर्वाद लेकर किचन की तरफ चल दी.
मैं पीछे से उसे बस देखता रहा.

बैकलैस ब्लाउज और उसने बड़े बड़े नितम्ब भरे हुए, पतला शरीर, पतली चिकनी कमर … और उस पर उसकी मतवाली चाल … वो मेरे सामने कहर ढा रही थी.
उसकी चाल ऐसी थी कि लंड का सारा रस वो वहीं निकाले दे रही थी.

स्नेहा लटक मटक कर चली गयी.

सब हॉल में बैठ गए थे.
मैं बातें तो कर रहा था पर बीच बीच में चोर निगाहों से उसे देखे भी जा रहा था क्योंकि किचन ओपन था और सामने था.
पर उसकी मेरी तरफ पीठ थी.

तभी एकदम से स्नेहा पलटी.

मैंने देखा कि उसकी आंखें भी मुझ पर जम सी गयी थीं, बहुत ही गहरी नजर भर कर उसने मुझे देखा, तो मैं भी बस खो सा गया.
पर तभी उसने थोड़े गुस्से वाली लुक दिखाई तो मैंने भी झैंप कर नजर झुका ली.

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फिर वो चाय लेकर आई तो उस वक्त भी उसकी नजरें कुछ कह रही थीं.

उसने चाय रख दी और थोड़ी दूर हटकर अपनी कमर पर हाथ रख कर खड़ी हो गयी.
चूंकि मैं सोफे पर बैठा था और उससे नीचे था, तो मुझे उसके अंडर आर्म्स दिख गए.

आह … एकदम साफ और चिकने.

क्योंकि मैं इतनी महिलाएं चोद चुका हूं … तो जानता हूँ कि ज्यादातर महिलाओं की बगलों में थोड़ा कालापन आ जाता है पर इसके तो बिल्कुल भी ना था.
मेरा मन कर रहा था कि अभी चाट ही जाऊं. मेरे मुँह में पानी भर गया था.

खैर … मैं चाय पीकर उसका इंतजार करता रहा कि कब वो कप उठाने आए तो एक नजर भर कर उसका दीदार और कर लूं.

पर वो नहीं आई.

मैं अब बस चलने वाला था पर वो नजर नहीं आ रही थी.
मुझे लगा जैसे मैं बेरंग सा निकल रहा हूँ क्योंकि उसे एक बार देखने का मन फिर से कर रहा था.

मैं बस उदास लौड़ा लेकर निकलने को हुआ.
घर के दरवाजे तक मुकेश साथ आया और वापिस चला गया.

मैं भी बाहर निकल आया मगर मन नहीं माना तो वापिस से देखा तो मेरा चांद बालकनी में बाल बना रहा था.

रेशमी स्ट्रेट बाल, हाई लाइट गोल्ड में उस पर बहुत जंच रहे थे.

मैं बस ऐसे खुश था जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी हो.

अब मैं अक्सर मुकेश के घर जाने आने लगा पर एक बात कॉमन रही.
वो ये कि मेरे निकलते वक्त उसका बालकनी में खड़े होना.

अब उसके बिना रहना, जैसे बिन पानी मछली सा लग रहा था.

मैं उस तक पहुंचने का या यूं कहें उससे बात करने का तरीका खोजने लगा था. मैं सोशल मीडया के प्लेटफॉर्म पर उसे तलाशने लगा.

मेरा दोस्त मेरी फ्रेंडलिस्ट में था तो उसकी आईडी पर मुझे वो मिल ही गयी.
ऐसा लगा कि खजाना मिल गया.

मैं सोचने लगा था कि कम से कम उसकी फ़ोटो तो मेरे पास आ ही जाएगी, जब मेरा दिल करेगा तो उसे देख तो सकता ही था.

पर जल्द ही किस्मत जैसे खड़े लंड पर धोखा सी हो गयी क्योंकि उसने एक भी फ़ोटो नहीं डाली थी.

मैं डरते डरते उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज चुका था.
अब बस इंतजार था उसकी तरफ से स्वीकार करने का.

मुझे बस वही दिख रही थी.

उस रात मैंने अपनी बीवी की वो चुदाई की कि उसकी चीखें निकल गईं क्योंकि बस मैं तो उसे देखकर अपनी बीवी की चुदाई किए जा रहा था.

अगले दिन मेरा दिल फिर टूट गया था क्योंकि उसने मेरी रिक्वेस्ट रिजेक्ट कर दी थी.
मैं दिन भर उदास रहा, फिर भी मेरे दिल से उसकी लगन नहीं टूटी थी.

अगले दिन मेरे पास एक नई आईडी से रिक्वेस्ट आई, जो ताज़ा ताज़ा बनी थी.
मुझे लगा कि कहीं ये वो ही ना हो.
मैंने स्वीकार कर ली.

तभी तुरन्त उसका सन्देश आ गया- कैसे हो जेठ जी?
मैं तो बस खुशी से मरते मरते बचा.
मैंने भी जवाब दे दिया- अब तक लाश था … जान तो तुमने डाल दी.

उसका मुस्कुराने का इमोजी आया और बोली- पतिदेव मेरी आईडी चैक करते हैं, इसलिए आपकी मित्रता स्वीकार नहीं की. अब बोलिए.
मैंने कहा- बस पहले तुम्हें देख लूं, ऐसी फ़ोटो भेज दो.

“अच्छा जी … तो आपकी पसंद वाली भेज देती हूँ … सिर्फ आपके लिए पतिदेव से खिंचवाई थी.”

उसने फ़ोटो भेजी … आह क्या कातिल फोटो थी. आप इमेजिन ही कर सकते हैं

वो वहीं अपने किचन के पास खड़ी हुई थी, साड़ी का पल्लू नीचे गिरा कर हाथ दोनों उठा कर अंगड़ाई ले रही थी.
नीचे पेटीकोट को एक तरफ से उठा कर कमर में दबा रखा था जिससे दूधिया चिकनी मांसल टांग घुटने तक दिख रही थी.
एकदम परफेक्ट वैक्सिंग की हुई एकदम चिकनी … और इतनी मुलायम सफेद कमर कि देख कर ही खड़ा हो जाए.

हाथ ऊपर करके अंडरआर्म्स दिख रहे थे.
जैसा कि मैं पहले भी बता चुका हूं कि एकदम साफ चिकने सफेद.

उसने बाल खुले ओर एक तरफ कर रखे थे. स्तनों की दरार को बालों से छुपा रखा था.
होंठों पर गहरे लाल रंग की लिपिस्टिक लगा रखी थी. नीचे का होंठ थोड़ा सा दांतों में दबा कर खड़ी थी.

वो इस फोटो में इतनी कामुक लग रही थी कि पूछो मत.
मैं बस उस फ़ोटो को निहारता रहा.

तभी उसकी एक और कातिल फ़ोटो आई जिसमें वो थोड़ा झुक कर अपने बूब्स के दर्शन करवा रही थी और उसने अपनी बड़ी बड़ी आंखों में से एक आंख दबा रखी थी.
एक हाथ घुटने से थोड़ा ऊपर … और दूसरा बालों में.
वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी.

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मैं बस जन्नत में था … मेरा लौड़ा खड़ा हो चुका था.
मैंने न जाने कितनी ही बार फोन को चूम लिया था.

एक और मैसेज आया- अब नजर लगाओगे क्या जेठ जी.

इतना कह कर उसने फ़ोटो डिलीट कर दी.
आह … बस दिल में तीर सी चुभ गयी थी.

मैं उससे कुछ कह पाऊं कि इतने में उसने अपना नम्बर दिया और बोली- सिर्फ दोपहर में बात करना क्योंकि मुकेश दोपहर में घर नहीं होता.

अब मैंने स्नेहा से रोज बातें करना शुरू कर दिया था.
मैं उसे वीडियो कॉल भी कर लेता था और अच्छे से दीदार कर लेता था.
पर उसने कभी ज्यादा कपड़े नहीं उतारे थे … और घर में मुकेश के मम्मी पापा के कारण हम दोनों मिल भी नहीं पा रहे थे.

एक दिन दोपहर में जब हमारी वीडियो कॉल हो रही थी तो मैंने उससे कहा- तुम्हारी ऐसी कौन सी फैंटेसी है, जो आज तक पूरी नहीं हुई?

इस सवाल पर स्नेहा शर्मा गयी, वो एकदम ऐसी लाल हो गयी, जैसे दूध में केसर घुल गया हो.
इतना गुलाबी चेहरा हो गया था कि आज भी दिल में वैसे ही याद है.

जब उसने कुछ नहीं कहा, तो मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया.

मैं बोला- स्नेहा जानती हो मेरी क्या फैंटेसी है?
वो बोली- आप ही बताओ.

तो मैंने कहा- तुम्हारे पैर चूम लूं, चाट लूं … तुम्हारे अंडरआर्म्स को प्यार कर लूं … ओर घंटों तक बस तुम्हारे पूरे बदन को चाटता रहूँ.

स्नेहा ये सुनकर मचल गयी.
मेरे मुँह से इतना सुन कर ही उसकी आंखें बंद हो चली थीं.

मैं बोला- तुम नहीं चाहती स्नेहा कि मैं तुम्हें ऐसा स्नेह दूँ?
उसने बस आंखें खोलीं और शर्म से लाल होती हुई झुका लीं.

फिर उसने स्लीवलैस गोल्डन ब्लाउज में से हाथ ऊपर करके अपने अंडरआर्म्स आगे कर दिए और थोड़ा दूसरी तरफ झुक गयी.
अपना मुँह उसने दूसरी तरफ घुमा लिया जिससे उसके बाल आगे आ गए और उसके चेहरे को ढक दिया.

मैं बस फोन चूमता रह गया.

फिर कब शाम हुई, पता ही नहीं चला.

वो मेरा मन मसोस करके बाय करके चली गयी.

अब अगले दिन दोपहर में वीडियो कॉल आई, तो स्नेहा नाइटी में थी; वो भी काले रंग की.
यार बस दिल का दौरा पड़ते पड़ते बचा.

स्नेहा इतनी सेक्सी लग रही थी कि दिल चाक हो गया. स्नेहा काली नेट वाली नाइटी पहन कर मुझे देखती हुई मुस्कुराये जा रही थी.

मैंने पूछा- कुछ खास है क्या?
वो बोली- हां है.

उसके होंठों पर एक बेहद सेक्सी सी मुस्कान आ गयी, तो मैं भी बेसब्री में बोला- क्या?
स्नेहा- परसों मेरे सास ससुर तीर्थ पर जा रहे हैं.

मैं तो जैसे फिर से मरते मरते बचा; मैं बोला- आज मार ही दोगी क्या इतनी बड़ी खुशखबरी देकर?

उसने बस प्यार भरी मुस्कान के साथ नजर झुका ली.
फिर हम कुछ घरेलू बातें करते रहे.

वो अचानक से बोली- मुझे डार्क चॉकलेट पसन्द है, आते समय लेकर आना.
मैंने कहा- सच … मुझे भी बहुत पसंद है. मैं दो लेकर आऊंगा.

वो बोली- नहीं, एक ही लाना … आप मेरे मुँह में से खा लेना.
इतना कह कर झट से उसने वीडियो कॉल काट दी.

मैं तो बस उसके नर्म होंठों से खाने के ख्वाब में खोता जा रहा था.

मैंने फिर से कॉल की तो वो बस शर्माये जा रही थी.
मैं फिर भी थोड़ी बात करता रहा.

अगले दिन हमारी बात कम हुई.
वो पार्लर में गयी हुई थी.
आखिर हमारे मिलन का समय जो नजदीक आता जा रहा था.

फिर मिलन की घड़ी भी आ गई.

सुबह 10 बजे ही मैं उसके घर की ओऱ निकल गया था क्योंकि मुकेश अपने मां बाप को एयरपोर्ट छोड़ने चला गया था जो 100 किलोमीटर दूर दूसरे शहर में था.
उसका जल्दी आने का कोई चांस नहीं था.

घर में मेरी स्नेहा अकेली थी; मुझे ढेर सारा स्नेह देने के लिए वो एकदम रेडी थी.

दोस्तो, मेरे दोस्त की बीवी मेरे लंड से चुदने के लिए मेरा इन्तजार कर रही थी.
वो सब किस तरह से हुआ, मैं इस सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूंगा.

आपको मेरी ये सेक्स विद फ्रेंड वाइफ कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल और कमेंट्स से बताएं.
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सेक्स विद फ्रेंड वाइफ कहानी का अगला भाग: दोस्त की कामुक पत्नी से मस्त सम्भोग- 2