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बीवी की चुदाई गैर मर्द से-3
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कहानी का पिछला भाग: बीवी की चुदाई गैर मर्द से-3
अब आगे की कहानी राज के शब्दों में कि कैसे उसने अपने दोस्त की बीवी को चोदा:
सुबह अमन ने मुझे उठाया और चाय दी और कहा नहा लो फिर नाश्ता करते हैं!
मैंने चाय पी, नहाया और बाहर आ गया.
नीरा नाश्ता लेकर आ रही थी. उसके गोरे गोरे बदन पर काली साड़ी कयामत ढा रही थी. उसके चेहरे की लाली उसकी शर्म को जाहिर कर रही थी.
नीरा नाश्ता टेबल पर रख मुझे देख मुस्कुराई और बिना कुछ बोले अंदर चली गयी.
अमन- राज भाई, रात में कुछ हुआ?
नीरा के पति अमन ने ये सवाल पूछा और मेरा दिमाग सन्न हो गया.
अब उसे सच बोलूं तो नीरा के नाराज होने का डर!
और मैं झूट बोल दूं औऱ नीरा ने पहले ही सच बता दिया हो तो अमन की नज़रों में झूठा होने का डर!
मैं बात घुमाने लगा तो अमन फिर से पूछ बैठा- बताओ न कुछ हुआ रात में?
“क्या होना था रात में?” नीरा टेबल के पास आते हुए बोली.
अमन- हड़बड़ाते हुए- कु … कुछ नहीं … कुछ नहीं. मैं राज से पूछ रहा था कि रात को नशा सही से हुआ या नहीं?
मैं समझ गया कि नीरा ने कुछ नहीं बताया.
नीरा के जाते ही अमन ने फिर से इशारा किया.
मैंने न में जवाब देते हुए कहा- नशा बहुत हो गया था. तो सो गया था मैं!
अमन ने मुझे पास आने का इशारा करते हुए कहा- मैं अभी किसी काम से बाहर जा रहा हूँ. तुम तब तक उसे सेट कर लो. तुम कोशिश तो करो. मैं तुम्हरे साथ हूँ.
मैंने हां में सिर हिलाया.
हम दोनों ने नाश्ता किया औऱ अमन ने नीरा को बताया- मैं अभी आ रहा हूँ. तुम दिन का खाना बना लेना. तीनों साथ में लंच करेंगे.
अमन के जाते ही मैं किचन में गया और नीरा की गोरी पीठ पर किस करने लगा.
नीरा सकपका गयी और मना करने लगी.
लेकिन उसकी न कौन सुनना चाहता था. मैंने उसे कमर से कस कर पकड़ लिया और कमरे में लाकर उसके बिस्तर में गिरा दिया.
नीरा- राज, अभी नहीं प्लीज़! अमन के पीठ पीछे ये सब करना ठीक नहीं होगा. वो खुद चाहता है कि उसके सामने हो!
मैं- तो कोई बात नहीं. अमन को आने में बहुत समय है. क्या तुमको लगता है कि मैं तुम्हारे पास होते हुए खुद को रोक पाऊंगा तब तक?
ऐसा कहते हुए मैंने नीरा की गोरी पीठ पर एक चुम्बन कर लिया. मेरे चूमने से ही नीरा बेचैन होने लगी.
मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए एक बार फिर से उसके बदन को चूम लिया और अपने दोनों हाथ उसकी कमर में डालते हुए उसकी नाभि के आस पास सहलाने लगा.
नीरा- राज … राज … नहीं राज!
मैंने नीरा के मुँह पर एक उंगली रख उसे चुप होने का इशारा करते हुए उसके गले पर अपनी जीभ से चाट लिया.
नीरा मचल उठी. उसके मुँह से स्शह की आवाज निकल गयी. जो अभी तक विरोध कर रही थी, वो अब बेचैन थी, मचलने लगी थी!
मैं उसके गले से चूमते हुए उसके स्तनों तक आ गया. नीरा का ब्लाउज उसके स्तन औऱ मेरे बीच आ रहा था. तो मैंने उसके दोनों स्तनों के बीच में चाटना शुरू कर दिया और दोनों हाथों से उसके स्तनों को दबाने लगा.
बेचैन नीरा ने स्तनों को बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन ब्लाउज टाइट होने की वजह से ऐसा न कर सकी. बेचैनी में उसने अपने दोनों हाथों से अपने ब्लाउज के बटन खोल दिये.
ब्लाउज खुलते ही उसके स्तन ब्रा के साथ ही बाहर आ गये. उसके स्तनों को देख मैंने उसके खुले ब्लाउज को उतार दिया. मैं नहीं चाहता था कि वो उसे पहने!
उसके बाद ही मैंने उसकी ब्रा को खोलते हुए उसकी पीठ पर फिर से चूमा.
नीरा खुद ही मेरी तरफ पलट गई और मेरे मुँह में अपने स्तनों को बारी बारी डाल कर चुसवाने लगी. नीरा को जोश में देख मैंने उसे बिस्तर में लेटा दिया. उसके ऊपर चढ़ मैं उसके स्तनों को चूसने लगा.
जैसे ही मैंने उसकी साड़ी को उठाने के लिये हाथ पैरों की तरफ ले गया, नीरा ने मेरे हाथ को पकड़ लिया.
वो बोली- अभी नहीं प्लीज!
मैंने भी उसकी बातों में सहमति जताने में भलाई समझी.
उसके दोनों हाथों को मैंने अपने दोनों हाथो से कस लिया. मैं उसके स्तनों पेट गले होंठ जगह जगह चूमने लगा.
नीरा कामुक होने लगी थी. उसके चेहरे की लाली उसके बदन में लगी आग का अहसास करवा रही थी.
तभी मुझे तरकीब सूझी. मैंने अपना लोवर और टीशर्ट निकाल दिए और नीरा कर ऊपर जा फिर से उसे चूमने लगा.
अब मेरा एक पैर नीरा की साड़ी को ऊपर उठा रहा था. मैं ऊपर से नीरा को चूम रहा था. नीरा को इस बात का अहसास नहीं था कि उसके साथ क्या होने वाला है.
नीरा मस्ती में डूब रही थी और मेरे पैर उसकी साड़ी को उसकी जाँघों तक ला चुके थे. अब नीरा कुछ समझ पाती, तब तक देर हो चुकी थी.
मैंने धीरे धीरे अपने घुटने को उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया.
चूत पर रगड़, ऊपर से स्तनों का मर्दन, गले पर चुम्बन … हर तरफ से नीरा के जिस्म पर हमला हो रहा था. वो अब कितना संभलती.
अब उसका विरोध शांत होने लगा.
मैंने एक बार फिर से उसका जायजा लेने के लिए उसकी जांघ से होते हुए उसकी पैंटी के साइड से उंगली अंदर डाल दी.
नीरा थोड़ी कसमसाई और फिर शांत हो गयी.
मैंने धीरे से उँगली को उसकी चूत की फांकों के बीच में रगड़ना चालू कर दिया. नीरा अब और बेचैन होने लगी. उसके हाथ मेरे बदन पर चलने लगे. उसकी सिसकारियाँ मुझे भी मदहोश करने लगी. मैंने उसकी पैंटी के अंदर एक एक कर पांचों उँगली डाल दी और उसकी फांकों को सहलाने लगा.
नीरा की हवस फिर से जाग गयी थी. उसके हाथों अब मेरे अंडवियर में मेरे लन्ड को सहलाते हुए बाहर निकाल दिया. वो मेरे लंड को आगे पीछे कर मसलने लगी.
मैंने उसकी पैंटी को उतारने का प्रयास किया तो उसने बिना कुछ बोले ही अपने चूतड़ उठा कर सहमति दे दी.
मैंने धीरे से उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत चाटने लगा.
उसके दोनों हाथ मेरे सर पर थे. उसकी चूत के अंदर की दीवारों को जीभ से रगड़ने से उसे आनन्द मिल रहा था. मुझे उसको आनन्द में देख आनंद आ रहा था.
अब नीरा मुझे ऊपर खींचने लगी. उसे अब लन्ड चाहिये था.
लेकिन मैं उसे तड़पाना चाहता था.
लिहाजा मैंने अपना काम चालू रखा. नीरा कमर उठा उठा कर अपनी कामुकता का प्रदर्शन कर रही थी.
मैंने भी उसकी दोनों जाँघों को अपने हाथ से कस लिया. मैं उसकी चूत को जोर जोर से चूसने लगा. नीरा शशस्स शहहश करती जा रही थी. वह बार बार अपने हाथ को बिस्तर पर पटक रही थी.
उसने एक जोरदार प्रयास किया ताकि मैं उसकी चूत से जीभ निकाल लन्ड अंदर डाल दूं.
वो पूरी फुर्ती से पलटी और मेरे ऊपर आ गई ताकि ऊपर से मेरे लन्ड में बैठ सके.
लेकिन मैंने उसकी जाँघों पर पकड़ बनाये रखी. अब वो मेरे ऊपर तो थी लेकिन लन्ड उसकी चूत में नहीं था. अब भी मेरी जीभ उसकी चूत में थी.
वो मेरे मुँह पर ही बैठी थी और मैं उसे चूस रहा था.
वो पागलों की भांति चिल्लाना चाह रही थी लेकिन आवाज बाहर न जाये, इसलिए मुँह पर हाथ रख खुद को रोक रही थी.
सोचिए दोस्तो … आप झड़ने के करीब हों लेकिन आप उसे रोकना चाहते हों. ऐसा करने की स्थिति में भी अलग ही मजा आता है.
वही हाल नीरा का था. देखते देखते उसने मेरे मुँह में ही अपनी चूत को रगड़ना तेज कर दिया. मैं कभी उसकी गांड पर मारता, नोचता उसे. और कभी उसके स्तनों पर!
नीरा के हिलने की गति एकदम तेज हो गयी. उसने अपनी दोनों जाँघों से मेरे मुँह को कस लिया और आह हहहा अहह करती हुई झड़ने लगी.
झड़ने के कुछ ही क्षण पश्चात नीरा मेरे ऊपर ही लेट गयी. मेरे गाल पर किस करते हुए वो बोली- तुमने तो एक तीर से दो शिकार कर दिए. मुझे स्खलित भी कर दिया और वो भी बिना लन्ड डाले! सच में राज … बहुत मज़ा आया मुझे!
ऐसा कहते हुए वो मेरे ही सीने पर लेट गई.
मैं पानी पीने को उठा तो मेरा तना हुआ लन्ड देख नीरा बोली- ये तो शांत ही नहीं हुआ.
मेरे मुँह से निकला- तुमने अधूरा जो छोड़ दिया इसे!
यह सुन नीरा बोल पड़ी- तो इसकी क्या सेवा की जाये जनाब?
मैं- जो तुम्हें अच्छा लगे वो कर दो!
कहते हुए मैं उसके सामने आ गया.
नीरा बेड पर ही लेटी थी. उसने धीरे से मेरे लन्ड को सहलाया और आगे पीछे करने लगी. कुछ क्षण देखने के बाद बोली- तुम्हारा लन्ड सच में बहुत मोटा और कड़क है. किसी कुँवारी चूत के लिए तो यादगार बन जायेगा ये.
ऐसा कहते हुए नीरा मेरे लन्ड को गौर से देखने लगी. उसके होंठ काँपने लगे और उसने एक बार लन्ड को चूम लिया.
फिर उसने लन्ड की खाल पीछे कर लन्ड छिद्र पर जीभ लगा कर, फिर जीभ अंदर घुसाने की कोशिश करने लगी. मानो वो लन्ड का स्वाद लेना चाह रही हो!
एक बार फिर उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना मुँह खोल मेरे लन्ड के सुपारे को अपने होंठों के बीच में लेकर जीभ से रगड़ दिया और फिर बाहर निकाल दिया.
अब वो मुझसे बदला ले रही थी. जिस तरह मैंने उसे तड़पाया था, उसी तरह वो अब मुझे तड़पा रही थी!
नीरा ने मेरे लन्ड को हाथ से पकड़ कर तेजी से आगे पीछे करना चालू कर दिया. मेरे मुँह से ओह्ह की आवाज निकल पड़ी.
मेरे दोनों हाथ नीरा के सर के ऊपर थे. मैं उसके सर को आगे करके उसके मुँह में लन्ड धकेलने लगा.
नीरा समझदार थी. वो जानती थी कि मैं क्या चाहता हूँ.
उसने अपने मुँह को आगे बढ़ाते हुए मेरे लन्ड को पूरा मुँह में ले लिया. वो जीभ को लन्ड के मुंड पर फेरने लगी. लन्ड चूसने की उसकी कला देख मेरा दिल गदगद हो रहा था.
मैं जमीन पर खड़ा था और नीरा बिस्तर में पेट के बल लेट मेरा लन्ड चूस रही थी. मेरे हाथ उसके बालों पर थे और उसके सर को आगे पीछे कर रहे थे.
नीरा मुझे उत्तेजित और स्खलित करने के लिए मेरे लन्ड को चूसते हुए मेरे आंड भी सहला रही थी.
तभी गेट खुलने की आवाज से हम दोनों सहम गये. जल्दबाजी में कुछ न सोच पाए, न समझ पाए.
तभी अमन आ गया. हमें बिस्तर में देख वो समझ गया कि क्या मामला है.
नीरा ने खुद को चादर के अंदर समेट लिया. अमन ने भी अपने कपड़े उतार दिए और बिस्तर में जा पहुँचा.
उसके हाथ नीरा के बदन पर रेंगने लगे.
नीरा खामोश थी.
अमन ने मुझे बिस्तर में आने का इशारा किया औऱ नीरा को चूमने लगा. नीरा अब सुकून से थी. वो दो दो मर्दो से सेक्स का मजा लेना चाहती थी.
तभी अमन ने नीरा को गर्म करते हुऐ सारे बदन को चूमना शुरू कर दिया और मुझे भी इशारे से बुलाने लगा.
मैं नीरा के पास लेट गया और उसे चूमने लगा.
अब नीरा के सामने मैं था और पीठ की तरफ अमन. हम दोनों उसके नंगे बदन पर चिपक उसे मसल रहे थे.
नीरा आनंदित हो उठी. अमन उसकी पीठ को चूम रहा था और मैं उसके स्तनों को दबाते हुए उन्हें चूस रहा था.
उसका एक हाथ अमन के लन्ड पर जा पहुँचा.
अमन ने उसका हाथ हटा कर मेरे लन्ड के ऊपर रख दिया. नीरा अब मेरा लन्ड को सहलाने लगी.
यह सब देख अमन जोश में आ गया और नीरा की गांड चाटने लगा. उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारने लगा.
नीरा कामुक हुए जा रही थी. नीरा ने गर्म होकर मेरा लन्ड सहलाना शुरू कर दिया.
अब वो पीठ के बल लेट कर मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. मैंने उसके ऊपर लेट उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. नीरा की जाँघों के बीच में मेरा कड़क लन्ड रगड़ा जा रहा था.
नीरा अपनी जांघें फैला कर मेरा स्वागत करने को तैयार थी.
लेकिन मैं उसे तड़पना चाहता था. लिहाजा मैंने चूत में न डाल इधर उधर लन्ड रगड़ना चालू रखा.
यह सब अमन शांत हो देख रहा था. अमन ने कुर्सी में बैठ कर अपना लंड हिलाना चालू कर दिया. नीरा के जिस्म से उसकी निगाहें नहीं हट रही थी.
उधर नीरा कमर उठा उठा कर मेरे लन्ड को अपने अंदर लेने को बेचैन थी.
मैंने नीरा के दोनों हाथ को कस कर पकड़ा और लन्ड को चूत के मुख पर रख थोड़ा सा जोर लगाया.
नीरा का मुँह खुल गया. उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी. औह आउच करते हुए उसने आँखें बन्द कर दी.
मैंने एक झटके से उसकी चूत में लन्ड को प्रवेश करवा दिया. नीरा थोड़ी छटपटा गयी. तभी मैंने देर न करते हुए उस पर झटके मारने चालू कर दिया.
कुछ ही देर में नीरा चहकने लगी. उसकी मादक सिसकारियाँ अमन का भी हाल बुरा कर रही थी.
अपनी बीवी को कामुक मुद्रा में किसी और मर्द के साथ सेक्स का आनंद लेते देखना; बीवी के चेहरे पर कामुक नशा देख किसी कुकोल्ड पति को क्या मज़ा आता है. यह बस वही जानते हैं जिन्होंने इसे अनुभव किया है. या जो करना चाहता है.
मैं जोर जोर से झटके मारते हुए नीरा को चोद रहा था. अमन हमारे पास आया. वो अपनी बीवी की चूत में उँगली डालने का प्रयास करने लगा.
उसे देख मैंने लन्ड बाहर निकाल लिया.
अमन मेरे मोटे लन्ड को पकड़ कर हिलाते हुए नीरा की चूत में फिर से डालने लगा.
लन्ड अंदर जाते ही नीरा ने मुझे कस कर पकड़ा और मेरे ऊपर आ गई. अब वो मेरे ऊपर बैठ कर उछल कूद कर रही थी. अमन उसकी गांड पर जोर जोर से चाँटे मार रहा था. जिसका दर्द नहीं मज़ा नीरा को मिल रहा था.
अब अमन ने नीरा की गांड को, चूत को चाटना शुरू कर दिया. नीरा की तेज उठा पटक और उसकी टाईट चूत का वार मेरा लन्ड नहीं सह पाया और मैंने पूरी ताकत से ऊपर को झटके मारने चालू कर दिए.
तभी नीरा भी मेरे साथ साथ तेजी दिखाने लगी. और वो समय आ गया जब हम दोनों एक साथ स्खलित हुए.
अमन ने अब भी अपनी बीवी की चूत को चाटना चालू रखा. उसकी चूत से निकलता हुआ वीर्य सूंघते हुए वो खुद भी स्खलित होने लगा.
उसके बाद क्या हुआ? कब नींद आयी? पता नहीं चला.
जब नींद खुली तो महसूस किया नीरा अमन की तरफ मुँह कर के सोई हुई है. हम तीनो बिस्तर में नंगे थे.
इस तरह से अपने दोस्त की बीवी को चोदा मैंने कई बार. शाम 4 बजे मैंने उन दोनों से विदा ली.
नीरा ने ‘फिर कब आओगे?’ पूछते हुए आँख मारी.
तो मैंने भी कह दिया- जब आपका मन हो, बुला लीजियेगा.
नीरा ने मेरा नम्बर लिया और हमने एक दूसरे को विदा कहा.
घर पहुँच कर मैंने देखा कि नीरा की काल आयी हुई है. मैंने उसे काल की तो उसने पूछा- घर पहुँच गए?
मैंने जवाब दिया- हां जी!
जो भी हम दोनों के बीच हुआ, उसके लिए उसने मुझे धन्यवाद दिया और कहा- मेरी लाइफ के बेहतरीन लम्हे थे वो! अमन कम्पनी काम से कभी बाहर जाएंगे तो मैं आपको बताऊंगी. आप आ सकते हो.
मैंने भी ‘नेकी और पूछ पूछ’ कहकर उत्तर दिया.
जिसे सुन नीरा मुस्कुराने लगी- ये सुझाव भी अमन ने ही दिया है.
मैंने नीरा से कहा- आपके पति देव सच में बहुत प्यार करते हैं. आपसे सेक्स स्वेप थ्रीसम कोई भी कर सकता है. लेकिन जरूरत है आप दोनों को एक दूसरे के विश्वास की. और विश्वसनीय आदमी की या कपल की!
दोस्त की बीवी को चोदा मैंने. यह कहानी आपको कैसी लगी? मुझे मेल कीजियेगा. आप हैंगआउट और फेसबुक पर भी मेसेज कर सकते हैं. मुझे आपके उत्तर का इंतजार रहेगा.
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