दोस्त की बहन के साथ बितायी एक रात- 2

माउथ सेक्स विद हॉट गर्ल का मजा मैंने अपने दोस्त की मैरिड सिस्टर के साथ उसी के घर में लिया. मैंने उसके हाव भाव से जान लिया था कि लड़की गर्म है.

कहानी के पहले भाग
दोस्त की बहन को पाने की चाह
में आपने पढ़ा कि मैं अपने दोस्त की चचेरी बहन को पसंद करता था पर कुछ होने से पूर्व ही उसकी शादी हो गयी.
उसके बाद एक बार मुझे उसके घर जाने का अवसर मिला तो मैं वहां गया.
मैंने उसके हाव भाव से भाम्प लिया कि लड़की मेरे साथ वक्त बिताने में नहीं हिचकेगी.

अब आगे माउथ सेक्स विद हॉट गर्ल:

पायल ने साइड टेबल पर रखा पैग उठाया और एक झटके में उसको अपने गले से नीचे उतार दिया।

मेरे मर्दाना हाथों का स्पर्श जैसे पायल को मतवाला बना रहा था।
मैं भी पायल की मक्खन सी जाँघों को अब मसलने सा लगा था।

अब पायल का खुद पर काबू नहीं था और पायल उठ कर मेरी गोद में आ बैठी थी।
मैंने भी अपने होठों को पायल के होठों पर रख उनको चूसना शुरू कर दिया था।

अब मेरे हाथ पायल की जाँघों से थोड़ा ऊपर हो चले थे और मैं उसकी गीली पैंटी को महसूस कर सकता था।
पायल भी अब सिसकारी लेने लगी थी और उसका बदन हल्का हल्का काँप रहा था।

पर ये कहना झूठ नहीं होगा कि पायल के हुस्न का जादू मेरे पर अब हावी होने लगा था।
मेरा लण्ड पूरा तना था और पायल की गांड में जैसे कुछ खोदने को बेकरार था।

पायल भी मेरे लण्ड को पूरी तरह से महसूस करने के लिए अपनी गांड को हिला रही थी।

कमरे में मौसम बदल रहा था और माहौल गर्माने लगा था।

मेरे हाथ खुद-ब-खुद पायल के स्तनों की तरफ बढ़ गए थे।

पायल पागलों की तरह मेरे होठों को सिर्फ चूस ही नहीं रही थी बल्कि बुरी तरह से काटने लगी थी।
जैसे किसी भूखी शेरनी को कोई शिकार मिल गया हो।

एक हाथ को पायल के चूचों पर छोड़, दूसरे को मैं पायल की चूत पर ले गया और पायल की चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से रगड़ना शुरू कर दिया।
कुछ देर पायल की चूत को रगड़ने के बाद मैंने धीरे धीरे उसकी पैंटी के साइड से जगह बना कर पहली बार तो पायल की चूत को छुआ … अरे ये क्या, पायल तो यूँ काँपने लगी कि क्या बताऊँ।

पायल का पूरा बदन थिरक रहा था।
उसकी सिसकारियाँ जैसे किलकारियों में तब्दील हो गयीं थी और कुछ ही पलों में पायल की चूत ने मेरी उँगलियों को अपने कामरस से भिगोना शुरू कर दिया।

पायल के चेहरे पर एक असीम संतुष्टि साफ़ पढ़ी जा सकती थी। पायल ने अपनी बड़ी बड़ी आँखों से मुझे यूँ देखा जैसे कोई बच्चा किसी शरारत को करने के बाद देखता है।
मैंने भी सवालिया निगाहों से पायल को देखा और अपनी उँगलियों को एक एक करके चाटना शुरू किया।

पायल मेरा हाथ थामते हुए- ये क्या कर रहे हो राहुल? तुम्हें ऐसा करते देख मुझे कुछ कुछ हो रहा है.
राहुल उँगलियों को चाटते हुए- इतना नशा तो किसी शराब में भी नहीं पायल जान। मैं तेरे शरीर का सारा रस और हर बून्द पी जाना चाहता हूँ। आज मुझे मत रोकना।

पायल- आज अमित को गए 3 महीनों से ज्यादा हो गए और तुम तो समझ सकते हो कि नयी नयी शादी के बाद इतनी लम्बी जुदाई कैसी खटकती है। बस इसलिए मैं खुद को रोक नहीं सकी।

राहुल- शायद मेरी किस्मत में तेरा हुस्न पीना लिखा था आज! इसीलिए अमित और तुम्हारे वियोग के बीच मैं तुमसे मिलने पंहुचा हूँ। तुम्हारे काम-रस की सुगंध मुझे मदहोश कर रही है पायल जान।
पायल- मदहोशी तो मुझ पर भी चढ़ी हुई है आज! पर तुमने शरारत की है मेरे साथ। तुमने जानबूझकर पैग ज्यादा बड़े बना दिए।

राहुल- पैग तो एक भी बड़ा नहीं बनाया पर मेरे हाथों ने जो तुम्हारे पैग बनाये उनमें तुम्हारे हुस्न का नशा जरूर मिला था। ये जादू उस बढ़े नशे का ही है।
पायल मेरे कंधे पर सिर रखते हुए- ये सब सिर्फ मुझे बहलाने को कह रहे हो तुम! मैंने तुम्हें अपनी शादी से पहले भी देखा है … मुझे घूरते हुए!

राहुल पायल के चूचों पर हाथ फेरते हुए- तुम्हारा ये हुस्न है ही इतना कातिल कि शिकारी खुद शिकार हो जाए पायल जान। पर एक बात तो बताओ, शादी से पहले तुम्हारे चूचे कोई 32 के रहे होंगे। इतनी जल्दी ये इतने बड़े कैसे हो गए?
पायल- तुम्हें ये भी पता है कि तब कितने थे और अब कितने हैं? बहुत गुंडे निकले तुम तो?
राहुल- जब जब तुम्हें देखता हूँ, दिल बेईमान हो ही जाता है पायल जान।

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और इतना कहते कहते मैंने एक बार फिर पायल के होठों पर अपने होंठ रख दिए।

देखते ही देखते हम दोनों के बीच की दूरियां कम होती गयीं और हम एक दूसरे को चिपक कर चूमते रहे।
मेरे हाथ पायल की गोलाइयों को नाप रहे थे और पायल सिसकारियाँ भर रही थी।

पायल की चूत तो पहले ही पानी छोड़ चुकी थी और उसकी मादक खुशबू अब भी मेरे हाथ में थी।
जब-जब मैं उसके होठों को चूसता, मेरा लण्ड बेताब हुए जाता।

पायल अपने हाथों को मेरे बालों में घुमा रही थी।
मैंने अपने हाथ पायल की पीठ पर ले जाकर उसकी नाईटी की स्ट्रैप खोली जिससे मैं उसके नंगे बदन को हांसिल कर सकूँ।
पायल बिन पानी मछली जैसी तड़पती जा रही थी और मैं धीरे धीरे अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा था।

मैंने पायल की गर्दन को चूमना चाटना शुरू किया और हाथों से उसकी पीठ को सहलाता रहा।
पायल से ज्यादा देर रहा ना गया और उसने मेरे लण्ड को जैसे खोजना शुरू किया।

मैंने देर ना करते हुए पायल को अपनी गोद में उठा लिया और उसको दीवान पर लिटा कर पीछे हट गया।
पायल किसी नागिन जैसी कमसिन … दीवान पर पड़ी बेचैन जवानी … कोई हुस्न की देवी लग रही थी।

उसकी छोटी और पारदर्शी नाईटी उसके हुस्न को मेरी आँखों से छुपाने को नाकाफी थी।
यहाँ तक कि अब पायल की नाईटी इतनी तंग सी हो गयी थी कि उसकी पैंटी भी साफ़ नज़र आने लगी थी।
पैंटी भी जानलेवा थी … भीनी, जालीदार, काली पैंटी जिसपर एम्ब्रायडरी से छोटे छोटे फूल बनाये गए थे जिससे सिर्फ चूत छुपी रहे और बाकी सब पारदर्शी कपड़े से आसानी से देखा जा सकता था।

मैं अपने लण्ड को हाथ से सहलाते हुए दिल भर के उसके हुस्न को अपनी आँखों से ही पी रहा था।
पायल बेचैन थी और बेइंतहा तड़प रही थी।
उसकी नज़रें मुझे लाचार सी देख रही थीं, जैसे जन्म-जन्मांतर की बातें अभी करना चाहती हों।

उसकी यह तड़प अब मुझसे देखी नहीं जा रही थी।

एक पल गंवाए बिना ही मैं पायल के पैरों के बीच पहुंच गया और उसके पैरों को चूमने लगा।
पायल के पैर भी उसके जिस्म जितने ही सुन्दर थे।

कभी मैं उसके पैर की उँगलियों को चूमता … कभी चाट लेता … तो कभी काट लेता।
मुझे पायल की उत्तेजना बढ़ाने में अत्यंत आनंद आ रहा था और शायद पायल भी इसका भरपूर मज़ा ले रही थी।

पायल बेचैनी से भरी बीच बीच में अपने चूचों और चूत को खुद ही दबा रही थी।

एक तो उसकी अमित से इतनी लम्बी दूरियां और उस पर अब उसको मेरा यूँ तड़पाना शायद उसकी बर्दाश्त से बाहर था।
ऊपर से मैं कभी उसकी चूत को मसोड़ देता तो कभी उसके बम्म मसल देता।

पायल की सिसकारियां तो पहले ही ज़ोरों पर थीं पर अब उसमें एक कशिश – एक दर्द – एक ख़ुशी – एक सुख की सी मिली जुली झलक थी।

कुछ ही देर में मैं पायल के पैरों से ऊपर होता हुआ अब उसकी जाँघों पर चोट कर रहा था।
पायल मेरी हर छुअन पर जैसे तड़प के रह जाती पर मज़ा उसको भी बहुत ज्यादा आ रहा था।

मैंने अपने हाथ से महसूस किया था कि उसकी चूत बीच बीच में थोड़ी बहुत बहती जा रही थी और वो शायद पूर्ण स्खलित ना होकर स्खलित होने में लम्बा समय ले रही थी।
मैं कभी उसकी चूत तो कभी उसके कूल्हों तो कभी उसके चूचों को मसल रहा था।

आज जैसे सालों पुरानी चाहत पूरी हो रही थी और मैं किसी जल्दी में नहीं था।
मैंने पायल की जांघों को चूमना चाटना शुरू किया ही था कि पायल ने अपनी टांगें खोल कर मुझे जैसे खुला निमंत्रण दे दिया।

अब मैं उसकी गीली पैंटी से आ रही मादक खुशबू से मतवाला हुआ उसकी जाँघों को चूमने – चाटने और काटने लगा।

धीरे धीरे पूरे कमरे में वही खुशबू समाती जा रही थी।
पायल पागल और मैं पूरा पागल हो चुका था।

मैं हाथों से पायल के चूचों को मसलता हुआ जो उसकी चूत पर पंहुचा और उसकी चूत को अपनी नाक से सूंघा तो जैसे मैं किसी अलग दुनिया में पहुंच गया।
खुद पर कोई वश नहीं था अब मेरा और मंज़िल मेरे आग़ोश में थी.

पर पिक्चर अभी बाकी थी मेरे दोस्त …

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मैंने किसी भूखे शेर की तरह पायल की चूत पर अपना मुँह पूरा खोल कर रख दिया जैसे उसकी चूत को खाना चाहता हूँ।

पायल के पास सिवाय तड़पने के कोई चारा बचा नहीं था; उसने मेरे सिर पर हाथ रख मुझे अपने अंदर धकेलना शुरू किया।

क्यूंकि मैंने पायल की ब्रा को अभी तक उसके बदन से अलग नहीं किया था, मेरे हाथ उसके चूचों की घुंडियों को ब्रा के ऊपर से ही बेदर्दी से मसल रहे थे और पायल अब सिसकारियों की जगह जैसे कराहने लगी थी।

उसके पैर चौड़े खुले हवा में उठे थे जिससे मुझे उसकी चूत में समा जाने को भरपूर जगह मिल रही थी।

मैंने पायल की चूत से उसकी पैंटी को अलग करने के लिए एक तरफ से उसकी इलास्टिक को अपने दांतों से पकड़ा ही था कि पायल ने अपनी गांड उठा दी।
बिना एक पल गवाएं मैंने पायल की पैंटी को उसकी चूत से अलग कर दिया पर अभी उसके जिस्म से अलग नहीं किया था।

अब पायल की चूत और मेरी जीभ के दरमियान कुछ नहीं था और मुझे उसकी मादकता अपना गुलाम बनाये जैसे हुक्म दे रही हो कि ‘ऐ गुलाम, आ और मुझे पी जा!’

इतनी प्यारी और कोमल सी चूत … होने को तो पायल शादीशुदा थी पर उसने अपने पति के साथ बहुत सारा समय नहीं बिताया था और इसलिए उसकी चूत एकदम कसी थी।

तो दोस्तो, जो होता है आज भी वही हुआ …
मैंने पायल की चूत की ताबड़तोड़ चुसाई शुरू कर दी।

थोड़ी देर चूसने के बाद जो मैंने उसकी चूत में उंगली करनी चाही तो पायल जैसे सिहर सी गयी।
जैसे पहली बार किसी कुंवारी लड़की की चूत में उंगली हुई हो।

वैसे भी पायल की शादी को कुछ ही महीने हुए थे और उसमें भी पिछले 3 महीनों से वो अपने पति से दूर थी तो आज तो मेरी चांदी ही चांदी थी।

थोड़ी मेहनत करने पर मेरी उंगली ने पायल की चूत में अपने लिए जगह भी बना ली थी।
अब कभी मैं उसकी चूत में उंगली करता तो कभी जीभ अंदर तक उतार देता।

जब भी मैं पायल की चूत में उंगली या जीभ डालता, पायल हर बार सिहर के रह जाती।

कभी मैं उसकी चूत के होंठों को चूसता तो कभी उनको काट लेता!
पर मेरा मन था कि माउथ सेक्स विद हॉट गर्ल से भरने का नाम ही नहीं ले रहा था।

अब मैंने पायल की चूत में 2 उँगलियाँ डालनी शुरू की और साथ में उसकी चूत से बाहर आती खाल को चूसने लगा।

पायल के मुँह से आती आवाज़ें रात के साथ बढ़ती ही जा रही थी।
मैं चाहता था कि पायल की चूत मेरे मोटे लण्ड के लिए तैयार हो जाए।

कुछ ही पलों में पायल की चूत से अमृत की वो धारा बहने लगी जिसके लिए मैं कितने सालों से तरस रहा था।
पायल ने एक ज़ोरदार चीख के साथ अपना बाँध तोड़ दिया और उसकी सांसें उखड़ी उखड़ी सी हो गयी।

मैंने पायल की चूत से बहते रस को पीना शुरू कर दिया पर उंगली को बाहर नहीं निकाला जिससे मैं हल्का घर्षण करता रहूं और पायल के शरीर में गर्मी बनी रहे।

जो दोस्त और भाभियाँ मेरी पुरानी कहानियां पढ़ चुके हैं, वे जानते हैं कि पायल की चूत से पहले भी मैंने कई चूतों का पानी पीया है पर पायल के पानी में एक अलग ही बात थी।
उसका स्वाद बहुत अलग था क्यूंकि पायल ना तो कुंवारी थी और ना ही पायल की गिनती शुमार चुदी हुई लड़कियों या भाभियों में की जा सकती थी।

और फिर नयी दुल्हन की चूत तो वैसे भी दुल्हन सी ही होती है यारो …

मैंने भी पायल की चूत से एक एक बून्द को माउथ सेक्स के दौरान स्वाद ले कर चाटा और यह भी सुनिश्चित किया कि पायल मेरी हर चुसकी पर तड़पे।
जब मेरी जीभ पायल की चूत को छूती तो जैसे पायल के बदन में आग सी लग जाती थी।

मैंने ऐसा गर्म माल पहली बार हासिल किया था और मुझे इस बात पर गर्व हो रहा था।
मैं भी बीच-बीच में पायल की चूत को सपाट करके उस पर 2-4 थप्पड़ लगा देता जिससे माहौल में उत्तेजना, थोड़ा जंगलीपन और थोड़ी सख्ती बनी रहे।

अगले भाग में आप पढ़ेंगे कि पायल ने अपने दिल के अरमां मेरे साथ कैसे पूरे किये.
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माउथ सेक्स विद हॉट गर्ल कहानी का अगला भाग: दोस्त की बहन के साथ बितायी एक रात- 3