दो प्यासे मर्दों ने चूत गांड चोद दी-2

अभी तक की मेरी इस चुदाई की कहानी के पहले भाग
दो प्यासे मर्दों ने चूत गांड चोद दी-1
में आपने जाना था कि बॉस मुझे सुबह से से चोदने लगे थे. सामने दरवाजा खुला था, जिससे कोई भी अन्दर आ सकता था. वही हुआ भी, विनय बॉस के लिए दारू लेकर आ गया और उसने हम दोनों को चुदाई करते हुए देख लिया. मैं बाथरूम में चली गई और बॉस ने उसे बिठा दिया. मैं जब बाथरूम से नहा कर नंगी ही बाहर निकली तो विनय की पीठ मेरी तरफ थी और बॉस मुझे देख कर अपना लंड सहला रहे थे.

अब आगे:

बॉस को देखते हुए मैंने अपने बेडरूम में जाकर एक मिनी टॉप और छोटी सी स्कर्ट पहन ली. मैंने बहुत दिनों से ब्रा नहीं पहनी थी, तो मुझे वो मिली ही नहीं, इसलिए बिना ब्रा के ही मैंने टॉप पहन लिया. बिना ब्रा के टॉप पहनने से मेरे निप्पल साफ दिख रहे थे.

मैं बॉस के पास आई, तब तक बॉस ने दारू की बोतल खोल ली थी. मुझे देख कर बॉस ने मुझसे कुछ चखना लाने के लिए कहा.

मैंने किचन में जाकर बना दिया और सारा सामान लेकर आ गयी.

बॉस- नेहा तुम सिर्फ मेरे लिए ही गिलास क्यों लाई? विनय और तुम नहीं पियोगे क्या?
मैं- सर, मैं नहीं पियूंगी.
विनय- सर, मैं भी नहीं.
बॉस- मेरा साथ तो देना पड़ेगा … चाहो तो थोड़ा सा ही पियो.

बॉस बहुत जिद करने लगे, तो मैंने अपने और विनय के लिए भी गिलास ला दिया.

अब हम तीनों लोग दारू पीने लगे.

विनय शायद ज्यादा नहीं पीता था, इसलिए उसको 3 पैग में ही दारू चढ़ने लगी. मैंने और बॉस ने 5-5 पैग पी लिए थे.

अब बॉस ने मुझे अपने पास बिठा लिया और मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे पैग बनाने को बोला. मैं झुक कर पैग बना रही थी, विनय मेरे टॉप के अन्दर देख रहा था. जिससे उसका लंड भी गर्मी महसूस करने लगा और पैंट के ऊपर से दिखने लगा.

मैंने विनय के लिए भी पैग बना दिया. अब बॉस मेरे चूचियों को टॉप के ऊपर से मसल रहे थे और दारू पी रहे थे. विनय ध्यान से मेरे चूचियों को मसलना देख रहा था, जिससे उसका लंड अच्छे से खड़ा हो गया और बॉस का भी लंड खड़ा था. मुझे इस वक्त ये सोच कर बहुत अच्छा लग रहा था कि मुझे देख कर दो मर्दों के लंड खड़े हैं.

तभी बॉस ने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया, जिसे मैंने सहलाना शुरू कर दिया. दारू पीने के बाद अब मैं भी अपना होश खो रही थी. बॉस ने अपने मुँह में दारू भर कर मेरे मुँह में डाल दिया, जिसे मैं पी गयी और बॉस के होंठों को चूसने लगी.

इसके बाद बॉस ने मेरी गर्दन को पकड़ के झुका दिया और मैं बॉस के लंड को फ्रेंची से बाहर निकाल कर चूसने लगी.

विनय देख रहा था कि कैसे मैं बॉस का लंड चूस रही हूँ.

बॉस ने आंखों को बन्द कर लिया था और मेरे मुँह में अपना लंड घुसा कर मजे से चुसवा रहे थे. बॉस का लंड मेरे मुँह को चोद रहा था.

तभी मैंने देखा कि विनय ने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया था और वो लंड हिला रहा था.

मैंने हाथ से इशारा करके विनय को अपने पास अपने पीछे बिठा लिया. मैंने बॉस के लंड को चूसते हुए विनय का लंड हिलाना शुरू कर दिया और विनय पीछे से मेरे टॉप को उठा कर मेरी चूचियों को मसलने लगा था.

दो मर्दों के बीच में मैं तो जैसे स्वर्ग का सैर कर रही थी.

विनय ने अपना टी-शर्ट को निकाल दिया और मैंने उसके पैंट को खोल दिया, तो उसने वो भी निकाल दिया. विनय मेरी स्कर्ट को ऊपर उठा कर मेरे जांघों को सहला रहा था और फिर झुक कर मेरी जांघों को चाट रहा था.

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने बॉस के लंड को अपने मुँह में और जकड़ लिया, जिससे बॉस ने मेरे सर को पकड़ के लंड पूरा मेरे गले तक घुसा दिया. मुझे खांसी आने लगी, तब बॉस ने मेरे सिर को छोड़ा. अब मुझे रुका नहीं जा रहा था. मेरी चूत में खुजली होने लगी थी. चूत का पानी निकलने के लिए बेताब था.

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मैंने उठ कर अपना टॉप उतार दिया और विनय ने जल्दी से मेरी स्कर्ट के साथ ही मेरी पेंटी को निकाल दिया. अब मैं पूरी नंगी हो गयी.

मैंने बॉस की फ्रेंची को निकाल दिया और अपनी टांगों को फैला दिया. मैं उनका लंड चूत में घुसा कर बैठ गयी.

मैं- आअह्ह्ह … मजा आ गया बॉस … क्या कड़क लंड है आपका!

विनय भी पूरा नंगा हो गया और नीचे बैठ कर मेरी गांड चाट रहा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मेरी गांड पर विनय की जीभ थी और चूत में बॉस का लंड फंसा था.

मैं बॉस के कान में धीरे से बोली- आज तो आपका विनय मेरी गांड मारकर ही मानेगा.
बॉस ने आंखें खोल कर देखा, विनय नीचे बैठ कर मेरी गांड को मन लगा कर चाट रहा था.

उन्होंने मुस्कुरा कर मुझे देखा और पूछा- दो दो लंड एक साथ लगी रंडी?
मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं था. मैंने मुस्कुरा कर बॉस को देखा और उनके मुँह में मुँह डाल दिया.

अब मैं बॉस के होंठों को चूस रही थी और उनके लंड को चूत में लेकर बैठी हुई थी. विनय मेरी गांड में जीभ डाल कर दो उंगलियों को मेरी गांड में घुसा रहा था … जिससे मेरी गांड मुलायम हो रही थी और लंड के लिए रेडी हो रही थी.

मैंने विनय का हाथ पकड़ कर ऊपर खींच लिया और उसका लंड थोड़ी देर मुँह में लेकर चूस लिया. इससे उसका लंड मेरे मुँह के लार से गीला हो गया. मैंने मुस्कुरा कर विनय को देखा, जिससे वो समझ गया कि क्या करना है.

अब विनय मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रगड़ने लगा. फिर धीरे धीरे विनय का लंड मेरी गांड में घुसने लगा.
मैं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… धीरे प्लीज.

बॉस ने मेरे चूतड़ों को पकड़ कर अच्छे से फैला दिया, जिससे विनय का लंड आसानी से मेरी गांड में घुस जाए.

अब मेरी चूत और गांड दोनों में लंड पूरी तरह से घुस चुके थे. विनय पीछे से मेरी चूचियों को पकड़ कर जोर जोर से मसल रहा था और धीरे धीरे मेरी गांड मार रहा था. मुझे मजा आ रहा था. चूत में घुसा हुआ लंड भी अब अन्दर बाहर हो था और गांड में घुसा लंड भी.

मैं दो नंगे मर्दों के बीच नंगी होकर दबी हुई थी और दो दो लंड अपने अन्दर घुसवा रही थी. बॉस ने मेरे मुँह में मुँह डाल कर अपनी कमर को तेज तेज चलाना शुरू कर दिया, जिससे गांड में भी जल्दी जल्दी लंड घुसने लगा.

मैं- आअह्ह्ह आह्ह्ह सर जोर से चोदो मेरी चूत को … आह्ह … बड़ा मजा आ रहा है. विनय आज मेरी गांड को पूरा फ़ाड़ दो … प्लीज विनय.
बॉस- ले साली और तेज तेरी गांड और चूत दोनों में लंड घुस रहे हैं साली रंडी.
“आह आह आह्ह्ह मजा आ रहा है सर … पहले क्यों नहीं चोदा दोनों ने मिलकर … आह … मैं आज से दोनों की रंडी हूँ … चोदो मुझे … आह्ह्ह आह्ह्ह मजा आ रहा है और जोर से.”

विनय अब पूरी रफ्तार में मेरी गांड मार रहा था और बॉस का लंड जोर जोर से चूत में घुस रहा था, वो बोल रहा था- मुझे तेरी चूत लेनी है नेहा रानी … बोल तो घुसा दूँ चूत में तेरे.
मैं- अभी नहीं … गांड मारो मेरी जोर जोर से.

मैंने सोचा एक साथ दो लंड चूत में घुस जाएंगे, तो मेरी तो चूत ही फ़ट जाएगी, फिर कई दिनों तक ठीक से चुदवा नहीं पाऊंगी.

विनय ने मेरी बात खत्म होने के बाद से अपने लंड से सिर्फ 4 और धक्के लगाए और लंड निकाल कर सामने सोफे पर बैठ गया, जिससे मैं उसको गुस्से से देखने लगी. विनय का लंड अभी बिल्कुल टाइट खड़ा था, तो मैं बॉस के लंड से उठ कर विनय का लंड चूत में लेकर बैठ गयी. बॉस पीछे से आ गए और अब बॉस का लंड मेरी गांड में घुस गया.

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मैं विनय को देख रही थी और वो मुझे देख रहा था. उधर दोनों छेदों में दो लंड मेरी चूत गांड को फ़ाड़ रहे थे.

फिर मैं विनय को किस करने लगी और उसका हाथ अपने चूचियों पर रख लिया. विनय जोर जोर से चुचियां मसलने लगा और मेरे होंठों को चूसते हुए मुझे चोद रहा था. उधर बॉस मेरी गांड में लंड घुसा कर दारू पी रहे थे. फिर विनय ने मुझे अपनी बांहों में कस लिया और खड़ा होने लगा.

फिर बॉस और विनय दोनों ने खड़े होकर मुझे अपने हाथों में उठा लिया और मुझे उछाल उछाल कर मेरी चूत गांड को फाड़ना शुरू कर दिया.
मैं- आअह्ह आह्ह्ह मजा आ रहा है आहह … जोर से उछाल दो मुझे.

मैं ऊपर जाती, फिर नीचे आती और गप के साथ दो दो लंड पर बैठ जाती. जो मेरे सीधा अन्दर तक घुस जाते. मैं जन्नत की सैर कर रही थी.

बॉस- साली रांड … हमेशा ऐसे ही चुदवाया कर.
विनय- मस्त माल है साली … नंगी होकर तो और मस्त हो जाती है. इसको देख कर लंड हमेशा खड़ा ही रहता है.
मैं- आह्ह्ह आह्ह्ह मजा आ रहा है … और जोर से … सालों मुझे नंगा करके चोद रहे हो … आह रंडी बना दिया मुझे … आह्ह्ह … मस्त लंड है दोनों के … जोर से और जोर से.
बॉस- ले साली रांड मादरचोद और ले साली.

दोनों के एक हाथ जोर जोर से मेरी चूचियों को मसल रहे थे.

मैं कितनी बार अपनी चूत का पानी उनके लंड पर निकाल चुकी थी, पता ही नहीं चला.

विनय- नेहा रंडी, लंड का पानी कहा निकालूं … पियेगी मादरचोद?
बॉस- हाँ साली, बता तेरी गांड को भर दूँ या प्यास बुझाएगी अपनी?
मैं- भर दो मेरी गांड और चूत को पूरा … एक भी बूंद बाहर मत निकालना … आह्ह्ह मैं भी निकाल दूँगी अपना … आह्ह्ह आह्ह्ह मजा आ गया सर जोर से गांड फाड़िये अपने रंडी की … आह और जोर से.

अब दोनों के लंड फूलने लगे और दोनों का वीर्य मेरी चूत और गांड में भरने लगा. मुझे मजा आ रहा था, गर्म गर्म वीर्य मेरी गांड और चूत में भर गया था.

मैं- सर मुझे बाथरूम में ले जाकर ही लंड बाहर निकालना, नहीं तो पूरा बाहर गिरेगा और मुझे साफ करना पड़ेगा.

अब बॉस और विनय ने लंड घुसाए ही मुझे बाथरूम में ले गए और फिर गप की आवाज के साथ दोनों का लंड बाहर निकला. ढेर सारा सफेद वीर्य मेरी जाँघ पर चिपक कर चू रहा था.

मैं नीचे बैठ कर बॉस और विनय दोनों का लंड चूसने लगी. दोनों के लंड पर वीर्य की मलाई लगी हुई थी, जिसे मैं जीभ से चाट रही थी.

बॉस- नेहा रानी, मूत पियेगी?

मैंने मुस्कुरा कर बॉस की तरफ देखा और अपना मुँह खोल कर किसी रंडी की तरह मूत निकलने का इन्तजार करने लगी.

अब बॉस ने अपना लंड पकड़ लिया और मेरे मुँह में मूतना शुरू कर दिया, जिसे मैं पी रही थी. ये देख कर विनय को भी मूत आ गयी और वो भी मेरे चेहरे पर मूतने लगा. मैं दो दो लोगों के मूत से नहा रही थी, मूत पी रही थी. मुझे अच्छा लग रहा था.

फिर दोनों के लंड को मैंने धो दिया और दोनों नंगे बाहर चले गए. मैं दुबारा नहाने लगी और नहा कर सिर्फ तौलिया लपेट कर बाहर आयी.

मैंने देखा बॉस और विनय दोनों ही जाने के लिए रेडी हो गए थे.

बॉस को कुछ जरूरी काम था, तो वे जाने लगे और विनय ने भी अपना काम कर लिया था. इसलिए अब वो भी जाने को हुआ. मैंने दोनों को अच्छे से किस किया. दोनों ने तौलिया हटा कर मेरी चूत को चूम लिया और दुबारा जल्दी ही मिलने को बोला.

फिर मैं नंगी होकर सो गयी और फिर नींद सीधा शाम को खुली. कोई दरवाजे पर डोरबेल बजा रहा था.

अब कौन आ गया और क्या हुआ ये आपको अगली कहानी में बताऊंगी.
तब तक के लिए नमस्कार और ढेर सारा प्यार.
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