दो लंड और एक चूत

दोस्तो, मेरा नाम रानी है. मैं आगरा की रहने वाली हूँ. मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठक रही हूँ. बहुत दिनों से मेरा भी अपनी मन कर रहा था कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ.

मेरा फिगर 34-30-36 का है और रंग गोरा है. मैं देखने में बहुत सेक्सी लगती हूँ … मेरे मोहल्ले के लड़के हमेशा मुझे चोदने के चक्कर में रहते थे. दो लड़कों से तो मैं चुदी भी थी.

यह एक साल पहले की बात है, जब मैं ग्रेजुएशन खत्म करके पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए मेरी बुआ के पास दिल्ली आ गई थी. चूंकि मेरी बुआ दिल्ली में रहती थीं इसलिए घर वालों ने मुझे हॉस्टल नहीं दिलवाया.

कॉलेज में कुछ ही दिनों में मेरे ढेर सारे फ्रेंड्स बन गए. उनमें एक फ्रेंड थी स्वाति, वो बहुत खुले विचारों वाली थी. इसलिए हम दोनों में बहुत जल्दी दोस्ती हो गई. कॉलेज ज्वाइन किये मुझे बहुत दिन हो गए थे. मुझे आगरा जाने का मन हो रहा था. मेरी चूत चुदाई के लिए तड़पने लगी थी. अपने आगरा के मोहल्ले के उन दो लड़कों में से किसी एक लड़के से चुद कर खुजली मिटाने का मन ही रहा था. इधर मैं हमेशा रात में ब्लू फिल्म देखकर बहुत गर्म हो जाती थी और अक्सर नेट पे ऑनलाइन चुदाई करवाती रहती थी.

एक दिन मेरे से रहा नहीं गया, तो मैंने स्वाति को अपने दिल की बात बताई.
पहले तो वो मुस्कुराई, फिर बोली- तू परेशान मत हो … मेरे पास एक तरीका है.
मैंने उसकी तरफ सवालिया निगाह से देखा तो उसने मेरे से बोला- तुझे एक नहीं दो लौड़ों से एक साथ चुदाई करनी होगी.

पहले तो मैंने सोची, फिर चूत की गर्मी के आगे मैंने हां बोल दिया. उसके दो दोस्त थे अजय और वरुण. उन दोनों से स्वाति कई बार चुद चुकी थी. स्वाति के फ़ोन में उन दोनों के ढेर सारे नंगे फोटोज भी थे. उन दोनों के नंगे लंड देखकर मेरी चूत गर्म हो गई और पानी छोड़ने लगी. इतने बड़े बड़े और सेक्सी लंड देखकर मेरी चूत टपकने लगी.
फिर मैंने बोला- मिलवा दे यार इन दोनों से … मुझे तो बस चूत का कचूमर निकलवाना है इनके लौड़ों से.

उसने जल्द ही मेरी चुदाई का वादा करके मुझसे बाय बाय कर ली और चली गई.

जब मैं घर आई, तो उन दोनों के लंड ही भेजे में घूम रहे थे. उनसे चुदने के ख्याल से मैं रात भर सो ही नहीं पाई. उस रात मैं एक खीरे से चूत की चुदाई करके कम से कम तीन बार झड़ी.

अगले दिन जब मैं स्वाति से मिली, तो उसने बताया कि शनिवार को शाम में आज साथ में पार्टी करेंगे, फिर तू उन दोनों के साथ मौज करना.
मैंने भी तुरंत हामी भर दी

शनिवार को मैंने अपनी बुआ से बोला- बुआ मेरी फ्रेंड स्वाति का आज बर्थ-डे है, उसने मुझे अपने घर बुलाया है. मैं उसके घर जा रही हूँ, रात देर हो जाएगी तो उधर ही रुक जाऊंगी, कल सुबह आऊंगी.
बुआ ने हामी दे दी.

फिर शाम को हम चारों लोग एक पब में मिले. मैंने उन दोनों को देखा और मुस्कुरा दी. वे दोनों लडके एकदम हट्टे कट्टे दिख रहे थे. उन दोनों ने मेरे चूतड़ों और छातियों को देखा और हल्की मुस्कान दी.

फिर उन दोनों ने सबके लिए ड्रिंक आर्डर किया. पहले तो मुझे थोड़ा अजीब सा लगा. फिर मैंने भी पीनी शुरू कर दी. थोड़ी ही देर में मुझे हल्का हल्का सुरूर होना शुरू हो गया. इसके बाद दो पैग और पीने के बाद मैं भी एकदम कंफर्टेबल हो गई.

हम लोगों ने खाना खाया, इसके बाद बाहर निकले, तो बहुत तेज़ बारिश शुरू हो गई. हम चारों ही अजय के फ्लैट पे जाने वाले थे कि अचानक से स्वाति के पापा का फोन आ गया और उसे घर जाना पड़ा. उसे अलग कैब में जाना पड़ा और हम तीनों दूसरी कैब बुक करके अजय के फ्लैट के लिए निकल पड़ी.

अब इतनी देर में मैं भी उन दोनों से काफी फ्रेंडली हो चुकी थी, इसलिए वो भी बातों बातों में मुझे टच करने लगे थे. मैं तो आई ही चुदवाने के लिए थी, तो उनका टच मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

अजय बार बार मेरी जांघों को सहला रहा था. मुझे भी मज़ा आ रहा था, शराब भी थोड़ी चढ़ी हुई थी, इसलिए मैं और बेकाबू हो रही थी. मुझे तो बस ये लग रहा था कि कब ये दोनों सांड मुझे कुतिया बना के चोदेंगे.

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फिर 15-20 मिनट के बाद हम लोग अजय के फ्लैट पे पहुँच गए. बारिश के कारण मैं थोड़ा भीग चुकी थी. भीगने के कारण मेरी चूचियां और गांड साफ दिखाई दे रहे थे. मैंने अन्दर जाकर देखा, तो अजय का फ्लैट बहुत शानदार था.

वो बोला- कपड़े गीले हो गए हैं, बाथरूम में जाकर टॉवल से सुखा लो.

जब बाथरूम से मैं सिर्फ एक टॉवल में बाहर आई, तो देखा कि दोनों सिर्फ अंडरवियर में हैं और टॉवल से अपना बदन पौंछ रहे थे. अजय के हाथ में एक पैग भी था. बेड के बगल की टेबल पर ब्लैक डॉग की बोतल रखी थी. वो दारू के घूँट के साथ सिगरेट पीता हुआ मेरी तरफ वासना से देख रहा था.

उनको अंडरवियर में देखते ही मैं बहुत चुदासी हो गई और मन ही मन सोचने लगी कि आज ये दोनों मिलकर मेरी चूत को पूरा बजा डालेंगे. मैं इतने दिनों से चुदी नहीं थी, इसलिए इन दोनों का लंड देख कर ऊपर से ही फड़फड़ा उठी.

अब तक रात के 12 बज चुके थे. हम तीनों थोड़े थोड़े नशे में भी थे. तभी वरुण मेरे पास आया और बोला- तू बहुत सेक्सी लग रही है.
यह बोल कर उसने ऊपर से ही मेरी चूचियां सहला दीं. मेरी चूचियां फूल कर टाइट हो चुकी थीं … और उन दोनों के हाथों में जाने के लिए मचल रही थीं.

दोनों पोर्न फिल्मों के एक्टर की तरह मुझे घूर रहे थे.
तभी अजय बोला- यार, इसको भी स्वाति की तरह कुतिया बना के बजायेंगे.

मेरी बड़ी बड़ी चूचियां और मोटी गांड देखकर दोनों पागल हो चुके थे. उनके अभी तक अंडरवियर में लंड तने हुए देख कर मुझे भी बेशर्मी करने का मन हो रहा था. अजय सोफे पर बैठा था लेकिन वरुण हल्के हल्के मुझे टच कर रहा था.

फिर मैंने ऊपर से ही वरुण का लंड पकड़ लिया. उफ्फ बहुत सख्त लंड था.

अब मेरे से रहा नहीं गया. मैंने उसकी अंडरवियर नीचे खिसका दी. अंडरवियर खिसका कर नीचे देखा, तो उसका 8 इंच मोटा लंड सांप सा लहरा रहा था. उफ्फ कितना सेक्सी लंड था.

मैंने झट से लंड को हाथ से पकड़ लिया और उस पर ज़ोर से किस्सी कर दी.

अजय ने गिलास रखा और मेरे बाल पकड़ के ज़ोर से खींचा और बोला- साली तू तो बहुत गर्म है … तेरी गर्मी निकालनी होगी, साली आज हम दोनों रंडी की तरह तेरी चूत चोदेंगे.
मैं भी बहुत जोश में थी और बोल दी- जैसे चोदना हो … वैसे चोद लो.
यह कह कर मैंने झट से उसका पूरा लंड मुँह में ले लिया और पूरे जोश से चूसने लगी.

आह क्या टेस्टी लंड था उसका … इतना मोटा और लंबा … मुझे चूसने में गजब मज़ा आ रहा था. मैं उसका लंड जमकर चूस रही थी और वो जमकर गालियां दे रहा था. इससे लंड चूसने का मज़ा दुगुना हो गया.

अभी मैं लंड चूस ही रही थी कि पीछे से अजय हाथ में सिगरेट लेकर आया और बोला- साली कुतिया मादरचोदी … आराम से लंड खा … एक और भी लंड है तेरी गांड फाड़ने के लिए. ले सिगरेट का मजा ले ले कर लंड चूस.

मैंने सिगरेट का कश खींचा और अजय के लंड पर धुंआ छोड़ दिया.

उन दोनों ने वहीं फर्श पे कुछ देर अपना लंड चुसवाया. फिर मुझे उठा कर बेड पे ले गए. बेड पे ले जाते ही दोनों कुत्ते की तरह पागल हो गए. अजय ने मेरी चुचियों पे बैठ कर मेरे मुँह में अपना लौड़ा दे दिया और नीचे से वरुण मेरी चूत चूसने लगा. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मजा आ गया मुझे.

उफ़्फ़ … कमरे का क्या मस्त कामुक और मादक नज़ारा था. एक चूत को दो लंड बुरी तरह नोंच रहे थे.

कुछ ही देर की चूत चुसाई से मैं मूतने लगी, तो वरुण मेरी चूत का पानी चाटने लगा. वो बोला- साली कुतिया अभी तक तेरी जैसी चुदक्कड़ रांड नहीं मिली.
अब अजय की बारी थी. वो बोला- तू इसे अपने लंड का स्वाद दे … और मैं इसकी चूत की सफाई अपनी जीभ से करता हूँ.

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ये कह कर उन दोनों ने जगह बदल ली अजय नीचे चूत पर आ गया और ऐसे चूत चाटने लगा, जैसे पहली बार कोई चूत मिली हो.

थोड़ी देर बाद वरुण बोला- भाई चुसाई छोड़ … अब तो इस कुतिया को चोदने का मन हो रहा है.
अजय ने हां कर दी.

फिर वरुण ने मुझे घोड़ी बनाया और लंड पे ढेर सारा थूक लगाकर चूत पे निशाना लगाने लगा. अजय ने सामने से आकर मेरे मुँह में पूरा लौड़ा डाल दिया और लंड को मेरे गले तक ठांस दिया. तभी पीछे से वरुण ने इतना तेज धक्का मार दिया कि मैं हिल गई. मैं चीखना चाहती थी, लेकिन मुँह में लंड होने की वजह से मेरी चीख ही नहीं निकल पाई.

उसने मेरी चूत को करीब चालीस पचास धक्के देकर चोदने के बाद वो पीछे को हटा. इतनी ज़ोरदार चुदाई से चूत कांपने लगी थी. फिर अजय ने मुझे अपने ऊपर ले पीछे से लौड़ा चूत में पेल दिया. उसने करीब 3 मिनट तक ज़ोरदार चूत मारी.

फिर जैसे ही अजय ने मुझे छोड़ा, वरुण ने कहा- बोल कुतिया, तेरी गर्मी कुछ कम हुई.
मैं इतनी गर्म थी कि बोली- कुत्तो, तुम दोनों चूत का भोसड़ा बनाओगे या इस गर्म गांड का भी कुछ करोगे.

मैं हमेशा अपनी फैंटेसी में सोचती थी कि गैंगबैंग में मेरी गांड चूत को एक साथ दो लंड मिलकर चोदें.
मेरी कामना जानकर वरुण समझ गया. फिर क्या था वरुण ने मुझे अपने ऊपर लिया. पीछे से गांड में लंड गया और आगे से अजय ने मेरी चूत में एक साथ लंड डाल दिए. वे लंड पेल कर रुक गए.

मैं तड़फ उठी. ये पहली मर्तबा था कि मेरी चूत और गांड एक साथ चुद रही थी. मुझे बड़ा दर्द हुआ था. लेकिन तभी अजय ने बगल की टेबल से अपनी व्हिस्की का नीट दारू से भरा हुआ गिलास मेरे मुँह से लगा दिया. मुझे कुछ होश ही नहीं था. मैं उस दारू को एक सांस में पी गई.

मुश्किल से एक मिनट तक वे दोनों मेरी गांड और चूत में लंड पेल कर रुके रहे थे. शायद उनको भी मेरे दर्द का अहसास हो गया था.

कुछ मिनट बाद दारू ने असर किया, तब तक उन दोनों के लंड भी अपने अपने छेदों में सैट हो चुके थे. मेरी कमर ने मस्ती में हिलना शुरू कर दिया.
यह देख कर उन दोनों ने मेरी चुदाई करना चालू कर दी.

आह … क्या नज़ारा मैं इतनी गर्म थी कि दोनों बहुत बुरी तरह मेरे छेदों को लेना चाहते थे. फिर अगले सौ डेढ़ सौ धक्कों में उन दोनों ने मुझे रंडी बना ऐसा चोदा कि मैं खड़ी भी नहीं हो पा रही थी. मेरी गांड में बहुत जलन हो रही थी.

कुछ देर बाद उन दोनों ने एक एक करके सीधे दारू की बोतल से मुँह लगाया और लम्बे लम्बे घूँट खींच लिए.

अब अजय ने मेरी गांड में लंड डाला, फिर जब तक वो गांड में झड़ नहीं गया, मुझे चोदता रहा.
इसके बाद वरुण बोला- ले साली मेरा लंड चूस कर झाड़ दे.
मैं उसका लौड़ा चूसने लगी. कुछ ही देर में वो मेरे मुँह में ही झड़ गया.

इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद आज बहुत दिनों बाद चूत को आराम मिला था. लेकिन मेरी गांड थोड़ी दर्द कर रही थी. उस पूरी रात में उन दोनों ने दो राउंड चुदाई की. दोनों बार उन दोनों ने मेरी चूत और गांड एक साथ बजाई.

सुबह जब मैं घर पहुंची, तो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी.

इसके बाद तो मैं बिंदास आगे पीछे एक साथ चुदने लगी थी. मेरा अगला विचार है कि कोई मुँह को ढक कर मेरी आगे पीछे से एक साथ चुदाई करके मेरी ब्लू फिल्म बना दे, तो मुझे अपने चेहरे के अतिरिक्त अपनी बॉडी का हर पार्ट आप सबको को दिखाने का मौका मिले.

मेरे प्यारे दोस्तो … कैसी लगी मेरी दोहरी चुदाई की कहानी. मैं अगली कहानी में बताऊंगी कि कैसे उन दोनों ने अगली बार मुझे और मेरी दोस्त स्वाति को एक साथ चोदा.

अपने कमेंट मुझे [email protected] पे जरूर भेजें. धन्यवाद.

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