दो औरतों ने मुझे गुलाम बनाकर गन्दा सेक्स किया

डर्टी आंटी Xxx स्टोरी में पढ़ें कि ऑनलाइन सेक्स चैट करके एक आंटी ने मुझे फंसाया और मौक़ा देखकर अपने घर बुलाया. वहां उसने कैसे मुझे सेक्स के लिए इस्तेमाल किया.

मेरा नाम गौरव है, मैं नागपुर से हूं. मेरी उम्र 25 साल है. मैंने तब तक कभी सेक्स नहीं किया था.

ये डर्टी आंटी Xxx स्टोरी कुछ दिन पहले की है. मैं रोज ऑनलाइन चैटिंग करके और पोर्न देखकर मुठ मारता था.

एक दिन नागपुर की ही एक महिला का मुझे मैसेज आया. उसने मुझसे मेरे बारे में सब कुछ पूछा- क्या करते हो, कितनी उम्र है, कितनी जीएफ हैं.

जब उसने ये सब पूछा तो मैं सोचने लगा कि मैंने आज तक सेक्स नहीं किया था और किसी लड़की से ऐसी बातें नहीं की थीं और ये मुझसे ये सब पूछ रही है.

मैंने उसे अपने बारे में सब कुछ सही सही बता दिया.

उसका नाम बबीता था. ये नाम बदला हुआ है.
उसने मुझे अपनी उम्र 35 साल की बताई थी.

ऐसे कुछ दिन हमारी बातें होने लगीं.
उसने मुझे मिलने के लिए बुलाया.
फिर एक दिन हमने संडे के दिन मिलने का प्लान बनाया.

उसने मुझे बताया था कि घर में वो और उसके पति ही रहते थे.
उसके किसी मॉल में मैनेजर हैं, वो सुबह निकल जाते हैं और 10 बजे रात तक वापस आते हैं.
उन दोनों का एक बेटा भी है, जो उस समय अपने नाना नानी के घर रह कर पढ़ रहा था.

बबीता दिन भर घर में अकेली रहती थी.

जब संडे को उसने मुझे उसके घर बुलाया तो मैं बहुत जोश में था.
क्योंकि मैंने आज तक सेक्स नहीं किया था और ये मेरा पहला मौका था जब मैं किसी महिला से मिलने जा रहा था.

जाते समय मैं अपने साथ में कंडोम और सेक्स की गोलियां ले गया.

अब गोली के बारे में मैं कुछ समझता तो था नहीं. मैंने गोलियां खरीद तो लीं, पर कभी खाई तो थी नहीं, तो सोचा वहीं यूज करूंगा.

मैं उसके घर पर 11 बजे पहुंच गया.

मैंने उसको कॉल किया कि मैं आपके घर के सामने आ गया हूं.

उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वो थोड़ी मोटी सी औरत थी, अच्छी खासी भरी हुई थी. उसका फिगर भी 38-34-40 का था.

मैंने पूछा- आप बबीता जी?
तो उसने बोला- हां, क्यों पसंद नहीं आई क्या?

मैंने बोला- नहीं ऐसी कोई बात नहीं … आप वही हो, बस ये ही कन्फर्म कर रहा था.
वो हंस कर बोली- हां, मैंने ही तुम्हें बुलाया था, अन्दर आ जाओ.

मैं घर में अन्दर आ गया.

उसने मुझे पानी लाकर दिया, फिर कॉफी और नाश्ता करवाया.
हम दोनों बैठ गए और हमारी ऐसे ही साधारण बातें होती रहीं.

मैं उसके बूब्स को घूर रहा था.
वो इठला कर बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?

मैं बोला- आज तक मैंने किसी के ऐसे बूब्स नहीं देखे.
वो बोली- हम्म … बस बूब्स देखना है या और कुछ भी?

मैंने बोला- हां बबीता जी, जो हम दोनों चैटिंग में करते थे … वो रियल में करना चाहता हूं.
ये सुनकर उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझको बेडरूम में लेकर आ गई.

कमरे में आकर वो बोली- आ जाओ, तुमको जो करना है, कर लो. उसके बाद तुमको मेरी हर बात मानना पड़ेगी.
मैंने बिना सोचे समझे हां बोल दिया.

उसने बोला- एक बार फिर से सोच लो गौरव, तुमने कुछ भी करने के लिए वादा किया है.
किसी चूत को चोदने के लिए मेरे अन्दर इतनी हवस भरी थी कि मैंने बिना कुछ सोचे ही हां बोल दिया कि हां मैं सब कुछ करूंगा.

अब मैंने देर ना करते हुए उसके होंठों पर किस कर दिया.
वो भी साथ दे रही थी.

ऐसा अनुभव मेरे साथ पहली बार हो रहा था.
मैं उसे चूमने के साथ साथ उसके मम्मों को भी मसल रहा था और जीभ को चूस रहा था.

उसका सारा थूक मैं अपने मुँह में लेकर पी गया.

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फिर कुछ ही देर में हम दोनों नंगे हो गए.
उसने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया.

मैं भी उसका सिर पकड़ कर गले तक लंड डालने लगा.
वो मेरा लंड अपने गले के आखिरी छोर तक ले रही थी.
साली बड़ी खतरनाक रांड थी.

चूंकि मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित था तो जल्द ही उसके मुँह में झड़ गया.
वो मेरा सारा रस खा गई.

लंड चूसने के बाद उसने कहा- अबे साले भोसड़ी के … तू तो बड़ी जल्दी झड़ गया?
मैंने कहा- हां मेरा पहली बार था ना … इसलिए मुझसे रुका नहीं गया.

उसके बाद उसने कहा- चल अब तू मेरी चूत चाट!
मैंने कहा- नहीं, मुझे ये अच्छा नहीं लगता.

वो बोली- साले मैंने तेरा लंड चूसा, अब तू भी मेरी चाट. तूने वादा किया था.
अब ना चाहते हुए भी मुझे उसकी चूत चाटना पड़ी.

मैं उसकी चूत में मुँह लगा कर चाटने लगा.
मुझे बहुत गंदा लग रहा था … मगर क्या करता.
वो अपनी चूत में मेरा सिर दबा रही थी.

मैं भी जीभ अन्दर डाल कर चूत को चारों तरफ से चाटने लगा.
उसके बाद मुझे स्वाद अच्छा लगने लगा तो मैं अपनी उंगलियां अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ देर बाद वो भी मेरे मुँह में झड़ गई और उसने मेरे मुँह पर सारा पानी छोड़ दिया.

मुझे एक बार फिर से बहुत गंदा लगा.
मगर यह पहला सेक्स था तो सब झेल लिया.

फिर मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों को फैला दिया.
वो मेरी तरफ वासना से देख रही थी.

मैंने लंड उसकी चूत की फांकों में फंसा दिया और एक जोरदार धक्का लगा दिया.
एक ही झटके में मेरा मोटा लंड पूरा अन्दर चला गया.

वो जोर से चीख पड़ी और बोली- आंह साले मार दिया … निकालो बाहर … बाहर निकाल लंड … भोसड़ी के … मेरी फट गई.

मैं पहले तो डर गया कि ये क्या हुआ.
मगर मुझे अन्तर्वासना की सेक्स कहानी की याद आई तो मैं लंड चूत में पेले यूं ही रुक गया.

मैंने उसको होंठों पर किस किया और उसके दूध सहलाने लगा.

कुछ देर बाद वो नॉर्मल हो गई. उसने गांड हिला कर इशारा किया, तो मैंने धक्के देना चालू कर दिया और जोर जोर से चोदने लगा.

कुछ मिनट बाद मैं फिर से झड़ गया.

मगर उसका नहीं हुआ था, तो वो मुझे गाली देने लगी- साले भैन के लौड़े इतनी जल्दी क्यों झड़ गया …. मेरी चूत में आग लगी है. जल्दी से इसे ठंडा कर!

मेरी समझ में नहीं आया कि अब लंड तो मुरझा गया इसे कैसे शांत करूं.
मैं भी जल्दी जल्दी में गोली खाना भूल गया था.

तभी वो फिर से चिल्लाई- चूत चाट मादरचोद.

मैं समझ गया कि इसकी चूत चाट कर ही इसे ठंडा करना पड़ेगा.

मैं लग गया और उसकी चूत को चाट चाट कर उसका पानी निकाला.
फिर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर निढाल हो गए.

अब दिन के 2 बज गए थे.

मैंने पहली बार चुदाई की थी तो मेरा लंड छिल गया था, लंड में बहुत दर्द हो रहा था.

चुदाई के बाद उसने कहा- तुझे मेरी शर्त याद है या नहीं?
मैंने बोला- हां सब याद है, बोलो तुम्हें क्या चाहिए?

वो बोली- तुमको मेरी और मेरी सहेली को खुश करना पड़ेगा.
उसकी इस बात से मैं तो एकदम से खुश हो गया कि एक और चूत चोदने को मिलेगी.

मैंने कहा- कहां है तुम्हारी सहेली?
वो मुस्कुरा कर बोली- साले दूसरी चूत के लिए बड़ा मचल रहा है. भोसड़ी के दूसरी चूत सिर्फ चुदाई के लिए नहीं मिलेगी. तुमको हम दोनों का ग़ुलाम बनना पड़ेगा.

मैं एक बार को चिंतित हो गया कि साली न जाने क्या करवाएगी.

फिर मैंने बोला- मैं बिना सुने ऐसा कुछ नहीं कर सकता, तुम पहले बताओ कि मुझे क्या क्या करना होगा.
वो बोली- तुमने हां बोला था. अगर तुम मना करोगे तो मैं सबको चिल्ला कर बुला लूंगी और तुझे दिक्कत हो जाएगी … सोच लो.

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इस बात से मैं एकदम डर गया.
मैंने हां बोल दिया.

हालांकि बाद में उसने मुझे बताया था कि ये सब उसने मुझे डराने के लिए कहा था, उसे खुद अपनी इज्जत की चिंता थी और वो इस तरह से कोई काम नहीं करने वाली थी.

इसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहन लिए और बाहर आकर बैठ गए.

थोड़ी देर में उसकी सहेली आ गई.
शायद उसने पहले से ही उसे बात करके रखी थी.

उसकी सहेली की उम्र लगभग 32 साल के करीब रही होगी.
वो भी मोटी थी उसका फिगर भी 40-38-42 का था.

वो दोनों बिस्तर पर आ गईं और मुझे सिगरेट पीने लगीं, मुझे गंदी गंदी गालियां देने लगीं.

उसकी सहेली गुर्रा कर बोली- साले कुत्ते … चल कपड़े उतार अपने … पूरा नंगा हो जा.

मैं डर गया और अपने कपड़े उतार दिए. मैं सिर्फ चड्डी पहने रह गया था.

वो दोनों बेड पर बैठ कर ही अपनी साड़ी को ऊपर करती हुई बोलने लगीं- चल पैर से चाटना शुरू कर.

मैं चाटने लगा … उसकी सहेली की उंगलियों को चूसने लगा.
उसने इशारा किया तो उसकी साड़ी को कुछ ऊपर सरकाते हुए मैं उसकी जांघ तक आ गया.

उसकी चूत से मूत की महक आ रही थी.

कुछ देर के बाद वो दोनों नंगी हो गईं और मुझे भी चड्डी उतार कर नंगा कर दिया.

बबीता की सहेली का नाम वर्षा था.
वो बोलने लगी- चल, अब मेरा पेशाब पी.

उसकी बात सुनकर मुझे चक्कर आने लगे.
साली वो तो कुछ ज्यादा ही ज़ालिम औरत निकली.

उसने मुझे घुटने के बल खड़ा किया और मेरा मुँह अपनी चूत में लगा दिया.
मैं अभी कुछ समझ पाता कि साली ने मूतना शुरू कर दिया और मैंने मुँह हटाने की कोशिश की तो उसने मेरे सर को अपनी चूत पर दबाए रखा.

अब उसने अपनी चूत से भलभल करके पेशाब करना शुरू कर दी.
उसने काफी सारा मूत्र मेरे मुँह में डाल दिया.
मैं पी नहीं रहा था तो उसने जोर से बाल खींचे और जबरदस्ती पेशाब पिलाई.

उसके बाद बबीता ने भी मुझे अपना पेशाब पिलाई.
मुझे उल्टी होने वाली थी.
वो दोनों हंसती हुई बाहर चली गईं.

मैंने बाथरूम में जाकर उल्टी की और मुँह धोकर बाहर आ गया.

वो दोनों नंगी ही एक दूसरे के मम्मों से खेल रही थीं और हंस रही थीं.

वर्षा सिगरेट का धुंआ उड़ाती हुई बोली- कैसा लगा गर्म नमकीन पानी?
मैंने बोला- बहुत गंदा था यार!

वर्षा उठ कर आयी और मेरे लंड को पकड़ कर बेड पर ले गई.

वो बोली- साले कुत्ते … आज तो तेरे से अपनी गांड भी चटवाएंगे मादरचोद.
मैं डर गया कि कहीं साली गंदगी खाने का न कहने लगे.

उसने मुझे लेटा दिया और मेरे मुँह पर गांड रगड़ने लगी.
मुझे बहुत ही गंदा लग रहा था लेकिन मेरी मजबूरी थी तो सब करना पड़ रहा था.

फिर बबीता मेरे लंड के साथ खेलने लगी, मेरे लंड को जोर जोर से मसलने लगी.

मुझे दर्द हो रहा था, वो फिर भी मसल रही थी.
वो दोनों मुझे उल्टा करके मेरे ऊपर चढ़ गईं.

वर्षा मेरी गांड में उंगलियां डाल रही थी.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
दोनों ज़ालिम औरतों की तरह मुझे तड़पा रही थीं.

कुछ देर के बाद उन्होंने मेरा लंड चूसा.

फिर उन दोनों ने एक एक से मुझसे चुदाई करवाई. मेरा लंड पूरी तरह छिल गया था और लाल हो गया था. मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था.

उन दोनों डर्टी आंटी ने मिल कर मेरा भरपूर मर्दन किया था.
फिर 7 बजे के करीब मुझे उन दोनों ने जाने दिया.

मुझसे चलते भी नहीं बन रहा था, बड़ी मुश्किल से मैं अपने रूम पर आया.
एक पेन किलर खाकर मैं सो गया.

इस प्रकार दो कामुक महिलाओं ने मेरे लंड की सील तोड़ी और मुझे डर्टी Xxx मजा दिया.

आपको मेरी ये डर्टी आंटी Xxx स्टोरी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे ईमेल करें.
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