ट्रेन मे दीदी की चूत मे लॅंड घुसाया

मैं मेरी बहन को चोद रहा था की अचानक मास्टर की से किसीने दरवाज़ा खोला दरवाज़े पर पोलीस होटेल का मलिक और कुछ नौकर थे तब मैं 25 साल का था और मेरी बहन 22 साल की थी हम बहोत पैसे वाले थे दिखने मे और पढ़ाई मे भी स्मार्ट थे जोश और रूब अब भी था हमने कैसे-तैसे कपड़े पहने सब अंदर आए थे वेटर बोलने लगा साहब करीब पाँच दिन से ये लोग लगातार चुदाई कर रहे है, लगता है भाई बहन है और थपक आवाज़ आया मेरी बहन ने उसे पोलीस और सब के सामने एक कस के झापड़ मारा और बोली साले मैं भाई से चुदवालु बाप से या बेटे से, वो तेरी मा को तो नही चोद रहा है ना इतने मे मैं भी ज़ोर से बोला क्यो हमने कोई चोरी की है या किसी का कोई नुकसान, आप पोलीस है या कमीशनर हो ऐसा अंदर करूँगा की कभी बाहर नही आएँगे और तू होटेल का मलिक है इस तरह विदाउट पर्मिशन तुम लोग अंदर कैसे आए साले मैं चाहू तो ये होटेल एक मिनिट मे खरीद लूँगा बोल-बोल क्या दाम है इस होटेल का, होटेल वाला भी ज़ोर से बोला अछा एक कार है हिम्मत है, मैं बोला साले पचास लाखमे अभी-अभी मुझे नही बेचेगा तो तुझे भी अंदर करूँगा, अब सब डर गये थे.

आख़िर वो तुरंत होटेल बेचने को तैइय्यार हुआ और हमने पोलीस ऑफीसर के सामने एक ही दिन मे वो होटेल खरीदा जहा पाँच दिन मे हमने हंड्रेड टाइम चुदाई की थी, आख़िर वो होटेल मैने खरीदा, उस टाइम मेरे मे एक हुनर था मेरी बहन की शादी एक साल पहले हुई थी, मुझे मिलने वो करीब एक साल बाद आई थी, कुछ दिन रहने बाद मैं उसे उसके ससुराल तक पहुचाने गया, ट्रेन का रिज़र्वेशन नही था फर्स्ट क्लास का कॅबिन ज़्यादा पैसे देके मिला हम दोनो आमने-सामने की सीट पर सो गये खिड़की की ग्लास थोड़ा टूटा हुआ था, तो ठंडी हवा से दोनो को ठंड लगने लगी थी दीदी एक साइड मे सोई थी दीदी करीब 22 की मैं 25 का हम मे कभी गंदे विचार आए नही थे पर अचानक मेरे मन मे विकार आया उसकी गोरी-गोरी कमर और मोटी गॅंड देखके मुझे थोड़ा सेक्स आने लगा, ठंड भी लग रही थी तो मैने दीदी को पूछा, दीदी ठंड बोहोत लग रही है मैं तेरे पास आउ तो दीदी बोली आओ और दीदी थोड़ी खसकि मैं दीदी की गॅंड से चिपक के सोया और एक हाथ दीदी के पेट पर रखा, अब मेरा लॅंड आहिस्ते-आहिस्ते दीदी के गॅंड को टकराने लगा शायद दीदी को पता चला था अब तो लॅंड एक दम ही सख़्त हो गया था.

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अब मैं भी दीदी की गॅंड पर लॅंड रगड़ने लगा, मुझे बहोत अछा लगने लगा शायद दीदी को भी मैने आहिस्ते से पीछे से दीदी की सारी उपर उठाई और अंदर गॅंड पर लॅंड रगड़ने लगा, जैसे ही मैने दिदिका अंडरवेर थोड़ा साइड करने लगा दीदी ने हाथ पकड़ा तो मैं बोला दीदी प्लीज़ और पीछे से लॅंड चुत को टच किया और हम दोनो की साँसे ज़ोर-ज़ोर चलने लगी, दीदी पीछे हाथ करके मेरा अंडरवेर के उपर से हाथ हटाने लगी, मैने दिदिका हाथ दबाया और चुत मे लॅंड घुसाया दीदी चिल्लाई हाहाहा भाययायाययायेया भाययायायेया हाहहहहा अब पीछे हाथ करके दीदी मेरा हाथ दबाने लगी और चिल्लाने लगी हहहहहहह व्हीईईईई फफफफफफफफफुऊऊउ मैं दीदी के बूब्स दबा दबा के शॉट मारने लगा, लॅंड अंदर घुसने लगा, दीदी हहहहाआ हहहह भायययया भाययया कितना मोटा है रे तेरा आआओवूउच आआआवच भाययाये मुझे बहोत अछा लग रहा है अहहह दीदी दीदी हान भाय्य्या दीदी क्या गरम-गरम चुत है तेरी, भैया तेरा भी लोहा है और मैं दन दना दन शॉट मारने लगा, भाय्या हाहहहहा फफफफफफफफफफफफफफ्फ़ व्हीईईईई अर्र्र्र्र्र्र्र्ररर मैं आगे हाथ डाल के दीदी के बूब्स दबा के पीछे से धक्का मारने लगा और बोला दीदी कितने मोटे है तेरे बूब्स.

हहा भैया दबाओ-दबाओ भाय्या और ज़ोर से हहहहाहा कितना मज़ा मिल रहा है तेरे लॅंड से, दीदी दीदी हहाहहहा और मैने दना-दन स्पीड तेज़ करके दीदी की चुत मे पिचकारी मारी, भाययययायेया हहहहहह भैयाये हहहह मैने दीदी का एक पैर उपर उठाया और पूरा दीदी के उपर लेटा दीदी मुझे दबाने लगी चूमने लगी वो मेरी बहन थी इसीलिए शर्मा ने की ज़रूरत नही थी, मैं भी दीदी को चूसने लगा लॅंड फिर गरम होगया, भाय्या धुकाओ धुकाओ हाहहहा चोद भाय्या चोद तू कितना मस्त है रे तू भी दीदी और ढबाधबधबधबड़, मैं फिर चोदने लगा ट्रेन के धक्के और मेरे धक्के ट्रेन मे चोदने का मज़ा ही कुछ और होता है, हम दोनो वो सुख ले रहे थे और पानी चला गया दीदी बोली भाय्या स्टेशन आने के पहले और एक बार हम दोनो मे सेक्स का प्रेम आती चरम हुआ था, मैने फिर लॅंड सटाया और दीदी को चोदने लगा मैं बोला दीदी तुझे पूरा नंगा करके चोदने मे कितना मज़ा आएगा, दीदी बोली भैया घर चल मैं कोशिश करूँगी हहहहह और तीसरी बार पानी गिराया, अब हमारे मे जबरदस्त प्रेम पैदा हो गया था हम घर आए जीजा को आनेमे अभी दो घंटे का टाइम था.

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हम दोनो पूरे नंगे हो गये एक दूसरे को चूसने लगे दबाने लगे और मैं दीदी को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, लॅंड अंदर-बाहर अंदर-बाहर हो रहा था और दीदी ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी और इतने मे दरवाज़ा खुला जीजा सामने घुस्से से लाल हो रहे थे, अब हम एक दूसरे के बिना रह नही सकते थे, हमने स्टॅंप पेपर पर साइन करके उसी टाइम डाइवोर्स दिया और मैं और दीदी वाहा से निकले ट्रेन से भूसावल आए और इस होटेल मे उतरे उनके पास रूम खाली नही था टॉप फ्लोर का पूरा सुट लिया और चुदाई स्टार्ट की लगातार पाँच दिन 100 से ज़्यादा टाइम तक, आख़िर मैने वो होटेल खरीदा नाम हमारे नाम से रखा ‘सुनमून होटेल’ और वही हम रहने लगे, आज 25 साल से ज़्यादा हो गये दोनो बेटे अमेरिका मे सेटल है दो साल पहले हमने होटेल बेच दिया अब हम शिमला मे रहते है, साल मे दो दिन हम भाई बहन बनते है रक्षा बंधन और भाई बीज पे. मेरी मैल आईडी है “[email protected]”. कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – डीके