हेलो दोस्तो. मे विकास गुप्ता एक बार फिर अपनी कहानी लेकर आया हू. पिछली कहानियों पर मुझे आप लोगो का बहुत अछा फीडबॅक मिला इसलये अगर आपको ये कहानी भी पसंद आए तो मुझे ज़रूर मेल कर लेना.
दोस्तो अब मे स्टोरी पर आता हू. आप लोग मेरी मॉं को तो अब जानते ही होंगे की वो कितनी सेक्सी है उसकी गॅंड और बूब्स बहुत मस्त है. उसकी फिगर 36-34-36 है.
ये बात तब की है जब हमारे घर मे मेहमान आये थे और सोने के लिए जगह कम थी. जब हम रात को सोने लगे तो मजे समझ नही आया की मे कहा सो जाओ क्यूकी मॉं क पास मोसी और एक कज़िन सोए थे.
मे हर कमरे मे वाहा फुल होता था. मे बाहर गया की अचानक रानी दीदी ने पीछे सा आवाज़ लगाई. रानी मेरी अंकल की बेटी है और वो मुझसे 3 साल बड़ी है.
रानी- राहुल क्या कर रहे हो वाहा तुम्हे सोना नही है क्या.
मैं- हा पर अंदर जगह नही है.
रानी- मेरे पास अजाओ.
मे चला गया और रानी मजे अपने घर ले गये जो की बल्कुल पास मे ही था. घर मे कोई नही था क्योंकि सब लोग हमारे घर मे थे. मेरे दिमाग़ का बल्ब ऑन हो गया मैने रानी को उपर से नीचे तक देखा क्या मस्त फिगर था 32 30 32. मैने मंन मे प्लान बनाया की आज अपना लंड दीदी क अंदर डालना है इसलिए मैने रानी दीदी सा पूछा.
मैं – यहा पर तो कोई नही है.
रानी – सब आपके यहा है क्यू तुम्हे दर लगता है.
मैं – हा मजे अकेले सोने मै दर लगता है और मैने वाहा सा जाने का नाटक किया. दीदी पकड़ते हुए मुझे बोली.
रानी – अरे तुम्हे किसने कहा तुम अकेले सो जाओ गे तुम यहा मेरे पास बेड पर सो जाओ.
मैं – मैं अंदर हे अंदर बहुत खुश हुआ और कहा लकिन दीदी आपके साथ.
रानी – क्यू इस मई शरमाना कैसा.
मैं – न्ही दीदी बसस मई ये कह रा था की मई सोते वक्त सिर्फ़ अंडरवेर फंटा हू. उसके बागेर मजे नेंद न्ही आए गे.
रानी – टू प्रोबलम क्या. फ्र दीदी ने बात कट्ट क्र कहा बसस भत हो गये बातें एब्ब सो जाओ. मैने कपड़े उतरे और सोने का नाटक किया. त्बी दीदी क आने की आवाज़ आए मई ने थोड़ी आँख खोली तो देखा की दीदी पिंक कलर की निघट्य मई थी. वो किसी अफ़सरा सा कम न्ही लग र्ही थी. वो मेरे पास आके लीट गये और मई उसके सोने का इंतज़ार क्र रा
तकरीबन 1 घंटे बाद मैने दीदी को हल्की सी आवाज़ दी पर दीदी की तरफ़ से कोई रेस्पॉन्स नही मिला फिर मैने दीदी को थोड़ा हिलाया तब भी कुछ रेस्पॉन्स नही आया.
मैने अपना काम शुरू करते हुए अपना हॅट दीदी के पेट पर रखा और उसको आहिस्ता आहिस्ता बूब्स तक लेगया. और जूही मैने अपना हाथ बूब्स पर रखा दीदी थोड़ी हिली इसलये मैने हाथ की मूव्मेंट बंद की और हाथ को बूब्स पर ही रखा.
5 मीन बाद मैने स्लोली बूब्स को प्रेस करना शुरू किया. क्या ब्ताओ यारो मखमल जैसे उसके बूब्स थे बहुत सॉफ्ट. दीदी ने जब कोई हरकत नही की तो मेरी हिम्मत बढ़ गये और मैने और ज़ोर सा दबाना शुरू किया.
मैं अभी दबा ही रा थी की अचानक दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा मैं तो एक दम दर गया तब दीदी ने मेरी तरफ़ करवट बदली और बड़े शांत अंदाज़ मे बोली.
रानी – ये क्या कर रहे हो राहुल. ये ठीक नही है बल्कि बहोत ग़लत है.
मैं – मजे आप बहोत अछी लगती हो मैं आपसा बहोट प्यार करता हू.
रानी – मैं भी तुमको चाहती हू पर इसका मतलब् यह तो नही है ना.
मैं – दीदी मे आपको इसी तरह प्यार करना चाहता हू. और मैने अपना हाथ फिर से उसके बूब्स पर रखा. उसने फिर से हटाया और बोली नो अभी नही.
मैं – प्लीज दीदी
रानी – क्या यार. अछा ये ब्ताओ तुम क्या चाहते हो.
मैं – मैं तुम्हे सारे रात प्यार करना चाहता हू.
रानी – और त्म्हरे प्यार करने का मतलब सेक्स हैईना.
मैं – हा
पर ये सब नॉर्मल है
रानी– नही ये नॉर्मल नही है मे तमारी कज़िन सिस्टर हू.
मैं – नही दीदी प्ल्स
पर वो नही माने और फिर मे सो गया. जब मे सुबह उठा तो दीदी पहले से ही उठ चुकी थी और फिर मे अपने घर चला आया. 11 ब्जे दीदी मजे मिली तो वो कहने लगी.
रानी – क्यू रे सुबह कहा बागा चाइ क्यू नही पी और बिना बताए चले आए.