देवरानी ओर सास नौकर से चुदि

हेलो दोस्तो मैं मनीषा आज पहली कहानी आप सब के लिए ले कर आई हूँ. मुझे उमीद है आप को मेरी ये कहानी पसंद आएगी. और आप मेरी ये कहानी पढ़ कर खूब मज़े लोगे. ये कहानी एक सेक्स स्टोरी तो है ही पर इस कहानी मे मैने केसे अपने घर की इज़्ज़त बचाई वो मैं आप को बताउंगी

मैं पुणे मे अपनी बड़ी संयुक्त फॅमिली के साथ रहती हूँ. मैं घर की सबसे बड़ी बहू हू जिसे अब हाल मे ही पूरे घर की ज़िमेदारी मिल गई है. मेरा घर तीन मंजिल का है. सब से उपर मेरी चाची सास और चाचा ससुर जी रहते है. और दूसरे वाले फ्लोर पर मेरे देवर और देवरानी रहते है. और सब से नीचे मैं और मेरे पति और मेरे बच्चे और उनके साथ मेरे सांस ससुर जी रहते है.

हमारा अपना फॅमिली बिजनेस है. इस लिए सारे घर के मर्द ही उसके हिसेदर है. घर के सारे मर्द सुबह 10 बजे ही फॅक्टरी मे चले जाते है और शाम को 7 बजे तक सब वापिस आ जाते है. हमारे घर मे सब के बच्चे है और सब के सब बड़े हो गये है. मेरे अपने दो बच्चे है जो दोनो ही लंदन मे स्टडी करने के लिए गये हुए है. मेरे देवरानी और चाची सास के बच्चे अभी स्टडी कर रहे है. और उन दोनो के बच्चे अभी सब से छोटे है. जो की अभी यही पर पुणे मे ही स्टडी कर रहे है.

कहने मे तो हम एक बड़ी जॉइंट फॅमिली है. पर हम सब का अपना अपना अलग अलग किचन है. और तीनो फ्लोर पर 2 अलग अलग नौकर है. जो तीनो के लिए घर का सारा काम करते है. और घर की सॉफ सफाई के लिए हमने एक काम वाली रखी हुई है. जो की सुबह आती है और दोपहर तक सारा काम करके चली जाती है. हमारे घर के 3 नोकर रामू और पापु ये दोनो परमाणेंट है. और एक नोकर जो लोकल ही है रमेश वो भी अपने घर काम करके चला जाता है.

रामू और पापु ये दोनो घर के सब से उपर एक छोटे से बने हुए कमरे मे रहते है. सब कुछ बहुत अच्छे से चल रा था, हमारी पूरी फॅमिली मे बहोत प्यार था. सब के सब बहोत खुश थे मेरी सासू मा घर मे सब से बड़ी है. अब उनकी एज हो गई है इसलिए उन्होने खुशी से मुझे पूरे घर की चाबी दी हुई है. मेरे पास एक ऐसी चाबी है जिससे घर का हर दरवाजा खुल जाता है.

एक दिन की बात है उन दिनो गर्मी अपने पूरे ज़ोर पर थी. हम सब लेडीस 3 बजे तक लंच करके सो जाती थी. और शाम को 5 या 6 बजे तक उठ कर रात के डिन्नर की तैयारी करने लग जाती थी. उस दिन मैं भी रोज की तरह लंच करके सोने लगी. पर मुझे ना जाने उस दिन क्यो नींद नही आई. मुझे अंदर से बेचेनी सी लग रही थी. इसलिए मैं उठी और मैने सोचा की उपर देवरानी से मिल कर आती हूँ.

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मैं उसके रूम पर गई तो देखा डोर लॉक था. मैने सोचा की शायद सो रही होगी. पर मैने सोचा की मैं खोल कर देख लेती हूँ अगर ये सो रही होगी तो मैं वापिस चली जाऊंगी. मैं नीचे आई और मास्टर की से उसका डोर खोल लिया. और चुपके से अंदर आई अंदर आते ही मुझे देवरानी की आहह आहह की आवाज़ें आने लग गई. मैं हैरान थी क्योकि देवर जी तो फॅक्टरी गये हुए थे. मुझे लगा की शायद वापिस आ गये है.

मैं चुपचाप वापिस जाने लगी तो मैने सोचा एक बार देखूं तो क्या चल रा है. मैं उसके बेडरूम की साइड वाली विंडो मे से देखने लग गई. पर उस पर पर्दे लगे हुए थे पर मुझे उसका नंगा पेट दिख रा था. मुझे लगा शायद ये अपने हाथ से ही अपनी चूत को शांत कर रही है. पर तभी मुझे एक मर्द का हाथ दिखा मैं ये देख हैरान रह गई.

फिर कुछ ही देर मे उसका मर्द का चेहरा दिखा तो मैं हैरान रह गई. क्योकि वो और कोई नही वो हमारे घर का नौकर रामू था. मुझे सच मे बहोत ज़ोर से धका लगा. फिर मैने अपने आप को संभाला मुझे सच मे बहोत गुस्सा आरहा था. क्योकि ये इतने बड़े घर की बहू होते हुए भी एक नौकर से चुद रही है. ये बात मुझे चाची सास को बतानी थी इसलिए मैं चुप चाप उसके रूम से निकल कर उपर वाले फ्लोर पर गई.

और देखा तो चाची सास का भी रूम अंदर से बंद था. मैने सोचा की ये आख़िर हो क्या रहा है. मैने मास्टर की से रूम खोला तो देखा की अंदर चाची सास भी नौकर पप्पू से चुद रही है. अब मेरा दिमाग़ गुस्स्से से फटने वाला था. मैं चुपचाप नीचे अपने रूम मे आ गई. और बैठ कर ये सोचने लग गई की इन दोनोने तो हुमारे घर की इज़्ज़त की मा चोद दी है.

जब रात को 7 बजे देवरानी नीचे किचन मे आई तो मैने उससे पूछा की आज दोपहर को सो रही थी क्या. उसने कहा हाँ जी बहोत अच्छी नींद आई. मैने कहा अछा मैं आई थी तुम्हारे रूम मे पर मैने देखा तो तुम सो नही रही थी. और ही कुछ कर रही थी और वो भी नौकर रामू के साथ. मेरी ये बात सुन कर वो एक दम डर गई,और रोने लग गई ज़ोर ज़ोर से.

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तो वो बोलने लग गई मुझे माफ़ कर दो मैं इसमे कुछ नही कर सकती थी. क्योकि जब पिछने महीने मेरी चाची का लड़का मुझसे मिलने आया था उसने मुझे चोदा था. क्योकि हम दोनो का चक्कर शादी से पहले से चल रहा है. पर उस दिन हम दोनो को सेक्स करते हुए रामू ने देख लिया था.

और साथ ही उसने अपने मोबाइल मे हम दोनो की सेक्स वीडियो बना ली थी. मैं बहोत डर गई थी उसने मुझे ब्लॅकमेल किया और मेरे साथ सेक्स करने लग गया. अब तक वो मुझे 20 बार से भी ज़्यादा चोद चुका है. अब मुझे उसके साथ चुदने मे मज़ा आने लग गया है. मैं भी क्या करूँ आप ही बताओ क्योकि अगर मैं किसी को बताती तो उसमे मेरी ही बदनामी होती.

मैने साथ ही अपनी चाची सास को भी बुला लिया. जब उससे पूछा तो उन्होने कहा की तुम्हारे चाचा ससुर जी तो अब सेक्स करते नही इसलिए मुझे अपनी चूत की प्यास नौकर से शांत करवानी पड़ती है. मैने उन दोनो को बहोत अच्छी तरह समझाया की तुम दोनो मेरे घर की इजात को खराब कर रही हो. अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा हुमारे घर का. कितना नाम है पूरे पुणे मे सब की मा चुद जाएगी.
क्या कहेगे लोग की हमारे घर की बहू अपने ही नौकर से चुद्ति है. इसलिए मैं ये चाहती हूँ की तुम ये सब अभी के अभी बंद करो. मेरे कहने का उन दोनो पर कोई असर नही हुआ. वो दोनो अभी भी उन दोनो से सेक्स कर रही थी. इसलिए मुझे ही अब कुछ करना था. मैने सब घर के मेंबर को एक साथ किया और कहा की अब हमारे घर मे चोरी हो रही है.

इसलिए मैने दो काम वाली को अपने घर मे परमाणेंट कर रही हूँ. क्योकि दो नौकर मर्द है जो की घर के लिए ठीक नही है. कही ना कही एक डर लगा रहता है की कही कुछ ग़लत ना हो जाए. सब ने मेरी बात मान ली और अगले ही दिन हमने उन तीनो नौकर को घर से निकल दिया. और उन तीनो की जगह 3 काम वाली रख ली.
उस दिन के बाद आज तक वो दोनो मुझसे ठीक ढंग से बात तक नही करती. इसका मतल्ब तो ये हुआ की वो दोनो खुद ही नौकर से चुद्ति थी. और मुझसे झूठ बोलती थी. पर मुझे इससे अब कोई मतलब नही है क्योकि अब मेरे घर की इज़्ज़त एक दम सेफ है.