देसी सेक्सी गर्ल चुदाई कहानी मेरे घर के सामने आयी एक लड़की से दोस्ती करके उसके साथ सेक्स की है. वो लड़की मस्त मौला किस्म की थी.
मेरा नाम रोहन रॉय है. मैं कॉलेज के तीसरे वर्ष में हूँ. मैं मुम्बई में अकेला रहता हूँ. मेरा परिवार अहमदाबाद में रहता है.
मैं वैसे तो काफी रईस परिवार से हूँ लेकिन पढ़ाई के लिए मुम्बई में किराये के मकान में रहता हूं. ये एक कमरे का फ्लैट था.
मैं दिखने में काफी हैंडसम हूँ और अपने कॉलेज का हीरो हूँ.
वैसे तो मैं पढ़ाई में भी बहुत अच्छा हूँ पर सेक्स के बारे में भी सब कुछ जानता हूँ.
मैं कभी कभी मुठ भी मार लेता हूं, लेकिन उससे कहां प्यास बुझने वाली थी.
मेरी दिनचर्या ये थी कि मैं सुबह अपने कॉलेज जाता और दोपहर से शाम तक घर में रहता या फिर दोस्तों के साथ बाहर चला जाता.
इधर मुम्बई में मैं सिर्फ अपने दोस्तों को जानता था.
इस देसी सेक्सी गर्ल चुदाई कहानी की शुरुआत तब हुई जब एक दिन मेरे सामने के फ्लैट में एक परिवार रहने आया.
उस दिन रविवार था तो मेरी छुट्टी थी इसलिए मैं घर पर था और अकेले बोर हो रहा था.
सुबह के समय मैंने कुछ लोगों की आवाज सुनी तो दरवाजा खोलकर देखा.
मेरे सामने वाले फ्लैट में एक परिवार शिफ्ट हो रहा था और उसी की आवाजें आ रही थीं.
वो चार लोग थे. एक अंकल और आंटी थीं और उनकी बेटी और बेटा था.
उनकी बेटी मेरी जितनी उम्र की लग रही थी. वह बला की सुंदर थी. उसका फिगर 36-26-38 का था.
उसे देखते ही मुझको कुछ कुछ होने लगा.
वैसे भी ऐसी लड़कियों को देख कर तो सब पागल हो ही जाते हैं.
मैं अभी उन्हें देख ही रहा था, तभी उस लड़की के पापा ने मुझे बुलाया और कहा- बेटा क्या आप हमारी थोड़ी हेल्प कर दोगे?
मैंने हां में सर हिलाकर उनकी मदद करने लगा.
थोड़ी देर बाद वह कुछ सामान लेने के लिए चले गए.
फिर उनकी बेटी यानि उस लड़की ने मुझको बुलाया और कहा- तुम इस बॉक्स को रखवाने में मेरी थोड़ी हेल्प कर दोगे प्लीज़.
मैंने ओके कहा और उसकी हेल्प की.
उसने मेरा नाम पूछा, तो मैंने अपना नाम बताते हुए उससे पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है?
उसने अपना नाम रिया बताया और कहा- रोहन यह टेबल नीचे से पकड़ कर रहना, मैं इसके ऊपर चढ़ रही हूँ.
मैंने टेबल को पकड़ा और वह टेबल पर चढ़ गई. वो सामान रखने लगी, तभी उसका पैर लड़खड़ाया और वह गिरने लगी.
मैंने उसे पकड़ लिया, वह मेरी बांहों में थी.
उसका भाई और मम्मी कमरे के बाहर थे और हम दोनों रिया के रूम में थे.
वो मुझको और मैं उसे, हम दोनों आंखों में आंखें डाल कर देखते रह गए.
फिर उसने चुटकी बजायी और कहा- मुझे नीचे तो उतारो.
मैंने उसे नीचे उतारा और कहा- क्या तुम ठीक हो … और सॉरी तुम्हें मैं गिरने से नहीं बचा पाया.
रिया- मैं ठीक हूँ रोहन … मुझको तुम्हें थैंक्स कहना चाहिए कि तुमने अपनी गोद में लेकर मुझे बचा लिया है वर्ना आज कुछ भी हो सकता था.
ये कह कर उसने कदम आगे बढ़ाया तो वो लड़खड़ा गई और उसके मुँह से निकला- आउच …
मैं- क्या हुआ?
रिया- मुझे कमर में दर्द हो रहा है … आउच … कमर की नस चढ़ गई शायद … मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- चलो, मैं तुम्हें अस्पताल ले चलता हूं.
तभी रिया की मम्मी आ गईं और बोलीं- अरे क्या हुआ बेटी … तुम चिल्लाई क्यों?
मैं- आन्टी, रिया को कमर में चोट लग गयी है.
रिया की मम्मी- अरे कैसे चोट लगी?
मैं- टेबल पर से गिरने से.
रिया की मम्मी- अरे … इसे अस्पताल लेकर जाओ … जल्दी.
मैं- ठीक है आंटी.
फिर मैंने रिया की कमर पर हाथ रखा, तो उसने मेरे सामने देख कर स्माइल की और मेरे कंधे पर हाथ रख कर चलने लगी.
मैंने उससे कहा- थोड़ी देर रुको, मैं कार की चाभी लेकर आता हूं.
चाभी लेकर आने के बाद हम दोनों सीढ़ियां उतर रहे थे क्योंकि फ्लैट की लिफ्ट खराब थी.
रिया ने एक स्टेप उतर कर कहा- आह … मैं सीढ़ियां नहीं उतर पाऊंगी.
मैंने उसे अपनी बांहों उठा लिया तो रिया ने हंसते हुए कहा- चांस मार रहे हो क्या?
मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने उसे नीचे उतार दिया और कहा- जाओ अपने आप उतर जाओ सीढ़ियां.
उसने कहा कि सॉरी यार … मजाक कर रही थी. प्लीज़ उठा लो न फिर से!
मैंने उसे फिर से उठा लिया और कहा- बहुत नटखट हो तुम.
वो हंसने लगी.
फिर नीचे पार्किंग में पहुंच कर मैंने अपनी कार का दरवाजा खोला और रिया को बिठा दिया.
मैं भी गाड़ी में बैठ गया और हम दोनों अस्पताल चले गए.
मैंने अस्पताल पहुंच कर रिया को सहारा देकर नीचे उतारा और कहा- तुम यहीं रुको … मैं कार पार्क करके आता हूं.
मैं गाड़ी पार्क करके रिया के पास आ गया और उसकी कमर में हाथ डाल कर चलने लगा.
वह मेरे सामने ही देखे जा रही थी और हल्का सा मुस्कुरा रही थी.
मैंने कहा- तुम चोट लगी है और मुझके देख कर मुस्कुरा क्यों रही हो? मैं क्या जोकर लग रहा हूँ.
रिया ने मुझसे हंसते हुए कहा- बस यूं ही हंस रही हूँ यार … और हां तुम जोकर ही लग रहे हो.
उसकी बात पर मैं भी हंस दिया.
बाद में हम दोनों डॉक्टर के पास आ गए.
वहां डॉक्टर भी रिया को देख कर लाइन मार रहा था.
पता नहीं क्यों पर मुझे उस डॉक्टर का ये व्यवहार जरा भी पसंद नहीं आया.
फिर जब डॉक्टर ने उसकी जांच करने को कहा, तो रिया ने मुझसे कहा- तुम साथ आ जाओ.
मैंने कहा- नहीं, तुम अकेली चली जाओ.
उसने तेज स्वर में कहा- नहीं, तुम साथ आओ.
तभी डॉक्टर ने भी कहा- हां हां … आप भी अपनी पत्नी के साथ साथ आइए.
यह सुन कर रिया ने कहा- हां जी, आप भी आइए ना!
मुझे तो रिया की बात पर हंसना आ रहा था.
मगर मैं फिर भी शांत रहा और उसके साथ अन्दर आ गया.
डॉक्टर ने रिया को उल्टा सोने को कहा और कहा कि अपनी टी-शर्ट ऊपर कर दो.
रिया उल्टी लेटी होने के कारण मुझको बोली कि सुनो … तुम टी-शर्ट ऊपर कर दो ना.
मैंने रिया की टी-शर्ट ऊपर की.
फिर डॉक्टर ने स्टेथोस्कोप से उसको चैक किया और कहा कि मैं तुम्हें एक दवाई लगा देता हूं.
तभी रिया ने कहा- आप नहीं डॉक्टर, दवाई लगाने के लिए आप मेरे पति को कह दो.
उसका पति यानि मैं … मुझे तो बहुत हंसी आ रही थी.
फिर मैंने डॉक्टर के कहने मुताबिक दवा ली और रिया की कमर में लगाना चालू कर दी.
तभी किसी ने डॉक्टर को बुलाया तो वह बाहर चले गए.
मैं रिया की कमर पर दवाई लगा रहा था.
तब उसने कहा- थोड़ी नीचे भी लगाओ न पतिदेव.
मैं हंस पड़ा.
उसकी कमर बहुत मुलायम थी और दूध जैसी सफेद थी.
मैंने उससे कहा- यहां दर्द हो रहा है क्या?
उसने कहा- नहीं रोहन … जरा और नीचे.
मैं- औऱ नीचे तो तुम्हारी शॉर्ट है.
रिया ने कहा- हां … उसे थोड़ी नीचे उतार दो.
मैंने उसकी शॉर्ट नीचे को सरका दी. मैं वहां भी दवाई लगाने लगा. मेरा हाथ बार बार उसकी पैंटी से टकरा रहा था.
थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा- चलो अब घर चलते हैं … यहां ही सोना है क्या?
उसने मुझे कहा- मुझको उठने में मदद तो करो.
मैं उसे सहारा दिया और हम दोनों अस्पताल के बाहर आ गए.
फिर मैं कार ले आया और कार का दरवाजा खोल कर रिया को बिठा कर उसके बाजू में बैठ गया.
मैंने रिया की तरफ देखा और पूछा- चलें या कुछ और दिक्कत है?
उसने कहा- अब चलो.
मैं कार चलाने लगा. आगे सड़क के किनारे एक बर्फ का गोला वाला खड़ा था.
उसे देख कर रिया ने मुझसे कहा कि मुझे बर्फ का गोला खाना है.
मैंने कार रोकी और मैं उसके लिए गोला ले आया. हम दोनों ने गोला खाया.
वो बोली- रोहन कहीं बैठते हैं.
मैंने ओके कहा और रास्ते में खाली जगह देख कर कार से उतरे और बैठ गए.
हम दोनों एक दूसरे के बारे में पूछने लगे.
रिया- तुम अभी क्या कर रहे हो?
मैं- मैं अभी पढ़ाई के लिए यहां रहता हूं. मैं कम्प्यूटर की पढ़ाई कर रहा हूँ … और तुम?
रिया- मैं भी कंप्यूटर की पढ़ाई कर रही हूँ … पर अभी मुझे नया कॉलेज ढूंढना पड़ेगा.
मैं- हां तो मेरे कॉलेज में आ जाओ न … मैं तुम्हारा एडमिशन करवा देता हूं. मेरे दोस्त के पापा कॉलेज के ट्रस्टी हैं.
रिया- हां तो वहीं ठीक रहेगा … उधर ही करवा दो.
मैं- वो तो मैं करवा दूंगा, पर अभी घर भी तो चलो.
रिया- हां यार चलो, वरना मम्मी गुस्सा करेंगी.
हम दोनों घर आ गए.
उसके बाद अगले दिन मैं और रिया कॉलेज के लिए निकले.
हम दोनों पार्किंग में पहुंचे.
मैंने बाइक निकली और हम दोनों कॉलेज जाने के लिए निकले..मेरी बाइक स्पोर्ट बाइक होने की वजह से उसकी पिछली सीट ऊपर को उठी थी, जिससे रिया मुझ पर झुक कर बैठी थी.
मुझके उसके स्पर्श से बहुत मजा आ रहा था.
हम दोनों कॉलेज पहुंचे, तो मेरे दोस्तों ने पूछा- यह कौन है?
मैंने कहा- यह मेरी गर्लफ्रेंड है.
यह सुन कर रिया मेरे सामने देख कर मुस्कुराने लगी.
फिर कुछ देर बाद हम दोनों कॉलेज में जाने लगे.
सभी हमें ही देखे जा रहे थे.
वैसे भी मैं अपने कॉलेज का हीरो था, पर मैंने अब तक कभी किसी लड़की को भाव नहीं दिया.
मैंने अपने दोस्त से कह कर रिया का एडमिशन पक्का करवा दिया.
मुंबई में किसी कॉलेज में इतनी जल्दी एडमिशन होना एक बड़ी बात है.
रिया अपने एडमिशन की बात पक्की सुन कर मेरे गले से लग गयी.
मैंने उसके गोलों को महसूस किया तो मेरे बाबूलाल अपनी औकात दिखाने लगे.
फिर दोपहर को हम दोनों घर आ गए.
अब हम दोनों रोज एक साथ कॉलेज जाने लगे.
मुझे रिया बहुत पसंद थी पर मैं अपनी दिल की बात उसे बात नहीं पाता था.
कभी कभी मुझको लगता था कि वो भी मुझको पसंद करती है.
एक दिन हम दोनों कॉलेज से आ रहे थे तो मैंने हिम्मत की और फूलों की दुकान के पास गाड़ी रोक कर एक गुलाब का फूल ले आया.
उधर ही मैंने रिया को अपने एक घुटने पर बैठ के प्रपोज़ कर दिया.
मैंने उससे कहा- रिया, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
रिया को आश्चर्य हो रहा था. वह बहुत खुश हो गयी और उसने मेरा प्रपोज़ल स्वीकार कर लिया.
उसने कहा- मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं.
मैंने कहा- मैं तो तुम्हें पहली बार देखते ही प्यार करने लगा था.
उसने कहा- बुद्धू … अब तक बताया क्यों नहीं. मैं भी यही राह देख रही थी कि कब तुम मुझे प्रपोज़ करो.
फिर हम दोनों मूवी देखने गए.
अब तो हम सचमुच के कपल थे. हम दोनों एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर चल रहे थे.
मूवी देखने के बाद हम दोनों लंच के लिए बाहर रेस्टोरेंट में चले गए.
ख़ाना खाकर हम दोनों घर आ गए.
अब रिया ज्यादातर मेरे ही फ्लैट में रहती थी.
हम दोनों कभी कभार चुम्मा चुम्मी भी कर लेते थे.
पर इसमें कहां मजा आने वाला था.
एक दिन हम दोनों एक कैफे में गए थे. कैफे में कपलबॉक्स में बैठे थे.
थोड़ी देर बैठने के बाद रिया मेरे बाजू में आकर बैठ गई. हम दोनों एक दूसरे को चुम्मा चाटी करने लगे.
मैंने शर्ट पहनी थी, तो रिया मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी.
उसका साथ देते हुए मैंने भी उसका टी-शर्ट ऊपर उठा दिया.
वो मेरे खड़े लंड पर हाथ फेरने लगी.
मैं उसके बूब्स को दबाने लगा.
हम दोनों पूरे मूड में आ चुके थे कि तभी वेटर ने आकर दरवाजा थपथपाया.
तो हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक कर लिए और अलग अलग बैठ गए.
फिर काफी पीकर हम दोनों घर आ गए.
दो दिन के बाद रिया मम्मी पापा और उसका भाई अपने गांव जाने वाले थे.
रिया नहीं जाने वाली थी.
दो दिन के बाद रिया की फैमिली अपने गांव चली गयी.
हम दोनों कॉलेज से घर आ गए थे.
रिया के घर में कोई नहीं था तो वो मेरे घर चली आई और हम दोनों ने साथ में लंच किया.
खाने के बाद हम दोनों एक रोमांटिक फिल्म देख रहे थे.
उसमें चुम्मा चाटी और सेक्स के सीन आने की वजह से हम दोनों गर्म हो गए.
रिया मेरी गोदी में बैठी थी. उसने स्कर्ट पहना था.
मेरा लंड खड़ा होने के कारण उसकी गांड पर लग रहा था.
रिया ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ कर कहा- ये क्यों अकड़ रहा है. इसको समझाना पड़ेगा.
वो मेरे लोअर के अन्दर हाथ डालकर लंड हिलाने लगी.
मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.
हम दोनों गर्म होने लगे थे.
मैंने रिया की टी-शर्ट निकाल दी और उसकी ब्रा के अन्दर कसे हुए मम्मों को दबाने लगा.
हम दोनों एक दूसरे को चूमे ही जा रहे थे.
फिर रिया ने मेरी शर्ट निकाल दी.
मैंने रिया को अपनी बांहों में उठाया और अपने बेडरूम में ले गया.
उधर उसे दीवार से सटा दिया.
फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी ब्रा निकाल कर फेंक दी.
उसके मस्त मम्मों को देख कर तो मेरे होश ही उड़ गए.
मैं उसके मम्मों को मसलने लगा और अपने मुँह भर कर चूसने लगा.
मैंने उसके मम्मों को मसल मसल कर एकदम लाल कर दिया.
वो भी मुझे अपने दूध पिला रही थी और आंह आंह कर रही थी.
फिर मैंने अपना लोअर उतार दिया और रिया ने अपनी स्कर्ट को उतार दिया.
वो मेरे लंड को देखने लगी तो मैंने उसे घुटनों पर बिठा दिया और अपना 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा लंड उसके मुँह में डाल दिया.
रिया मेरा लंड चूसने लगी.
कभी वो पूरा लंड अपने गले तक अन्दर ले लेती और कभी गोटे चाटने लगती.
मैं भी उसके मुँह को पकड़ कर अपना लौड़ा आगे पीछे करने लगा.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे उठाया और बेड पर लिटा कर उसकी पैंटी निकाल दी.
हम दोनों पूरे नंगे थे.
मैंने उसको खींचा और उसकी दोनों टांगें ऊपर की ओर घुटनों से मोड़ दीं.
अब उसकी चूत साम्मने खुल कर आ गई थी.
मैं रिया की चूत को सहलाने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा.
उसकी चुत में अपनी जीभ डाल कर उसे अन्दर तक चाटने लगा.
वो एकदम से चुदासी हो गई थी तो वो मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी और कमर हिला कर मेरा साथ देने लगी.
उसकी कामुक सिसकारियां बढ़ने लगी थीं और वो कहने लगी थी- अह … और करो रोहन … और जोर से अह हआआ … मजा आ रहा है … अआह्हा जोर जोर से करो.
वो अकड़ने लगी थी तो मुझे समझ आ गया था कि जल्दी ही उसका पानी निकल जाएगा.
मैंने उसी पल चुत चाटना छोड़कर उसे खड़ा कर दिया और अपनी बांहों में भरकर उसे चूमने लगा.
वो बोली- अभी लिटाने का टाइम है रोहन … जल्दी से मेरे अन्दर समा जाओ.
मैंने उसे फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसकी चूत पर अपना लौड़ा घिसने लगा.
हम दोनों सिसकारियां कर रहे थे.
रिया- आह हआआ … उहह अन्दर करो रोहन … जल्दी से अन्दर करो अहआ आआआ!
मैंने लंड को चूत में सैट किया औऱ सुपारे को जोर जोर से उसकी चूत पर घिसने लगा.
वो नीचे से अपनी गांड उठा कर लंड अन्दर लेने को मचलने लगी.
मैंने लंड हटाया और उसकी चूत में उंगली डालकर उसकी चूत का चिकना पानी निकाला.
वो कहने लगी- क्या कर रहे हो रोहन … मुझे रहा नहीं जाता प्लीज़!
मैंने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और उंगली में चूतरस लगाकर उसके मुँह में अपनी उंगली डालकर उसे चखाया.
वो मेरी उंगली चाटने लगी.
मैंने फिर से चूत में उंगली डाली और खुद भी उसकी चूत की रबड़ी को चख लिया.
कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने अपना लंड चूत के छिद्र पर सैट कर दिया और एक ही बार में पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
उसकी आह निकली और वो मेरा लंड खा गई.
उसकी आह सुनकर मुझे लगा कि इसे दर्द हो रहा है तो मैंने उससे पूछा- तुम्हें सील टूटने की वजह से दर्द हो रहा है ना?
उसने मुझसे कहा- मेरी सील तो पहले ही टूट चुकी है.
मैंने धक्का देते हुए कहा कि यह कैसे हुआ … तुम्हें किसने चोदा?
उसने मुझसे कहा- मैं पहली बार तुमसे चुद रही हूँ … चूत में मैं कभी कभी डिल्डो डालकर अपनी गर्मी शांत कर लेती थी. इसलिए मेरी सील प्लास्टिक के लंड ने तोड़ दी है.
मैं खुश होकर अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
वो भी मस्ती से गांड उठाने लगी.
मैं उसकी मस्ती देख कर और जोर जोर से उसको चोदने लगा.
वो भी अपने पैरों से मेरी कमर लॉक करके मेरा साथ देने लगी.
कुछ ही पलों में वो कहने लगी- आंह रोहन मेरी जान … जोर जोर से चोदो मुझको रोहन … आंह जोर जोर से चोदो अह हआआ … यस इसी तरह चोदो!
मुझे उसकी मादक सिस्कारियां सुन कर और जोश आ गया.
अब मैं उसके मम्मों को पकड़ कर उसे धकापेल चोदने लगा.
लगातार 15 मिनट तक उसकी चुदाई करके मैंने उसकी आंखों में देखा, तो वो भी चरम पर आ गई थी.
अगले कुछ शॉट्स के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
अब तक वो दो बार झड़ गयी थी.
मैंने अपना सारा रस उसकी चूत में ही निकाल दिया था और उसके ऊपर ही गिर गया.
करीब आधे घंटे बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
खड़ा लंड देख कर रिया इस बार मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट करके बैठ गई.
हमारी चुदाई ‘दे दनादन …’ फ़िर से शुरू हो गयी.
इस बार चुदाई 20 मिनट तक चली. उसके बाद हम दोनों झड़ गए.
फिर हम दोनों शाम तक ऐसे ही एक दूसरे पर चढ़ते उतरते रहे.
शाम को हम दोनों उठे और डिनर की तैयारी करने लगे.
हम दोनों घर में नंगे ही घूम रहे थे.
डिनर के बाद हमने फिर से चुदाई चालू कर दी.
इस बार मैंने रिया को घोड़ी बना कर पेला.
इस तरह से उस रात कई बार चुदाई हुई.
अगले दिन जब में 9 बजे जगा तो रिया बाथरूम में थी.
मैं बाथरूम में गया और रिया को पीछे से उठाकर दीवार की ओर करके रिया को अपनी बांहों में उठा लिया और अपना लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया.
वो जब तक समझ पाती तब तक मैंने पूरा लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया.
वो आंह करके मेरे लंड को गड़प कर गई.
उसने मुझे अपने दोनों पैरों से लॉक कर लिया और ऊपर नीचे होकर मेरा साथ देने लगी.
लगभग 15 मिनट बाद हम दोनों झड़ गए.
इस तरह उस दिन भी हम दोनों ने कई बार चुदाई की.
अब रिया पक्की चुदक्कड़ हो गई और मेरे लंड को जब मर्जी लेने लगी.
मैं भी उसे हचक कर चोद देता हूँ.
दोस्तो, आपको यह देसी सेक्सी गर्ल चुदाई कहानी अच्छी लगी होगी. मेल और कमेंट्स कर मेरा उत्साह बढ़ाएं.
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