ऑफिस सहकर्मी भाभी की प्यासी चूत

देसी ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी मेरी पहली चुदाई की है एक भाभी के साथ जो मुझसे 7-8 साल बड़ी थी और मेरे दफ्तर में काम करती थी. उससे कैसे सेटिंग हुई?

दोस्तो, मेरा नाम दुष्यंत है। मैं अहमदाबाद, गुजरात का रहने वाला हूं।

मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूं। यह मेरी पहली कहानी है, अतः कोई गलती हो तो माफी चाहूंगा।

यह देसी ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी आज से 5 साल पहले की है, जब मैं अपनी पढ़ाई पूरी करके नयी जॉब पर लगा था। उस समय मैं 22 साल का था।
मेरी जॉब भुज (गुजरात) के पास के गाँव में थी। मैं वहां क्लर्क की पोस्ट पर काम करता था।

अब मैं उसके बारे में बताऊंगा जिसके साथ मेरा यह वाकया हुआ था। उसका नाम सोनू (बदला हुआ) था।
उस देसी ऑफिस गर्ल की उम्र 26-27 साल थी और दिखने में एकदम क़यामत लगती थी।

उसका फिगर करीबन 38-30-36 का था। उसे देखते ही हर एक मर्द का लंड खड़ा हो जाए, ऐसी माल थी वो!

पहले मेरे दिमाग़ में ऐसा कोई ख़्याल नहीं था क्योंकि वो पहले से ही शादीशुदा थी।

फिर एक बार जब हम सारा ऑफिस स्टाफ़ घूमने गया तो उस दौरान हम दोनों एक दूसरे से आपस में घुल-मिल गए और हम आपस में अच्छे दोस्त बन गए।

वहां हम दोनों साथ में घूमे, बहुत सारी फ़ोटो खींची।
उसके बाद हम लोग वापस आने के लिए निकले। आते समय वह मेरे पास ही बैठी थी।
चूंकि बाकी लोग भी थे तो हमारे बीच में ऐसा वैसा कुछ भी नहीं हुआ।

वापस आने के बाद दो तीन दिन तक ज्यादा कुछ बात नहीं हुई हमारे बीच!

दो दिन बाद सोनू मेरे केबिन में आई।
उस वक्त मैं अकेला था।

हमारी कुछ देर तक बात हुई और वो फिर टूर वाली फोटो मांगने लगी।

मैंने उसको फोटो दे दी क्योंकि हम दोनों का नम्बर तो पहले ही एक दूसरे के पास आ चुका था।
फिर वो चली गई।

इस तरह से हमारी बातें होती रहीं।

सोनू पहले से शादीशुदा थी इसलिए मैं ज्यादा कुछ खुलकर उससे बोल नहीं सकता था।

उसके दस दिन बाद मुझे एक ट्रेनिंग कैम्प में जाना था।

मैं अपने घर पर पैकिंग में लगा हुआ था।
सोनू का फोन आया और वो कहने लगी- आज कहां हो?
मैंने बोला- मैं एक ट्रेनिंग कैम्प में जा रहा हूं। उसी की तैयारी कर रहा हूं।

फिर कुछ देर हमने बात की और फिर मैं तैयारी में लग गया।

मैं शाम को कैम्प के लिए निकल गया।
रास्ते भर उसने मुझसे चैट की, अपनी फोटो भेजीं।

मुझे दस दिन वहां कैम्प में रहना था।
इस दौरान वो रोज बात करती थी।

एक दिन सोनू कहने लगी कि बहुत दिन हो गये हैं, अब तुमसे मिलने का दिल कर रहा है। मैं तुम्हें पसंद करती हूं।
मैं ये सुनकर हैरान सा रह गया।

तब मैं बोला- मैं जल्दी ही लौटने वाला हूं।

कैम्प खत्म होने के बाद मैं लौटा और सोनू से मिला।
हम दोनों की दोस्ती में अब प्यार भी आ गया था।

हमने साथ में घूमने का प्लान बनाया।

एक दिन फिर मैं सोनू को छुट्टी वाले दिन घुमाने ले गया। मैं उसे समंदर के किनारे ले गया। वहां पर मैंने उसको चॉकलेट और गिफ्ट दिया।

हम दोनों का ही मूड बन गया और हम वहीं पर किस करने लगे।
वो मेरी जिन्दगी की पहली किस थी।

फिर हमने कुछ देर एक दूसरे को किस किया और फिर थोड़ी देर वहां रुकने के बाद वापस आ गए।

हम रोज मैसेज और कॉल पर बातें करने लगे।
अब हम एकदम खुल चुके थे तो अब हमारे बीच सेक्स की बातें होने लगी थीं और कॉल पर हम फोन सेक्स भी करने लगे थे।

उसके बाद हम कहीं बाहर मिलने का प्लान करने लगे।
तब हमने तय किया कि हम होटल में जाएंगे।

होटल भुज में था। हम रविवार को मिलने वाले थे।

संडे को हम वहां से भुज जाने के लिए निकले और हम होटल पहुंच गए।
हमने रूम बुक किया और रूम में पहुंचे।

जैसे ही हम रूम में पहुंचे सोनू मुझे किस करने लगी और मैं भी उसका साथ देने लगा।

किस करते करते वो मेरे कपड़े उतारने लगी और मैं भी उसके कपड़े उतारने लगा, उसका साथ देने लगा।

करते करते मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर चलने लगा और मैं उसके बूब्स दबाने लगा।
उसके बूब्स एकदम माखन जैसे मुलायम थे.

वो मेरे कपड़े निकाल चुकी थी। उस दौरान अब मैं उसके सामने अंडरवियर में था।
अब मैंने पहले उसका शर्ट निकाल दिया।

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नीचे उसने काली ब्रा पहनी थी। उसमें वो एकदम सेक्सी लग रही थी। उसके गोरे शरीर पर काली ब्रा बहुत मस्त लग रही थी।

फिर मैं उसके बूब्स को ऊपर से ही चूसने लगा और मैंने ब्रा को पीछे से खोल दिया।

उसके 36 इंच के बूब्स मेरे सामने आज़ाद हो गए।
उनको देख कर मैं कंट्रोल नहीं कर पाया और उन पर टूट पड़ा।
मैं एक बूब को चूसने लगा और दूसरे को मैं दबाने लगा।

सोनू उम्म … आह्ह करके सीत्कार करने लगी।

जैसे ही मैंने उसके निप्पल को हल्का सा काटा तो वो सिहर गई और मुझसे लिपट गई।
मुझे लगा जैसे मुझे पूरा अपने अंदर समा लेना चाहती हो।

उसको फिर मैंने नीचे से भी नंगी कर दिया।
मैं तो उसको नंगी देखकर पागल सा हो गया।
इतनी सेक्सी लड़की की चुदाई करने के लिए अब मैं बिल्कुल मरा जा रहा था.

वो आकर मेरे पेट पर बैठ गयी और मेरे होंठों पर झुक कर मेरे लबों का रस फिर से पीने लगी.
उसकी गांड पर पीछे से मेरा लंड टक्कर मार रहा था.

जब मुझसे रहा न गया तो मैंने उसे नीचे पटक लिया और उसके जिस्म पर टूट पड़ा.
उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाते हुए उसके निप्पलों को चूसने लगा.

सोनू के मुंह से कामुस सिसकारियां फूट पड़ीं- आह्ह … अम्म … ओह्ह … याह … स्सस … और जोर से … आईई … आआ … आह्ह दुष्यंत … बहुत मजा दे रहे हो … आह्ह … ऐसे ही करो।

कुछ देर तक मैं उसकी चूचियों को पीता रहा और दबाता रहा. साथ ही उसकी चूत को भी एक हाथ से सहलाता रहा.

उसका बदन अब पूरा का पूरा तपने लगा था.
वो अंगड़ाई लेने लगी थी और बार बार अपनी चूत को मेरे हाथ पर रगड़वा रही थी.

जब उससे रुका न गया तो उसने मुझे नीचे पटक लिया और मेरी छाती पर बैठकर मेरे मुंह पर अपनी चूत लगा दी और आगे धकेलने लगी.
मैंने भी उसकी चूत में जीभ दे दी और उसको अंदर तक चोदने लगा.

वो जोर जोर से आगे पीछे हो रही थी.

2-3 मिनट तक सोनू ऐसे ही आगे पीछे होती रही और फिर उसने एकदम से मेरे मुंह पर अपनी चूत को पूरी ताकत लगाकर दबा दिया.
उसकी चूत का गर्म गर्म पानी मेरे मुंह में आने लगा जिसको मैं साथ ही साथ पूरा चाट गया.

मेरे चाटने से वो दोबारा गर्म भी हो गयी.
अब जैसे ही वो गर्म हुई मैंने उसको घोड़ी बना लिया.

उसकी फूली हुई चूत एकदम मस्त लग रही थी. गुलाबी चूत को देखकर मेरे लौड़े में उबाल आ गया था.

मैंने उसकी चूत पर हाथ मारा और उसको सहलाया. फिर एक उंगली उसकी चूत में अंदर डाल कर देखी. उसकी चूत के अंदर पूरी चिकनाई थी.

अपने लंड को मैंने सोनू की चूत पर सेट कर दिया और एक झटका मारा.
एक बार में ही पूरा लंड अंदर चला गया.

वो एक बार आगे हुई.
शायद उसकी चूत में लंड अंदर दर्द कर गया था.

मगर उसी वक्त मैंने सोनू की चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिये.
मैंने उसकी गांड को थाम लिया और उसकी चूत को पेलने लगा.

चुदते हुए वो रंडी की तरह चिल्ला रही थी. मुझे उसका ऐसे चिल्लाना बहुत मजा दे रहा था.
मैं उसको बिल्कुल रंडी बना कर चोद रहा था.

अब कामुक सिसकारियों के साथ पट-पट की आवाज भी रूम में गूंज रही थी.
कुछ ही देर में उसका बदन फिर से अकड़ने लगा और एक बार फिर से उसकी चूत से पानी निकलने लगा.

फिर भी चुदाई मैंने चालू रखी क्योंकि मेरा लंड अभी नहीं झड़ने वाला था.

कुछ ही देर में उसकी चूत में दर्द होने लगा और वो जोर जोर से चीखने लगी.
अब मुझे और ज्यादा मजा आने लगा.

सोनू मुझसे छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं उसकी चूत को धमाधम पेलने में लगा हुआ था.
फिर वो मुझे गालियां देने लगी- छोड़ दे मादरचोद, पहली ही चुदाई में मेरी जान निकालेगा क्या?

मैंने कहा- आज नहीं छोड़ूंगा तुझे, पहली बार किसी सेक्सी भाभी की चूत मिली है. आज तो मैं पूरा मजा लूंगा साली रंडी.
सोनू बोली- ठीक है, चोद दे कमीने, चोद जोर से. … अपना पानी मुझे पिला दे आज!

दस मिनट तक और मैंने उसकी चूत को जमकर चोदा और फिर मेरा पानी निकलने को हो गया.
मैंने उसकी चूत से लंड निकाल लिया, उसको घुटनों के बल कर लिया, उसके मुंह में लंड देकर चोदने लगा.

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दो मिनट बाद ही मेरे लंड से वीर्य की धार निकली और शुरू का कुछ वीर्य उसके मुंह में गिरा और बाकी का उसके बूब्स पर!
फिर हम लेट गए. वो थोड़ा थक गई थी.

थोड़ी देर बाद वो बाथरूम में जाकर अपने आपको साफ़ करने लगी.
उसके बाद मैं भी बाथरूम में जाकर खुद को साफ करने लगा।
वो शावर चालू करके नहाने लगी।

सोनू की चूचियों पर पानी गिरने लगा और उसके निप्पल एकदम से तनकर नुकीले हो गए।
उसकी चूत पर से बहते पानी की धारा को देखकर लग रहा था कि इसके नीचे मुंह लगा दूं।

मैं उसके घुटनों के पास बैठकर उसकी चूत के सामने मुंह खोलकर जीभ से उसकी चूत से बहते पानी को पीने लगा।
सोनू की चुदी हुई लाल चूत का पानी पीने में मुझे फिर से उत्तेजना होने लगी।

वहीं बैठे बैठे मैंने उसकी गांड पर अपने हाथ जमा दिए और उसकी चूत में जीभ देकर अंदर तक चाटने लगा।
उसकी जांघें फिर से चौड़ी होने लगीं, वो वहीं दीवार के साथ में गांड लगाकर खड़ी हो गई।

मेरी जीभ उसकी चूत की गहराई मापने में लगी थी।

सोनू फिर से गर्म होने लगी। हम दोनों पर शावर का पानी गिर रहा था।
उसकी चूत में मचलती मेरी जीभ से उसकी चुदास चढ़ गयी और उसने एक टांग को मेरे कंधे पर चढ़ा दिया।

वो अब मेरे सिर को पकड़ कर अंदर तक चूत में जीभ लेने की कोशिश करने लगी। मैं नीचे से एक हाथ से लंड की मुठ मारने लगा। मेरा लंड एक बार फिर से पूरे तनाव में आ चुका था।

अब उसकी चुदास बहुत ज्यादा बढ गयी और उसने मेरे सिर को पकड़ कर आगे पीछे करते हुए खुद ही मेरी जीभ से अपनी चूत को चोदना शुरू कर दिया।
अब मुझे भी उसकी चूत से नमकीन स्वाद आना शुरू हो गया था।

उसकी चूत एक बार फिर से लंड की प्यासी हो गयी थी और लंड घुसवाने के लिए तैयार थी। उसकी गीली चूत को चूसने में बहुत मजा आ रहा था।

फिर सोनू ने मुझे पकड़ कर ऊपर उठा लिया और मेरे गीले होंठों को चूसने लगी।

नीचे से उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ा और अपनी चूत पर सटा कर मेरी गांड पर अपनी एक टांग लपेट दी।
मेरे लंड का टोपा ठीक उसकी चूत के छेद पर सटा था।

उसके होंठ चूसते हुए मैंने धीरे से एक धक्का मारा और वहीं पर खड़े खड़े उसकी चूत में लंड को उतार दिया।
मैंने दो तीन धक्कों में पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया।

अब मैं वहीं पर उसकी टांग को उठाए हुए उसको खड़े खड़े चोदने लगा।
वो मेरे सीने से लिपट गई और चुदने का मजा लेने लगी।

मैंने उसको दीवार से सटा दिया और दीवार की तरफ धक्के मारने लगा; मैं उसकी चूत में लंड अंदर तक वार कर रहा था।

वो हल्के हल्के कराह रही थी और सिसकार भी रही थी।

अब मैं रुका और लंड चूत से निकाल कर टॉयलेट सीट पर बैठ गया।

मेरा लंड तोप की तरह खड़ा हुआ था।
मैंने उसको आने का इशारा किया।
सोनू समझ गयी कि उसे क्या करना था।

वो मेरे पास आई और अपनी दोनों टांगें फैलाते हुए मेरे लंड पर बैठ गई।
बैठते हुए उसने पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और अब धीरे धीरे उस पर ऊपर नीचे होने लगी।

मैं एक बार फिर से जन्नत की सैर करने लगा। सोनू भाभी के बूब्स मेरे मुंह में सटे थे।

उसकी गीली चूचियों को पीते हुए मैं उसकी चूत में लंड को घुसाता रहा और वो मेरे लंड की सवारी करती रही।

इस तरह से 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं सोनू की चूत में झड़ गया।

हम दोनों बुरी तरह थक गए। फिर नहाने के बाद बाहर आए। कुछ देर आराम किया और फिर चलने के लिए तैयार होने लगे।

हमने कपड़े पहने और रूम से बाहर निकल गए और हम दोनों अपने अपने घर वापस आ गए।

तो दोस्तो यह थी जवानी में मेरी पहली चुदाई की कहानी।
कैसी लगी आपको ये देसी ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी? मुझे आप इस बारे में अपनी राय जरूर भेजना।
मेरा ईमेल आईडी है- [email protected]