फूफा की जवान भतीजी की गर्म चूत मेरे लंड से चुदी

देसी इंडियन गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं बुआ के घर गया तो उनकी भतीजी ने मुझे पटा लिया. मैं भी ब्लू फिल्मे देखता था तो मैंने उसे खूब मजे से चोदा.

मेरा नाम विकास है, सभी मुझे मोनू कह कर पुकारते हैं.
मैं आपको अपनी पहली चुदाई की कहानी सुना रहा हूं.

मैं भोपाल का रहने वाला हूं. मेरी उम्र अब 30 वर्ष की है. मेरा स्वभाव बहुत ही मजाकिया और खुशमिजाज सा है, इसलिए सब मुझे पसंद करते हैं.

ये देसी इंडियन गर्ल सेक्स कहानी उन दिनों की है, जब मैं पढ़ता था.

उन दिनों गर्मी की छुट्टियां थीं. मैं अपनी बुआ के घर सीहोर गया हुआ था.

उनके जेठ की बड़ी बेटी का नाम ज्योति था.
ज्योति कॉलेज में पढ़ती थी.

बुआ के घर मेरा समय अच्छा व्यतीत होने लगा था.
मैं कैरम अच्छा खेलता था तो अधिकांश समय कैरम खेलने में ही बीतता था.

एक दिन कैरम खेलते हुआ पूजा ने कहा- मोनू, तुम आज मेरे यहां ही रुक जाओ.
मैं बोला- बुआ कुछ बोलेंगी तो नहीं?

वो बोली- नहीं, मैं उनसे बात कर लूंगी.
मैंने हामी भर दी.

हम दोनों ने काफी रात तक कैरम खेला.

भईया, उनके पापा और ज्योति की मम्मी बोलीं- अब तुम दोनों खेलो, हमें नींद आ रही है, हम लोग सोने जा रहे हैं.

उस समय तक मुझे अंदाज भी नहीं था मैं जीवन के प्रथम संभोग के लिए आगे बढ़ रहा हूं.

खेलते खेलते ज्योति ने मुझसे पूछा- तुम लोग क्रिकेट खेलते हो?
मैंने बोला- हां खेलते हैं.

फिर उसने अब्डोमिनल गार्ड दिखाते हुआ पूछा- ये कहां लगती है?
मैंने कहा- मुझे पता नहीं.

उसने गार्ड को अपनी कोहनी में सैट करते हुए बताया- यहां लगती है.
ये मैं जानता तो सब था कि ये लंड पर लगाने का सामान है, पर फिर भी मैं चुप रहा.

एक पल बाद मैंने कहा- हां ये यहीं लगती है, इससे कोहनी में चोट नहीं लगती.
वो हल्के से मुस्कुराने लगी.

हमारा कैरम का खेल फिर से चलने लगा.

हम दोनों खेलते खेलते थक गए थे तो मैंने सोने का कहा.
ज्योति ने कहा- तुम मेरे पलंग पर सो जाओ.
मैं बोला- ठीक है.

हल्की सर्दी का समय था, मैं थका हुआ था इसलिए मुझे लेटते ही नींद आ गई.

रात में मुझे अहसास हुआ कि कोई मेरे लंड से खेल रहा है.
डर के कारण मैंने रिएक्ट भी किया तो पाया कि ज्योति मेरे लौड़े से खेल रही थी.

मेरी बेचैनी से वो समझ गई थी कि मैं जग चुका हूँ.

जैसे ही ज्योति को थोड़ा सा अहसास हुआ कि मैं जाग गया हूँ, उसने मेरे होंठों को चूमना चालू कर दिया.
मैंने उसकी तरफ देखा, तो उसने धीमी आवाज में कहा- मैंने इतना बड़ा लौड़ा सिर्फ फिल्मों में देखा है.

ये सुनकर मेरी आंख फटी की फटी रह गई.
अब वो मुझे चुदासी रांड की तरह चूम रही थी और मेरे लंड को हिला रही थी.

मेरी गांड फटी जा रही थी कि ये क्या बवाल हो रहा है.
कुछ देर बाद वो रजाई में नीचे को हो गई और उसने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.

मैं उस देसी इंडियन गर्ल सेक्स के अहसास को लिख कर नहीं बता सकता दोस्तो कि वो क्या था.
एक कॉलेज की छात्रा यानि जवानी से छलकती लौंडिया मेरे लंड को चूस चाट रही थी और मुझे मेरे लौड़े में बेहद सनसनी हो रही थी.

कुछ पल के बाद मुझे मजा आने लगा था और मैं ज्योति को लेकर मदमस्त होने लगा था.
मेरे हाथ उसके मम्मों पर चले गए और मैं उसके एक मम्मे को सहलाने लगा.

वो भी मेरे हाथ को अपने मम्मे पर महसूस करके मस्त होने लगी.
मैं अपने दोनों हाथ नीचे ले गया और उसके दोनों दूध मसलने लगा. उसकी चूचियों के निप्पल मींजने लगा.

वो मादक कराहें ले रही थी और लंड को मजे से चूस रही थी.

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उस समय ब्लू फिल्म की सीडी का जमाना हुआ करता था और मैं काफी किस्म की सीडी देख चुका था.
बल्कि यूं कहूँ कि मैं अपने स्कूल का ब्लू-फिल्म की सीडी का किंग कहलाता था.

मैंने एक से एक ब्लू-फिल्म्स देखी हुई थीं मगर ऐसा कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ज्योति जैसी कामुक लड़की एकदम से मेरा लंड चूसने लगेगी.

मैं समझ चुका था कि मोनू बेटा आज तेरी लॉटरी लग गई है.
मैंने भी अपनी टांगें ढीली छोड़ते हुए फैला दीं और उसे अपने लंड को अच्छे से चूसने दिया.

कुछ मिनट में ही मैं उसके मुँह में झड़ गया और वो किसी भूखी लोमड़ी सी मेरे वीर्य को खा गई.
उसने वीर्य खाने के बाद भी मेरे लंड को नहीं छोड़ा, वो लगातार लौड़े को हिलाती हुई चूसती रही.

मैंने उसे रोका और कहा- अब मेरी बारी.
वो बेहद खुश थी.

मैं रजाई में 69 की पोजीशन में हो गया. हम दोनों एक दूसरे के लंड चूत से लग गए.
उसकी चूत से आग बरस रही थी. ठंडी के मौसम में चूत का तापमान तो भाई पूछो मत … एकदम भभक रही थी.

ब्लूफिल्म वाली सीडी देखने का मुझे उस दिन फायदा हुआ.
उसमें जिस तरह से लंड चूत चूसने की कला का छायांकन किया जाता था, उसे आज प्रयोग में लाने का अवसर मिला था.

मैंने बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी जीभ उसकी चूत पर लगा दी.
पहली बार परमानंद मिलना शुरू हो गया.

चूत की वो अजीब सी खुशबू और नमकीन सा स्वाद … आह मजा आने लगा.

एक तरफ वो बड़ी तेजी से मेरा लंड दबाती हुई चूस रही थी और उतनी ही तेजी से मैं उसकी चूत चाट रहा था.
उसके मुँह से आह आह की आवाज मुझे उसकी चूत चाटने को उकसा रही थी.

वो मेरे लंड के नीचे लटकते आंडों को पकड़ कर लंड चूस रही थी और अपनी चूत में मेरा मुँह और ज्यादा दबाने कीई कोशिश कर रही थी.

अचानक से उसने हल्की सी धार के साथ मेरा मुँह नमकीन कर दिया और अकड़ गई.

मेरा लौड़ा समझ गया था कि अब ज्योति पूरी तरह से चरम सुख में डूब गई है.

मैंने देर न करते हुए चुदाई की पोजीशन में खुद को सैट किया और अपना लौड़ा उसकी चूत की फांकों में रख दिया.

उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि एक ही बार में मेरा लौड़ा उसकी चूत में समा गया.
लंड चूत के अन्दर जाते ही साथ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया.

वो मेरे जीवन की पहली चुदाई का आनन्द था क्योंकि मैं पहली बार किसी लड़की से संभोग कर रहा था.
इसलिए लंड अन्दर पेलते ही मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ.
मेरे लंड का धागा टूट गया था.

पहली बार मैंने बिना तकिया लगाए अपने लंड को उसकी चूत में पेला था.

लंड अन्दर गया तो मैंने आज पीछे करना शुरू कर दिया.
पर इस जल्दीबाजी में पोजीशन अच्छे से नहीं बन पा रही थी.

हालांकि ज्योति चुदी चुदाई माल थी मगर तब भी उसने भी बहुत दिनों बाद किसी का लंड लिया था इसलिए उसे भी दर्द हो रहा था.
उसने कहा- मेरी गांड के नीचे तकिया लगाओ, फिर पेलो.

फिर मैंने तकिया उसकी गांड के नीचे सैट किया और अपने लंड को उसकी चूत में रगड़ने लगा.
उसकी सांसें और तेज हो रही थीं.

वो मेरे लंड के अन्दर घुसने का इंतजार कर रही थी.
उसकी चूत लंड लीलने के लिए लपलप कर रही थी.

मैंने चूत की फांकों के बीच सुपारा सैट किया और एक दमदार झटके के साथ अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.
वो एक बार झड़ चुकी थी इसलिए चूत में मस्त चिकनाई थी.

ज्योति के कंठ से एक मादक आह निकली और उसने लंड खा लिया.

मैं उसके मम्मे को तेजी से अपने दांतों से चुभला रहा था.
उसे मजा भी आ रहा था और मीठा दर्द भी हो रहा था.
मैं ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था.

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काफी देर तक एक ही पोजीशन में चोदने के बाद मैंने उसे डॉगी पोजीशन में सैट किया.
इस आसन में चूत का हिस्सा कुछ नीचे हो जाता है, इस बात का मुझे अनुभव नहीं था.

मैंने गलती से उसकी गांड में अपने लंड को टिका दिया.
पर जैसे ही मैंने लंड अन्दर डालने की कोशिश की, वो आगे खिसक गई और बोली- ये क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- चुदाई.
वो बोली- साले गांड में पेल रहा है.

मैं उसकी गांड टटोलने लगा और सॉरी बोला.
उसने कहा- आज तो तुम मेरी गांड की सील खोल देते. चलो अब जल्दी से नीचे लंड घुसाओ और इस बार धकापेल नहीं … आराम आराम से करना.

मैंने थोड़ा नीचे लंड सैट किया और इस बार थोड़ा आराम से लंड को डाल कर धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया.

वो वापस मदहोश होने लगी और अपने ही एक हाथ से अपना दूध मसलने लगी.
मुझे भी परम सुख की प्राप्ति हो रही थी, अब मैं थोड़ा तेजी तेजी से उसे चोदने लगा.

जब मेरा आगे का हिस्सा उसके चूतड़ों से टकराता तो छप्प छप्प की आवाज आने लगती.
कुछ देर बाद मैंने लंड हटा कर पीछे से ही उसकी चूत को वापस चाटना चालू किया.

उसकी चूत से मदहोश करने वाली खुशबू आ रही थी.
वो गांड हिलाती हुई बोली- मोनू मुझे वापस चोदो.

मैंने ज्योति को फिर से सीधा किया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगा कर चुदाई करना चालू किया.

उसका शरीर इतना सुंदर था कि बेहद मजा आ रहा था.
ज्योति एकदम गोरी माल लौंडिया थी, उसके भरे हुए मम्मों के गुलाबी निप्पल देख कर मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.

मैं उसे सिर्फ देख देख कर ही मजे ले रहा था.

कुछ देर बाद मैं झड़ गया और मैंने अपना वीर्य चूत में नहीं बल्कि नीचे गिरा दिया.

अब हम दोनों नंगे ही रजाई के अन्दर लेट गए.
ज्योति ने मुझे बताया कि बाजू वाली भाभी ने उसे सेक्स वाली बुक दिखाई थी, तब से उसे लंड की तलाश थी.

मैंने कहा- तो क्या तुमने आज पहली बार लंड लिया है?
वो पहले तो चुप रही, फिर हंस कर बोली- नहीं एक बार ले चुकी हूँ.

मैंने पूछा- किसके साथ चुदी थी?
वो बोली- वो पड़ोस की भाभी का ही एक ठोकू था.

मैंने कहा- फिर उससे दुबारा नहीं चुदी?
वो बोली- नहीं … वो साला बीच में ही झड़ जाता था. इसलिए भाभी ने उसे भगा दिया था.

मैंने कहा- भाभी की दिलवाओगी?
वो बोली- साले, अभी मेरी तो ठीक से ले ले … फिर भाभी की लेने की सोचना.

मैंने कहा- क्यों तुझे मेरे लंड से मजा नहीं आया?
वो लंड पकड़ कर बोली- तेरा लंड तो बड़ा मस्त है. मुझे बहुत मजा आया.

मैंने कहा- चलो फिर से करते हैं.
वो बोली- हां अभी करते हैं न!

मैंने कहा- इस बार माल अन्दर ही लेना.
वो बोली- नहीं अन्दर लेने से गड़बड़ हो जाएगी.

मैंने पूछा- क्या गड़बड़ हो जाएगी?
ज्योति ने मुझे बताया कि अन्दर माल गया तो बच्चा ठहर सकता है.

मेरी उससे इस विषय पर और बात हुई तो उसने मुझे बताया कि पहले तो वो जानती भी नहीं थी कि बच्चा कैसे पैदा होता है, पर अब उसे मालूम है कि वीर्य अन्दर लेने से बच्चे का खतरा रहता है.

फिर उस रात मैंने ज्योति को एक बार और चोदा.
आज भी जब भी मौका मिलता है, हम दोनों देसी इंडियन गर्ल सेक्स का मजा लेते हैं.

ज्योति जब भी भोपाल आती है, मैं ज्योति को चोद लेता हूँ.
वो उसी तरह घोड़ी बनती है और मेरे लौड़े को मजा देती है या लंड की सवारी करती है.

मेरी देसी इंडियन गर्ल सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेरी मेल आईडी पर मेल कर जरूर बताएं.
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