देसी चुदाई आंटी ने की मेरी हेल्प

Indian Sex Story In Hindi Desi Chudai Aunty Ne Ki Meri Help हेलो दोस्तो मेरा नाम दीप है और मैं पंजाब के लुधियाना से बिलॉंग करता हू. मेरी एज 20 साल है और मैं ग्रॅजुयेशन की स्टडी करता हू और मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट 5’10” है. मैं दिखने मे हॅंडसम हूँ बट अब तक मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नही है और लगता है बनेगी भी नही.. इंडियन सेक्स स्टोरी इन हिन्दी देसी चुदाई

क्योकि आप तो जानते ही है गर्ल्स हमेशा उन्हे पसंद करती है जो पैसे वाला है. वो चाहे रंग का काला क्यो ना हो चलेंगा, खैर मेरी किस्मत मे ग़रीबी लिखी है तो उसे तो संभालना पड़ेगा. मैं अकेला रहता हू मेरा कोई भी नही है और मैं मज़दूरी करके अपनी पढ़ाई करता हू.

ये कहानी मेरे साथ अचानक हुए एक वाकये पर आधारित है. ये आज से एक महीने पहले की है जब एग्ज़ॅम होने की वजह से मुझे कॉलेज से छुट्टिया थी तो मैने मज़दूरी करने का सोचा और मैं काफ़ी दिन आस पास के लोगो से पूछा तो किसी ने जवाब नही दिया.

आख़िर मैं निराश होकर फुटपॅत पर रो पड़ा की तभी एक आंटी एक डॉगी के साथ मेरे पास आई और बोली..

आंटी – क्या हुआ बेटा रो क्यो रहे हो तुम क्या प्राब्लम है बताओ मुझे मैं तुम्हारी हेल्प करूगी.

मैं – कुछ नही आंटी बस उदास था इसी लिए रोना आ गया.

आंटी – बेटा ऐसे कोई नही रोता कोई तो बात है जो तुम मुझे बताना नही चाहते हो. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैं – मैं यहा पास मे रहता हू. और आंटी मैं एक कॉलेज मे पढ़ाई करता हू छुट्टिया होने के कारण मैने सोचा कोई काम कर लू. पर 3-4 दिन हो गये कोई काम नही मिल रहा अब आप ही बताओ मैं क्या करू?

आंटी – अछा तो ये बात है, फिर क्या हुआ इसमे रोने की क्या बात है मुझे बताओ कैसा काम कर सकते हो तुम?

मैं – जैसा आप बोलो वैसा पर मुझे डेली के 350 चाहिए.

आंटी – ठीक है मैं जॉब दुगी तुम्हे और पैसे भी अड्वान्स दुगी बोलो मंज़ूर है?

मैं – ठीक है आंटी जी बोलो काम क्या है.

तो उन्होने बोला मेरे साथ चलो मैं काम बताती हू तुम्हे.

मैं – ठीक है आंटी चलिए बट एक रिक्वेस्ट है आंटी जी

आंटी – बोलो क्या प्राब्लम है मैं हेल्प करूँगी तुम्हारी

मैं – आंटी मैं अब इस टाइम नही जा सकता आपके साथ

आंटी – क्यो बेटा

मैं – मुझे भूख लगी है घर जाना है खाना खा कर फिर चलूँगा आपके साथ

आंटी – उसकी फ़िक्र तुम मत करो मेरे साथ चलो पहले खाना खा लेना फिर कामपर लग जाना

मैं – ठीक हैं आंटी जी जैसा आपको अछा लगे

आंटी – तो चले हम

मैं – जी आंटी

आंटी – चलो आजाओ मेरे पीछे

मैं – मैं आंटी के पीछे चलता रहा थोड़ी ही दूर उन्होने बोला

आंटी – यह है मेरा घर अंदर आ जाओ

मैं – आंटी अंदर चली गई और मैं मैं गेट पर अपनी चप्पल उतार कर अंदर चला गया

आंटी का घर बहोट बड़ा था 2 कार एक आलीशान बांगला था और सामने पार्क भी थी तो मैं बस देखता ही रह गया की यह इतनी आमिर हो कर हम जैसे ग़रीब से इतनी हमदर्दी क्यो कर रही है

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खैर मुझे क्या था मैं तो बस चुप चाप आंटी के साथ अंदर चला गया अंदर गया सब देखा इतना कीमती समान लेड, फ्रिड्ज, एसी, बड़ा सा किचेन, एट्सेटरा

आंटी जाकर सोफे पर बैठ गई और बोली

आंटी – क्या नाम है तुम्हारा

मैं – डरते हुए बोला जी दीप

आंटी – डरो मत यहा और कोई नही रहता मेरे पति वो फॉरेन गये है और मेरी एक बेटी है वो भी कॅनडा गई है स्टडी करने यहा बस मैं और मेरा पति रहते है

मैं – आंटी जी आपका नाम क्या है तो उन्होने बोला

आंटी – मेरा नाम खुशविंदर है यूँ खुश आंटी कह कर बुला सकते हो

उनका फिगर 36 – 34 – 38

मैं – ठीक है खुश आंटी जी

खुश – चलो अब काम की बात सुनो हुमारे घर मे ज़्यादा कुछ नही करने को बस झाड़ू लगाना है और पोछा मारना है और पौधो को पानी देना है बस

मैं – ठीक है आंटी जी

खुश – चलो अब पहले उपर वाले रूम साफ करने है तुम्हे फिर पोछा लगा कर नीचे किचन और हॉल साफ करना है

मैं – ठीक है आंटी जी

मैने बोला आंटी एक बात पूछनी थी

खुश – चलो बोलो जल्दी मैं नहाने जाना है

मैं – आंटी जी मेरी सॅलरी कितनी है

खुश – उन्होने बोला मैं बस 6000 दुगी बस

मैं – मैने सोचा मजदूरी करने से तो अछा यहा काम कर लू

अब मैने एक झाड़ू उठाया और उपर के रूम को खोला तो आखे फटी की फटी रह गई मैने आज तक इतना खूबसूरत बेडरूम आज तक पूरी मे नही देखा क्या क़िस्स्मत है आमिर लोगो की हम ग़रीब एक बेड लेने से डरते है और यह अपने डोगी को भी बेड पर सुलाते है

खैर मैं अपने काम मे बिज़ी हो गया

जब मैं बेड के नीचे झाड़ू लगा रहा था तो मुझे एक पैंटी मिली

मैने चेक किया थोड़े दिन (2 – 3) पुरानी थी

मैने उसकी स्मेल चेक की थी बोहोत अछी आ रही थी मैने देर ना करते उसे अपनी पॉकेट मे छुपा लिया और झाड़ू लगाने लगा
अब मैं झाड़ू लगा कर पोछा लगाने की सोच रहा था मैं नीचे गया तो देखा बाथरूम से आवाजज आ रही थी मैं जब पास जा कर कान लगा कर सुना तो आंटी किसी के साथ फोन पर बात कर रही थी और बोली

खुश – तुम समझते क्यो नही इस टाइम घर मे नही मिल सकते मैने एक सर्वेंट रखा है उसको पता चल गया तो वो मेरे पति को बता देगा इसी लिए मैं कहती हू तुम मान जाओ मैं खुद गाड़ी लेकर तुम्हारे गेस्ट हाउस आ जाउन्गि

थर्ड पर्सन – उसे नौकरी पर क्यो रखा

शायद यही बोला होगा थी तो आंटी ने जवाब दिया

खुश – वो बहुत ग़रीब है उसे जॉब की ज़रूरत थी तो रख लिया तुम्हे तो नही सॅलरी देनी सॅलरी तो मैं दुगी उसे फिर तुम क्यो फ़िक्र कर रहे हो उसकी

थर्ड पर्सन – मेरा काम खराब करेंगा वो

खुश – चलो अगर ऐसा हुआ तो मैं उसे जॉब से निकाल दूँगी तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हू

मैं – उन लोगो की बात सुन कर रोना भी आ रहा था और खुशी भी

क्यूंकी वो मुझे जॉब से निकालना चाहती है फिर मैने सोचा क्यो ना आंटी को चोद दू मैने फ़ैसला किया जॉब से तो निकाला ही है एक दिन क्यो ना इसकी चुदाई करके जाउ उसके बाद मैं घर का काम करके फ्री हुआ तो देखा आंटी टॉवेल लपेट कर किचन मे खड़ी थी मैं उनके पास गया तो उस से बोहोत अछी स्मेल आ रही थी
मैं आंटी को बोला मैं कम क्र लिया तो उन्होने बोला

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खुश – यह ले मिल्क और बिस्किट डोगी को डाल कर आ

मैं वाहा गया और काम खत्म करके वापस आ गया अंदर गया तो आंटी ने सूट डल लिया था ब्लू कलर का तू मैने उनसे जा कर कहा

मैं – आंटी जी भूख लगी है कुछ खाने को दे दो तो उन्होने मुझे खाना दिया और खा कर उनसे पूछा

मैं – आंटी जी अब मैं अब क्या करू तो उन्होने बोला

आंटी – तू अब घर जा कल ठीक 8:00 एएम आ जाना डोगी को भी घुमाने लेकर जाना है

मैं – ठीक है आंटी जी

खुश – यह ले 100 रुपए कुछ खा लेना

मैं – पैसे पकड़े हुए थॅंक्यू बोला और निकल गया मैने देखा की कार का टायर पन्चर हैं मैने सोचा आंटी को बता डू तो जब अंदर गया तो देखकर हैरान रह गया आंटी ने जीन्स और टाइट टॉप ड़ाला हुआ था रेड कलर का

आंटी – अब क्या हुआ

मैं – आंटी आपकी कार का टायर पन्चेर है

खुश – चलो कोई बात नही तुम काम करो घर जा रहे हो तो टायर निकाल कर साथ ले जाओ पन्चेर लगा कर कल सुबह ले आना

मैं देर ना करते हुए कार की डीग्गी मे से समान निकाला और टायर निकालने लगा 10 मिनट वह आख़िर कोशिश करने के बाद टायर निकाल ही लिया मैने टायर निकालते वक़्त आंटी को देख रहा तब तो वो फोन पे कुछ कह रही थी

मैं – हो गया आंटी जी

खुश – ठीक है यह की पकड़ो गेट लॉक करके मुझे की वापस करदो

मैने देखा आंटी फोन पर बोल रही थी

खुश – चलो आ रही हू वेट कर लो थोड़ा टाइम

मैं – हो गया आंटी गेट लॉक तो उन्होने कहा

खुश – जल्दी से गेट ओपन कर मुझे गाड़ी निकालनी है जाना है

मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

मैं – अब भाग कर गेट खोला और गेट ओपन किया और आंटी ने गाड़ी बाहर निकाली और गेट के पास रुकी और बोला

खुश – ला के दे मैं लेट हो रही हू

मैं – क़ी दी और कार लेकर निकल गये

मैं अब बस घर को खुशी से जा रहा था मैं पहले पन्चर की दुकान पर टायर रख कर आ गया तो लॅंगर लगा हुआ था तो खाना खा लिया और घर ले गया मैं जब घर पहुचा तो बोहोत खुश था की मैं कितने आछे घर मे जॉब पर लगा हू यहा कोई काम भी नही ज्यदा और पैसे भी ठीक है

अब मैं अपने जेब से आंटी की पैंटी निकाली और उनके नाम की मूठ मार कर सो गया.

टू बी कंटिन्यूड..

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