कॉलेज की सेक्स गर्ल्स की कहानी दो सहेलियों की है जो आपस में सेक्स की बातें करती थी. दोनों सेक्स का मजा लेना चाहती थी पर डरती भी थी.
लेखक की पिछली कहानी: चार से बेहतर ग्रुप सेक्स
दोस्तो, आज की यह कहानी एक कमसिन लड़की रूपा की है, जिसने मुझे कई हिस्सों में ये कहानी भेजी और भँवर में फंसी अपनी ज़िंदगी पर मेरी और आप सभी की राय मांगी।
उसकी कहानी को अपने शब्दों में पिरो कर आपको सुना रहा हूँ।
रूपा, जो अपने नाम के अनुरूप ही बला की खूबसूरत और शोख चंचल थी। रूपा पर जवानी का कहर छोटी उम्र में ही आ गया था।
तभी से उसके नैन मटक्के शुरू हो गए थे।
पर वो सेक्स से अनजान थी।
यह कसर भी उसकी थोड़ी बड़ी क्लास में आते-आते निकल गयी।
उसकी क्लास में उसकी बचपन की सहेली मनु ने दाखिला लिया जो कई सालों से अपनी ननिहाल में रह कर पढ़ रही थी।
मनु पूरी बिगड़ी हुई लड़की थी और शायद कितने ही आशिकों को रोता छोड़ कर आई थी।
सेक्स तो उसने भी नहीं किया था कभी … पर बाकी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी उसने!
उसके मम्मे खूब दबाये गए थे इसलिए उसके उभार उसकी उम्र का गलत अन्दाज करा देते थे।
उसकी नानी को उसके चाल-चलन की खबर लग गयी थी तो उन्होंने मनु से अपने सिर पर हाथ रखवा कर ये कसम ले ली थी कि वो जब तक उनके पास है, अपनी जवानी को बेदाग रखेगी।
शायद उनसे जुड़ाव ही मनु को कुंवारी रख पाया।
उसने लड़कों को सब कुछ करने दिया बस अपनी चूत कभी नहीं छूने दी।
अनेक अमीरज़ादों ने बहुत बहुत बार पैसों का लालच दिया उसे पर इस मामले में वो पक्की रही कि नहीं चुदना तो नहीं चुदना।
मनु और रूपा दोनों बचपन की सहेलियाँ थीं। मनु ने अपनी आशिक़ी के सारे किस्से रूपा को सुना सुना कर उसकी चूत भी गीली कर दी थी।
रूपा को मनु ने मोबाइल में पॉर्न मूवी खूब दिखाईं और सेक्स स्टोरीज पढ़ने की लत डाल दी।
अब रूपा परदे वाले घर से थी, तो उस पर अब पाबन्दियाँ शुरू हो गयी थीं।
वो बुर्के में ही स्कूल जाती पर अपने या मनु के कमरे में दोनों खूब मस्ती करतीं।
दोनों अब लेस्बीयन हो गयी थीं।
अब मनु की तरह ही रूपा की चूत भी हमेशा चिकनी मिलती।
तभी रूपा के बड़े भाई की शादी हो गयी और उनका कमरा पहली मंजिल पर रूपा के कमरे के बगल वाला ही था।
अब रूपा की चूत में खुजली बराबर के कमरे से देर रात आती सीत्कारों और आहों से और बढ़ जाती।
एक रात जब मनु के घर वाले किसी शादी में गए थे तो मनु रूपा के घर पर ही रुकी।
रूपा उसे अपनी भाभी की सीत्कारों के बारे में बता चुकी थी।
मनु कॉलेज के बाद ही रूपा के साथ उसके घर आ गयी थी।
रूपा की भाभी ने बड़े लाड़ से दोनों को खाना खिलाया और अपने कमरे में ले जाकर हंसी ठिठोली करने लगीं।
मनु ने उनके कमरे में चारों तरफ निगाह दौड़ाई तो उसे बाहर बरामदे की ओर लगे उनके ए सी के बराबर में एक झिरी दिखी, जिसमें अखबार का टुकड़ा मोड़ के लगाया हुआ था।
ए सी की खिड़की नीचे से ज्यादा ऊंची नहीं थी।
मनु का शैतानी दिमाग काम करने लगा, उसने भाभी को किसी बहाने नीचे भेजा और फटाफट वो अखबार निकाल दिया जिससे एक दरार बन गयी।
रूपा ने टोका भी कि ये क्या कर रही है, पर मनु बोली- चुपचाप देखती जा!
अब दोनों रूपा के कमरे में आ गईं।
रूपा का दिल ज़ोरों से धडक रहा था।
मनु ने रूम के किवाड़ बंद करे और रूपा को अपने से चिपटा कर बेड पर लिटा दिया।
रूपा ने अपने गर्म होंठ मनु के होंठों पर रख दिये।
दोनों चिपट कर सो गईं।
रात को खाना खाने के बाद मनु और रूपा कमरे में आ गईं और पढ़ने का नाटक करने लगीं।
आज पढ़ाई तो उनसे कोसों दूर थी।
साढ़े नौ बजे करीब उन्होंने कमरे की लाइट बंद करके किवाड़ बंद कर लिए और बेड पर लेट कर मनु के मोबाइल में पॉर्न देखने लगीं।
आधा घंटे बाद उनको जीने में भाई और भाभी के आने की आहट सुनाई दी।
दोनों हँसते हुए आ रहे थे।
भाई कुछ छेड़ रहा था अपनी बीवी को।
ऊपर आकर उन लोगों ने कमरे की किवाड़ बंद कर लिए।
तभी रूपा की भाभी कि कुछ दबी सी चीख सुनाई दी, फिर ज़ोर से खिलखिलाहट!
असल में जवान मियां बीवी की छेड़खानी हुई होगी।
मनु और रूपा के कान बाहर ही लगे हुए थे। मनु ने उठकर अपने कमरे के किवाड़ को आहिस्ता से खोला.
बाहर बरामदे में अंधेरा था, भाई के कमरे का ए सी चालू था।
मनु आहिस्ता से दबे पाँव बाहर गयी तो उसे ए सी के फ्रेम की दरार से अंदर से रोशनी आती दिखी।
उसने अंदर झांकना चाहा तो उसकी हाइट कम पड़ गई।
मनु रूम में गयी और रूपा को बोली- चल आज लाइव सेक्स देखेंगे।
रूपा बोली- न बाबा … मेरे बस का नहीं है। भाई को मालूम पड़ गया तो खाल खींच लेगा मेरी!
मनु बोली- कमीनी, तूने आज तक कमरे से बाहर किसी मर्द को बिना कपड़ों के आते देखा है? जो तेरा भाई अंदर के मजे छोड़कर तेरी खाल खींचने बाहर आएगा?
थोड़ी ना-नुकुर के बाद रूपा तैयार हो गयी ताका-झांकी के लिए।
दोनों एक स्टूल लेकर बाहर आयीं और पहले मनु ऊपर चढ़ी और लगी अंदर झाँकने!
मनु के चेहरे पर बदमाशी झलक आई थी।
अंदर रूपा के भाई शफ़ीक़ ने अपने और अपनी बीवी रुख़साना के कपड़े पूरे उतार रखे थे।
दोनों बेड पर पड़े थे।
शफ़ीक़ रुखसाना के मम्मे चूस रहा था।
रुखसाना जो दिन में एक शर्मीली औरत नजर आती थी इस समय रंडी जैसा बर्ताव कर रही थी।
वो शफीक से एक बार में दोनों मम्मे चूसने को अपने मम्मे अपने हाथों से पकड़कर मिला रही थी।
शफ़ीक़ पूरी कोशिश कर रहा था की उसके मुख में दोनों मम्मे एक साथ आ जाएँ।
उसकी नाकामी पर रुखसाना उसे चिढ़ा रही थी।
थोड़ी देर बाद रुखसाना ने शफ़ीक़ के बाल पकड़कर उसे नीचे धकेला कि वो उसकी चूत चाटे।
बाहर रूपा भी बेचेन थी अंदर का नजारा देखने के लिए!
उसने मनु को नीचे खींचा और खुद जा चढ़ी स्टूल पर!
अंदर अब शफ़ीक़ और रुखसाना 69 पोजीशन में एक दूसरे के अंदर अपनी जीभ और उँगलियाँ घुसा रहे थे।
रुखसाना की आहें निकल रही थीं।
रूपा की हालत खराब हो गयी थी। उसने ऐसा नजारा सिर्फ मोबाइल पर पॉर्न मूवी में देखा था।
रुखसाना जैसे तड़प रही थी चुदने को!
वो नजारा रूपा को अंदर तक हिला गया।
उसे अपनी गीली चूत से कुछ घुसता सा लगा।
नीचे से मनु ने उसकी चूत में उंगली कर दी थी।
मनु उससे इशारों से खुशामद कर रही थी कि अब उसे देखना है।
रूपा थोड़ी सी स्टूल पर खिसकी और मनु भी ऊपर चढ़ गयी।
गिरने के डर से दोनों चिपक कर खड़ी थीं और अंदर का नजारा देख रही थीं।
अब शफीक रुखसाना के ऊपर चढ़ कर उसकी चुदाई में लगा था।
रुखसाना की सीत्कारें निकल रही थीं।
उन्हें देख बाहर रूपा और मनु के आग ही लग रही थी।
आगे देखना अब दोनों के बर्दाश्त से बाहर हो रहा था।
अंदर रुखसाना शफ़ीक़ के ऊपर चढ़ कर उछल-उछल कर चुदवा रही थी।
रुखसाना हाँफ रही थी, उसने शफीक की छाती पर अपने दोनों हाथ मजबूती से टिकाये हुए थे।
शफ़ीक़ उसके मम्मे मसल रहा था।
वो रुख़साना जो दिन में तहजीब और तमीज़ की मिसाल थी, अब शफ़ीक़ से गंदा व चुदासी भाषा प्रयोग कर रही थी।
शफ़ीक़ भी उसे कुतिया, रंडी … न जाने क्या क्या बोल रहा था।
रूपा ने मनु के होंठ कई बार चूमे और उससे इशारों में कहा कि वापिस चलें।
मनु की भी चूत पानी छोड़ रही थी, उसे अब अपनी चूत के अंदर कुछ चाहिए था।
दोनों चुदासी लड़कियां बिना आवाज किए आहिस्ता से उतरीं और स्टूल उठा कर वापिस कमरे में आ गईं।
रूपा ने बिना आवाज के कमरे की कुंडी चढ़ा दी और मनु के साथ बेड में जा घुसी।
मनु ने हड़बड़ाहट में अपने और रूपा के कपड़े उतारे, दोनों नंगी हो गईं।
रूपा की चूत काफी दिनों से साफ नहीं हुई थी पर मनु की एकदम चिकनी थी।
दोनों के होंठ मिल गए।
रूपा का शरीर थरथरा रहा था; वो पागलों की तरह मनु को चूम रही थी।
उसने अपनी एक टांग मनु की टांगों के ऊपर कुछ इस तरह से कर दी थी कि अब उनकी चूत भी आपस में रगड़ रही थीं।
अब मनु के भारी मम्मे रूपा के मुंह में थे। रूपा उन्हें खूब ज़ोर से चूस रही थी, मानो अंदर की नकल कर रही हो।
मनु ने भी रुखसाना की तरह अपने हाथों से अपने मम्मे भिड़ाकर रूपा के मुंह में घुसाने की कोशिश की।
दोनों की चूत में आग लगी थी।
मनु ने रूपा को ऊपर से हटाया और दोनों 69 हो गईं।
रूपा की चूत में मनु ने अपनी जीभ के साथ दो उँगलियाँ भी कर दीं।
इससे रूपा कसमसा रही थी।
उसने भी मनु की चूत में उँगलियों से मसाज की।
पर आज चूत की आग इस सबसे नहीं बुझ रही थी।
मनु ने रूपा से फुसफुसा कर कहा- जा नीचे रसोई से खीरा ले आ!
रूपा की हिम्मत नहीं पड़ रही थी.
मनु बोली- अगर तेरी अम्मी जाग जाएँ तो पानी का बहाना बना देना।
रूपा नीचे गयी और एक मोटा सा लंबा खीरा ले आई।
रूपा को दिखाने के लिए मनु ने पहले खीरे पर ढेर सारा थूक लगाया और फिर अपनी चूत में करके ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगी।
मनु की आवाजें निकल रही थीं, जिन्हें रूपा ने उसके मुंह पर हाथ रख कर बंद किया।
पर मनु तो अब चुदासी हो चली थी, उसकी आग भड़क गयी थी।
उसने रूपा से कहा कि वो खीरे को उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर करे।
रूपा की चूत खुद भड़की पड़ी थी तो रूपा मनु के ऊपर बैठ गयी और अपनी चूत को मनु के मुंह के पास रख दिया और मनु को पास में रखी कोल्ड ड्रिंक की खाली छोटी बोतल देकर कहा- मनु इस बोतल के मुंह से और अपनी उँगलियों से मेरी चूत की प्यास मिटा.
रूपा खुद आगे झुककर पहले तो अपनी जीभ से फिर खीरे से मनु की चूत की मालिश करने लगी।
अब दोनों की चूतों को मजा आने लगा था। दोनों ही अपने हाथ तेज तेज चला रही थीं।
थोड़ी देर में रूपा ने पोजीशन बदली और मनु की चूत में खीरा आधा घुसा रहने दिया और खुद मनु की चूत के ऊपर अपनी चूत को सेट करके खीरे का दूसरा सिरा अपनी चूत में कर लिया और खीरे को अपनी दो उँगलियों से सहारे को पकड़ लिया।
अब दोनों लगी उछलने!
खीरा दोनों सहेलियों की चूतों को चोद रहा था।
थोड़ी देर में दोनों ठंडी हो गईं और फिर नंगी ही चिपट कर सो गईं।
अब तो एक दूसरे की चूतों की आग बुझाना उन दोनों का एक शगल सा हो गया।
बिना पॉर्न देखे और चूत में कुछ लिए न रूपा सो पाती थी, न मनु!
मनु ने अब अपने पर फैलाने शुरू कर दिये थे।
हालांकि उसकी नानी ने उसकी माँ को उसकी हरकतों के बारे में बता दिया था तो वो भी खूब पाबंदी रखती थीं मनु पर!
पर मनु उन्हें उल्लू बना ही लेती थी।
कुछ इस तरह हायर सेकेण्डरी का डेढ़ साल निकल गया।
दोस्तो, अब तक की कहानी कैसी लगी, मुझे कमेंट्स और मेल में अवश्य बताएं.
[email protected]
कहानी का अगला भाग: जिस्म की भूख- 2