क्लासमेट गुड़िया की सील तोड़ी

मेरे प्रिय दोस्तो, आप सभी पाठक पाठिकाओं को मेरा और मेरे खड़े लंड का सलाम. मेरा नाम समर है और अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली और सच्ची चुदाई कहानी है. मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी पसंद आएगी.

पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में बता दूँ, मैं मुंबई में रहता हूँ और मैं एक 18 वर्षीय पतला दुबला और दिखने में गुड लुकिंग लड़का हूँ. मेरा लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं है, पर मेरे दोस्तों में जो मुझसे उम्र में बड़े हैं, मेरा उनसे भी बड़ा लंड है.

यह कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड गुड़िया की है. जब मैं एस एस सी का एग्जाम दे रहा था तब मेरी मुलाकात गुड़िया से हुई. गुड़िया मेरी क्लासमेट थी, पर हमने कभी बात नहीं की थी और ना ही मैंने कभी उसकी तरफ ध्यान दिया था. फाइनल एग्जाम शुरू होने से कुछ दिन पहले किसी सबजेक्ट के सिलसिले में मेरी गुड़िया से बात हुई और फिर धीरे-धीरे हम दोस्त बन गए और तब मुझे पता चला कि गुड़िया मुझे लाईक करती है.

यह भी मुझे तब मालूम हुआ जब उसने जब मुझे अपने दिल की बात मुझसे कही. उसकी बात सुनकर पहले तो मैंने उसे मना करने का मन बना लिया था. लेकिन जिस वक्त उसने मुझसे अपने दिल की बात कही थी, उस वक्त मैंने उससे कुछ नहीं कहा था. उसने भी मुझे दूसरे दिन जवाब देने की बात कह कर मुझे एक दिन का समय दे दिया था.

इसके बाद मेरी दोस्तों से उसको लेकर बात हुई तो उनके जोर देने पर मैंने दूसरे दिन उससे हां कर दी.

धीरे धीरे हम दोनों में बात होना शुरू हो गई. कुछ ही दिनों में हम दोनों घंटों बात करने लगे. हम बाकी कपल्स की तरह घूमने-फिरने भी लगे, हमारे बीच किसिंग होने लगी. एक समय ऐसा आया कि मैं गुड़िया की छोटी छोटी चुचियों को दबाता रहता और उसे अपनी बांहों में भरके चूमता रहता. वो भी मुझे इस कृत्य को करने के लिए उकसाती रहती थी. जिससे मुझे उसकी चुदास महसूस होने लगी थी. मैंने एक दो बार उससे अपने लंड सहलाने को लेकर उसका हाथ अपने लौड़े पर रखा तो उसने हटा लिया. फिर धीरे धीरे वो मेरे लंड को देर तक सहलाने लगी. हम इसी तरह ऑटो, सी-बीच और जहां भी मौका मिलता किसिंग और चुची दबाने या लंड सहलवाने का कार्यक्रम शुरू कर देते.

ऐसे ही कुछ महीने बीत गए. गुड़िया कुछ खास सुंदर तो नहीं थी, पर जब सेक्स का नशा चढ़ता है तो बस बुर नजर आती है. ऐसे ही मुझे भी सेक्स का नशा चढ़ रहा था तो मैं गुड़िया को चोदने की तैयारी में लग गया. मैंने उससे सेक्स करने की बात कही, पहले तो उसने मना कर दिया, लेकिन काफी मनाने के बाद मान गई. उस समय मेरे घरवाले गांव गए थे.

More Sexy Stories  कामवाली आंटी के साथ पहली और यादगार चुदाई

सन्डे को हमारा चुदाई का प्लान तय हुआ और मैं गुड़िया को अपने घर ले आया. थोड़ी इधर-उधर की बातों के साथ मैं गुड़िया का चुम्बन करने लगा और उसकी चुचियों को दबाने लगा, अब वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी औऱ मेरे होंठ चूमने चूसने लगी. दस मिनट ऐसे ही चूमने के बाद निप्पलों को रगड़ते और चुचियों को मसलते हुए मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी. उसने लाल कलर की ब्रा पहनी थी, ब्रा नई होने के वजह से चमकदार सेक्सी लग रही थी.

मैं पूरे जोश के साथ ब्रा में छुपे मम्मों पर टूट पड़ा और ब्रा के ऊपर से ही गुड़िया के मम्मों चूसने व काटने लगा. कुछ देर ऐसे ही चूसने के बाद मैं गुड़िया की चुचियों को ब्रा से आजाद कर निप्पलों पर धीरे धीरे अपनी जीभ घुमाने लगा. अब उसके निप्पल कड़क हो गए थे और मैं निप्पलों को चाटने चूसने के बाद उसकी चुचियों की घाटी से किस करते हुए उसकी नाभि पर पहुंच गया और अपनी जीभ डाल कर नाभि को चाटने लगा, जिससे गुड़िया सिहर गई.

अब मैं और देर नहीं करना चाहता था, मेरा लंड बहुत सख्त हो गया था, इसलिए मैं देर न कऱते हुए गुड़िया की पैंटी निकालने लगा. पर उसने दर्द और प्रैगनैंसी के डर से मेरा हाथ पकड़ लिया.

पर मेरे समझाने के बाद वो मान गई और नंगी होकर बेड पर लेट गई. मैंने देखा कि गुड़िया तो चुदने की तैयारी के साथ अपनी बुर को क्लीन शेव करके आई थी. मैंने अपने कपड़े निकाल कर अपने लंड को आजाद किया और गुड़िया की चिकनी बुर पर किस किया. फिर मैंने लंड का सुपारा बुर पर रख कर धक्का दिया पर लंड फिसल गया. इसलिए मैंने अपने लंड और गुड़िया की बुर पर वैसलीन लगाकर एक और धक्का दिया, लंड का टोपा ही घुसा था और गुड़िया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ चिल्लाने लगी. गुड़िया की आँखों में आंसू आ गए. वो रोने लगी और लंड बाहर निकालने के लिए कहने लगी, पर मैं नहीं माना.

गुड़िया का दर्द देख कर मैं समझ गया था कि मेरी गर्लफ्रेंड गुड़िया अभी तक सीलबंद कुंवारी थी. मेरे दोस्तों ने कहा था कि बुर की सील तोड़ते समय एक बार जब लंड बुर में घुस जाए तो सील टूटने का दर्द खत्म होने तक लंड बाहर नहीं निकालना चाहिए, वरना लड़की दुबारा लंड नहीं डालने देगी. इसलिए मैंने लंड बाहर नहीं निकाला.
“आ … उह … समर, प्लीज लंड बाहर निकाल ना … बहुत दर्द हो रहा है … प्लीज बाहर निकाल ले, मैं मर जाऊँगी …”
“नहीं मेरी जान … कुछ भी नहीं होगा बस दो मिनट में दर्द चला जाएगा.”

More Sexy Stories  माँ बेटी लेस्बियन सेक्स: घर की लाड़ली-9

ऐसा कहकर मैंने एक और धक्का लगाया ‘आ … उह … आह … आ …आह … बहुत दर्द हो रहा है उइ … ईईई …’ गुड़िया छटपटाने लगी.

अब तक मेरा पूरा लंड उसकी बुर में समा गया था. गुड़िया लंड बाहर करने की पूरी कोशिश करने लगी, पर मैंने उसे अपनी बांहों में कस लिया और उसके होंठों पे अपने होंठ रख दिए. पाँच मिनट ऐसे ही रहने के बाद गुड़िया का दर्द कम हुआ, तो मैं लंड धीरे से आगे पीछे करने लगा. उसकी बुर बहुत कसी हुई थी.

अब गुड़िया आहें भरने लगी- आह … आह … ईई … आह …
मैंने अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी.
गुड़िया लगातार सिसिया रही थी- आह … आ … आऊ … बाबू स्लोली कर … दुख रहा है.

कुछ देर की चुदाई के बाद मेरा लंड सटासट अन्दर बाहर होने लगा. अब गुड़िया भी लंड के मजे लेने लगी थी. कुछ देर बाद मैंने लंड बाहर निकाला और गुड़िया को डॉगी बना के लंड फिर से बुर में पेल कर चोदने लगा. कुछ देर डॉगी स्टाईल में चोदने के बाद हम मिशनरी पोजीशन में आ गए. मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

गुड़िया ‘आ … आह … ईई … आउ …’ करने लगी, कुछ ही पलों में मैं भी ‘ईसस … येहह … उम्म …’ करते हुए झड़ने लगा. मेरे साथ ही गुड़िया भी झड़ चुकी थी. झड़ने के बाद मैं गुड़िया के ऊपर लेट गया. अभी भी मेरा कड़क लंड गुड़िया की बुर में था.

कुछ देर बाद लंड ढीला हुआ, तो मैंने लंड बाहर निकाला. लंड पर मेरे और गुड़िया के प्यार का रस चमक रहा था. मैं गुड़िया के बाजू में लेट गया. दो मिनट बाद वो उठकर बाथरूम में चली गई और अपनी बुर साफ करने लगी. घर छोटा होने से मैं उसे देख सकता था कि वो बुर में उंगली डालकर रगड़ कर बुर साफ कर रही थी. जैसे ही उसने मुझे देखा तो वो शरमाने लगी.

बुर साफ करने के बाद वो मेरे पास आई और मेरे लंड को अच्छे से साफ किया. कुछ देर हमने साथ वक्त गुजारा, फिर उसने मुझे एक किस दी और स्माईल करते हुए बाय बोलकर चली गई.

दोस्तो, मैं उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों को मेरी गर्लफ्रेंड गु़ड़िया की बुर की सील तोड़ने की यह चुदाई कहानी जरूर पसंद आई होगी, आप अपने विचार मुझे मेल करके ज़रूर बताएं … धन्यवाद.
[email protected]

What did you think of this story??