प्राइवेट सेक्रेटरी की अदला बदली करके चुदाई- 4

चूत गांड Xxx कहानी में पढ़ें कि मेरी प्राइवेट सेक्रेटरी मेरे बिजनेस पार्टनर से रंडी की तरह चुद रही थी. वे उसकी गांड मार रहे थे और मैं उसकी चूत!

मैं विराज आपको सेक्स कहानी का मजा देने फिर से हाजिर हूँ.
कहानी के पिछले भाग
मेरी प्राइवेट सेक्रेटरी की आगे पीछे डबल ठुकाई
में पाटिल और मेरे साथ सैंडविच चुदाई का मजा लेने के बाद मेरी रेशमा तो एकदम पोर्न ऐक्ट्रेस बन गई थी.
उसे एक साथ दो लंड से चूत गांड चुदवाने में मजा आने लगा था.
मुझे अपनी गांड का सुख देने के बाद वो अब पाटिल जी से गांड मराने लगी थी.

अब आगे चूत गांड Xxx कहानी:

पाटिल जी ने भी अब रेशमा के दर्द की चिंता किए बिना जोर जोर से अपना लौड़ा गांड में अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.
कुछ ही पलों में रेशमा की गांड ने पाटिल जी के लौड़े को अपना घर बना लिया और फिर से सलमान हिजड़े की बीवी दो पराये मर्दों से चुदने लगी.

रेशमा- आआहह उफ्फ बहन चोद … चोद कुत्ते फाड़ दे तू भी मेरी गांड मादरचोद हाय अम्मीईई चोदो मुझे रंडी बना दो कुत्तो!
वह दोनों लौड़ों का मजा लेने लगी थी.

यह देखकर हम दोनों को और जोश भर गया, हमने भी रेशमा को पूरे ताकत से चोदना जारी कर दिया और कमरे में रेशमा की मादक सिसकारियां गूंजने लगीं.

उधर किरण फिर से दारू का गिलास पकड़ कर रेशमा की गांड और चूत की बिगड़ती हुई हालत देखकर मजे से अपनी भोसड़ी रगड़ रही थी.

पाटिल जी- हां मेरे लौड़े की कुतिया, ले मेरा लौड़ा तेरे इस मदमस्त गांड में बहन की लौड़ी, क्या मस्त माल है तू रेशमा … आज से तू हम दोनों की रखैल बन गयी रंडी.

मैं भी जोश में आकर अपनी कमर ऊपर उठाते हुए नीचे से रेशमा की चूत चोदने लगा.
मेरे हिलते हुए टट्टे पाटिल जी के टट्टों पर लग रहे थे और रेशमा की चूत बेहिसाब पानी बहा रही थी.

मेरे मुँह के सामने हिलती हुई उसकी चूचियों को मैं बारी बारी से चूस रहा था, उसके कड़क निप्पलों को बारी बारी से दांतों की पकड़ में लेकर खींच रहा था.

चुदाई का माहौल अब धीरे धीरे अंतिम पड़ाव तक जा रहा था.

दो दो लौड़ों से चुदने वाली रेशमा की चूत अब जवाब देने लगी थी.
अपनी आंखें बंद करके आज रेशमा भी चुदाई के असली मज़ा का अनुभव कर रही थी.
हम दोनों के लंड बारी बारी से अन्दर बाहर हो रहे थे.

पर तभी पाटिल जी ने रेशमा की कमर पकड़ कर उसकी चूत मेरे लौड़े पर दबा दी और खुद जोर जोर से उसकी गांड फाड़ने लगे.

चूत अब पूरी तरह से मेरे लौड़े पर दबने के कारण मेरा लौड़ा झट से रेशमा के बच्चेदानी को चीरता हुआ अन्दर घुस गया और रेशमा की एक जोरदार चीख ने कमरे को भर दिया.

रेशमा- हाय अम्मीईई … मैं कट गयी कुत्ते … उईईई मादरचोद आर-पार निकालेगा क्या लंड … आह कितनी अन्दर ठांस दिया है कमीने मालिक!

ये कहती हुई रेशमा बह गयी, उसकी चूत में जमा हुआ पानी मेरे पेट, लौड़े और टट्टों को गीला करते हुए बिस्तर पर छूटने लगा.
फ़व्वारे की तरह उसका पानी उछल उछल कर मेरे सीने तक आने लगा.

झड़ने का मजा लेते हुए रेशमा का बदन थरथर कांप रहा था, आंखें बंद करके रेशमा बेहोशी की हालत में जाने लगी थी.
वो लम्बी लम्बी सांसें भरती हुई वैसी ही मेरे सीने पर लेट गयी.

रेशमा के झड़ने के बाद भी हम दोनों ने उसकी चूत और गांड का भुर्ता बनाना नहीं रोका.
वैसे हम दोनों भी अब जल्दी ही झड़ने को हो चुके थे और हमारे टट्टों में उबलता हुआ लौड़ा रस अब हमारे सुपारे की तरफ सरकने लगा था.

मुझे तो कबसे मेरे सुपारे में गुदगुदी हो रही थी, पर शायद पाटिल जी और किरण के सामने अपनी इज्जत बचाने के लिए मैंने अपने आपको रोक रखा था.

पाटिल जी- आआहह विराज जी, मैं तो अब आ रहा हूँ, ले मादरचोद रेशमा रंडी, आज तेरी गांड मेरे लौड़े का पानी पिएगी मां की चूत तेरे रंडीईईई!

पाटिल जी ने रेशमा को और उसकी मां को गाली देते हुए अपना वीर्य रेशमा की फटी हुई गांड में खली करना चालू कर दिया.
इधर मेरे लौड़े पर रगड़ खाती उसकी चूत भी अब थोड़ी तंग हो गयी थी.

चूत की फांकों ने शायद इसीलिए मेरे लंड को कैद कर लिया था क्यूंकि पाटिल जी के वीर्य की गर्मी से रेशमा की चूत फिर से थोड़ा पानी छोड़ने लगी थी.

मैंने भी अब देर करना ठीक नहीं समझा, कमर ऊपर करते हुए मैंने भी आखिर के कुछ दमदार धक्के देकर अपना लौड़ा पूरी तरह से रेशमा की बच्चेदानी में घुसा दिया.

‘आअहह रेश्माआ …’ की आवाज देते हुए मैं अपने लंड का सारा माल रेशमा की चूत में निकालने लगा.
आखिरी बूंद तक मैंने वैसे ही मेरे लंड का सुपारा उसकी बच्चेदानी में घुसाए रखा.

पूरी तरह से झड़ने के पाद पाटिल जी ने अपना लंड रेशमा की गांड से बाहर निकाला.
फिर रेशमा के बाल खींचते हुए उन्होंने जोर से रेशमा के गाल पर थप्पड़ मार कर उसको होश में लाया और अगले ही पल अपना लौड़ा उसके मुँह में ठूंस दिया.

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पाटिलजी- ले बहनचोद, मेरा लौड़ा कौन तेरी अम्मा आकर साफ करेगी मादरचोद? चूस चूस के साफ कर रंडी, बहनचोद आज सच में तेरी गांड मार कर मजा आ गया.
बिना कुछ कहे रेशमा ने मेरे बगल में लेटते हुए पाटिल जी का लौड़ा अपने मुँह में ले लिया.

रेशमा मेरे ऊपर से हटने के कारण उसकी चूत और गांड से निकलता हमारा वीर्य भी बिस्तर पर गिरने लगा.
मेरा काला लंड तो मेरे वीर्य और रेशमा के रस से बिल्कुल गोरा हो चुका था.

टट्टों पर लगा मेरा वीर्य भी नीचे की तरफ सरक रहा था. उसे साफ करने के लिए मैंने किरण को अपने पास आने का इशारा किया.

किरण भी घुटनों पर रेंगते हुए मेरे पास आ गयी और मेरे लौड़े को बिना हाथ लगाए उसने लंड को मुँह में ले लिया, सुपारे पर अपनी जीभ घुमाते हुए धीरे धीरे मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर अच्छे से चूसने लगी.

उधर रेशमा और इधर किरण हम दोनों के लौड़े चूस चूस कर साफ कर रही थीं.

मैंने जैसे ही मेरा लौड़ा साफ होते दिखाई दिया, वैसे ही किरण का मुँह रेशमा की चूत की तरफ ले जाकर उसे चाटने को कहा.

मैं- चल मादरचोद, अच्छे से साफ कर इस रंडी का भोसड़ा और एक बूंद भी नीचे गिरी तो तेरे सामने तेरी मां को चोदूंगा समझी बहन की लौड़ी!

किरण ने भी झट से अपनी जीभ बाहर निकाली और रेशमा की चूत के पास लगे हमारे वीर्य को चाटने लगी, रेशमा ने ख़ुद अपने पैर फ़ैलाते हुए किरण को जगह बना कर दी ताकि वो अच्छे से उसकी चूत और गांड से निकलता वीर्य चाट सके.

पाटिल जी का लौड़ा साफ करते करते रेशमा ने अपना एक हाथ किरण के सर पर रखा और वो उसका मुँह अपनी चूत पर दबाने लगी.
शायद आज पहली बार वो भी समलैंगिक का मजा लेना चाहती थी.

पाटिल जी ने भी अपना लौड़ा रेशमा के मुँह से बाहर निकाला और हम दोनों सोफे की तरफ चले गए.
मैंने मेरे और पाटिल जी के गिलास दारू से भर दिए.

उधर रेशमा फिर से गर्माने लगी थी, किरण की जीभ शायद अब उसकी चूत में घुस चुकी थी और किसी औरत से चूत चुसवाने के अनुभव से रेशमा फिर से चुदने के लिए तैयार हो रही थी.

रेशमा की चूत को बड़े गर्म तरीके से चूसते हुए किरण ने भी अपनी गांड रेशमा के मुँह की तरफ कर दी और उसके मुँह पर अपनी गांड दबाती हुई वो रेशमा के बदन पर लेट गयी.

तो रेशमा को भी समझ आ गया कि अब उसे किरण की फुद्दी चुसनी पड़ेगी, पर इस काम के लिए वो शायद मानसिक रूप से तैयार नहीं हो पा रही थी.

रेशमा की मानसिक दशा समझते हुए मैंने दारू का गिलास उठाया और उसकी तरफ चला गया.
उसका सर पकड़ कर गिलास उसके मुँह से लगा दिया.
रेशमा ने भी किसी प्यासी रांड की तरह गिलास पूरा खाली कर दिया.

मेरी आंखों में देख कर मानो वो मुझे मदद मांग रही थी, पर मैंने उसके बाल पकड़ कर उसका मुँह किरण की चूत में घुसा दिया.

आज वो पहली बार किसी औरत से काम सहवास कर रही थी, पर दारू का घूँट पेट में जाते ही उसने भी अपनी जीभ बाहर निकाली और किरण की चूत पर हमला बोल दिया.
अपने हाथ से उसने किरण के चूतड़ फ़ैला दिए और जोर जोर चूत का दाना मुँह में लेकर चूसने लगी.

किरण को चूत चूसवाने का मस्त मज़ा मिलने लगा था तो उसने खुद अपनी चूत रेशमा के मुँह पर रगड़नी चालू कर दी- उफ्फ चूस रेशमा मजा आ रहा है साली रंडीई पूरी जीभ घुसा ना मादरचोद की औलाद … आह.

किरण के मुँह से गालियां सुनकर रेशमा भी जोश में आने लगी. अपना एक हाथ किरण के सर पर ले जाकर उसने किरण का मुँह भी अपनी चूत पर दबा दिया

रेशमा- हां मां की लौड़ी, आज तुझे भी पिलाती हूँ अपना मूत … आह साली रंडी की औलाद चूस मेरा भोसड़ा … कुतिया उफ काट मत हरामन … ये तेरी मां का भोसड़ा नहीं है सालीईई.

हम दोनों आराम से किरण और रेशमा का खेल देखते रहे, दारू के गिलास भरके ख़ाली करने लगे.
आंखों के सामने दो नंगी औरतों का समलैंगिक वासना, चूत गांड Xxx खेल देखते हुए मेरे लौड़े में फिर से आग भरने लगी.

अपना गिलास खाली करते हुए मैं किरण के पीछे जाकर खड़ा हुआ और उसके नीचे दबी रेशमा के मुँह के पास जाकर लौड़ा उसके मुँह में दे दिया.

मैं- ले सलमान की बीवी, चूस अब तेरे बाप का लौड़ा रंडी, आज देख कैसे तेरी रांड अम्मी को तेरे सामने चोदूंगा. क्यों किरण रांड बोल साली … चुदवा लेगी इस रंडी की बेटी के सामने बहन की लौड़ी.

मेरे ऐसे अश्लील और कामुक बात से रेशमा तो नहीं, पर किरण जरूर ख़ुश हुई.
उसने अपना मुँह रेशमा की चूत पर पूरा दबाया और एक ही बार में अपनी पूरी जीभ रेशमा की फुद्दी में घुसा कर बाहर निकाल ली.

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किरण- जी मालिक, चोदो मुझे मेरी बेटी के सामने … मेरी रंडी बेटी की तरह अब मुझे भी चोद दो … घुसा दो अपना लौड़ा मेरी भोसड़ी में.

मैंने किरण का मुँह रेशमा के मुँह पर दबाकर फिर से अपना लौड़ा रेशमा के मुँह में ठूंस दिया और किरण की गांड फ़ैलाकर उसकी चूत को अपनी उंगलियों से चोदने लगा.
बहुत देर से वो साली हम मर्दों को रेशमा का बदन भोगते हुए देख रही थी.

आंखों के सामने चुदाई देख देख कर उसकी चूत भी रस से भरी पड़ी थी.

मैंने भी अपनी तीन उंगलियां एक साथ उसकी चूत में घुसा दीं और पूरी ताकत से अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी गीली फुद्दी से निकलती कुछ बूंदें रेशमा के चेहरे पर पड़ने लगीं.

रेशमा आंखें बंद करके अपनी जीभ बाहर निकाले मेरा लौड़ा चूस रही थी और अब वो अपनी वही जीभ मेरे काले गोटों पर भी घुमाने लगी थी.
मेरा लौड़ा मैंने रेशमा के मुँह से बाहर निकाला और किरण के बाल खींच कर उसे रेशमा के सामने लिटा दिया.

मैं- तेरी मां का भोसड़ा साली रंडी की अम्मी, खोल अपने चूतड़ और अच्छे से चूस अपनी इस रांड बेटी का फटा हुआ भोसड़ा.

किरण ने भी बिना कुछ सवाल किए अपने हाथ से अपनी भरावदार गांड को खोल कर मेरे सामने परोस दिया.
उसने ख़ुद अपना मुँह रेशमा की चूत पर रखा और अपनी जीभ रेशमा की चूत में घुसा दी.

रेशमा- उफ्फ मेरी रांड अम्मीईई चूस ले अपनी लौंडिया का भोसड़ा साली कुतिया, देख हरामन अब कैसे मेरा बाप तेरी गांड की मां चोदेगा.

इधर इन दोनों रंडियों में मां बेटी का रोल प्ले शुरू हो गया था और उधर मैंने देखा कि सामने पाटिल जी अपने माल को मेरे लौड़े से चुदवाते हुए देख कर दारू गटक रहे थे.

मैंने भी उनकी आंखों में देखते हुए अपना लौड़ा किरण की चूत पर रखा और पूरी ताकत से एक झटका देते हुए लौड़े को घुसा दिया.

किरण की चूत सच में भोसड़ा ही थी, ना जाने कितने मर्दों से चुदवा-चुदवा कर उसने अपनी चूत का ये हाल बना लिया था.
मेरा लौड़ा ऐसे फटे हुए भोसड़े में बिना कोई रूकावट के घुसा जा रहा था.

मैं- बहनचोद रेशमा, देख तो कुतिया कैसे तेरे अम्मी का भोसड़ा फटा हुआ है रंडी, लगता है इस छिनाल ने पूरे गांव से अपने फुद्दी को चुदवा लिया है.

मैं भी अपना गुस्सा निकालने के लिए किरण को जोर जोर से चोदने लगा और साथ से उसकी गांड का छेद मेरे अंगूठे से कुरेदने लगा.
गांड में होती गुदगुदी के चलते और लौड़े से मिलता चुदाई का सुख देख किरण भी मदमस्त बाजारू रंडी की तरह ख़ुद आगे पीछे होने लगी.

मैंने भी उसकी गांड पर जोर जोर से चमाट मारते हुए अपना अंगूठा और अन्दर घुसा दिया.
एक लम्बी आअहह के साथ किरण फिर से रेशमा की चूत का पानी पीने लगी.

रेशमा- मां का भोसड़ा तेरी अम्मी, मादरचोद दांत क्यों लगा रही है हिजड़े की जनी … साली जीभ घुसा दे मेरी भोसड़ी में मादरचोद … आज तो तू यहां से मेरी चूत का मूत पीकर ही जाएगी.

किरण के बिखरे हुए बाल रेशमा ने अपने दोनों हाथों के मुट्ठी में लेते हुए अपनी गांड ऊपर कर दी और जोर जोर से अपनी चूत किरण के मुँह पर रगड़ने लगी.

ऐसी भयंकर मुँह चुदाई तो मैंने भी कभी किसी औरत की नहीं की थी पर आज चुदाई के माहौल में ढलते हुए रेशमा पूरी गर्मा चुकी थी.

मैं भी पूरा अंगूठा किरण के गांड में घुसाते हुए उसके फटे हुए भोसड़े की चुदाई का मजा लेने लगा.
अपने एक हाथ से पीट पीट कर किरण के चूतड़ लाल करने लगा.

धीरे धीरे अंगूठे की मालिश से किरण की गांड ढीली होती चली गयी.
मेरे अंगूठे से उसकी गांड ने मानो दोस्ती कर ली थी.

फिर मुझे लगा कि अब चूत से ज्यादा मजा गांड में आएगा तो मैंने झट से अपना लौड़ा किरण की चूत से बाहर खींचा और किरण के बाल खींचते हुए उसे मेरे लौड़े की तरफ घुमा लिया.

मैं- तेरी मां का लौड़ा साली, चूस कर साफ कर मेरा लौड़ा … साली हिजड़े की बीवी, देख मादरचोद कैसे तेरी फटी हुई भोसड़ी मेरे लौड़े को पानी पिला रही है.

किरण के मुँह में लौड़ा जाते ही मैं जोर जोर से उसका गला फाड़ने लगा.
उसके मुँह से थूक की ग्वाक ग्वाक की आवाजें सुन कर मेरे मर्दाना स्वभाव को गर्व महसूस होने लगा, मेरे लौड़े से अजीब सी आग भड़क रही थी.

दोस्तो, मैं चूत गांड Xxx कहानी में भरपूर सेक्स लिख कर आपको मजा देने का प्रयास कर रहा हूँ और उम्मीद कर रहा हूँ कि आपको भी मजा आ रहा होगा.
अगले भाग में ये मजा और भी बढ़ेगा. आप मुझे मेल करें.
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