पर मैं उसके पास ही लेट गयी और उसने जिस्म को चूमने चाटने लगी. रजाई में वो पूरा नंगा था. सायद वो इसी तरह रोज बिना कपड़ों के लेटता हो. मैं उसके जिस्म को चूमने लगी. उसके सीने को चूमने लगी. अपने दांत गड़ाने लगी. पर फिर भी वो सोता रहा. मैंने उसका पेलर, उसका लौड़ा और उसकी गोलियां हाथ से रगड़ने लगी. धीरे धीरे उसका लौड़ा विकराल आकार में आने लगा. भाई के विशाल आकार लौड़े को देखकर मैं सोचने लगी की क्या ये वही लौड़ा है तो मैंने उस दिन शाम को खाया था. मैं भाई के लंड को हाथ में लेकर जोर जोर से फेटने लगी. कुछ देर बाद दोस्तों, मेरा छोटा भाई महावीर जाग गया.
“भाई !! तुम यहाँ सो रहे हो. और इधर मुझे चुदवाने की तलब लगी है. प्लीस उठो यार !! प्लीस मुझे कसके चोदो भाई !!” मैंने कहा
“मेरी प्यारी बहना !! ठीक है. मैं तेरी इक्षा जरुर पूरी करुँगी !! मैं तुझको जरुर चोदूंगा!!” भाई बोला.
दोस्तों, फिर उसने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. मैं नंगी हो गयी. भाई मेरे उपर चढ़ गया. हाथ से एरे मस्त मस्त चिकने दूध दबाने लगा. मेरी छातियाँ भरी हुई थी और बहुत सेक्सी और चिकनी थी. महावीर हाथ से मेरी निपल्स को कोई रस्सी समझकर ऐठता रहा. मेरी छातियों में एक मर्द की छुअन से बहुत मजा मिल रहा था. पुरे बदन में सनसनी हो रही थी. फाई महावीर ने मेरे दूध को मुँह में भर लिया और मजे से पीने लगा. आआआह !!. दोस्तों मुझे कितना मजा मिल रहा था. मेरा भाई महावीर बड़ी अच्छी तरह से मेरे दूध पी रहा था. ये कमाल की बात थी. फिर वो मेरी चूत पर आ गया और मजे से पीने लगा. कुछ देर तक वो मेरी चूत पीता रहा.
फिर वो मेरी चूत में ऊँगली करने लगा. मैं अपनी कमर और गांड उछालने लगी. आ आ आ हा हा अईई अईई!! करने लगी. महावीर जोर जोर से मेरी चूत अपनी ३ उँगलियों से फेटने लगा. मुझे जन्नत का मजा मिलने लगा. खूब मजा मिला मुझे दोस्तों. कुछ देर बाद भाई ने मेरी गर्म चूत में अपना ७ इंच लम्बा लौड़ा डाल दिया और मजे से मेरी चूत लेने लगा. मुझे चुदास की उतेज्जना होने लगी. नर्म और मुलायम बिस्तर पर मैं उछल उछल कर चुदवाने लगी. ये सब देखकर मुझे बहुत मजा मिल रहा था. कहाँ मैं बाहर जाकर कोई बॉय फ्रेंड बनाती. इस लिए मैं अपने सगे भाई को अपना बॉय फ्रेंड बना लिया था. महावीर मुझे जोर जोर से हौंक हौंक कर पेलने लगा. कुछ देर बाद जब मैं अपनी कमर उठाने लगी तो उसने मेरी दोनों टाँगे अपने कन्धो पर रख ली और मुझे किसी छिनाल की तरह चोदने लगा. मैं कमर उछाल उछालकर मस्ती से चुदवाने लगी.
मेरी चूत भरी हुई थी. मांस से बिलकुल भरी हुई थी. मेरा भाई महावीर बड़ी वीरता से मेरी चूत मार रहा था. खूब मजा मिल रहा था दोस्तों. वो मेरी फुद्दी में लंड ही लंड दे रहा था. लंड की बरसात मेरी फुद्दी पर हो रही थी. भाई मुझे किसी रंडी की तरह चोद रहा था. मैं अपने हाथ पैर पटक रही थी. दोस्तों, कुछ देर बाद महावीर ने मेरी गुझिया में अपना माल छोड़ दिया. जब उसने अपना लौड़ा बाहर निकाला तो मेरी गुझिया उसके माल से लबालब भरी हुई थी. फिर उसका माल मेरी चूत से बाहर निकल आया और नीचे की ओर बहने लगा. अगर महावीर का माल बिस्तर पर लग जाता तो मम्मी को हम लोगो के बारे में पता चल सकता था. इसलिए मेरे भाई महावीर ने तुरंत मेरी चूत से निकलता माल अपने हाथ में भर लिया और मेरे मुँह में डाल दिया.
भाई का गर्म गर्म माल मैं पूरा का पूरा पी गयी. मुझे बहुत मजा आया दोस्तों. फिर भाई ने मुझे अपने लंड पर बिठा लिया और चोदने लगा. इस बार भी मुझे खूब मजा मिल रहा था. इसलिए मैं फिर से उछल उछलकर चुदवाने लगी थी. महावीर ने मेरी कमर को अपने हाथों में जकड़ रखा था मजबूती से. जैसे कोई सांप मेरी पतली सेक्सी कमर पर जकड़ा हुआ हो. भाई मेरे नाजुक मखमली पुट्ठों को सहला सहला कर मुझे उपर नीचे उछाल उछालकर चोद रहा था. पेलते पेलते वो बहुत जादा चुदासा हो जाता था, और मेरे दूध किसी रसीले टमाटर की तरह बड़ी जोर से हाथ से दबा देता था. मुझे लगती तो बहुत थी दोस्तों, पर दबवाने में मजा भी खूब आता था. इसलिए मैं कहूँगी की सभी लडकियाँ अपने अपने भाइयों से एक बार तो जरुर चुदवायें. मेरा भाई महवीर मुझे मस्ती से नर्म बिस्तर पर उछाल उछालकर चोदता रहा और मेरे रसीले टमाटर दबाने लगा. मुझे जन्नत का मजा मिल रहा था दोस्तों. फिर भाई ने दूसरा टमाटर अपने हाथ में ले लिया और मुझे ठोंकते ठोंकते उसे भी दबाने लगा. कुछ देर बाद मैं महावीर के लौड़े पर झड़ गयी.