ट्रेन में मिली भाभी की चोदन स्टोरी

दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार! मैं नितिन उर्फ़ निट्स एक बार फिर आप सभी के बीच में!
मेरी पिछली चोदन स्टोरी
व्हाट्सैप से बिस्तर तक का सफर
आप सभी ने पढ़ी. आप सभी ने उस कहानी को बहुत प्यार दिया, बहुत कमेंट्स आए. आप सभी का दिल से धन्यवाद.

जो लोग मुझे नहीं जानते, उनको मैं एक बार अपना परिचय फिर से दे देता हूँ. मेरा नाम नितिन है और मैं खंडवा शहर में रहता हूँ. मैं दिखने में गोरा और जिम रोज जाता हूँ, तो बॉडी भी अच्छी खासी बनाई हुई है.

ये बात दस दिन पहले की है. मुझे कुछ काम से दिल्ली जाना था, मेरी ट्रेन इंदौर से थी. मैं समय पर स्टेशन पहुंच गया था. ट्रेन आने में अभी बीस मिनट बाकी थे, तो मैंने सोचा कि कुछ आंखें सेंक लूँ.
इतने में मेरी नजर कुछ तीस साल की महिला पर पड़ी, वो दिखने में बहुत सेक्सी लग रही थी. उसका गोरा रंग, छाती पर उठे हुए मम्मे … पूरी गोल और भरी हुई गांड को कोई भी देख ले, तो मुठ मारे बिना रह नहीं पाए. स्टेशन पर जितने भी लोग थे, सब उसी को देख रहे थे. उसके साथ एक क्यूट सी और बहुत प्यारी सी पांच साल की लड़की खड़ी थी, जो उसकी बेटी थी … ये उसने मुझे बाद में बताया.

फिर मैंने उसे अनदेखा किया और अपनी गाड़ी का इन्तजार करने लगा. इस बीच वो औरत भी मुझे तिरछी निगाहों से देख रही थी. इतने में ट्रेन आ गई. मेरा एसी फर्स्ट में आरक्षण था, तो मैं अपनी जगह पर जाकर बैठ गया.
दो मिनट बाद वही औरत मेरे कम्पार्टमेंट में आई, तो मानो जैसे मेरी तो निकल पड़ी. फिर ट्रेन इंदौर के नेहरू पार्क से चल दी.

तभी उस महिला ने कहा- प्लीज़ मेरी बेटी को देखना, मैं अभी आई टॉयलेट से!
मैंने भी ओके कहा और वो टॉयलेट चली गई.

फिर जैसे ही आई, मेरे पास बैठ गई और मुझे थैंक्स कहा. उसने मेरा नाम पूछा, तो मैंने अपना नाम बताया.

मैं अभी उससे दूरी बनाए हुए थे, जितना वो जानना चाह रही थी, सिर्फ उतना ही बोल रहा था. फिर उसने खुद से आगे बढ़ कर अपना नाम रिंकी बताया.
मैंने गुड नेम कह कर उसकी बात का उत्तर दिया.

उसने कहा- क्या मैं आपसे कुछ देर बात कर सकती हूँ.
मैं हंस दिया और हमारी बातें शुरू हो गईं.
रिंकी- कहां रहते हो आप?
मैं- खंडवा.
रिंकी- क्या करते हो?
मैं- एडवोकेट हूँ.

ऐसे ही हमारी बातें चलती रहीं. मुझे पता चला कि रिंकी इंदौर की ही रहने वाली है और वो अपने भाई के यहां दिल्ली जा रही है.
हमें बातें करते काफी टाइम हो गया था. हम दोनों एक दूसरे से अच्छे से खुल गए थे.

इतने में रिंकी ने मुझसे पूछ लिया- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने भी कह दिया- आपको क्या लगता है?
तो उसने कहा- आपको देख कर लगता है 4 से 5 गर्लफ्रेंड तक होंगी.
मैंने उससे कहा- इतनी नहीं … बस एक गर्लफ्रेंड है.
रिंकी बोल पड़ी- फिर तो बहुत मस्ती करते होगे आप.
मैंने भी मजे लेते हुआ कहा- हां … और मेरी गर्लफ्रेंड को भी बहुत मजा आता है.

मेरा ऐसा कहने पर वो थोड़ी उदास हो गई. तो मैंने अपने दोनों हाथ उसके गाल पर रखे और मुँह ऊपर करके पूछा- क्या हुआ … उदास क्यों हो गईं?
उसने बताया- मेरे पति हमेशा काम के सिलसिले में बाहर ही रहते हैं. मेरी तरफ उनका कोई ध्यान ही नहीं रहता.

मेरे मुँह से निकल गया- आपकी जैसी मेरी वाइफ होती, तो मैं अपना पूरा ध्यान ही आप पर ही रखता, कभी आपको अपने से दूर ही नहीं रखता.
मेरे इतने कहते ही उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई, उसने कहा- सच में आप मुझे छोड़ कर कभी नहीं जाते?
मैंने कहा- जाता … मैं कभी सोचता भी नहीं कि आपको छोड़ कर कहीं जाऊं भी.

हम लोगों को बातें करते काफी टाइम हो गया. अब तक उसकी बेटी भी सो चुकी थी.

फिर रिंकी ने कहा- क्या आप मेरे ब्वॉयफ्रेंड बनोगे?
मानो जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो. मैंने भी कुछ नहीं सोचा और सीधे उसके होंठों के ऊपर अपने होंठों को रख दिया.

इस अचानक हमले के लिए वो तैयार नहीं थी और वो थोड़ा छटपटाई. फिर आराम से किस में मेरा साथ देने लगी. वो मेरी गोद में आकर बैठ गई. फिर हम दोनों किस करने लगे.

मैं उसके नीचे के होंठ को चूसता और वो मेरे ऊपर के होंठ को चूसती. मैं उसके ऊपर के होंठ को चूसता, तो वो मेरे नीचे के होंठ को चूसती. कभी मेरी जीभ उसके मुँह में, कभी उसकी जीभ मेरे मुँह में मजा लेने लगती.

इस बीच मैं उसके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से दबा देता, उसके मम्मों के निप्पलों को अंगूठे और उंगलियों से पकड़ कर मसल देता या खींच देता, जिससे उसे और भी मजा आता.

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मैंने फिर उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. अब मैं कभी उसकी पेंटी में हाथ घुसा देता, उसकी चुत के दाने को सहला देता, कभी दो उंगलियां उसकी चुत में डाल कर अन्दर बाहर करने लगता. इस सबसे वो काफी गर्म हो गई और उसने अपनी चुत का पानी अपनी पेंटी और मेरे हाथ में निकाल दिया.

अपने उसी हाथ को मैं उसके होंठों पर ले गया. मेरे हाथ पर जो उसकी चूत का पानी लगा था, वो पूरा चाट गई. उसके बाद मैंने अपनी उंगलियां अपने मुँह में डाल लीं और उसकी चूत के रस का स्वाद लेने लगा.

फिर हम दोनों उठे और टॉयलेट में चले गए. टॉयलेट के अन्दर जाते ही उसने मेरा कच्छा नीचे किया और एकदम से लंड उछल कर उसके सामने आ गया. अपने सामने खड़ा लंड देख कर उसकी आंखों में चमक आ गई. इतना बड़ा और मोटा लंड उसने शायद पहले कभी नहीं देखा था. वो झट से अपने मुँह में लंड लेकर चूसने लगी. मुझे तरन्नुम आ गई.

वो काफी देर तक लंड चूसती रही. वो अपने गले तक लंड ले जा रही थी … जिस वजह से उसकी गाढ़ी लार से मेरा पूरा लंड गीला हो गया था. उसके लंड चूसने से अब मेरा पानी निकलने वाला था.

मैंने उससे कहा- छोड़ दो … नहीं तो आपके मुँह में ही रस छूट जाएगा.

पर उसने लंड चूसना नहीं छोड़ा. नतीजा ये हुआ कि मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. वो भी बिना रुके मेरा पूरा पानी पी गई. उसने लंड को चाट कर अच्छी तरह साफ कर दिया. हम दोनों बाहर आ गए.

उधर ट्रेन के टॉयलेट में इससे ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकते थे. किसी के भी आ जाने का खतरा था. ट्रेन भी अपने अगले स्टेशन पर पहुंचने वाली थी. सो कम्पार्टमेंट में भी चोदन का खेल नहीं हो सकता था. इसके अलावा उसकी बेटी भी सोई हुई थी.

हम दोनों ने अपने नंबर एक्सचेंज किए और अपनी जगह बैठ गए.

रिंकी ने कहा- दिल्ली पहुंचते ही मैं आपसे मिलने आउंगी.

जब तक हमारा गंतव्य नहीं आ गया, हम दोनों प्यार भरी बातें करते रहे … एक दूसरे को किस करते रहे. हम दोनों को जिस बात की आशंका थी, वही हुआ. अगले स्टॉपेज पर दो यात्री और हमारे कूपे में आ गए. इसके बाद हम दोनों अपनी अपनी बर्थ पर सो गए.

हम लोग अगली सुबह दिल्ली पहुंच गए. जाने से पहले उसने मुझे एक किस किया और कहा कि शाम को कॉल करती हूँ. मुझे आप बता देना कि कौन से होटल में रुके हो, मैं उधर ही आ जाउंगी.

मैंने उससे कहा- मैं पीतमपुरा में एक होटल में रुका हूँ.
उसे मैंने होटल का नाम बता दिया.

यह सुनते ही उसके मुखड़े पर एक प्यारी स्माइल आ गई.
उसने कहा- मैं आपके ठीक पीछे ही जाऊँगी, शालीमार बाग से इस होटल से बस 10 मिनट का ही रास्ता है.
फिर हम दोनों अपनी मंजिल की ओर चल दिए.

मैं भी होटल पहुंच कर सो गया. क्योंकि मैं बहुत थका हुआ था.

दिन में 2 बजे मेरी नींद खुली. मैंने खाने का आर्डर किया और नहाने चला गया. मैं नहा कर आया तब तक खाना भी आ चुका था. मैं खाना खा कर अपने काम में लग गया.

तक़रीबन 4:30 बजे रिंकी का कॉल आया- स्वीट हार्ट, क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं … बस आपके फोन का इन्तजार कर रहा था.
उसने कहा- मैं 30 मिनट में आपके पास आ रही हूँ.
मैंने उसे अपना रूम नंबर दिया और कहा कि आप इस रूम में आ जाना.

उसने ओके कहा और कॉल कट कर दिया. फिर उसके आने तक मैं अपने काम में लगा रहा.

ठीक 5:15 पर मेरे रूम की घंटी बजी. मैंने गेट खोला, तो सामने रिंकी खड़ी थी.
क्या बताऊं … वो इतनी गजब की खूबसूरत लग रही थी कि मेरा लंड खड़ा हो गया. उसने ब्लू कलर का सूट पहना हुआ था, वो भी पूरा बॉडी से चिपका हुआ था.

उसने होंठों पर गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगाई हुई थी. आंखों में आईलाइनर लगा था. देखने में लग रहा था मानो कोई हूर की परी खड़ी हो.
मैंने उसे अन्दर बुलाया और गेट लॉक कर दिया.

दरवाजा बंद करते ही मैं उससे चिपक गया और होंठों को किस करने लगा. हमारा किस काफी लम्बा चला. फिर अलग हो कर हम दोनों ने गहरी साँस ली.
तभी रिंकी ने मुझे बेड पर धक्का दे दिया और रिंकी मेरे ऊपर आ गई. वो भूखी शेरनी की तरह मुझ पर टूट पड़ी.

धीरे धीरे उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. मैंने भी उसका कुरता उतार दिया और सलवार का नाड़ा खोल कर उसे भी अलग कर दिया. अब वो सिर्फ ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी में मेरे सामने थी.

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मैं उसकी रेशमी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे दबा रहा था और उसके होंठों को किस कर रहा था. कुछ ही पल बाद मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर ब्रा भी अलग कर दी. उसके बड़े बड़े मम्मे पिंजरे से आजाद हो गए थे. उसके मदमस्त एकदम शेप्ड मम्मों को यूं खुली हवा में फुदकता देख कर मुझसे रहा ही नहीं गया और मैं मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा. उसके मुँह से मदभरी चीखें और सिसकारियां निकल रही थीं.

फिर मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी. वो अब तक काफी गर्म हो गई थी. उसकी चुत से झरना सा बह रहा था. मैंने उसका एक दूध अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा. साथ ही मैं 2 उंगलियां उसकी चुत में डाल कर अन्दर बाहर कर रहा था, जिससे वो और भी ज्यादा गर्म हो गई थी. उसकी चुत ने और भी ज्यादा पानी बहाना शुरू कर दिया था.

कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. उसने मेरे मुँह पर अपनी चुत रख दी और मेरे लंड को मुँह में ले कर चूसने लगी. उसकी चुत चूसते हुए, कभी मैं उसकी चुत के दाने को सहला देता, कभी पूरी जीभ उसकी चुत में डाल देता, जिससे वो देर तक काबू न कर सकी और झड़ गई. मैं उसकी चुत का पानी पूरा पी गया. वो भी मेरा लंड पूरी स्पीड से चूस रही थी, जिससे मेरे भी सब्र का बांध टूट गया और मैं उसके मुँह में झड़ गया.

झड़ने के बाद हम दोनों अलग हुए और वो मेरे सीने पर सर रख कर लेट गई. वो अपने हाथ से मेरे लंड से खेल रही थी. जिससे मेरे मुरझाए हुए लंड में जान आने लगी थी.

अब मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और उसके पैर खोल कर उसके बीच में आ गया. मैं अपने लंड से उसकी चुत को सहलाने लगा. फिर उसकी चुत के छेद पर लंड का टोपा रखा और उसकी तरफ देखा. उसने सहमति दे दी कि हां अन्दर पेल दो.

उसकी चोदन की सहमति पाते ही मैंने एक शॉट में ही अपना आधा लंड उसकी चुत में डाल दिया. मेरा लंड मोटा होने के कारण उसको थोड़ा दर्द हुआ, जिससे वो चीख उठी. उसकी आंखों में आंसू आ गए.

यह देखकर मैं थोड़ी देर मैं वैसे ही रुका रहा और उसके मम्मे सहलाता रहा. फिर थोड़ी देर बाद एक शॉट और मारा, तो मेरा पूरा लंड रिंकी की चुत की गहराइयों में खो गया. मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर करता रहा. उसे तेज दर्द हुआ, लेकिन वो झेलने की कोशिश करने लगी.

जब उसका दर्द कम हुआ, तो वो हिलते हुए सिसकारियां लेने लगी- आआह्ह … जान जोर से करो … फाड़ दो मेरी चुत को … आआआहह … जान आज तुमने जन्नत की सैर करा दी … आह जान काफी टाइम से मैं ऐसी चुदाई के लिए तड़प रही थी … आह आज पूरी आग मिटा दो जान … आअह्ह … और जोर से चोदो …

पूरा रूम उसकी सिसकारियों से गूंज रहा था. हमें इस पोजीशन में चुदाई करते काफी टाइम हो गया था.

अब रिंकी बोली- वकील साब, अब आप नीचे लेट जाओ.
मैं नीचे आ गया और रिंकी मेरे ऊपर आ गई.

मेरे लंड को वो हाथ में पकड़ कर उस पर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी. उसने चुदाई के साथ मेरे होंठों पर भी चुम्बन करना शुरू कर दिया.
वो मादक सिसकारियां भरने लगी- आआअह्ह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… उउइइइ इइ उफ्फ्फ … जान बहुत मजा आ रहा है … पहली बार किसी मर्द से पाला पड़ा है … आज तो पूरे लंड का पानी ही पी जाऊँगी.

वो मेरे लंड पर अपनी गांड पटकते हुए न जाने क्या क्या बोले जा रही थी. पूरे रूम में फच फच की आवाजें आ रही थीं. हम लोगों ने अभी थोड़ी देर पहले ही पानी निकाला था, तो हम दोनों जल्दी झड़ने वाले भी नहीं थे. हम लोगों की काफी लम्बी चुदाई चली.

फिर मैंने रिंकी से कहा- मेरा होने वाला है … बाहर निकालूं लंड?
रिंकी ने कहा- नहीं यार … बहुत टाइम से मैं प्यासी हूँ. आज मेरी चुत को आप अपने पानी से भर दो.

फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए. वो मेरे लंड को चुत के अन्दर ही रख कर मेरे ऊपर सो गई.

हमारी नींद शाम को 7:20 पर खुली. हम दोनों ने कपड़े पहने. मैंने उसे होटल के नीचे तक छोड़ा, फिर वो चली गई.

अगले दिन शाम को मैं भी दिल्ली से इंदौर के लिए निकल गया और रिंकी को कॉल करके बता दिया. रिंकी 4 दिन बाद इंदौर आने वाली थी. उसके बाद मैंने क्या किया, वो अगली कहानी में बताऊंगा.

मेरी सेक्सी चोदन स्टोरी आपको कैसी लगी दोस्तो … प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं.