आए थे घूमने, चोद दी चूतें-1

नमस्कार यारो, मैं रवि आप सभी का एक बार फिर से स्वागत करता हूँ अपनी नई सेक्स स्टोरी में… आपने मुझे हिंदी सेक्स स्टोरी के गिने चुने लेखकों में लाकर खड़ा किया, उसके लिए आप लोगों का बहुत बहुत शुक्रिया. आज मैं आपके लिए एक असलियत पे आधारित कहानी लेकर आया हूँ, उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों को ये कहानी पसंद आएगी.

मेरी कुछ ख़ास पाठिकाएं और पाठक जो मेरे साथ व्हाट्सैप पे जुड़े हुए हैं, उनका भी धन्यवाद, जो समय समय पर मुझे और कहानियाँ लिखने के लिए कहते हैं और मेरी कहानियाँ पढ़ कर अपनी चूतें और लंड को शांत करते हैं या चुदाई करते हैं.

मैं हर एक पाठक की ईमेल का रिप्लाई जरूर देता हूँ और उन सभी पाठकों का भी बहुत धन्यवाद जो ईमेल पे मेरी कहानी के अच्छे या बुरे पक्ष को सामने लाते हैं और मैं उस हिसाब से कहानी को और सुधार कर लिखने की कोशिश करता हूँ. कहानी पढ़ने के बाद आपको कहानी कैसी लगी इसका मुझे ईमेल पे रिप्लाई जरूर देना.
अब ज्यादा बातें न करता हुआ सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.

ये कहानी मेरी चुदक्कड़ दोस्त सोनिया और उसकी सहेली नेहा की है. मैं आपको सोनिया के बारे में बता दूँ कि 24 साल की सोनिया बहुत सेक्सी दिखने वाली स्मार्ट लड़की है. वो देखने में ऐसी लगती है, आप यूं समझ लो कि उसका चेहरा पोर्न स्टार सनी लियोनि जैसा है. चूंकि सोनिया मेरी कहानियों की फैन है. उसकी धीरे धीरे मुझसे दोस्ती हो गई और हम व्हाट्सैप पे बातें करने लगे और फिर ऐसे ही हमारा रिश्ता चुदाई का बन गया. उसके बाद हम जहाँ भी मिलते चुदाई जरूर करते और सोनिया मेरी चुदाई की भी फैन है, उसको मेरा अलग अलग अंदाज़ में कहानियों जैसे रोल जैसा चोदना मजा देता है.

सोनिया ने मुझे फ़ोन बताया कि वो और उसकी सहेली नेहा रविवार को मुझे मिलना चाहती हैं और हम घूमने चलेंगे.
मैंने कहा- अगर घूमना ही है तो चलो, मैं भी अपने एक दोस्त को साथ ले चलूँगा.

रविवार को मैंने अपने दोस्त मनोज को साथ ले लिया और अपनी कार में सोनिया को पिक करने बस स्टैंड पहुँच गया, जहाँ वो अपनी दोस्त नेहा के साथ पहले से ही आ कर हमारी प्रतीक्षा कर रही थी.
नेहा 21 साल की है और दिखने में काफी सुन्दर और स्मार्ट है. मैंने उन दोनों का परिचय अपने दोस्त मनोज से करवाया. उसके बाद मैंने अपनी कार स्टार्ट की और चलने लगे.

मैंने बात शुरू करते हुए सभी से कहा- बताओ फिर, आज क्या प्लान है और कहाँ घूमना है?
तभी पीछे की सीट में बैठी नेहा की स्वीट आवाज मेरे कानों में पड़ी- जहाँ मर्जी ले चलो जीजू…
तो मैंने एक पल के लिए सोचा और फिर कहा- अच्छा साली जी, अगर ऐसी बात है तो घर पर चलो, वहां पार्टी करते हैं.
फिर सोनिया बोली- यार देख लो आपको जहाँ ठीक लगे, वहां चलते हैं.

मैंने फिर नेहा को छेड़ते हुए कहा- मैंने तो साली से पूछा है, अब साली चुप कर गई.
फिर नेहा की आवाज आई- रहने दो जीजू मुझसे पंगा न लो, आप अपनी सोनिया की बात मानो और जहाँ जाना है सो चलो.
मैंने फिर कहा- साली अब बहाने मत बनाओ, साफ़ साफ़ कहो कि जीजू से डर गई हो.
तभी नेहा एकदम से बोली- ऐसी बात नहीं है, डरते तो हम किसी लौड़े की झांट से भी नहीं हैं और आप तो फिर जीजू हो, अब बातें मत बनाओ और जहाँ चाहे चले चलो.

मुझे लगा जैसे वो थोड़ा खीझ सी गई है, तभी सोनिया बोली- चलो यार अगर घर जा सकते हो, तो पहले घर ही चलो, फिर वहां से आगे निकलेंगे.

मनोज के पास एक कंपनी का फ्लैट था, जिसकी चाभी मनोज के पास ही रहती थी, उस फ्लैट पे रहता कोई नहीं था.
मैंने मनोज से पूछा तो वो बोला कि चलो अगर घर ही जाना है, तो हम सभी वहीं चलते हैं… और उसकी चाभी मेरे पास ही है.
तो मैंने कार उधर की तरफ मोड़ दी.

फ्लैट पर पहुँच कर मैंने मनोज को कार की चाभी दी और खाने के लिए कुछ सामान लाने को कहा. वो सामान लेने चला गया, हम सीधे बैडरूम में जाकर बैठ गए.
तभी नेहा को मैंने कहा- अब बोल साली, डरती तो तुम लौड़े की झांट से नहीं… है न, तो सुनो… हम भी चूत की झांट से डरने वाले मर्द नहीं हैं. तू आज दिखा ही दे अपनी चूत की झांट…
मैंने शायद कुछ ज्यादा ही बोल दिया था, परन्तु बीच में ही सोनिया ने बात सम्भाल ली- अरे कोई बात नहीं साली के जीजू जी, आप अपनी इस रानी को देखो…

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सोनिया ने मेरा सर पकड़ कर अपनी तरफ घुमा लिया.
फिर बोली- जीजा साली की ऐसी नोक झोंक तो चलती रहती है, यार परन्तु वो किसी दूसरे अनजान के सामने प्लीज़ ऐसा मत करना.

मैंने नेहा के सामने ही सोनिया के होंठों को अपने होंठों में लिया और सोनिया भी गर्म सी हो गई. फिर मैंने कहा- अरे कोई बात नहीं, वो भी मेरा बहुत ख़ास दोस्त है, जैसे आप दोनों आपस में दोस्त हो, जैसे आज मेरे लिए नेहा नई है और आपको वैसे ही मनोज नया लगता है, परन्तु हम दोनों के राज़ आपस में शेयर रहते हैं यार.
तभी नेहा बोली- वो तो सही है जीजू फिर भी, आपके बारे में तो हमें मालूम है, हम सभी यहाँ टाइम स्पेंड कर सकते हैं परन्तु वो…
नेहा कहती कहती रुक गई, तो सोनिया बोली- यार ऐसे करो, आप मनोज को भेज दो, हम तीनों आज यहीं एन्जॉय करते हैं.
मैं कुछ कहता कि तभी सोनिया आँख मार कर बोली- फिर साली की वो वाली झांट भी देख लेना.

हम तीनों ही मुस्करा पड़े और हंसने लगे. मैंने कहा- देखो भेज तो मैं सकता हूँ, परन्तु ऐसे किसी को बुला कर वापस भेजना अच्छी बात नहीं होती, अगर हम सभी मजा करने के मूड में ही हैं, तो उसको भी साथ में एंगेज कर लेते हैं और हो सकता है, हमें ऐसे और भी ज्यादा मजा आए.

तो वो दोनों एक दूसरे की तरफ देखने लगीं और मैं उठ कर वाशरूम चला गया, ता कि वो आपस बात कर सकें और कुछ फाइनल हो पाए.

जैसे ही मैं वाशरूम से बाहर आया तो सोनिया और नेहा मेरी तरफ ही देख रही थीं.
सोनिया बोली- यार वैसे तो आपका दोस्त मस्त आइटम है, पर देख लो कहीं कल को कोई बात न खराब हो जाए.
तो मैं बोला- ओ डार्लिंग, इस सब की चिंता तुम मत करो, मैं सब सम्भाल लूँगा.

फिर मैं नेहा की तरफ देखता हुआ बोला- आ साली, अब दिखा फिर अपनी चूत की झांट…
वो खड़ी होती हुई बोली- मेरी झांट देखकर आपकी बोलती बंद हो जाएगी जीजू, आप पहले अपनी पुरानी रांड की झांट देखो न.

ये कह कर वो वाशरूम में चली गई. मैंने सोनिया के होंठों को फिर अपने होंठों में ले लिया और हम जोरदार किस करने लगे और मैं उसके जिस्म पे अपना हाथ फिर रहा था, जिससे वो गर्म भी हुए जा रही थी.

मैं उसकी जीभ को अपनी जीभ से टच करके किस कर रहा था. हमारे इतने गहरे चुम्बन में हमें बहुत मजा आ रहा था. मैंने एक हाथ सोनिया की कमीज़ में डाला और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके एक मम्मे को दबाने लगा, जिससे सोनिया को मजा आने लगा.

फिर मैं सोनिया की गालों को, उसके काने को और उसकी गर्दन को चूमने लगा… और उसके कानों के नजदीक गर्म साँसें छोड़ने लगा, जिससे सोनिया की जवानी और गर्म हो गई.

आग हम दोनों में बराबर लग चुकी थी, तभी सोनिया बोली- आज तो बहुत मूड बन गया यार, अब खेल शुरू करो बस.
मैंने कहा- आज तो बहुत कुछ करेंगे साली… तू देखती चल बस, आज दोनों की चुदाई होगी.
सोनिया मुझे चूमते हुए बोली- दिखाओ न फिर करके, अपनी साली को खुश करके भेजना.
मैंने कहा- जरूर, उस बहनचोद चूत को तो फाड़ेंगे ही और उसकी तो आज गांड भी फटेगी.
सोनिया बोली- अरे यार सम्भल कर जरा, बस बस इतना आगे मत बढ़ो… चलो अब उठो मेरे ऊपर से…

तभी मैंने देखा, मुझे पता भी नहीं चला कि कब नेहा वाशरूम से निकल कर हमारे पास आकर खड़ी हो गई थी. जैसे ही मैंने आँखें नेहा से मिलाई तो वो बोली- आप तो बहुत फ़ास्ट हो जीजू, मैं जरा की साइड को क्या हुई, चांस ले लिया.

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मैंने कहा- साली साइड पे न भी होती, तब भी ले लेता, आ जा… अब तेरा भी चांस देखूं.
ये कह कर मैं जैसे ही नेहा को पकड़ने लगा तो वो पीछे हट गई और बोली- बस बस अपने वाली को ही सम्भालो.
मैंने फिर उसे पकड़ा और बोला- साली नखरा कर रही है अब… आ थोड़ी तेरी शर्म भी उतार दूँ बहनचोद…

ये कह कर मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया और उसके होंठों पे एक चुम्बन ले लिया. फिर मैंने उसके कानों के पास गर्म साँसें छोड़ीं और उसके गालों को चूमा और उसकी जीन्स का बटन खोलना चाहा परन्तु वो मेरे हाथ से छूट कर पीछे हट गई.

सोनिया अब तक वाशरूम में जा चुकी थी और मैं फिर उसके करीब गया और बोला- साली देख, अगर नखरे दिखाने हैं तो साफ़ बोल दे… या सीधे आ जा, मजा ले ले जवानी के… नहीं तो फिर घूमने ही चलते हैं.

वो थोड़ा सा मेरे पास आई, तो मैंने फिर उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया और उसकी जीन्स का बटन खोल दिया. मैंने अपना एक हाथ नेहा की जीन्स के अन्दर डाल दिया और उसकी पैंटी में हाथ डाल कर अपनी दो उंगली सीधी उसकी चूत में डाल दीं.

कुछ देर तक मैं नेहा की चूत में उंगली की तो नेहा तड़प उठी… वो जोर जोर से मजे से सिसकियाँ लेने लगी और मेरे होंठों को भी चूसने लगी.

तभी सोनिया हमारे पास आई और बोली- ओह सालों… मेरा इंतज़ार तो कर लेते, दोनों जीजा साली शुरू हो गए…
मैंने आँख दबा दी.
वो नेहा से बोली- अब जब जीजे का लौड़ा जाएगा न तेरी फुद्दी में साली… तब गांड फटेगी तेरी, फिर बचाने वाला नहीं मिलेगा कोई…
अब हम दोनों ने एक दूसरे को छोड़ दिया.

नेहा बोली- क्यों साली, मेरी तो जब फटेगी तब फटेगी, तेरी अभी हमें देख कर ही फट गई, अब तू हम दोनों से जल रही है.
सोनिया बोली- यार जरा मनोज से तो पूछो… कहाँ रह गया वो, अभी तक नहीं आया.

मैंने मनोज को कॉल की तो उसने बताया कि उसके एक दोस्त का फोन आ गया था, वो थोड़ा उधर चला गया था, बस 15-20 मिनट में आ रहा है.
मैंने कहा- जब तक मनोज आता है, हम एन्जॉय करते हैं यार.
नेहा ने हामी भरी.

फिर मैंने सोनिया को कहा- डार्लिंग, हम दोनों मिल कर साली को थोड़ा ओपन करते हैं.
अब तक नेहा ने अपनी जीन्स बाँध ली थी. मैंने नेहा को फिर से अपने पास किया और उसका टॉप उतारने लगा तो नेहा थोड़ा शर्माने लगी.

तो मैं कहने लगा- ऐसे बात नहीं बनेगी, आ साली पहले तेरी शर्म उतारूँ. सोनिया इस साली लंड की रानी को नंगी तो कर.
मैंने नेहा को एक चुम्बन किया और उसके कान में बोला- आज तो तेरी चूत को चाट चाट कर साफ़ करूँगा साली, बस खोल कर तो दिखा…

नेहा भी गर्म थी, क्योंकि पहले उसकी चूत में उंगली की वजह से भी वो गर्म थी. मैंने नेहा की जीन्स का बटन फिर से खोला और सोनिया ने उसका टॉप उतार दिया. साथ ही नेहा ने भी टॉप उतारने में मदद कर दी. नेहा ने अपने टॉप जैसी ही रेड कलर की ब्रा पहनी थी. मैंने उसकी जीन्स का बटन जैसे ही खोला तो सोनिया ने उसकी जीन्स को टांगों के रास्ते बाहर कर दिया. जींस के नीचे नेहा ने ब्लैक रंग की ही पैंटी पहनी थी. मैंने नेहा की ब्रा की हुक खोल दिया और उसकी ब्रा को उसके जिस्म से अलग कर दिया. अब उसकी चूचियां आज़ाद हो चुकी थीं, जो मेरी आँखों के सुन्दर लग रही थीं. नेहा की एक चूची को मैंने अंगूठे और उंगली में लेकर पकड़ा और थोड़ा ऊपर को खींचा, फिर ऐसे ही दूसरे मम्मे को भी किया तो नेहा को जैसे मजा सा आ गया.

साथियों लंड चुत की देसी चुदाई की कहानी मजा लेने के साथ मुझे मेल भी करते रहो.
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कहानी जारी है.

आए थे घूमने, चोद दी चूतें-2

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