दोस्तो, हिंदी सेक्स कहानी की मस्त साईट अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली गे सेक्स कहानी है. मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सबको ये घटना पसंद आएगी.
यह कहानी मेरी और मेरे बेस्ट फ्रेंड के बीच की है. मेरा नाम वरुण है और उम्र 22 साल है. ये कहानी तब की है, जब मैं 19 साल का था और दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ता था.
मैं एक फिट, गोरा चिकना लड़का हूँ और मेरी बॉडी मस्क्युलर है.
मेरे दोस्त का नाम विराट है और वो मुझे कॉलेज में मिला था. सच बताऊं, तो मैंने उससे सुंदर लड़का आज तक नहीं देखा था. विराट एकदम गोरा चिट्टा और मस्त मस्कुलर बॉडी वाला लड़का था. उसने शायद कुछ जल्दी ही जिम जाना चालू कर दिया था.
उससे मुलाक़ात के बाद हम दोनों जल्दी ही अच्छे फ्रेंड्स बन गए थे. पर मैंने कभी उसके बारे में गे की नज़र से नहीं सोचा था क्योंकि मैं खुद को स्ट्रेट समझता था. उसकी भी एक गर्लफ्रेंड थी, जिसके साथ वो खूब सेक्स करता था. वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ हुए सेक्स को मुझे बताता भी था कि कैसे क्या क्या किया.
विराट एक पंजाबी लड़का था और स्वभाव से बहुत ही ठरकी मिज़ाज़ का था. कभी कभी हंसी मजाक में वो मेरे बूब्स भी दबा देता या निप्पलों मसल कर खड़े कर देता था.
एक दिन कॉलेज के ट्रिप पर हम सब गोवा गए थे और उधर हम दोनों ने एक ही रूम शेयर किया था. वो ज़्यादातर वक्त रूम में सिर्फ बॉक्सर में रहता था. उसकी शर्टलैस बॉडी देखकर मेरा भी लंड फुंफकारने मारने लगता था. सच मानो इतना हैंडसम लड़का आपके बगल में बिना शर्ट के लेटा हो, तो किसका मन नहीं मचल जाएगा. उसका चिकना बदन और मस्क्युलर बदन … छाती पर हल्के ब्राउन निप्पल कहर ढाते थे.
सभी लड़कियां भी उस पर बहुत लाइन मारती थीं. वो मुझे रोज़ सोने से पहले अपनी गर्लफ्रेंड के साथ के किस्से बताता कि कैसे वो सिनेमा हॉल में उसके निप्पलों को चूसता है … उसकी चूत में उंगली करता है और किस किस पोजीशन में उसने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स किया है.
कई बार वो ये सब बताते बताते मेरे निप्पलों से भी खेलता रहता.
जब वो सो जाता तो मेरे मन में भी उमंगें जागने लगतीं और मैं उसके बारे में सोचते हुए मुठ मारने लगता.
सुबह भी मैं उससे पहले उठ जाता और फिर जी भरके उसके निप्पलों से खेलता हुआ अपने मन की कर लेता. कभी कभी मैं उसके बॉक्सर पर हाथ भी फेर लेता.
एक रात जब वो गहरी नींद में था. मैंने उसके होंठों पर हल्के से किस किया और उसके निप्पलों को चूमा. फिर मैंने उसके बॉक्सर में हाथ डाल कर उसके बॉल्स को टटोला. उसका लंड क्लीन शेव था और काफी मस्त था. पर इससे आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई कि कहीं वो जाग न जाए.
ट्रिप से आने के बाद हमारा मिलना अब सिर्फ कॉलेज में हो पाता था, पर उसको लेकर मेरी हवस दिन दोगुनी रात चौगुनी बढ़ोतरी पर थी. मैं रोज़ उसके नाम की मुठ मारने लगा था.
हमारे एक्जाम्स आने वाले थे और वो एकाउंट्स में थोड़ा ढीला था, तो उसने मुझे पढ़ाने की रिक्वेस्ट की. मैंने हां कर दी. वो मेरे घर आ गया. मेरा रूम बाकी कमरों से अलग बना हुआ था, तो हम आराम से पढ़ाई कर सकते थे. उसके सामने मेरे अरमान काबू में रहे, इसलिए मैंने उसके बारे में सोचते हुए मुठ मार ली थी.
हमने दिन भर पढ़ाई की और रात को साथ रुकने का प्लान बनाया. उस दिन हमने काफी देर बात करने के बाद पोर्न देखने का फैसला किया. वो पोर्न देखते देखते मेरे निप्पलों को सहलाने लगा.
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था, तो मैंने भी उसके निप्पलों को सहलाना चालू कर दिया. इस पर उसने कुछ नहीं कहा. उसके निप्पल टाइट हो गए थे, मुझे उन्हें सहलाने में बड़ा मजा आ रहा था.
उसने मुझे एक बार बताया था कि किसी को भी गर्म करना हो, तो उसकी गर्दन के पीछे उंगलियां फेरनी चाहिए. मैं अपने दूसरे हाथ से उसकी गर्दन सहलाने लगा.
दो मिनट बाद वो बोला- साले, ये तू क्या कर रहा है. मेरा लंड खड़ा कर दिया.
वो ये कह कर हंसने लगा और उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बॉक्सर पर रख दिया.
उसका लंड एकदम टाइट हो गया था. मैंने उसका लंड पकड़ कर जोर से दबा दिया, तो उसके मुँह से ‘आह … उह..’ निकल गयी. उसने अपना बॉक्सर नीचे कर दिया, तो उसका खड़ा लंड मेरी आंखों के सामने हिलने लगा. उसका लंड हल्का भूरा था. कम से कम 7 इंच का लंड होगा और काफी मोटा था.
तभी उसने फिर से मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
पर मैंने हाथ हटा लिया और उससे कहा कि साले तुम बहुत ठरकी हो … मुझे क्या गर्लफ्रेंड समझ लिया है.
इस पर हम दोनों हंसने लगे. उसने कहा- मुझे आज तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने का मन है, बन जा न.
मैंने उससे कहा- मुझे बूब्स चूसने का मन है … मैं लंड नहीं पकडूँगा.
उसने कहा- ठीक है, तू मेरे बूब्स चूस और लंड भी सहला देना.
मेरे लिए तो ये सोने पर सुहागा हो गया था. मैं उसके निप्पलों को चूसने लगा और उसके लंड को सहलाने लगा. वो अहह अहह की आवाज़ निकल रहा था, जो मुझे और गर्म कर रही थी.
अब मैं उसके चेहरे पर और गर्दन पर चूमने लगा. उसने मुझे होंठों पर किस करने से मना कर दिया, पर मैंने रिक्वेस्ट की और उसको होंठों पर अपने होंठों से हल्के हल्के किस करने लगा.
उसने मुझे नीचे गिराया और मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस करने लगा. उसकी जीभ मेरे पूरे मुँह में घूम रही थी और वो मेरे होंठों को काट और चूस रहा था. मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था. अब मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी गर्दन चेहरे और चेस्ट पर किस करने लगा.
मैंने उसके एब्स को भी खूब चूमा. उसके निप्पलों को भी खूब चाटा और काटा भी. वो मेरे मुँह को अपने लंड की तरफ धकेलने लगा और मुझसे लंड चूसने के लिए कहने लगा. मैंने उसे खूब मना किया, पर आखिर में मैं मान गया.
मैं उसके लंड को चूमने लगा और फिर मुँह में ले लिया. उसके मुँह से सिसकी निकल गयी. उसके लंड से प्रीकम निकल रहा था. उसका स्वाद नमकीन था. मैंने चाट लिया.
उसने मुझसे पूछा- स्वाद कैसा लगा?
मैं हंस दिया और फिर से लंड चूसने लगा. मैं उसके लंड के सुपारे को जीभ से कुरेदने लगा. उसकी सिसकारियां रुक नहीं रही थीं और वो मेरे बालों में हाथ फेर रहा था. मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था.
एकदम से उसने मेरे सर को नीचे धकेला, तो उसका लंड मेरे गले तक उतर आया और उसके बॉल्स मेरे होंठों से आ टकराए. उसने अपने बॉल्स शेव कर रखे थे. मैं सांस नहीं ले पा रहा था, तो मैंने उसका लंड बाहर निकाला और उसको डांटने लगा कि साले ऐसे न कर.
मगर उसने मुझे लंड अन्दर तक लेने को कहा. तो मैं उसके लंड को काफी अन्दर तक लेकर चूसने लगा.
उसने लंड चुसवाते हुए मुझसे पूछा- गांड मारवाएगा क्या, प्लीज मरवा ले!
पर मैंने मना कर दिया.
तो उसने मुझे लेटाया और मेरे ऊपर आकर अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और मुझे मुँह में चोदने लगा. मैं भी उसकी मखमली गांड को सहलाने लगा और दबाने लगा.
मैं एक हाथ से उसकी गांड दबा रहा था और एक से उसके बूब्स को मसल रहा था. वो लगातार मेरे मुँह को चोद रहा था और मैं उसकी गांड को अपनी उंगली से चोद रहा था. उसकी गांड बहुत ही गर्म और चिकनी थी. मुझे उसमें बहुत मज़ा आ रहा था.
अचानक उसने पूछा- मैं तेरे मुँह में झड़ना चाहता हूँ … लेगा?
मैंने मना कर दिया, पर मैं उसके लंड की हल्के हल्के मुठ मारने लगा और उसके बॉल्स मुँह में ले लिए.
उसके बॉल्स टाइट हो गए थे. मैं बारी बारी से उसके बॉल्स को मुँह में लेता और चूसता. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो लगातार सिसकारियां ले रहा था.
वो अपने पेट पर ही झड़ गया. झड़ने के समय वो बहुत ही सेक्सी लग रहा था. मैंने टिश्यू पेपर से उसकी बॉडी साफ की और हाथ धोने वाशरूम चला गया.
वाशरूम में मैंने अपने हाथ में लगा उसका मुठ चख कर देखा, उसका स्वाद थोड़ा अजीब था, पर आज मेरा मुझ पर काबू ही नहीं था.
मैं वापिस आया, तो उसने अपना अंडरवियर दुबारा पहन लिया था जो मुझे अच्छा नहीं लगा. पर वो अभी भी बहुत सेक्सी लग रहा था.
मैं अब तक नहीं झड़ा था और मेरा लंड खड़ा था. वो मुझ पर झपट पड़ा और मेरे गालों पर, गर्दन पर किस करने लगा और काटने लगा. उसने मेरा लंड अपने हाथों में थाम लिया और हिलाने लगा.
करीब 5 मिनट तक लंड हिलाने के बाद मैं उसके हाथों में ही झड़ गया. आज तक मेरा इतना मुठ नहीं निकला था.
हम दोनों ने वाशरूम में खुद को साफ किया वापिस आकर मैं उसके पीछे लेट गया और उसे अपनी बांहों में ले लिया. साथ ही मैं उसके गालों पर चूमने लगा और उसके निप्पलों को मसलने लगा.
उसने कहा- यार मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है.
मैंने उसके उंडरवियर पर हाथ लगा कर देखा, तो सच में लंड टाइट हो गया था. मैंने उसके टोपे को मसल दिया और फिर से निप्पलों को मसलने लगा, गालों पर किस करने लगा.
उसने मुझे रोका और कहा- अगर तुम नहीं रुके, तो मैं आज तेरी गांड मारे बिना नहीं मानूंगा.
पर मैं ठहरा हरामी … मैंने उसके कान पर काट लिया और उसके निप्पलों को ज़ोर से मसल दिया. उसके मुँह से लंबी आह निकल गयी.
वो एकदम से खड़ा हो गया और उसने अपना अंडरवियर उतार कर फेंक दिया. हाय वो नंगा होकर क्या मस्त लग रहा था. उसका लंड भी मस्त सलामी दे रहा था.
उसने मुझे पलट कर उल्टा कर दिया और अपने बैग से कंडोम का पैकेट निकाल कर लंड पर चढ़ा लिया. वो मेरी गांड में लंड डालने की कोशिश करने लगा.
पर उसका लंड मेरी गांड में जा ही नहीं रहा था. मेरी गांड का छेद उसके लंड के लिए बहुत छोटा था. ये देखकर हम दोनों फिर से हंसने लगे. मैंने उसे ये कहकर उकसा दिया कि रहने दे तुझसे नहीं होगा.
वो मेरी गांड में उंगली करने लगा. मैं बार बार मना कर रहा था, पर वो कुछ सुनने को तैयार नहीं था. उसने लुब्रीकेंट लेकर अपने लंड और मेरी गांड पर लगाया और लंड रख कर एक जोरदार धक्का लगा दिया, जिससे उसका आधा लंड मेरी गांड में चला गया.
मुझे लगा जैसे किसी ने मेरी गांड फाड़ दी हो. मैं उस पर चिल्लाने लगा- इसे जल्दी बाहर निकाल.
पर वो मुझे सहलाने लगा और कहा- रुक जा … अभी दर्द खत्म हो जाएगा.
उसने सही कहा था. कोई 2-3 मिनट बाद दर्द कम हुआ, तो उसने फिर एक झटका लगा दिया और इस बार उसका पूरा लंड मेरी गांड में उतर गया. मेरी आंखों में दर्द के मारे आंसू आ गए थे.
अब वो मुझे चूमने लगा और धीरे धीरे झटके देने लगा. थोड़ी देर में दर्द कम हो गया और मज़ा आने लगा. उस मज़े को शब्दों में बयान करना बहुत मुश्किल है.
कुछ देर चुदने के बाद मैंने उससे कहा- तुम मुझे सामने से चोदो, क्योंकि मैं तुझे चोदते हुए देखना चाहता हूँ.
उसने मुझे घुमाया और मेरे पैर अपने कंधों पर रख कर एक ही बार में एक तगड़े झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में अन्दर डाल दिया. मैं कराह उठा ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मगर वो लंड को पेल कर रुक गया था. फिर वो हिलने लगा और कभी धीरे, तो कभी तेज़ तेज़ मेरी गांड चोदने लगा.
उसकी और मेरी आहह और उसके बॉल्स की थपकी की आवाज़ से पूरा कमर भर गया था. आज तक वो अपने स्टैमिना के बारे में जो बातें करता था, आज वो सब सच लग रही थीं.
वो चोदने में एक्सपर्ट था. चोदने के साथ वो मेरे बूब्स भी दबा रहा था और निप्पलों को मसल रहा था. कभी वो मेरे मुँह में अपनी उंगली डाल कर चुसवाता. उसके जिस्म से पसीना निकल रहा था. वो इस वक्त मुझे बहुत ही सेक्सी लग रहा था.
वो मेरे लंड को भी अपनी मुट्ठी से झटके दे रहा था. उसने मुझे इस तरह कम से कम 20 मिनट तक चोदा और गांड में ही झड़ गया. मैं भी उसके साथ ही झड़ गया.
हम दोनों ने खुद को साफ किया और एक साथ नंगे ही लिपट कर सो गए.
सुबह जब मैं उठा, तो वो मेरे बगल में बिल्कुल नंगा लेटा था. मैं कुछ देर उसको यूं ही निहारता रहा. फिर उसके पूरे बदन पर चूमने लगा. जांघों पर, छाती पर होंठों पर, लंड पर और उसकी बॉल्स पर चूमने लगा.
शायद कल रात की थकान की वजह से वो गहरी नींद में था.
मैं इसके बाद वाशरूम चला गया और जब वापिस आया, तो वो घर जाने के लिए तैयार हो रहा था.
वो मुझसे ऐसे बात कर रहा था, जैसे कल रात कुछ हुआ ही नहीं. बहरहाल उस रात की यादें सारी उम्र मेरी यादों में ताजा रहेंगी.
इसके बाद हम दोनों के बीच अब तक तीन बार और सेक्स हुआ, पर हर बार वो अगले दिन ऐसे रहता, जैसे कुछ हुआ ही नहीं. उसका ये अंदाज मुझे बहुत अच्छा लगता.
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