चंडीगढ़ में देसी अनचुदी फुद्दी चोदी

दोस्तो, मैं गुरू आपके सामने हूँ. मेरा ये नाम मेरे दोस्तों ने रखा था. क्योंकि मैं उनकी हर परेशानी का हल निकाल देता था, उनके काम बना देता था.
ये मेरी कहानी अन्तर्वासना पर पहली और सच्ची कहानी है. अगर कोई गलती दिखे, तो प्लीज़ माफ करना.

कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मैं 5 फुट 9 इंच कद का पंजाबी नौजवान हूँ. मेरा लंड तकरीबन 6 इंच लम्बा है. मुझे लगता है कि ये पोर्न की दुनिया के हिसाब से छोटा है. पर मैं जिस शिद्दत से किसी फुद्दी को चोदता हूं, उससे हर लड़की बार बार मेरे जैसा चोदू का लंड लेना ही चाहेगी. मेरा लंड चुदने वाली को पूरा मजा देता है.

पहले पहले मैं बहुत शर्मीला था. लड़की से बात तक नहीं कर पाता था. लेकिन एक लड़की के साथ मज़े लेने के बाद अब मैं हद दर्जे का बेशर्म हो गया हूं. एक को चोदने के बाद मैंने काफी सारे कांड किए. कम से कम सात लड़कियों की तो मैंने सील तोड़ी है और आंटियों की तो कोई गिनती ही नहीं है.

मैं अपने गांव में बहुत मशहूर हूँ. अब तो मेरी शादी हो चुकी है. शादी के पहले मैंने बहुत सारे कांड किए थे. उन्हीं कांड में से एक को आपके साथ शेयर करने जा रहा हूं.

पढ़ा लिखा होने के कारण लोग मुझसे अपने काम करवाने आते रहते हैं. गांव की काफी सारी लड़कियों से मेरी खुली बातें होती रहती हैं. उनमें से बहुत सारी लड़कियों की फुद्दी का स्वाद मैंने चखा है. उनकी कहानी फिर किसी दिन सुनाऊंगा. इस बार मैं आपको सरनी के बारे में बताने जा रहा हूं.

एक बार सरनी मेरे घर आई. वैसे तो सरनी का कद छोटा सा है. पर उसकी फिगर देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो जाता है. पहले मैं आपको सरनी के बारे में बताता हूं. सरनी का कद कोई 5 फुट 2 इंच का होगा. मेरी पसंद के छोटे छोटे मम्मे थे, जिनका साइज़ 32 होगा. गोरा गोरा रंग … चिकने गाल … बिल्ली जैसी आंखें … बड़ी ही कातिल जवानी थी. उसे देखते ही उसे चोदने का मन करने लगता था.

आज जब वो मेरे पास आई, तो उसका चंडीगढ़ में यूनिवर्सिटी का कुछ काम था. मेरा उसके साथ कुछ करने का बहुत मन था.
मैंने उससे कहा- तुम्हें साथ चलना होगा. हम लोग शाम तक वापस आ जाएंगे.
घर से परमिशन लेकर वो साथ जाने को तैयार हो गई.

हम सुबह 4:40 की बस से चल दिए. उसने काले रंग की जींस और लाल रंग की टी-शर्ट के ऊपर, काले रंग का ही कोट पहना था. सरनी आज कयामत लग रही थी. बस के अन्दर की लाईट बंद थी, तो मैंने अपनी तरफ से अपना काम शुरू कर दिया. बहाने से कभी उसके मम्मे, तो कभी जांघ को टच कर रहा था.
मैंने ठंड का बहाना बनाते हुए उसे अपनी गोद में लिटा लिया … लेकिन वो उठ गई. फिर मैं चुप रह गया.

हम करीब 1:30 बजे यूनिवर्सिटी पहुंचे. हमारा यूनिवर्सिटी का काम शाम 4 बजे तक खत्म हो गया.

मैंने सरनी से कहा- आज हम घर नहीं पहुंच सकते. इसलिए आज की रात हम यहीं रुक जाते हैं. इसलिए कॉल करके घर पर बोल दो.
वो मान गई. उसने घर पर ये बोल दिया कि कल ही घर आ पाऊंगी.

फिर मैं उसे एक होटल में ले गया. हमने एक रूम ले लिया. रात का खाना खाया. सरनी को नींद आ रही थी. पर मेरा दिल उसकी फुद्दी लेने को तरस रहा था. पहले हम दोनों ने थोड़ी देर तक टीवी देखा. धीरे धीरे मैं सरनी के साथ सट कर बैठ गया. फिर मैंने टीवी बंद कर दिया.

मैंने सरनी को बोला- सिर्फ तेरे लिए मैं अपना काम छोड़ कर आया हूँ. इसलिए क्या तुम मेरी एक बात मानोगी.
उसने कहा- हां मैं मान लूंगी.
मैंने बोला- आज की रात तू मेरी मर्जी से सब कुछ करोगी.
थोड़ा सोचने के बाद उसने हां बोल दी.

फिर क्या था. मेरा लंड पैंट फाड़ने लगा. मैंने उसे अपनी तरफ खींच लिया और कस के जफ्फी डाल ली. कसम से क्या मज़ा आ रहा था. मैं उसे किस करता रहा. कभी होंठों पर, कभी गाल पर, कभी कान पर, कभी गरदन पर … मैंने उसे बहुत चूमा … सच में बड़ा मज़ा आ रहा था.

उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था. वो भी मुझे पागलों की तरह किस कर रही थी. फिर मैंने उसकी जीन्स और पेंटी उतार दी.

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हाय क्या मस्त फुद्दी थी … लाल लाल सील पैक छेद. मैंने उसकी टी-शर्ट उतारनी चाही, पर उसने मना कर दिया. मैंने वैसे ही टी-शर्ट को ऊपर उठा कर उसके दोनों मम्मे हाथों में ले लिए. मेरा अनुमान सही निकला, उसके मम्मे 32 साईज़ के ही निकले.

कुछ देर उसके मम्मों को सहलाने के बाद, मैं बारी बारी से उनको चूस रहा था.

उसके बाद मैंने उसे लिटा दिया. अब मैं कभी उसकी फुद्दी चाटने लगता … कभी दूध चूसने लगता. मैं उसका गोरा बदन कुल्फी की तरह चाट रहा था. वो भी ‘आह ऊह अम्म्म्म्..’ की आवाज़ निकाल कर मेरे लंड का साईज़ बढ़ा रही थी.

फिर मैं उसके ऊपर आ गया. मेरा लंड उसकी फुद्दी को टच कर रहा था. उसकी फुद्दी किसी भट्टी की तरह गर्म हो रही थी. मैं उसके होंठों पर किस करने लगा. उसको भी मज़ा आ रहा था. वो मेरा लंड पकड़ कर बार बार अपनी फुद्दी पर लगा रही थी. अब मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

मैंने अपना लंड उसकी फुद्दी के मुहाने पर सैट किया … और एक बार उसको देखा. मुझको पता था कि उसकी पहली बार है, तो उसे शांति से चोदना पड़ेगा, वर्ना उसे बहुत दर्द होगा. लंड डालने से पहले मैं उसे चूमता रहा और धीरे धीरे अपना लंड उसकी फुद्दी में डालने की कोशिश करता रहा. उसकी फुद्दी इतनी टाईट थी कि लंड अन्दर नहीं जा रहा था. मैं बार बार लंड उसकी फुद्दी में डालने की कोशिश करता, लेकिन वो हर बार फिसल कर बाहर आ जाता.

पर लंड डालना तो था ही.

मैंने उसकी फुद्दी को फिर से चाटना शुरू किया. तकरीबन 3-4 मिनट चाटने के बाद सरनी की फुद्दी ने पानी छोड़ दिया. उसे बहुत मज़ा आया. उसे लगा कि शायद यही सेक्स होता है.

मैंने उसे समझाया कि असली मज़ा तो अभी आना बाकी है. ये तो मात्र ट्रेलर था. पूरी फिल्म अभी बाकी है.

मैं फिर से उसे किस करने लगा. मैंने फिर से उसकी फुद्दी चाटनी शुरू की.

वो 10 मिनट में फिर से गर्म होने लगी. मैंने उसे अपना लंड मुँह में लेने के लिए कहा … लेकिन उसने मना कर दिया.

मैंने भी ज्यादा जिद नहीं की. पहले मैंने अपनी एक उंगली सरनी की फुद्दी में डाली और धीरे धीरे अन्दर-बाहर करने लगा. सरनी को थोड़ा सा दर्द हुआ. जब सरनी थोड़ा नार्मल हुई, तो मैंने दो उंगलियां डाल दीं. जब मैंने देखा कि सरनी की फुद्दी गीली हो चुकी है और मेरे लंड को अन्दर जाने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, तो मैंने किस करते करते अपने लंड को सरनी की फुद्दी पर सैट कर दिया.

मैं धीरे धीरे लंड को उसकी फुद्दी में डालने की कोशिश करने लगा. काफी देर के बाद लंड का टोपा उसकी फुद्दी के अन्दर चला गया. सरनी के मुँह से हाय निकला, पर उसने अपनी चीख अन्दर ही दबी ली. अगले शॉट ने मेरे लंड ने सरनी की सील तोड़ दी थी. सील टूटते ही सरनी एकदम से छटपटाने लगी, उसके मुँह से तेज चिल्लाने की आवाज निकलने को हो रही थी, मगर मुझे पहले से ही मालूम था, इसलिए मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था. उसके आंसू निकल आए, वो गूं गूं करके मुझे धकेल रही थी. मगर मैं गरम सांड की तरह उसकी फुद्दी में अपने लंड को फंसाए रहा.

मेरे लगातार कुछ देर तक उसे सहलाने और चूची चूसने से उसकी पीढ़ा कम हो गई और अब तक धीरे धीरे करके मेरा लंड भी चूत की गहराई में उतर गया था. अब उसकी फुद्दी भी मेरे लंड को अपने अन्दर समाना चाहती थी. मैंने किस करते करते धीरे धीरे अपना सारा लंड उसकी फुद्दी में डाल दिया.

इसके बाद मैं फिर रुक गया और उसके मम्मे चूसने लगा. कुछ ही देर में लंड ने सरनी की फुद्दी में जगह बना ली थी और उसका दर्द मजे में बदलने लगा था.

क्या मज़ा आ रहा था. मैंने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया. … कसम से आज से पहले कभी इतना मज़ा नहीं आया था.

मैं घस्से पर घस्सा मारे जा रहा था. पहले तो उसे काफी दर्द हुआ, लेकिन धीरे-धीरे वो नार्मल होने लगी. फिर वो भी कमर उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी. अब वो भी बहुत कामुक आवाज़ें निकाल रही थी.

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कुछ देर चोदने के बाद उसकी चूत जब मेरा लंड लेने के लिए खुल गई, तो मैंने लंड निकाल लिया.

अब मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी बुंड और फुद्दी को चाटने लगा. कोई दो मिनट चाटने के बाद मैंने लंड को फिर से उसकी फुद्दी पर सैट किया.

मैंने सरनी की कमर से पकड़ कर लंड सरनी की फुद्दी में डाला. मैंने फिर से उसकी जबरदस्त ठुकाई शुरू कर दी. जैसे जैसे मेरा लंड अन्दर बाहर हो रहा था, वैसे वैसे मैं अपने आपको जन्नत में सैर करता हुआ जैसा महसूस कर रहा था.

मेरे लंड के निशाने पर सरनी की फुद्दी चुदने से उसकी कामुक आवाजें उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे और जोश दिला रही थीं. हर घस्से के साथ सरनी मस्त होती जा रही थी. जब लंड अन्दर जाता, तो मेरे लंड के साईड का हिस्सा सरनी की बुंड के गोल गोल चूतड़ों से टकरा रहा था.

हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था. करीब 10 मिनट के बाद उसने मुझे कसके जांघों से पकड़ लिया और आगे की ओर खींचने लगी.
उसका स्खलन हो गया था इसलिए मैंने अपनी स्पीड कम कर दी. उसने खुद के झड़ने का पूरा मजा लिया और वो शिथिल हो गई.

थोड़ी देर बाद मैं फिर से शुरू हो गया. लंड और फुद्दी के मिलन से अब फच फच की आवाज़ आ रही थी. मैं झटके मारते हुए उसे किस कर रहा था. कोई दस मिनट मेरा भी निकलने वाला हो गया था. सरनी भी फिर से चरम पर आ गई थी. इस बार हम दोनों का एक साथ हो गया. मैंने अपना सारा माल सरनी की फुद्दी में छोड़ दिया.

मैं थोड़ी देर के लिए सरनी के ऊपर ही पड़ा रहा. इसके बाद हम दोनों बाथरूम में गए. अपनी फुद्दी पर लगा खून देखकर वो रोने लगी.
सरनी कहने लगी- ये तुमने क्या कर दिया?
मैंने उसे समझाया- पहली बार करने पर ऐसा हो जाता है. इसलिए डरने की कोई बात नहीं है.

वो मान गई और वापिस आ कर नंगी ही सो गई.

मुझे नींद नहीं आ रही थी. शायद सरनी भी नहीं सोई थी. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने उसे पीछे से जफ्फी डाली हुई थी. जब मेरे लंड ने सरनी की फुद्दी को टच किया, तो वो फिर से खड़ा होने लगा. मैंने धीरे धीरे से उसकी टी-शर्ट भी निकाल दी. मैं तो पहले से ही बिल्कुल नंगा था. अब सरनी के जिस्म पर भी कोई कपड़ा नहीं था. मैं सरनी की नंगी पीठ को चूम रहा था. कभी उसकी गर्दन, कभी कान, कभी कान के पीछे, कभी उसके कंधों पर किस कर रहा था. उसका जिस्म मलाई जैसा था.

अब तक मेरा लंड लोहे की रॉड बन गया था. जब मैंने लंड उसकी फुद्दी पर रगड़ना शुरू किया, तो पीछे हो कर वो लंड को फिर से अपनी फुद्दी में डालने लगी.

वो मुझे कहने लगी- प्लीज़ एक और बार करो ना. पहली बार में बहुत मज़ा आया था.

मैं तो खुद यह चाहता था. मैंने वैसे ही पीछे से उसकी फुद्दी में लंड डाल दिया और उसके मम्मे पकड़ लिए. मैं जोर जोर से झटके मारने लगा. फिर मैंने सरनी को घोड़ी बना कर उसकी फुद्दी ली.

उस रात हमने क‌ई पोजीशन में सेक्स किया, उन आसनों का मैं नाम भी नहीं जानता … बस उसके साथ चुदाई में लगा रहा. उस रात मैंने तीन बार उसकी फुद्दी चोदी. मैं तो उसकी ले कर खुश था ही, वो भी मुझसे अपनी सील तुड़वा कर बहुत खुश थी.

हम रात को ऐसे नंगे ही सो गए. सुबह उठकर मेरा फिर से मूड बन गया. मैंने सरनी से पूछा कि क्या इरादा है.
वो तो खुद यह चाहती थी.

एक बार फिर हम दोनों ने चुदाई ठुकाई की. वो रात मेरी पहली रात थी, जब मैंने पूरी रात किसी की फुद्दी चोदी थी और वो भी इतना खुल कर मजा लिया था. इसके बाद हम इकठ्ठे नहाने लगे. फिर हमने वापसी की तैयारी की. रास्ते में मैंने उसे गर्भ निरोधक गोली दी. शाम तक हम वापिस आ गए.

इसके बाद एक बार फिर से उसकी फुद्दी लेने का मौका मिला. लेकिन वो कहानी फिर किसी दिन सुनाऊंगा.

आपको मेरी कहानी कैसी लगी. ज़रूर लिखिएगा. धन्यवाद.
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