चंडीगढ़ के होटल में पड़ोसन देसी गर्ल चुद गई

मेरा नाम रोनित है, पढ़ा-लिखा हूँ.. नौकरी की तलाश कर रहा हूँ। मैं नरवाना हरियाणा का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 27 साल है।

पड़ोसन देसी गर्ल

बात आज से तीन साल पहले की है जब मुझे किसी लड़की को चोदने की बड़ी इच्छा थी। मेरे सामने वाले मकान में एक लड़की रहती थी.. जिसका नाम कोमल था।
उसकी उम्र 21 साल थी.. वो देखने में गोरी-चिट्टी थी। उसका 36-28-34 का फिगर इतना मस्त था कि उसे पहली नजर में ही देखकर कोई भी उसे चोदने के लिए सोचने लगे।

मैं उसे देखने के लिए हमेशा बाहर खड़ा रहता था.. कभी कभी छत पर भी चला जाता था। जब भी वो मुझे दिखती.. तो मैं उसकी तरफ कोई न कोई इशारा कर देता था.. पर मुझे उससे बात करने में डर लग रहा था।

वो दस फरवरी का दिन था.. मैं घर के बाहर खड़ा था। उसी समय वो भी बाहर आ गई.. तो मैंने उससे बात करनी चाही। उससे वैसे ही बात करते-करते मैंने पूछ लिया- कोमल 14 फरवरी यानि कि ‘वेलेंटाइन डे’ आने वाला है.. तो तेरा ‘कोई’ है.. या नहीं?
वो बोली- नहीं.. कोई नहीं है।

मैंने वैसे ही मजाक में कह दिया- अभी तो कोई नहीं है.. पर अगर तू ‘हाँ’ कर दे तो तुझे गुलाब दे दूँ?
उसने कहा- गुलाब देने के लिए हिम्मत कर लोगे?
मैंने भी कहा- अगर तू राजी हो तो हिम्मत तो मुझमें बहुत है।
इस पर कोमल ने कहा- ठीक है.. फिर दे देना।

वैलेंटाइन डे

मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई.. मैंने उसे अपना नंबर दे दिया। तेरह फरवरी को उसने मुझे फ़ोन किया.. जिसका मुझे जरा भी विश्वास नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है।

उसने कहा- कल वैलेंटाइन डे है और तुमने मुझसे दस फ़रवरी को कुछ कहा था।
मैंने कहा- बता फिर.. गुलाब कहाँ दूँ?
उसने कहा- कल मैं पास के शहर में जा रही हूँ.. अगर तुम वहाँ आ सको तो आ जाना।
मैंने कहा- ठीक है.. जगह का नाम बता दे.. तू मुझे उधर ही पाएगी।
उसने बताया और कहा- ठीक है.. फिर मिलते हैं।

मैं उस रोज सुबह 11 बजे उस जगह पर पहुँच गया और उसे फ़ोन किया।

मैंने उससे आने के लिए कहा.. तो वो कुछ ही देर में वहीं के एक होटल में आ गई.. और उसने मुझे वहीं बुला लिया।

हमारे बीच में बातचीत शुरू हुई और फिर हमने कुछ खाने का आर्डर किया।

फिर मैंने उससे कहा- क्यों न हम मूवी देखने चलें?
वो बोली- लेट तो नहीं हो जाएंगे?
मैंने कहा- अगर लेट हो गए तो देखा जाएगा।

उसकी ‘हाँ’ के बाद हम दोनों मूवी देखने चल पड़े। सिनेमा हॉल में ‘सात खून माफ़’ मूवी लगी थी। मैंने उस मूवी के लिए बाल्कनी के टिकट ले लिए।

सिनेमा हॉल में मस्ती

हम दोनों मूवी देखने लगे.. मूवी बहुत रोमांटिक थी। फिल्म के हॉट सीन आने पर मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा.. तो उसने कुछ नहीं कहा। मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैं उसके और करीब हो गया और मैंने उसके गाल पर एक पप्पी दे दी।

पहले तो वो थोड़ा कसमसाई.. तो मैं पीछे को हट गया और पूछा- क्या हुआ?
तो वो कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने पूछा- कुछ लगा तो नहीं?

उसने कुछ नहीं कहा तो मैं फिर दोबारा उसके पास हो गया और उसे फिर से किस कर दिया।
अब मैंने उससे कहा- मेरा आज तुम्हारे होंठों को चूमने का मन कर रहा है।
उसने कहा- कर लो.. रोका किसने है।

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अब मैंने लपक कर उसके होंठों पर किस किया.. तो मेरा लंड खड़ा हो गया।

मैंने कुछ देर तक उसके होंठों को चूमा और देखते ही देखते मैंने उसकी ब्रा में हाथ डालकर उसके चूचों को दबा दिया। उसकी कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं.. पर मैं मूवी खत्म होने तक उसके चूचे दबाता ही रहा।
उसके बाद हम दोनों वापिस आ गए।

अगले दिन उसका फ़ोन आया और बोली- तुमने मुझे कल किस किया और मेरे मम्मों को दबाया था.. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.. मुझे बैचनी हो रही है।
फिर मैंने कहा- बैचैनी तो मुझे भी हो रही है.. पर क्या करूँ?
उसने कहा- अब मैं क्या बताऊँ?

मैंने कहा- तुम बताओ तो सही.. जो तुम कहोगी.. मैं वही करूँगा।
उसने कहा- मुझे तुमसे मिलना है।
मैंने कहा- बताओ कहाँ?
उसने कहा- तुम कल चंडीगढ़ आ जाओ.. मैं भी कल यहाँ से अपनी रिश्तेदारी में चंडीगढ़ जा रही हूँ.. वहीं पर मिलते हैं।
मैंने कहा- ठीक है।

सिटी ब्यूटीफ़ुल चण्डीगढ़ में देसी गर्ल

मैं घर पर बहाना बना कर चंडीगढ़ चला गया और उससे मिला। हम दोनों घूमने के लिए लेक और रॉक गार्डन में गए। मैंने उससे पूछा- रात को कहाँ रुकोगी?
उसने कहा- जहाँ तुम रुकोगे।
पहले तो मुझे विश्वास नहीं हुआ.. फिर दोबारा पूछने पर भी उसने यही कहा।

तो मैंने पूछा- होटल में मेरे साथ रुकोगी? तेरे रिश्तेदार कुछ नहीं कहेंगे?
उसने हामी भरते हुए कहा- मैं उनको कह कर आई हूँ कि मैं आज रात अपनी सहेली के घर पर रहूँगी।

अब मैंने फोन से अपने दोस्त को एक होटल में एक कमरा बुक करने को बोला.. उसने कमरा बुक करा दिया।

हम दोनों उस होटल में पहुँच कर अपने कमरे में आ गए।
कमरे में घुसते ही उसने मुझसे कहा- अब नहीं रहा जाता।

उस वक्त तक मेरा भी यही हाल था.. पर फिर भी मैंने कहा- पहले कुछ खा तो लो.. आज रात हम साथ में ही हैं.. जो दिल करेगा वही करेंगे।

मैंने कमरे में ही खाने का आर्डर किया। खाना खाने के बाद मैं फ्रेश होने के लिए बाथरूम में गया ही था और जब वापिस आया.. तो देखा वो बिस्तर पर ब्रा और पेंटी में लेटी हुई थी।

मैं तो उसे देखते ही रह गया। उसने मुझे इशारा किया कि अब तो आ जाओ।

मैंने भी उसे बिस्तर पर पकड़ लिया और उसके होंठों को चूमने लगा और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटाया और उसके ऊपर आकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।
ब्रा खुलते ही उसके चूचे बाहर आ गए।

अब मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके एक चूचे को चूसने लगा.. साथ ही उसके दूसरे चूचे को दबाने लगा, उसकी मादक सीत्कारें निकलने लगीं, वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर रही थी।

कुछ ही देर में उसकी पेंटी भी निकाल दी और उसकी चूत पर हाथ फिराने लगा, अब तो वो जैसे पागल सी हो गई थी।

मैंने भी देर न करते हुए अपने कपड़े भी निकाल दिए और उसके सामने लंड हिलाता हुआ आया। वो मेरे खड़े लंड को देख कर घबरा गई। मैंने उसके पैरों को फैलाया और उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया।

वो मेरा मोटा लंड देखकर घबरा गई और अपने हाथ से मेरे लंड को हटाने लगी। मैंने अपने लंड को उसके हाथ में थमाया और कहा- जरा इसे चूसो।
वो शर्माने लगी..
तो मैंने कहा- एक बार चूस कर तो देखो डार्लिंग.. अगर मजा आए तो चूसना.. तो वरना रहने देना!

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उसने शर्माते हुए मेरे लंड को मुँह में ले लिया.. कुछ ही पलों में उसे मजा आने लगा और वो पूरी शिद्दत से लंड चूसने लगी।
फिर मैंने सोचा क्यों न जैसे ब्लू-फिल्मों में दिखाते हैं.. वैसे किया जाए।

दोस्तो, चुदाई में किया गया पहला काम हमेशा याद रहता है.. तो मैंने उससे कहा- तुम मेरा लंड ऐसे ही चूसती रहो, मैं तुम्हारी चूत को संभालता हूँ।

अब मैं उसके ऊपर से ही उल्टा होकर लेट गया.. जिससे कि मेरा लंड उसके मुँह में था और मेरा मुँह उसकी चूत पर लगा था। फिर हम दोनों एक दूसरे के चूत लंड को कई मिनट तक चूसते रहे।

अब वो बोली- मुझे तड़पाओ मत!
मैंने कहा- मेरी जान इसी में तो मजा है।

वो और पागलों की तरह मेरा लंड चूसने लगी, फिर वो बोली- यार मुझसे नहीं रहा जाता.. प्लीज इसे मेरी चूत में अन्दर डाल दो न!
मैं उसके ऊपर से उठकर चुदाई की स्थिति में आया और अपने लंड को उसकी चूत पर रखकर धीरे से अन्दर धक्का मारा।

शायद वो पहले कभी नहीं चुदी थी.. इसलिए उसकी चूत थोड़ी कसी हुई थी इसलिए उसकी ‘आह्ह..’ निकलने लगी।
मैंने उसके होंठों तो चूमते हुए एक जोर का धक्का लगाया तो वो छटपटा गई.. मैं रुका और थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने फिर से धक्का लगाया तो अब वो रोने लगी।

मैंने कहा- मेरी जान पहली बार दर्द होता है।
उसके बाद मैंने धीरे-धीरे करके पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और धीरे-धीरे उसे चोदने लगा।

अब उसे भी मजा आने लगा.. तो वो भी अपनी कमर उठकर मेरा साथ देने लगी। मैं भी उसे मस्ती से चोदते हुए उसके चूचों को चूस रहा था। करीब दस मिनट के बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने पूछा- मैं झड़ने वाला हूँ।
तो वो बोली- कोई बात नहीं.. अन्दर ही होने दो.. पर तुम मुझे चोदते रहो।

मैं उसके अन्दर ही झड़ गया। इस बीच वो भी दो बार स्खलित हो चुकी थी। थोड़ी देर आराम करने के बाद मैंने उसे मेरा लंड चूसने को कहा और वो फिर से मेरा लंड चूसने लगी।
चूँकि वो उठ नहीं सकती थी तो उसने बेड पर लेटे-लेटे ही मेरे लंड को चूसा और दस मिनट में उसे फिर से खड़ा कर दिया।

वो बोली- अब हथियार फिर से तैयार है.. इसे फिर मेरी चूत में डाल दे राजा.. आज मुझे इस लंड से सारी रात मजा लेना है।

मैंने भी अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसे चोदने लगा।
उसने कहा- आह्ह.. और जोर से..
मैंने उसे जी भर के चोदा और इस बार मैं उसके मुँह में झड़ा।

उस रात हमने चार बार सेक्स किया और अगले दिन चुदाई करते रहे।

उसके बाद हमें जब कभी वक़्त मिलता.. हम दोनों चुदाई अवश्य करते।
अब उसकी शादी हो चुकी है। मैं उससे अब भी फ़ोन पर बातें करता हूँ.. पर कभी मिलने का समय नहीं मिलता.. नहीं तो हम फिर से वही चुदाई का कार्यक्रम कर पाते।

आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
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