चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 5

Xxx लड़की की चुदास की कहानी में पढ़ें कि अन्तर्वासना के नशे में एक लड़की ने सड़क चलते दो बाबा को घर में बुलाया और अधनंगा जिस्म दिखाकर उन्हें फांस लिया.

यह कहानी सुनें.

 

दोस्तो, मैं आपकी पूनम पांडेय एक बार से अपनी चुदाई कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के पिछले भाग
भाई के दोस्त से चूत मरवा ली
में अब तक आपने पढ़ा कि मुझे अपनी चूत गांड के नए शिकार के रूप में दो हट्टे-कट्टे बाबा मिल गए थे.
मैं उन्हें अपने सूने घर में ले आई थी और उनसे अपनी दूध रेखा दिखाती हुई हस्तरेखा दिखा रही थी.

अब आगे Xxx लड़की की चुदास की कहानी:

उस बाबा ने बोला- बेटी तुम तो मांगलिक हो मतलब जिससे भी तुम्हारी शादी होगी, उसकी जल्दी ही मृत्यु हो जाएगी.
इस बात पर मैं झूठमूठ की निराश हो गई.

पर दूसरे बाबा ने मुझे सांत्वना देते हुए मेरे नंगे कंधे पर हाथ रखा और मेरा कंधा मसलते हुए कहा- कन्या इसका उपाय भी है … लेकिन थोड़ा कठिन है, जो तुमसे हो नहीं पाएगा. लेकिन अगर इसको कर लिया तो तुम्हारे जीवन के सारे दोष हट जाएंगे.

मैंने बाबा से बोला- नहीं बाबा, आप बताओ, मैं सब कुछ करने को तैयार हूँ. जो भी मुझे जैसा भी उपाय करना पड़ेगा, मैं करूंगी.

इस पर उन दोनों बाबाओं ने आपस में कुछ इशारे में बात की और एक ने कहा- देखो कन्या, तुमको अभी के अभी एक शादी करनी होगी, वो भी दो मर्दों से एक साथ … और तीन दिन तक उनके साथ रहना पड़ेगा. वो भी उनकी पत्नी बन कर मतलब जैसे एक पति पत्नी का रिश्ता होता है, वैसे ही तुम्हें अगले तीन दिनों तक अपने दो पतियों से साथ वो सारा पत्नी धर्म निभाना होगा.

मैं अन्दर ही अन्दर ख़ुशी दबाती हुई बोली- बाबा मैं ये काम करने को भी तैयार हूँ लेकिन मुझे वो दो मर्द मिलेंगे कहां … और वो कैसे होने चाहिए?
इस पर दूसरे वाले बाबा ने कहा- हम यहां ऐसे ही तुम्हारे घर नहीं आ गए. हम दोनों ऊपर वाले द्वारा भेजे गए दूत हैं और तुम्हारी हर समस्या का निवारण हमारे द्वारा ही होगा.

मैं बोली- मतलब आप दोनों मेरे पति बनेंगे?
इस पर उन दोनों ने हामी भरी और बोले- अभी तुमको पूरे रीति रिवाज के साथ हम दोनों से शादी करनी होगी. इसके लिए तुम जाकर एकदम दुल्हन की तरह तैयार होकर आ जाओ, बाकी पूजन की तैयारी हम करते हैं.

इस बात पर मैं खुशी खुशी कमरे से बाहर आई और कुछ देर रुक कर उनकी बातों को सुनने के लिए अपने कान लगा दिए.

वो दोनों ढोंगी बाबा आपस में बात करते हुए बोले- क्या मस्त चूतिया बनाया है इस लड़की को … आज तो बड़ी गजब की माल मिली है चोदने को … और वो भी पूरे तीन दिनों के लिए. हम दोनों को मज़ा ही आ जाएगा.
ये सब बात करते हुए वो दोनों हंसने लगे.
उन्हें क्या पता था कि मैं उन पर हंस रही थी.

अब मैं ऊपर कमरे में आ गई.
मुझे उन दोनों बाबाओं के बारे में शुरू से पता था कि ये साले ढोंगी है और ये सारा राग मेरी फुद्दी लेने के लिए अलाप रहे हैं. लेकिन मुझे भी तो यही चाहिए था.

तीन दिन के लिए वैसे भी मेरा घर खाली था और मुझे चाहिए भी था कि किसी तरह से मेरी जबरदस्त चुदाई करने वाला आ जाए. ये तो मेरे लिए तो डबल बोनस सा था कि एक नहीं दो लोग मुझे एक साथ चोदने वाले थे.

अब मैंने एक लाल रंग की ब्रा एकदम खुली हुए पहनी, नीचे कसा सा पेटीकोट पहना जो मेरे घुटने तक था. मैचिंग की साड़ी पहनी और काफी गहरा मेकअप कर लिया.
पायल और चूड़ी पहन कर मैं Xxx लड़की एकदम रंडी किस्म की दुल्हन बन कर तैयार हो गयी.

जब मैं नीचे आयी तो देखा उन दोनों बाबाओं पूरा पाखंड करते हुए हवन कुंड रेडी कर लिया था और न समझ में आने वाले कुछ मन्त्रों का उच्चारण कर रहे थे.

मुझे इस अवतार में नीचे आते देख कर वो दोनों एकदम जंगली निगाहों से देखने लगे.

मैं गांड मटकाती हुई नीचे पहुंच कर उनके सामने बैठ गई.

कुछ देर बाद उन दोनों ने मेरे साथ 7 फेरे लिए, मेरी मांग भरी और मुझे मंगलसूत्र पहना कर मुझे अगले तीन दिनों के लिए बस चोदने के लिए अपनी पत्नी बना लिया.

More Sexy Stories  कलयुग का कमीना बाप-11

इसके बाद मैंने अपने दोनों पतियों का आशीर्वाद लिया.

अब दोपहर हो गयी थी तो मैंने तीनों के लिए खाना बनाया और खाने के बाद हम तीनों कमरे में आ गए.

वो दोनों बाबा बिस्तर पर लेट गए.
मैं जाकर उन दोनों बाबा के बीच में लेट गयी.

इसके बाद दोनों ने मुझे बारी बारी काफी देर तक और काफी तगड़े वाले स्मूच करते हुए मुझे मसला.

मैंने कहा- मेरे पतिदेवो … अभी जल्दी क्या है … कुछ देर आराम कर लेते हैं.
वो भी खाना खाकर अलसाए हुए थे तो एसी की ठंडक में आराम करने के मूड में आ गए थे.

हम तीनों चिपक कर सो गए.

मेरी आंख शाम को 7 बजे खुली, तो देखा कि दोनों बाबा मेरे दोनों चूचे पकड़े सो रहे थे.
मैं मुस्कुराई और उठ कर बाथरूम चली गयी.

फिर अपने तीनों के लिए मैंने चाय बनाई और उन्हें उठा कर साथ में चाय पी.

एक बाबा बोला- पत्नी जी, आज सुहागरात किस तरह से मनाई जाए?
मैं कुछ नहीं बोली.

तो दूसरा वाला बाबा बोला- आज तो मुर्गा दारू चलना चाहिए.
जिस पर मैं बोली- नहीं, मैं शाकाहारी हूँ और मैंने आज तक मांस नहीं खाया है और न ही मेरे घर बना या आया है.

इस पर एक बाबा बोला- अरे इससे कुछ नहीं होता है. अब तुम हम दोनों की तीन दिनों तक पत्नी हो. और पत्नी का धर्म सिर्फ पति की बात मानना होता है.
इतना बोलते हुए एक बाबा घर से बाहर चला गया. वो नॉन वेज और दारू लेने के लिए गया था.

तब तक दूसरे बाबा ने मुझे अपने पास बुला कर मुझे अपनी गोद पर बिठा लिया. वो मेरे गालों को चूमते हुए मेरे गले और मेरे होंठों को चूसने लगा.
उसने मुझे चूम चूस कर गर्म कर दिया.
ऐसा उसने तब तक किया, जब तक दूसरा बाबा घर वापस नहीं आ गया.

उसके आने के बाद बाहर वाले कमरे में उसने खाना लगाया.
जहां हम दोनों भी पहुंच गए. पहले दो दो पैग हम तीनों ने पिए.

उस दिन पहली बार मुझे चिकन खाते हुए कुछ अजीब सा लगा लेकिन 2 कौर के बाद मुझे उसमें स्वाद आने लगा.

करीब 9 बजे तक हमारा खाना और पीना खूब तगड़े से हुआ.
हम तीनों टुन्न हो गए थे.

अब उसमें से एक बाबा ने मुझे वहां से अपनी गोद में उठाया और अन्दर कमरे में ले जाकर मुझे लिटा दिया.
तब तक दूसरा बाबा भी आ गया और उन दोनों ने अपने कपड़े निकाल दिए.

अब वो दोनों सिर्फ लंगोट में आ गए थे.

इसके बाद वो दोनों मेरे अगल बगल आ गए और एक बाबा मेरे होंठों को चूसने लगा जबकि दूसरा वाला मेरे बदन को चाटता हुआ मुझे नंगी करता जा रहा था.

कुछ ही देर में मैं दो अनजान मर्दों के साथ लेटी थी, जिनका नाम भी मुझे नहीं मालूम था.

वो दोनों मेरे नंगे बदन के साथ खिलवाड़ करने में लगे थे और मैं किसी चुदासी रंडी की तरह वासना की आग में अपने चरम सुख का अनुभव करने की ओर बढ़ रही थी.

वो दोनों बाबा किसी टीम की तरह मिल कर मुझसे खेल रहे थे.
दोनों मेरे पूरे बदन को चूसते चाटते और चूमते हुए मजा ले रहे थे.

उन्होंने पहले मेरे होंठों का जी भर कर रस पिया.
इसके बाद उन दोनों ने किसी बच्चे की तरह मेरी एक एक चूची मुँह में लगा कर खूब जोरों से चूसा.

मेरी दोनों चूचियां एकदम लाल पड़ गयी थीं और उन दोनों ने मेरे मम्मों को खूब मसला.
मेरे मम्मों में दर्द होने लगा था लेकिन चुदास के चलते मैं सब सहती रही.

फिर दोनों बाबाओं ने मुझे करवट लिटा दिया.
एक ने मेरी चूत में अपना मुँह डाल दिया जबकि दूसरा मेरे गांड के छेद में अपनी जीभ घुसा कर मुझे पानी पानी करने में लगा था.

मेरी चुदासी चूत कर रस जल्दी झड़ गया.
इसके बाद एक बाबा मेरे मुँह के सामने अपना लंगोट में आ गया और दूसरा बाबा भी मेरी गांड चाट कर मेरी चूत पर आ गया.

इधर मैं उस पहले वाले बाबा का लंगोट सहलाने लगी जिसमें मुझे समझ आ गया कि इसमें कोई सामान्य लौड़ा नहीं है.

फिर जब मैंने लंगोटा खोला तो उस बाबा का हब्शी किस्म का लौड़ा मेरे मुँह पर आ लगा. उसका लौड़ा काफी लम्बा था और मोटा भी था.
मेरी आंखें चमक उठीं और मैंने एक पल का समय भी न गंवाते हुए लंड को अपने मुँह में ले लिया.

More Sexy Stories  हसीन गुनाह की लज़्ज़त-1

मैं पूरा लवड़ा अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.
बाबा आह आह करने लगा. उसे मजा आने लगा था.

बीच बीच में वो बाबा मुझे अपनी गोटियां भी चुसाने लगता.

अब जब उसकी वासना बढ़ने लगी तो उसने मेरे बालों को पकड़ कर मेरे सिर को अपने लंड पर दबाना शुरू कर दिया और अपना पूरा सांड जैसा लम्बा लौड़ा मेरे मुँह में ठूंस दिया.

मेरी सांस रुक गयी और मजबूरन कसमसाते हुए मुझे सांस लेना पड़ी.

वो यूं ही मेरे मुँह में अपना लंड पेले हुए झटके मारने लगा.
इस कारण उसका टोपा मेरे हलक के पार चला गया और उसी समय उसके लंड का पानी निकलने लगा जो कि सीधे मेरे हलक से नीचे उतरता जा रहा था.

इधर दूसरे वाले बाबा ने मुझे एक और बाद झाड़ दिया और मेरा सारा पानी खुद पी गया.

इसके बाद अब लौड़ा चुसाने वाले बाबा ने मुझे सीधा कर दिया और मेरी दोनों टांगों को फैला कर वो खुद मेरे सामने आ गया.

वो मेरी नन्हीं सी चूत को किसी रंडी का भोसड़ा बनाने के लिए उसमें अपना लंड सैट करने लगा.
तब तक दूसरा वाला बाबा मेरी छाती पर चढ़ गया और एक ही बार में उसने अपने पूरे लंबे और मोटे लौड़े को मेरे मुँह में पेल दिया.

मैं उसके लंड को अपने हलक में भर कर चूस रही थी और तब तक दूसरे बाबा ने मेरी चूत पर अपना लंड टिका कर एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर पेल दिया.

चूंकि मेरी चूत एकदम गीली हो चुकी थी जिसके कारण उसका लंड एक बार में अन्दर तो चला गया लेकिन मुझे दर्द और जलन बड़ी तेजी से होने लगी.

उस बाबा ने बड़ी बेहरहमी से मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया था.

मैं दर्द के मारे चिल्लाना चाहती थी लेकिन एक बाबा का लौड़ा मेरे मुँह के अन्दर होने की वजह से मेरी आवाज लौड़े से टकरा कर मुझमें वापस रह गयी.
वो दोनों मुझे दोनों तरफ से फुल स्पीड में चोदने लगे.
एक मेरी चूत पेल रहा था तो दूसरा मेरा मुँह.

कुछ देर बाद ऊपर वाले बाबा ने मेरे मुँह से अपना लौड़ा निकाला तो मुझे राहत सी मिली.
पहले तो मैंने कुछ देर खुल कर सांस ली.

मगर तब तक उसने मेरी दोनों चूचियों के बीच में खूब सारा थूक कर उसको चिकना बना दिया.

फिर मेरी दोनों चूचियों को पकड़ कर बाबा ने मुझे हाथ बांधने को कहा.

उसने अपना लौड़ा मेरी दोनों चूचियों के बीच में रख दिया था और रगड़ने लगा था.
उसका लंड बड़ा था, जिसके कारण उसका पूरा सुपारा मेरे मुँह में भी जा रहा था.

तकरीबन आधा घंटा से ऊपर चली इस डबल चुदाई के बाद मेरी चूत दो बार झड़ गई थी.
झड़ने के बाद बाबा ने अपना लौड़ा चूत से निकाला और मुँह में लगा बाबा भी मुझ पर से हट गया.

अब मुँह में लंड दिए वाला बाबा सीधा होकर लेट गया और उसने मुझे अपने ऊपर चढ़ा लिया.
उसने अपना लंड चूत में घुसा दिया और मुझे खूँटे पर टांग सा दिया.

उसका लंड धीरे धीरे चूत के अन्दर सरकने लगा था.
मैं भी उसका लंड बड़े आराम से लीलती चली गयी.

अभी पहले वाले बाबा ने मेरी चूत का मुँह काफी खोल दिया था. हालांकि मेरे झड़ने के बाद वो अलग हो गया था और वो खुद अभी नहीं झड़ा था.

एक लंड से चुदने की वजह से मेरी चिकनी खुली चूत में मैंने दूसरे बाबा का लंड बड़े आराम से ले लिया था.

लंड चूत में लेने के बाद मैं अपनी गांड उचका उचका कर दूसरे बाबा जी से चुदवाने लगी.

तभी कुछ ऐसा हुआ कि मेरी चूत गांड में ख़ुशी की लहर दौड़ गई.
उन दोनों बाबाओं ने मिल कर मेरी सैंडविच चुदाई शुरू कर दी थी जिसमें मुझे पहले तो काफी दर्द हुआ मगर बाद में मुझे इतना मजा आया कि मैं आपको इस भाग में नहीं लिख सकती.

मैं आपको अपनी चुदाई कहानी का अगला भाग लिख कर बताऊंगी कि मेरी चुदाई एक साथ दो लंड से कैसे हुई.

मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी Xxx लड़की की चुदास की कहानी पसंद आ रही होगी. आप मुझे मेल करना न भूलें.

[email protected]

Xxx लड़की की चुदास की कहानी का अगला भाग: चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 6