क्रॉसड्रेसर ने लड़की बनकर सरदार जी से गांड मरवाई

CD गांडू सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं खुद को लड़की फील करने के लिए नए नए प्रयोग करती रहती हूं. ऐसे ही सोशल मीडिया एक सरदार जी से दोस्ती करके गांड मरवाई.

फ्रेंड्स, मैं क्रॉसड्रेसर शिवानी एक नई कहानी लेकर फिर से हाजिर हूं.

मेरी पिछली सेक्स कहानी
राजेश से शिवानी रंडी बनने तक का सफर
के बाद मुझे काफी सारे ईमेल आए, कईयों ने प्रपोज किया, जिससे मेरी ईमेल बॉक्स भर गया.
खैर … मैं इस बार अपनी मेल आईडी चेंज कर रही हूं. अब आप सब इस मेल आईडी पर मैसेज करना.

हूं मैं वही जयपुर वाली शिवानी क्रॉसड्रेसर रंडी.

जैसा कि मैंने पिछली CD गांडू सेक्स कहानी में बताया था कि मैं खुद को लड़की फील करने के लिए नए नए प्रयोग करती रहती हूं.
इसी के चलते मैंने माहवारी फील करने के लिए कंडोम में गाजर चुकंदर का जूस डालकर फ्रीजर में रखकर उसे जमा दिया.

फिर कंडोम को फाड़कर वो ठंडा ठंडा गोला गांड में ले लिया.
ठंडा गोला गांड में लेने से एक अलग किस्म की जलन और दर्द भी हुआ, जिसे मैं खुशी खुशी माहवारी के वक्त लड़कियों को होने वाले पेड़ू के दर्द को समझकर सहन कर गई.

इससे मेरी लड़कियों वाली फीलिंग और मजबूत हुई.
मेरी गांड की गर्मी से पिघल कर वो जूस बूंद-बूंद कर के रिसता, तो मैं माहवारी होना महसूस करती.
अपने छेद पर विस्पर भी चेंज करती.

ऐसा महीने में 3 दिन करती.
उन दिनों में आराम भी करती, ज्यादा उछल कूद नहीं करती. उन 7 दिनों तक मंदिर नहीं जाती, पूजा नहीं करती ताकि एकदम लड़की जैसा फील हो.

उस समय मेरी मम्मी ने मुझसे पूछा भी कि पूजा क्यों नहीं कर रहा है तो मैंने बहाना बना दिया कि मन नहीं कर रहा है.
मम्मी ने कुछ ज्यादा नहीं कहा.
हालांकि मेरा मन था कि मैं लड़कियों के जैसे कह दूँ कि मुझे पूजा करना नहीं है.

दोस्तो, आपको तो मालूम ही होगा कि जब लड़कियों को माहवारी होती है, तब वो यही कह देती हैं कि उन्हें काम करना नहीं है. इससे समझ आ जाता है कि बंदी की चूत ने पान चबाया हुआ है और रिस रही है.

आप समझ सकते हैं कि मैं खुद को लड़की महसूस करने के लिए कितनी कोशिश करती थी.

कुछ दिन बाद मैंने एक एडल्ट सोशल नेटवर्क पर अपना एक नया अकाउंट बनाया.
मैंने वहां कई सारे अकाउंट्स पर चैट की, कई फर्जी निकले, कई फट्टू निकले.

वहां मुझे एक सरदार जी मिले. सरदार जी का मनप्रीत सिंह नाम से अकाउंट था.
शायद ये उनका असली नाम था.

वो मेरे ही शहर में नौकरी करते थे और अकेले रहते थे.

अभी इससे ज्यादा जानकारी उन्होंने मुझे नहीं दी थी.
मनप्रीत सिंह जी वाकयी में क्रॉसड्रेसर को पसंद करते थे.

मुझे भी उनसे बात करके बड़ा सहज महसूस हुआ. मुझे उनकी फोटो में एक खास बात लगी, उनकी दाढ़ी.
फोरप्ले के दौरान मुझे मेरी गर्दन और कानों के पीछे दाढ़ी का चुभना बहुत उत्तेजित करता है.

तीन दिन उनसे अच्छी चैट होने पर हमारे बीच काफी जुड़ाव हो गया था.

फिर आने वाले संडे को हमारी मीटिंग होना तय हुई क्योंकि संडे को मेरे घर वाले भी बाहर जा रहे थे और मैं पढ़ाई का बहाना करके घर पर ही रुक गई थी.

अब मैं सांसें रोक कर घरवालों के बाहर जाने का इन्तजार करने लगी.

खैर, वो दिन भी आया.
जैसे ही घरवाले गए, मैंने अपने जिस्म के अनचाहे बालों को साफ़ किया.

संडे को पास के पार्क में छिपाकर रखी हुई मेरी क्रॉसड्रेसिंग किट ले आई.

उसमें मेरी विग, ब्रा, कपड़े, मेकअप का सामान, माहवारी के समय लगाने वाले विस्पर पैड, हिप्स पैड ताकि मेरे कूल्हे चौड़े दिखें, गांड भी और अधिक उभरी हुई दिखे, वो सब ले आई.

सामान घर लाकर मैंने खुद को सजाना शुरू किया.

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अपनी चिकनी बॉडी को पूरी नंगी करके खुद को निहारा और मंत्र मुग्ध होने लगी.
मेरे दूध काफी फूल गए थे, जो निरंतर मालिश करने से हो गए थे.

आम दिनों में मैं अपने मम्मों को एक बहुत ही चुस्त पट्टे से और बनियान से दाब कर रखती थी.
फिर मैंने एक अपनी स्पेशल चड्डी पहनी जो मेरी लुल्ली को दाब कर ऊपर से चूत का शेप देती थी.

फिर मैंने कूल्हों और हिप्स पर पैड लगाकर पैंटी पहनी, जिससे मैं एकदम किम किर्दिशियान जैसी फिगर वाली माल लौंडिया लगने लगी थी.
इसके बाद मैंने ब्रा पहनी, एक लैगिंग और कुर्ती डाली, चुनरी डाली.

वो बारिश का मौसम था तो मेरे लिए बोनस सा था कि मैं ऊपर से बरसाती पहन सकती थी इसलिए मैंने कानों में भी चांद जैसी बालियां भी डाल लीं.

मुझे चांदबालियां और लंबे झुमके बेहद पसंद हैं, इससे सेक्सी लुक दिखता है.
इन बालियों को पहन कर घोड़ी बनकर चुदने पर बालियां आगे पीछे डोलती हैं, तो खुद को भी सेक्सी फील होता है और मेरे पार्टनर को भी.

उस वक्त छन छन की मधुर आवाज ऐसी मस्त लगती थी जैसे चुदाई के साथ लय ताल मिला रही हो.

इसके बाद मैंने खुद को आईने में देखा और लिपस्टिक लगा कर पप पप करके खुद अपने होंठों को खतरनाक बनाया.

फिर ऊपर से बरसाती डाली और पूरे चेहरे को ढकने वाला हेलमेट पहना, जिससे मैं अन्दर से लड़की बनी हुई हूं, किसी को मालूम नहीं चले.

अब मैंने घर को लॉक किया और स्कूटी से चल पड़ी.

थोड़ी दूर चलने पर मौसम खुशनुमा भी हो गया और यहां कोई जानपहचान का नहीं मिलने का रिस्क भी नहीं था तो साईड में स्कूटी रोककर बरसाती उतार कर डिग्गी में डाल ली.
अब मैं पूरी तरह लड़की थी, जो आजादी से शहर में स्कूटी पर घूम रही थी.

मेरे विग के बाल और दुपट्टा हवा में लहरा रहे थे. मैं इसका आनन्द लेती हुई मनप्रीत सिंह जी के अपार्टमेंट के सामने आ पहुंची.

वे भी मेरा इंतजार कर रहे थे और मुझे लेने नीचे आए.

अपार्टमेंट के गार्ड ने एक बार तो मुझे देखा, पर फिर उसे लगा कि मैं कोई लड़की ही हूं तो ज्यादा गौर नहीं किया.

मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ सीढ़ियां चढ़ती हुई सरदार जी के फ्लैट में आ गई.
मनप्रीत जी ने लिफ्ट का भी कहा, पर मैं लड़कियों की तरह घूमने वाली फीलिंग को और जीना ज्यादा चाहती थी, इसलिए सीढ़ियों से गई.

इस दौरान मैं गांड मटका मटका कर चल रही थी. उन्होंने सीढ़ियों पर मेरे हिप्स पर एक दो करारे तमाचे भी लगाए.

खैर … हम दोनों उनके फ्लैट में आ पहुंचे.
मैं वहां सोफे पर बैठी और वो मेरे लिए चाय बनाकर लाए.

उन्होंने मेरे हुस्न की तारीफ की और मैंने भी उनके मसल्स और दाढ़ी की तारीफ की.

चाय पीते ही वो मुझ पर टूट पड़े और बांहों में भर लिया.
मैंने भी उनको प्रत्युतर में बांहों में भर लिया और चूमती हुई लिपलॉक करने लगी.

उन्होंने इसका करारा जवाब देते हुए मेरे मुँह के अन्दर तक जीभ घुमा घुमाकर मेरी जीभ को चूसना शुरू कर दिया.

इस दौरान उनकी चुभती दाढ़ी से मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई.
वे मेरे बूब्स को जोर जोर से मींजने लगे.
मैं आनन्द के सागर में गोते लगाती हुई उनकी पीठ को सहलाने लगी और बालों में हाथ फेरने लगी.

फिर उन्होंने कुछ ही पलों में मेरे सारे कपड़े खोल दिए और मुझे बेड पर लेटाकर मेरे पैर के तल्ले, अंगूठे, टखने, पिंडली और जांघ को चूमते हुए उन पर जीभ फेरने लगे.

सारे कपड़े खोलते समय वो मेरी लुल्ली को टटोलने लगे थे तो मैंने उन्हें लुल्ली पर चढ़ी मेरी स्पेशल चड्डी को हटाने के लिए रोका.
वो मान गए.

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फिर जिस तरह से उन्होंने मुझे प्यार करना शुरू किया, मुझे उनका वो अंदाज बहुत पसंद आया.

उन्होंने मेरी नाभि में जीभ डालकर चूसना शुरू कर दिया, जिससे मैं सातवें आसमान पर पहुंच गई.
लेकिन असली आक्रमण तो अभी बाकी था.

जब उन्होंने मेरे एक निप्पल को मुँह में लेकर ऊपर की तरफ खींच खींचकर चूसना शुरू किया और दूसरे बूब को मींजना शुरू किया तो मैं निहाल हो गई.

उनके मर्दाना हाथ मेरे दूध को और मेरी कमर को, मेरे पेट की चमड़ी को आटे की तरह गूंथ रहे थे और मैं एकदम मदहोश हो गई थी.
फिर उन्होंने मेरी गर्दन, कानों के पीछे, कानों की लौ का चूसा और दांत से काटा भी.

मेरी मादक सिसकारियां निकलने लगीं.

फिर मैं उन्हें खड़ा करती हुई खुद घुटनों के बल बैठ गई और तेजी से उनकी पैंट और अंडरवियर को निकाल दिया.

उनका लंड 6 इंच का था, यानी सामान्य!
मैंने लंड को गप्प से मुँह में भर लिया और चटखारे लेकर चूसने लगी.

अब सिसकारियां भरने की बारी उनकी थी.
मैं गले तक लंड लेती और फिर निकालती, साथ ही उनके अंडकोष भी सहलाती. बारी बारी से दोनों गोटों पर जीभ से चाट कर उन्हें सनसनी का अहसास दिलाती.

वो कसमसा कर मेरे मेरे सर को अपने गोटों पर दाब देते.
मैं भी एक ही बार में लंड को मुँह में ले लेती.

इस सबसे वो और उत्तेजित होकर मेरे बालों को पकड़ कर लंड अन्दर तक ठूंस देते और झटके मारते.

तकरीबन 15 मिनट की चुसाई के बाद भी उनका लंड नहीं झड़ा, तो मैं उनके स्टेमिना की भी कायल हो गई.

फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और कंडोम लगाकर एक झटके में लंड गांड के अन्दर डाल दिया.
मैं कसमसाती रही और वो दनादन घुसाते रहे.

मैं सरदार जी का पूरा लंड अपनी गांड के अन्दर लेकर बहुत अच्छा महसूस कर रही थी.
उन्होंने लंबे लंबे करारे करारे शॉट लगाने शुरू किए और साथ में पीछे से हाथ डालकर मेरे बूब्स को मसलना शुरू किया.

मैं मदहोशी के सागर में डूब सी गई.
मेरी मदहोशी तब टूटी, जब उन्होंने मेरे नितंब पर चांटा मारा.
पर ये दर्द भी और मदहोश करने वाला था.

मेरी सहमति देखकर उन्होंने चोदने की स्पीड बढ़ाने के साथ ही चांटे मारने की भी स्पीड और पॉवर बढ़ा दी जिससे एक तरफ मेरी गांड की खुजली शांत हो रही थी, वहीं नितंबों पर जलन बढ़ रही थी.

मैं दोनों का आनन्द लेती हुई अपने बूब्स को खुद मेरे ही हाथ से, जितना जोर से दबा सकती थी, दबाने लगी और निप्पल मींजने लगी.
मेरी कामुक सिसकारियां उनके पूरे फ्लैट में गूंज रही थी.

कोई 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद उन्होंने पूछा- वीर्य कहां निकालूं?
मैंने कहा- मैं इसे पीना चाहती हूं.

उन्होंने मुझे घुटनों के बल बिठाया और अन्दर गले तक अपना लंड ठूंस दिया.
मैं लंड चूसने लगी और कुछ ही सेकंड में उनके वीर्य का फव्वार छूटा.

मैं भी मनप्रीत जी के वीर्य के स्वाद का आनन्द लेने लगी.
एक एक बूंद को चाटकर साफ करने के बाद मैंने लंड को अपने मुँह से निकाला.

उसके बाद हमने दिन भर में 3 राउंड चुदाई की जिसमें उन्होंने मुझे अलग अलग पोजीशन में चोदा.

मुझे काऊगर्ल पॉजीशन में चुदाई करवाने में बहुत मजा आया.
जब वो मेरे बूब्स को मींजते और मैं उछल उछल कर चुदवाती तो बड़ा मजा आता था.

उस दिन से यह मेरी फेवरेट गांडू सेक्स पोजीशन बन गई है.

हालांकि मनप्रीत जी से मेरी वो पहली और आखिरी मुलाकात ही रही, जो चुदाई में बदली.
अगले ही दिन अचानक से उनका तबादला हो गया और मेरी प्यास और बढ़ गई.

तो यह थी एक और CD गांडू सेक्स कहानी.
आप अपनी प्रतिक्रियाएं मेरी ई-मेल आईडी [email protected] पर जरूर देवें.
सभी लंडों को मेरा प्रणाम.