कॉलेजगर्ल पैसे के लालच में चुद गई- 1

काल गर्ल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि आधुनिकता की होड़ में एक कॉलेज गर्ल ने अपनी सीलबंद चूत का सौदा कर लिया अपनी सहेली की मदद से. उसके बाद …

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम जया है. मैं नागपुर की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 24 साल है और अभी मैं बी.ए. के तीसरे वर्ष की छात्रा हूँ.
मेरे घर में मां पापा और बड़ा भाई है. पापा का नाम किशोर है और वो एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं.
मां का नाम रुक्मि है और वो एक गृहणी हैं.

यह कहानी सुनें.

मेरा बड़ा भाई रोहन एक किराने की दुकान पर काम करता है. पापा की ज्यादा तनख्वाह नहीं है, इसलिए भाई ने पढ़ाई छोड़ दी और मुझे भी पापा जैसे तैसे पढ़ा पा रहे हैं.

यह काल गर्ल सेक्स स्टोरी मेरी ही है कि कैसे मैंने अमीरों की दुनिया की चकाचौंध से अंधी होकर अपनी जवानी बेच दी.

मेरी 12वीं तक की पढ़ाई होने के बाद पापा ने मेरा दाखिला एक बड़े कॉलेज में करवा दिया था. कॉलेज के शुरूआत के 1-2 महीने ऐसे ही गुजर गए.

अब कॉलेज में अमीर लड़कियों का रहन सहन का मुझ पर प्रभाव पड़ने लगा था.
मुझे भी लगने लगा कि मैं भी बाकी लड़कियों की तरह महंगे कपड़े, मोबाईल आदि यूज करूं, पर मेरे घर वालों की उतनी हैसियत नहीं थी कि वो मुझे मेरे शौक पूरे करने के लिए पैसे दे सकें.
बस इसी बात से मैं मन मार कर रहने लगी.

ऐसे ही दिन गुजरने लगे.

इसी बीच मेरी एक बहुत अच्छी सहेली बन गई. उसका नाम सीमा था.
वो भी काफी महंगे कपड़े, मोबाईल ओर बाकी सामान इस्तेमाल करती थी.
इससे मैंने समझा कि वो काफी अमीर होगी.

एक दिन वो मुझे अपने घर ले गई.
वहां जाने के बाद मैं तो जैसे एकदम शॉक हो गई.
सीमा और उसके मां बाप एक किराये के कमरे में रहते थे. उसके पापा नगर निगम में चपरासी का काम करते थे और मां दूसरों के घरों के बर्तन और कपड़े धोती थी.

मैं मन में विचार करने लगी कि अगर सीमा की फैमिली इतनी गरीब है, तो सीमा इतना महंगे सामान कैसे यूज करती है.

फिर थोड़ी देर उसके घर बिताने के बाद हम दोनों बाहर आ गए.

हम एक भेलपूरी वाले के पास आ गए. सीमा ने 2 भेल की ऑर्डर कर दी.

तभी मुझसे रहा नहीं गया और मैंने सीमा से पूछ ही लिया- सीमा तुझसे एक बात पूछूँ … प्लीज़ तू गुस्सा मत होना.
सीमा- हां पूछ ना यार क्या बात है!

मैं- यार सीमा, अभी मैंने तेरे घर की हालत देख ली है … और मेरे भी घर की हालत तेरे जैसे ही है, पर तू ये महंगे कपड़े, मोबाईल लेने के लिए पैसे कहां से लाती है!

सीमा थोड़ी देर सोचकर मुझे देखने लगी.
फिर बोली- देख जया, तू मेरी बेस्ट फ्रेंड है. इसलिए तुझे बता रही हूँ, पर तू मुझे प्रॉमिस कर कि ये बात तू किसी से नहीं कहेगी.
मैं- प्रॉमिस … किसी से नहीं कहूँगी.

फिर सीमा मुझे थोड़ा बाजू में ले गई.
हम दोनों एक टेबल के आस पास कुर्सी खींच कर बैठ गए.

सीमा ने अपना मोबाईल निकाला और मुझे एक कॉलगर्ल की एड दिखाई.

मैं- ये क्या … तू एक कॉल गर्ल है?
सीमा- हां, पर तूने प्रॉमिस किया है कि तू किसी से कुछ नहीं बताएगी.

मैं- हां मुझे पता है और मैं किसी से क्यों बताऊंगी. लोग मुझे थोड़ी ही चोद रहे हैं?

मुझे थोड़ा अजीब फील हो रहा था और भारी कशमकश के चलते मैंने सीमा से पूछा- सीमा, वैसे एक बार के कितने पैसे मिलते हैं?

सीमा मुझे देख कर मुस्कुराई- क्यों पूछ रही है … कल से तू भी चलेगी क्या?
मैं- नहीं बाबा मुझे नहीं आना, बस ऐसे ही पूछ रही हूँ … बता ना कितने मिलते हैं?

सीमा- एक शॉट के 3000 से 5000 के बीच मिल जाते हैं.
मैं- इतने सारे!

मैं सोचने लगी कि 5000 रुपये तो वाकयी बहुत ज्यादा थे.
सीमा- लगवा ले एकाध शॉट.
मैं- यार किसी को पता चल गया तो?

सीमा- किसी को पता नहीं चलेगा, बोल क्या चलेगी आज?
मैं- नहीं बाबा, आज नहीं.

सीमा- इसका मतलब कल चलेगी?
मैंने हंस कर नीचे देखा.
सीमा समझ गई कि मेरी हां है.

मैं- सीमा पर इससे पहले मैंने किसी के साथ भी सेक्स नहीं किया है
सीमा- क्या बात कर रही है? इसका मतलब तेरी चुत एकदम सील पैक है?

सीमा के मुँह से चुत शब्द सुन कर मेरे शरीर में जैसे एक लहर सी दौड़ गई.
मैंने हां में सिर हिला दिया.

सीमा- फिर तो मैडम आपको 5000 नहीं बल्कि पहली रात के 50000 मिलेंगे.
मैं- क..क्या … 50000 रुपए!

मैं तो एकदम से चौंक गई. फिर धीरे से बोली- पर यार … मैं रात को नहीं आ पाऊंगी.

सीमा- बुद्धू तुझे कौन ने बोला कि रात में चुदने आना है.
मैं- तूने ही तो अभी बोला कि पहली रात के …

सीमा- अरे दिन में ही जाना है.
मैं- यार मुझे डर लग रहा है.
सीमा- डर मत, मैं हूँ ना!

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मैं- चल, अब मैं चलती हूँ. देर हो गई मां रास्ता देखती होगी.
सीमा- कल थोड़ी जल्दी आना.

मैं- क्यों!
सीमा- तुझे दिखाना है किसी को.
मैं मुस्कुरा कर वहां से निकलकर घर आ गई.

घर आकर मुझे सीमा की बातें याद आ रही थीं और मेरे मन में गुदगुदी हो रही थी.
मैं अपनी चुत का ख्याल छोड़ कर सिर्फ अपने शौक के बारे में सोचने लगी.

फिर मैं फ्रेश होने के लिए बाथरूम में आ गई. बाथरूम में आज पहली बार मैंने अपने शरीर को एक अलग नजर से निहारा.

अभी मेरी जवानी एकदम उफान पर थी. मेरे बूब्स ऐसे थे कि बीच में थोड़ी भी दरार खुली नहीं थी, एकदम चिपके थे.
पीछे गांड ऐसी निकली थी कि किसी भी बुड्ढे का लंड खड़ा हो जाए.

यही सब सोचते सोचते कब मेरा हाथ मेरी चुत पर चला गया, पता ही नहीं चला.
मेरी चुत किसी झरने की तरह बहने लगी.

आज पहली बार मेरी चुत से पानी निकला था. लंड के नाम से पानी निकलने से अचानक मेरा शरीर अकड़ने लगा और एक झटके के साथ बहुत सारा पानी मेरी पैंटी पर आ गया.
चुत झड़ जाने से मैं एकदम हल्की सी हो गई.

मैंने अपनी पैंटी निकाल दी और वैसे ही बिना पैंटी के एक प्लाजो पहना लिया.
ऊपर से एक टी-शर्ट पहन कर बाहर आ गई.

तब तक पापा और भैया भी आ गए थे. मैं मां के काम में हाथ बंटाने लगी.

रात हो गई तो सभी ने खाना खा लिया. मां और पिताजी एक साथ एक कमरे में … और एक रूम में और भाई सोते हैं.

मां और पापा अभी भी पूरे जोश में सेक्स करते हैं. मैं कई बार दरवाजे की दरार से उनकी चुदाई देख चुकी हूँ.

मैं बिस्तर पर पड़ते ही पैसे आने के बाद क्या क्या करूंगी, ये सोचने लगी … और मुझे कब नींद लग गई. पता ही नहीं चला.

फिर सुबह उठी, तो मुझे आज जल्दी जाना था. इसलिए सभी काम मैंने जल्दी जल्दी निपटा लिए. नहा-धोकर एक चिकनी हो गई और कॉलेज में आ गई.

अभी सीमा नहीं आई थी. मैं कॉलेज के गेट पर सीमा का इंतजार करने लगी. थोड़ी ही देर में सीमा आ गई.

सीमा- ओ हो … लाड़ो बड़ी जल्दी आ गई.
मैं- तूने कितनी देर कर दी, मैं कब से तेरा वेट कर रही हूँ.

सीमा- ठीक है … अब चल जल्दी.
मैं- अरे इधर किधर … कॉलेज बाहर ले जा रही है?
सीमा- आज कॉलेज नहीं जाना.

सीमा ने एक ऑटो रोका, हम दोनों ऑटो में बैठ कर एक लॉज के पास आ गए.

हम लॉज के अन्दर आकर एक रूम में बैठ गए.
मुझे सीमा ने बताया कि तुझे देखने एक दलाल आ रहा है. जब वो यहां आएगा, तब घबराना नहीं … और वो जैसे बोलेगा, वैसे करना. ठीक है?
मैंने हां में सर हिलाया.

तभी डोरबेल बजी.
सीमा ने दरवाजा खोला, तो बाहर एक बहुत ही काला कलूटा एकदम मोटा आदमी खड़ा था.

उसकी उम्र 45 से 50 की बीच की होगी.
सीमा उस आदमी से बोली- आईये शर्मा जी.
मैंने समझ लिया कि उसका नाम शर्मा जी था.

शर्मा जी अन्दर आ गए.
सीमा ने दरवाजा बंद कर दिया.

मैं पलंग पर बैठी थी … मुझे थोड़ी घबराहट हो रही थी. तभी शर्मा जी को फोन बजा.

शर्मा जी ने फोन उठाया और बोले- अरे भाई थोड़ा सब्र कर … माल देखने ही आया हूँ. अभी देख कर तुझे फोन करता हूँ.

उन्होंने फोन रख दिया और सीमा से बोले- कपड़े उतार इसके!
सीमा बोली- ठीक है.

सीमा ने मुझसे बोला- जया कपड़े उतारो.
मुझे बहुत शर्म आ रही थी. पहली बार मैं किसी मर्द के सामने अपने कपड़े उतार रही थी.

मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए. मेरे शरीर पर सिर्फ एक पैंटी थी.

शर्मा जी ने अपने मोबाईल में मेरे 5-6 फोटो निकाल कर ले लिए.

फिर एक आदमी को फोन किया और कहा- माल की फोटो भेजी है … देख ले पसंद हो, तो अभी भेज सकता हूँ. एकदम सीलपैक है. पूरे 70000 लगेंगे.

शर्मा जी ने फोन काट दिया और बोले- सीमा, लड़की नई है, इसे सब समझा देना.
सीमा बोली- ठीक है शर्मा जी.

तभी शर्मा जी को फोन आया.
शर्मा जी बोले- ठीक है, भेजता हूँ.

शर्मा जी सीमा से बोले- चल सीमा 50000 में हो गया, ये लो पता. इस पर जाओ और हां मेरा 10 टका है … इसे समझा देना.

शर्मा जी ने एक कागज पर पता लिख कर सीमा को दे दिया और वो चले गए.

मैं अभी भी सिर्फ पैंटी पर ही बैठी थी.

सीमा ने कहा- चलो मैडम, जाना है कपड़े पहनो.
मैंने कपड़े पहने और हम दोनों लॉज के बाहर आ गए.

सीमा ने मुझे वो पता बताया और कहा- जाओ … और ध्यान रखना … कुछ गड़बड़ न कर देना.

मैंने हामी भरते हुए एक ऑटो रोका और उस पते पर पहुंच गई.

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ये एक बहुत ही आलीशान बंगला था … मैं तो देखते ही रह गई.

मैं उस बंगले के गेट के पास पहुंच गई. जैसे ही वहां गई, वैसे ही गार्ड ने पूछा-आप जया जी!
मैंने हां में सर हिलाया.

गार्ड ने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर आने को कहा.
मैं अन्दर आ गई.

बंगला अन्दर से तो जैसे कोई महल ही हो, ऐसा था.
मैं अन्दर आकर खड़ी हो गई.

तभी सामने वाली सामने वाले एक कमरे से बहुत ही बॉडी बिल्डर किस्म का आदमी बाहर आया.
उसकी उम्र 50 को पार कर चुकी थी.

वो मेरे पास आया और उसने मुझे सोफे पर बैठने को कहा.
मैं सोफे पर बैठ गई.

वो आदमी मेरे बाजू वाले सोफे पर बैठ गया.

मैं तो अभी भी उसके घर को ही देख रही थी.

तभी उसने मुझे पानी पीने के लिए पूछा. लेकिन मैंने सुना ही नहीं.
दो तीन बार पूछने के बाद उसने थोड़े जोर से आवाज दी तो मैं एकदम से हड़बड़ा गई.

मेरे मुँह से निकल गया- जी अंकल.
उसने कहा- अंकल!

मैंने कहा- सॉरी सर.
उसने कहा- कोई बात नहीं, अच्छे घर की लगती हो … पहली बार है!

मैंने कहा- जी अंकल … सॉरी सॉरी.
उसने कहा- कोई बात नहीं यू कैन कॉल मी अंकल.

मुझे इससे बड़ी हिम्मत मिल गई.
वो आदमी बड़ा खुश मिजाज था और मेरे मन से डर निकल गया.

मैंने पूछा- अंकल आपका नाम?
उसने कहा- शरद … और आपका नाम?

मैंने कहा- जया.

उसने कहा- कौन सी पढ़ाई कर रही हो?
मैंने कहा- बी ए में हूँ अंकल!

उसने कहा- ओके चलें … फिर मुझे कहीं बाहर जाना है.
मैंने कहा- जी अंकल.

उसने मुझे एक रूम की तरफ इशारा करके उसमें जाने को कहा.

मैं अन्दर गई. अन्दर भी रूम बहुत ही मॉडर्न था, एक गोल आकार का बेड पड़ा था.
मैं उसपर जाकर बैठ गई … बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह.

थोड़ी ही देर में अंकल एक टॉवेल लपेट कर आए और आते ही दरवाजा बंद कर दिया.

बेड पर आकर अंकल मेरे बाजू में बैठ कर मेरी गर्दन पर चुम्मी करने लगे.
थोड़ी ही देर में उन्होंने मेरे कंधे को पकड़ कर सीधा लिटा दिया और मुझे किस करने लगे.

मैं भी उनको साथ देने लगी. मैं अपने हाथ उनकी पीठ पर फेरने लगी.
किस करने के साथ साथ वो एक हाथ से मेरे मम्मों को भी दबा रहे थे.

अब वो किस करते करते नीचे आने लगे.
अंकल ने मेरा टॉप थोड़ा ऊपर करके मेरे चिकने पेट पर हाथ फेरा.
मैं सिहर उठी.

अंकल मेरी नाभि को किस करने लगे.
अब तक मेरी चुत बहनी शुरू हो गई थी. मैं किसी बिना पानी के मछली की तरह तड़पने लगी.

अंकल और नीचे हुए और अब वो मेरी चुत पर आ गए. अंकल ने मेरी पैंट निकाल दी.

मैंने अन्दर काले रंग की पैंटी पहनी थी. उन्होंने अभी तक मेरी पैंटी नहीं निकाली थी.
अंकल पैंटी के ऊपर से ही मेरी चुत की खुशबू सूंघ रहे थे. उनकी गर्म सांसें मुझे अपनी चिकनी चुत पर महसूस हो रही थीं.

फिर अंकल ने मेरी पैंटी निकाल दी. अंकल मेरी चुत देखते ही रह गए, एकदम गोरी चिकनी सीलपैक चुत उनके सामने थी.

अंकल ने चुत देखते ही मुँह में भर ली और मैं सीत्कार कर उठी.

अब अंकल अपनी जीभ से मुझे चोद रहे थे, मैं भी मादक आहें भरते हुए उनका सर अपने चुत में दबा रही थी.

पांच मिनट तक मेरी चुत चाटने के बाद अंकल मेरे ऊपर आ गए.
उन्होंने मेरा टॉप और ब्रा निकाल दी.
मैं अब बेड पर पूरी नंगी थी.

अंकल ने मेरे दोनों मम्मों को एक साथ पकड़ लिए और जोर जोर से दबाने लगे.
थोड़ी ही देर में मेरे गोरे गोरे चूचे एकदम लाल हो गए.

अब अंकल ने अपना टॉवेल निकाल दिया.

उनका लंड देख कर मैं थोड़ी डर गई क्योंकि अंकल का लंड 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था.
अंकल ने मुझे लंड मुँह में लेने का इशारा किया. मैं लेटी हुई थी तो अंकल मेरे मम्मों पर अपने पैर मेरे दोनों साईड कर कर बैठ गए और लंड मेरे मुँह में ठूंस दिया.

लंड का सिर्फ सुपारा ही मेरे मुँह में जा रहा था. उनका सुपारा ही किसी बड़े आलू जैसा था. जब लंड मुँह में घुसता था … तो मेरी सांस ही रुक जाती थी.
इसलिए मैं थोड़ा लंड चूसती थी और फिर लंड मुँह से बाहर निकाल कर सांस लेने लगती थी.

ऐसे ही करीब दस मिनट तक मैंने लंड चूसा.

अंकल ने मेरे मुँह से लंड निकाला और मुझे देख कर बोले- चल अब तेरी सील तोड़ने की बारी है.

मैं मन ही मन थोड़ा सा डर रही थी.

अगली बार मेरी काल गर्ल सेक्स स्टोरी में आपको जरूर आना है. मैं अपनी पहली चुदाई पर आपके मेल का इन्तजार करूंगी.
आपकी जया
[email protected]

काल गर्ल सेक्स स्टोरी का अगला भाग: कॉलेजगर्ल पैसे के लालच में चुद गई- 2