बॉयज होस्टल में गांड पहली बार चोदी

हैलो फ्रेन्ड्स.. मेरा नाम रवि है, गुजरात का रहने वाला हूँ, दिखने में ठीक लगता हूँ।

मेरे जीवन में पहली बार अपनी मौलिक बात को लिखने का प्रयास कर रहा हूँ, यह मेरे जीवन में घटी एक वास्तविक और एकदम सच्ची घटना है।

मैं राजकोट में अभ्यास कर रहा था.. तब मैं अपने दो दोस्तों के साथ रहता था। हम तीनों दोस्त यूनिवर्सिटी के बाजू में बने एक गाँव में एक बॉयज हॉस्टल में एक कमरे में रहते थे। उस कमरे में चार लोगों के लिए जगह थी। इसलिए एक लड़के को हमारे साथ रहने को हॉस्टल वालों ने रख दिया और बोला कि ये बंदा 8 दिन आपके कमरे में ही रहेगा।

हम लोगों ने सहमति दे दी और वो भी हमसे घुल-मिल गया। वो लड़का पढ़ाई कम.. और हमारे साथ मस्ती ज्यादा करता था। कभी-कभी लड़कियों जैसे हमें छूता.. मेरे ‘अंग’ को छूता। हम चारों साथ में घूमने जाते.. चाय और नाश्ता करने भी जाते थे।

दो दिन बाद मेरे दो दोस्तों को गाँव जाना पड़ा.. तो वे लोग दो दिन बाद चले गए। उन्होंने कमरा खाली कर दिया। अब हम दो ही बचे थे।

उस दिन रात्रि को हम खाना खाकर हमारे कमरे में आए। हम दोनों बातें करने लगे। उसने बताया कि वो मीठापुर का रहने वाला है। बातों बातों में वो मुझे लड़कियों की तरह छूने लगा। ऐसे में उस लड़के ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया। मुझे अजीब सा लगा.. मैं गुस्सा करने लगा।

हम दोनों कुछ देर तक चुप रहे और फिर से वो मुझे बातों में फंसाने लगा, वो मुझे चूमने लगा।
मैं ना कहता रहा.. पर उसने मुझे मना लिया, फिर वो मस्ती में मेरे लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसे जा रहा था।
उम्म्ह… अहह… हय… याह… सच कहूँ तो वो मेरे साथ खेल रहा था।

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अब मुझे भी अच्छा लगने लगा था.. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं एक लड़का होकर लड़के के साथ सेक्स करूँगा।

वो मेरे पूरे शरीर को चूसता और चूमता जा रहा था। अब मैं भी पूरी तरह उत्तेजित हो गया था.. समलिंगी वाले देवता मुझ पर सवार हो चुके थे।

अब मैं भी उसका साथ देने लगा और उसे एक लौंडिया की तरह मसलने लगा, वो बेकाबू होता जा रहा था, वो बोला- मेरी गांड में गुदगुदी हो रही है.. कुछ करो मेरी जान!
मैंने बोला- चल तो हो जाए.. तेरी गांड और मेरे लंड का मिलन.. हो जा औंधा!

हम दोनों मस्ती में ऐसे खो गए थे कि हमें पता ही नहीं चला कि हम दोनों पूरे नग्न हो चुके थे।
वो औंधा हो गया और उसकी गांड गोदाम मेरे टावर जैसे खड़े लंड के सामने आ गई।

अब मेरा लंड मेरे काबू में नहीं रहा और मैंने एक ही झटके में उसकी गांड को फाड़कर रख दिया।

कैसे किया.. ये सुनो मेरे दोस्त.. पहले मैंने मेरे लंड के टॉप पर उसको थूक लगाने को बोला। फिर उसकी गांड पर लौड़ा रखा और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी गांड में ठोक दिया। वो दर्द से बिलबिला उठा.. पाँच मिनट मैं उस पर लेटा रहा। बाद में मैं धीरे-धीरे लंड को गांड में अन्दर-बाहर करने लगा। वो भी मस्ती में पहुँच गया।

अब मैं जल्दी-जल्दी झटके लगाने लगा। वो भी अपनी गांड उचका कर मजे ले रहा था। मैं मदहोश था। बहुत देर तक वो मुझसे अपनी इच्छा पूरी करवाता रहा।

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वो गांड मरवाते हुए बोल रहा था- जल्दी माल ना निकाल देना.. मुझे लम्बी चुदाई चाहिए।

वो बार-बार मेरे झटके रुकवा देता था.. ताकि मेरा रस जल्दी नहीं निकले। काफी बाद गांड मारने के मैंने उसकी नहीं सुनी और मेरे रस से उसकी गांड भर दी।

मेरे रस की महक पूरे कमरे में फ़ैल गई। वो मेरे रस को लंड को ऊपर लेकर पीने लगा। ऐसे ही पूरी रात में हमने तीन बार मस्ती की और सो गए।

सुबह मुझे लगा कि मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया है.. मैं ऐसा महसूस करने लगा। कमरे से बाहर आया तो कुछ लड़के मुझे घूर रहे थे.. मैं डर गया। शायद रात को उन लोग ने हमारी सिसकारियाँ सुन ली होंगी.

हमारे रात के मजे की चर्चा पूरे हॉस्टल में हो चुकी थी।

उसी दिन मैंने मेरे पार्टनर से कुछ भी कहे बिना हॉस्टल छोड़ दिया। उसने मुझसे बात करने की कोशिश भी की.. पर हम कभी नहीं मिले.. पर आज मैं उसे मिस करता हूँ।

आपको मेरी कहानी पर कुछ कहना हो तो प्लीज़ मेल कीजिएगा।
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