बॉस की चाहत माँ बनने की

मेरी हिंदी पोर्न स्टोरीज में पढ़ें : मेरी नयी नयी जॉब लगी थी वहाँ पर मेरी एक सीनियर थी जिसकी मैंने माँ बनने में मदद की।

दोस्तो, मेरा नाम शिवम है और मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और अन्तर्वासना की कामुक कहानियों से प्रेरित होकर अपने जीवन की एक सत्य घटना आप लोगों को बताना चाहता हूँ।

बात तब की है जब मेरी नयी नयी जॉब लगी थी भिलाई में! मेरी जॉब एक प्राइवेट कंपनी में लगी थी। मैं जुझारू किस्म का लड़का होने के कारण जल्दी ही सबसे घुलमिल जाता हूँ। वहां भी कुछ ऐसा ही हुआ।
कुछ ही दिनों में मैं वहाँ सबका दोस्त बन गया।

वहाँ पर मेरी एक सीनियर थी जिसका नाम नीतू (बदला हुआ नाम) है, वो भी मेरी अच्छी दोस्त बन गयी। वो दिखने में अच्छी ही थी और सबसे बातें भी अच्छे से करती थी मगर हमेशा वो कुछ परेशान सी रहती थी।
शुरू शुरू में तो मैं उनसे कुछ नहीं पूछ पाया, क्योंकि वो मेरी सीनियर थी… मगर जब मेरी उनसे अच्छे से बनने लगी तब मैंने उनसे एक दिन उनकी परेशानी की वजह पूछ ही लिया।
मगर उन्होंने बताने से मना कर दिया।

कुछ एक दिनों के बाद मैंने उनसे फिर उनकी परेशानी की वजह जानना चाहा, परंतु इस बार भी उन्होंने कुछ नहीं कहा।
मुझे लगा कि इनको पैसों की प्राब्लम होगी या कोई घरेलू समस्या… तो मैंने भी नीतू जी से कह दिया कि अगर आपको मेरी कभी भी ज़रूरत पड़े तो बेझिझक याद करिए।
इतना कह कर मैं अपने काम में लग गया।

कुछ दिन तो ऐसे ही निकल गये। फिर अचानक एक दिन उन्होंने कहा- शिवम मुझे तुमसे कुछ ख़ास काम है, क्या आज तुम शाम को फ्री हो?
मैं तो वैसे भी अपने घर से बहुत दूर भिलाई में रहता था तो मुझे तो कोई काम ही नहीं था शाम को… तो मैंने उनको हां बोल दिया।
शाम को ऑफिस से हम सीधे अपने अपने घर चले गये।

शाम को करीब 07:30 के आसपास उनका फ़ोन आया, उन्होंने कहा- अगर अभी फ्री हो तो मेरे घर आ जाओ अभी।
मैंने उनको हां बोला और उनके घर का पता पूछ कर निकल गया।

करीब बीस मिनट में मैं उनके घर पर पहुँच गया, मैंने डोर बेल बजाई.. उन्होंने दरवाजा खोला।
दरवाजा खुलते ही वो मेरे सामने थी।
वाह क्या कयामत लग रही थी वो.. बिल्कुल नयी नवेली दुल्हन जैसी… मैं उनको देखता ही रह गया।
मगर मैंने उनको पहले कभी ग़लत नज़र से नहीं देखा था।

उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और बैठने के लिए बोली और खुद किचन में जाकर मेरे लिए पानी लाई। मैंने पानी लिया और उनसे बात करने लगा।
मैंने पूछा- क्या बात है मैम?
उन्होंने कहा कि वो बहुत ज्यादा परेशान हैं अपनी जिंदगी से।
मैं चुप था।

उन्होंने बताया कि उनकी शादी को 3 साल हो गये हैं और उनका अभी तक बच्चा नहीं हो पाया है क्योंकि दो साल पहले उनके पति की मानसिक संतुलन अचानक ही खराब हो गयी।
फिर उन्होंने कहा- शिवम तुमने कहा था ना कि कभी भी मेरी ज़रूरत हो तो मुझे याद करना।
मैंने कहा- हाँ मैम… बोलिए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ?

उन्होंने जो कहा वो सुन कर तो मेरे होश ही उड़ गये। उन्होंने कहा- शिवम तुम मेरे पति बन जाओ और प्लीज़ मुझे एक बच्चा दे दो प्लीज़ शिवम!
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
फिर उन्होंने कहा कि उनके पति मानसिक रूप से ठीक नहीं हैं, इस वजह से उनसे प्यार भी नहीं कर पाते हैं, और दो साल से उनके पति ने उनको हाथ नहीं लगाया है, इसलिए वो लगभग दो साल से प्यासी है।

मैंने उनको सीधे सीधे ना बोल दिया और बोला- मैम, ये तो बहुत ही ग़लत बात है। आप पहले से शादीशुदा हो तो मैं आपसे शादी कैसे कर सकता हूँ।
इस पर उन्होंने कहा- तुम्हें मुझसे शादी नहीं करनी है… मेरे पास नाम का पति है… बस तुम्हें काम का पति बनना है। तुम्हें बस मेरी प्यास बुझानी है, मुझसे प्यार करना है और मुझे एक बच्चे की माँ बनाना है।

मैंने उनको साफ मना कर दिया और बोला- मैं ये काम नहीं कर सकता हूँ सॉरी…
और फिर मैं वहाँ से जाने लगा… तब वो मेरे पैरों में गिर गयी और मुझसे मदद की भीख माँगने लगी। वो अपने दोनों हाथों से मेरे पैरों को पकड़ कर रोते हुए मुझसे अनुरोध करने लगी- कृपया मेरी मदद कर दो।

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मैं वहीं रुक गया। अब मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था कि मैं क्या करूँ। मैंने उनको पकड़ कर खड़ा किया, फिर वो बोली- शिवम, प्लीज़ मेरा काम कर दो और मुझे मां बना दो। मैं वादा करती हू कि तुम्हें कभी कोई परेशानी नहीं होगी।
वो मेरी बॉस थी और मेरे ना बोलने पर मुझे काम से निकाल भी सकती थी और उस वक्त मुझे काम की बहुत ज़्यादा ज़रूरत थी तो मेरे पास हाँ बोलने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था।

मैंने उनको हाँ बोल दिया… इतने में वो बहुत खुश हुई और मेरे गले लग गयी… मैं वैसे ही खड़ा रहा।
फिर उन्होंने बताया कि आज उनके पति कुछ दिनों के लिए गाँव गये हुए हैं मतलब घर पर सिर्फ़ वो ओर मैं ही थे।

उन्होंने मुझसे कहा- अब शरमाना छोड़ो पतिदेव और अपनी बीवी से प्यार करो।
वो अब मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने बेडरूम में ले गयी।
मैंने इससे पहले कभी सेक्स नहीं किया था.. मगर अन्तर्वासना की कामुक कहानियाँ पढ़ पढ़ कर और ब्लू फ़िल्में देख देख कर काफ़ी एक्सपर्ट हो गया था। अब मैंने भी अपनी शर्म त्याग कर उनका साथ देना ही ठीक समझा क्योंकि यही एक रास्ता मेरे लिए बच गया था।

मैम मेरे पास आई ओर मुझे किस करने लगी, उनके होंठ मेरे होंठ से लगते ही मेरा लंड बिल्कुल खड़ा होने लग गया।
मैंने भी अब उनका साथ देना शुरू कर दिया और उनको किस करने लगा।
वाह क्या होंठ थे.. एकदम नर्म, ऐसा लग रहा था जैसे मैं गुलाबजामुन खा रहा हूँ।

किस करते करते अचानक ही मेरे हाथ उनके स्तनों पर पहुँच गये और मैं उनके स्तनों को दबाने लगा। मुझे तो खुला लाइसेन्स मिला हुआ था नीतू के साथ रोमान्स करने का.. तो मैं भी अब पीछे कहां हटने वाला था।

लगभग पंद्रह मिनट तक चुम्मा चाटी करने के बाद मैंने उनको बेड पर बैठाया और मैं उनके सामने खड़ा हो गया। वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी। मैंने उनको बिना कुछ कहे उनकी भुजाओं को पकड़ कर बिस्तर पर लेटाया और उनकी बगल में लेट कर उनके होंठों को फिर से चूमने लगा और उनके दाएँ स्तन को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।

उनके होंठों से धीरे धीरे मैं उनके गले तक पहुँच गया और उनके गले को किस करने लगा। मैं ये सब पहली बार कर रहा था तो मुझे मजा भी बहुत ज़्यादा आ रहा था और थोड़ी घबराहट भी हो रही थी।
थोड़ा और नीचे होकर मैंने उनके पल्लू को हटा दिया और ब्लाऊज के ऊपर से ही उनके दूध को चूमने और काटने लगा। थोड़ी देर ऐसे ही चूमने के बाद मैंने उनके ब्लाऊज को खोल कर निकाल दिया.. इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।
अंदर उन्होंने एक मखमली ब्रा पहनी हुई थी काले रंग की। मैं तो जोश में उनके दूध को चूमे ही जा रहा था, मैंने ब्रा को निकाले बिना ही थोड़ा नीचे की ओर सरका कर उनकी दूध के निप्पल
को आज़ाद कर दिया और उनके दूध को पीने लगा।

इधर मेरा लंड का दर्द के मारे बुरा हाल हो रहा था।

करीब सात आठ मिनट दूध पीने के बाद मैं उठा और उनको कपड़े निकालने को बोला और मैंने खुद अपने कपड़े निकाले। अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और मैं पूरा नंगा खड़ा था।
मेडम का फिगर लगभग 34-28-34 का होगा। उनका रंग बिल्कुल सफेद था दूध जैसा, और कमरे में बिजली के प्रकाश में चमक कर और गजब ढा रहा था।

वो मुझे देखकर हंस रही थी।
मैंने पूछा- क्या हो गया? हंस क्यों रही हो?
इस पर उन्होंने कहा- काफ़ी अछा लंड है तुम्हारा… मेरे पति से तो काफ़ी बड़ा और मोटा है।

मेरा लंड लगभग छह इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।

मैंने कहा- चल आज तुझे इसका मज़ा चखाता हूँ मेरी जान…
इस बात पर वो हंस पड़ी।
मैंने उनको बिस्तर पर लेटाया और उनकी पेंटी को खींच कर निकाल दिया।

क्या बताऊं यारो, उनकी चूत बिल्कुल ब्लू फ़िल्मों की हेरोइन की तरह एकदम गोरी थी। मैं मेडम को फिर से किस करने लगा और उनकी चूत के दाने को मसलने लगा।
उनकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी।

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थोड़ी देर उनके होंठों को चूमने के बाद मैं सीधा उनकी चूत पर पहुँच गया और उनकी चूत को किस करना चालू किया। जैसे ही मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में लगाई, मुझे बहुत अजीब सा लगा।
फिर भी जोश के कारण मैंने उनके चूत को थोड़ी देर तक चूमा। उनकी चूत से काफ़ी पानी बह रहा था।

अब हम दोनों से बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हो रहा था, उनसे अब रहा नहीं गया, उन्होंने कहा- प्लीज यार, अब जल्दी से अंदर डालो।
मैंने उनके दोनों पैरों को ऊपर उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को उनकी चूत कर रगड़ने लगा, मुझे उनकी चूत का छेद नहीं मिल रहा था और वो व्याकुल हुए जा रही थी।
फिर उन्होंने खुद ही मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर रखा और मुझे धक्के लगाने के लिए कहने लगी।

मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाया, उनकी ज़ोर की चीख निकल गयी। उनकी चूत बहुत ही टाईट थी, शायद दो साल तक चुदाई ना होने के कारण! मैं थोड़ी देर तक रुका रहा, अन्तर्वासना की सेक्स कहानियाँ पढ़ पढ़ कर इतना आइडिया हो तो ही गया था मुझे भी।
इधर मेरे लंड का बुरा हाल था, ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड छिल गया हो।

फिर थोड़ी देर में उनका दर्द कम हुआ तो उन्होंने धक्के लगाने के लिए बोला, मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए और धीरे धीरे मजा आने लगा। लगभग 10 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद हम दोनों साथ में ही झड़ गये। मैंने अपना पूरा लावा उनकी चूत में ही निकाल दिया और निढाल होकर उनके ऊपर ही लेट गया।

हम दोनों काफ़ी थक चुके थे। थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं उठा और उनके होंठों को चूमने लगा।
थोड़ी देर बाद हम उठकर बाथरूम चले गये। मैंने बाथरूम में उन्हें पीछे से पकड़ लिया और उनके दूध को दबाने लग गया, उन्हें सीधा करके मैं खड़े खड़े ही उनके दूध को पकड़ कर पीने लग गया।
इतना में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैंने उनको दीवार पर टिकाया और उनके एक पैर को ऊपर उठा कर लंड उनकी चूत में घुसा दिया, वैसे ही खड़े खड़े मैंने उनकी मस्त चुदाई की, फिर फ्रेश होकर हम बाहर आए।

हमने साथ में खाना खाया, फिर रूम में आकर कुछ देर बात करते रहे और फिर चुदाई का अगला दौर शुरू हो गया।

उस रात मैं मैम के घर पर ही रुका रहा और हमने उस रात में दो बार और चुदाई की।
उस रात मैम ने मेरे लंड और शरीर की पूरी ताक़त निचोड़ ली थी।

अगली सुबह हमने फिर से एक बार चुदाई की, उनके बाद जब मैं घर आने के लिए निकल रहा था तब उन्होंने मुझे दस हज़ार रुपये दिए।
मैंने उनको बहुत मना किया लेकिन वो नहीं मानी।

उस रात के बाद हमारी चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया और मैंने उसे लगभग चार माह तक चोदा।
फिर एक दिन उन्होंने मुझे खुशख़बरी सुनाई कि वो दो महीनों से गर्भवती हैं तब मैंने इस रिश्ते को वही ख़त्म करते हुए उससे ना मिलने का फ़ैसला किया और एक महीने बाद अपनी नौकरी और नीतू को छोड़ कर घर वापस आ गया।

इस बात से वो बहुत ज़्यादा दुखी हुई और अक्सर फोन पर बात करते करते रो पड़ती हैं।
पिछले महीने उनकी डिलीवरी हुई है और उनको एक लड़का हुआ है जो उनका और मेरा है।
अब वो अपनी जिंदगी में बहुत खुश हैं।

वो आज भी मुझे बुलाती हैं और मेरा भी वहाँ जाने का बहुत मन करता है मगर अब वो वाली बात नहीं रही। उनकी जो ज़रूरत थी वो पूरी हो गयी।
और मैं अब एक नयी नौकरी की तलाश में हूँ।

दोस्तो, मुझे पोर्न स्टोरीज लिखने का कोई खास अनुभव तो नहीं है फिर भी मैंने अपनी कहानी टूटी फूटी और सीधे शब्दों में आप तक पहुचाने की कोशिश की है।
मेरी हिंदी पोर्न स्टोरी पर मुझे आपके सुझावों का इंतजार रहेगा।
धन्यवाद!
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