दोस्तो, मेरा नाम सैम है, मेरी उम्र 26 साल है, मैं औसत डीलडौल का गोरा चिट्टा लड़का हूँ और पिछले कई सालों से मैं दिल्ली में रहता हूँ।
मैं कई सालों से अन्तर्वासना का पाठक हूँ लेकिन मैं पहली बार अपनी आपबीती आपको बताना चाहता हूँ जो पिछले साल मेरे साथ घटित हुई। मुझे फ्री में मिले सेक्स की कहानी पढ़ा कर मजा लीजिये.
बहुत ही शर्मीला लड़का होने के कारण मैं कभी भी किसी लड़की या महिला के साथ सेक्स करने काम मौका पाने मे असमर्थ रहा। अपने अकेलेपन और अपने लंड को हाथ से हिलाते हिलाते तंग पाकर मैंने कई अडल्ट साइटों पर आई डी बना कर कपल और महिलाओं से बात करने की सोची तो 6-7 महीनों के बाद मुझे रमन सिंह जी मिले, उन्होंने बताया कि कैसे वो अपनी पत्नी को किसी और से अपने सामने चुदवाना चाहते हैं और अपनी प्रतिष्ठा को भी समाज में बनाए रखना चाहते हैं ताकि किसी और को पता नहीं चले।
बहुत दिनों तक बात करने के बाद मुझे रमन सिंह जी ने अपनी तस्वीर भेजने के लिए कहा। मैंने अपने लंड की तस्वीर भेजी जो उन्हें और उनकी पत्नी को बहुत पसंद आई।
मैं बताना चाहता हूँ कि मेरा लंड न ही 10 इन्च या 12 इन्च का है बल्कि यह 7 इन्च का हट्टा कट्टा और तन्दुरस्त है।
उन्होंने मुझे मुलाकात के लिए अपने घर बुलाया जो कि एन सी आर में ही बड़ा शहर है। मैंने वहां पहुंच कर उन्हें फोन किया और वो मुझे लेने के लिए बस स्टैंड पर आ गए। उनकी उम्र 45 साल थी और उन्होंने मुझे बताया कि उनकी पत्नी की उम्र उनसे कम है।
उनके घर जाने के बाद हमारी मुलाकात इस कहानी की नायिका अनामिका से हुई जो 37 साल की पटाखा गोरी 36-30-38 के जबरदस्त हुस्न की मल्लिका है। उन्होंने कसा हुआ ब्लैक पंजाबी सूट और पटियाला सलवार और होंठों पर लाल लिपस्टिक वाली मुस्कान देखकर मेरी सांस रूक सी गई और मैंने वहीं खड़े खड़े कामदेव का धन्यवाद देते हुए एकदम से टन्नाये लंड को पैन्ट में ठीक किया।
वो मुझे हैलो और बैठने का बोल कर मुस्कराती हुई रसोई में अपनी सेक्सी गांड मटकाती हुई चली गई।
रमन जी ने हम तीनों के लिए पेग बना लिया तब तक अनामिका ने टेबल पर सलाद रखते हुए अपने चुचों की झलक दिखाते हुए आंख मार कर मेरे पास बैठ गयी।
2 पेग पीने के बाद एक दूसरे को कामुक चुटकले सुनाते हुए हम तीनों इतने रिलेक्स हो गए जैसे हम एक दूसरे को सालों से जानते हैं।
रमन जी ने मुझे इशारा करते हुए अपनी पत्नी की तरफ जाने को बोला, मैंने भी झट से काम की देवी अनामिका की तरफ सरकते हुए उनकी जांघ पर हाथ रख दिया।
मेरी इस हरकत से माहौल में बदलाव आ गया मेरी और अनामिका की धड़कन और सांस तेज हो गई। रमन की आँखों में चमक और होंठों पर मुस्कान देखकर मेरा हौंसला बढ़ गया। अनामिका भी अपने बदन पर मेरी उंगलियों की छेड़छाड़ के कारण मुझसे ऐसे लिपट गई जैसे चंदन से सांप। इस काम वासना में जलते हुए कब हमारे होंठ एक दूसरे से मिले हमें पता नहीं चला।
वो मेरे होंठों को और मैं उनके होंठों को ऐसे चूस रहे थे जैसे कि हमारी जिंदगी इसी पर टिकी हुई है।
एक दूसरे को चूमते हुए वो मेरे कपड़ों को अपने हाथों से खींच रही थी मैंने भी झट से उसके हाथों को सर के पास पकड़ लिया और रमन को इशारा किया कि वो उसके हाथ पकड़ ले। रमन अपने लंड को हाथ से हिला रहा था, वो झट से आया और अनामिका के हाथों को पकड़ लिया रमन को बिना पैन्ट के देख कर मैं मुस्करा दिया।
उसके बाद मैं कपड़ों के ऊपर से ही उसके चुचों को चुसने और जोर जोर से दबाने लगा अनामिका मेरी जान बिना पानी की मछली की तरह तड़प के आहे भर रही थी। उसकी सलवार पर काम रस का निशान बन गया और मैंने वहीं पर से उसकी सलवार के साथ साथ उसकी चूत को भी अपने मुँह में भर लिया। ऐसा करते ही उसने चोट खाई शेरनी की तरह गुरराते हुए अपने हाथों को छुड़ा लिया और मेरे बालों को नोचते हुए मेरा मुँह अपनी चुत पर दबा दिया।
उसके बाद मैंने सलवार और पैन्टी को एक साथ झटके से उतार दिया, रमन जी ने उसे ऊपर से नंगा कर दिया। अनामिका भी अपने बदन को छुपाने की कोशिश करते हुए पलट गई।
तब उसकी नंगी गांड के दर्शन करने पर मैं अपने आपको रोक ना सका और उनकी गदराई गांड पर चांटा मारते हुए अपने दांतों से काट लिया।
ऐसा करते ही वो चिहुंकी और पलट कर देखा, मैंने अपने कपड़ों को निकाल कर उसके होंठों को चूमते हुए और उसके चुचों को चूसने के बाद उसे सोफे के कोने पर बैठा कर उसकी चूत की पंखुड़ियों को अपनी उंगलियों से हटा कर चूत में गुलाबी रंग देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया और मैंने अपने होंठों को वहां रखते हुए चूत को चूसने लगा।
उनकी गुलाबी चूत में जीभ चलाते हुए मैं उनके चुचों को भी मसल रहा था। अनामिका बड़ी जोर से सिसकारी लेकर आहह आहह हहहह करते हुए मेरे मुंह को अपनी चूत पर दबा कर नीचे से अपनी गांड को उठा उठा कर पटक रही थी जैसे कि वो मेरा मुख मैथुन कर रही हो।
रमन अपनी पत्नी को किसी और से चुत चुसवाते देखकर जोश में आकर अपने लंड को हाथ से हिलाते हिलाते अनामिका के चुचों को काटने लगा और अनामिका से पूछा- मेरी जान को कैसा लग रहा है?
अनामिका ने उखड़ी आवाज में बोला- आप मेरी चूत को फड़वा दो, आज कई दिनों बाद सही मर्द हाथ आया है।
मैंने उसके कामरस को चूसते हुए अपनी 2 उंगलियां चूत में घुसेड़ दी और अनामिका से पूछा कि वो कैसा महसूस कर रही है.
उसने मुझे कुटिल मुस्कान देते हुए अपने हाथों से खींच कर मेरा मुँह अपनी चुत पर दबा दिया। मैंने उसके भग्नासा पर जीभ चलाते हुए तेज तेज गति से चुत में उंगलियां चलाने लगा। उसने जल्दी ही चीखते और अपनी गांड को उठा उठा कर पटकते हुए मेरे मुंह में पानी छोड़ा जिसे मैं पूरा चाट गया।
उसके नमकीन पानी को चख कर मेरा 7 इन्च का लंड फटने को हो रहा था, रमन ने झट से मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ा जो मेरे लिए आश्चर्य की बात और बेहद ही अलग अनुभव था लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि मेरा लंड और मैं अपने आपे में नहीं थे।
रमन ने मेरे लंड को सहलाते हुए उसे अनामिका के होंठों पर रख दिया और अनामिका मेरी आंखों में देख कर मेरा लंड अपने होंठों में दबाने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
उसने इसे चुनौती को स्वीकार कर अपना पूरा मुँह खोल कर लंड को 3 इन्च तक अंदर ले लिया। उसकी आँखों में चमक थी और वासना से पूरी लाल थी और उसके होंठों की लाल लिपस्टिक मेरे लंड को लाल कर रही थी।
वो मेरे लंड को अपने मुँह में भरने की कोशिश कर रही थी और मुझे परम आनन्द का अनुभव करा रही थी। किसी रंडी की तरह गुर्राते हुए चुपड़ चुपड़ और सी सी की आवाज कर रही थी जैसे कि वो आज मेरे लंड को खा जाएगी।
इस सेक्स सीन को देखकर रमन ने अपने लंड को मुठियाते हुए अपना पानी छोड़ दिया और अनामिका के बदन को सहलाते हुए बैठ गया, उसके चेहरे पर संतोष दिखाई दे रहा था।
अनामिका भी जोश दिखाते हुए मेरे लंड पर जीभ चलाते हुए नीचे जाकर मेरे अंडकोष को चूसने लगी और अपने हाथों से लंड को मुठियाने लगी। मेरा पानी निकलने वाला था मैंने उसके बालों को पकड़ लिया और अपने हाथों से लंड को सहलाते हुए उसके चेहरे और चुचों पर अपना वीर्य गिरा दिया।
रमन जी ने मेरे वीर्य को अपनी उंगली से लगा कर अनामिका के मुँह में भर लिया और उसे वो चाट गयी। रमन ने मेरे वीर्य को अपनी पत्नी के चुचों पर मल दिया। उसके बाद अनामिका को उठा कर उसकी गांड को दबा दिया और उसके होंठों को चुमने लगा।
अनामिका भी अपनी नंगी गांड को मटकाते हुए बाथरूम में खुद को साफ करने के लिए चली गई।
मैं उसकी नंगी गांड के दर्शन करते हुए अपनी किस्मत पर खुशी जाहिर कर रहा था कि मैं इस हुशन की मल्लिका को चोदने वाला हूँ।
रमन और मैंने एक दूसरे को शुक्रगुजार करते हुए अगला पेग बना लिया और दूसरे राउंड के लिए नंगे बदन ही बेडरूम में चल पड़े।
मैं और रमन पेग पी रहे थे, तब तक अनामिका भी बाथरूम से आ गयी. मैंने उसे अपनी गोद में लेटा लिया और उसके चुचों पर शराब डाल कर चूसने लगा, उसके चुचों के निप्पल कठोर होने लगे और अनामिका बेचैन हो गयी, मैंने उसके मुँह में अपनी उंगली डाल दी उसे वो चुसने लगी।
इधर मैंने उसके गोरे चुचों को काट काट कर और चूस चूस कर लाल कर दिया, वो मस्ती में आहें भर रही थी और अपना सर इधर उधर पटक रही थी, तभी रमन ने उसकी चूत को अपने मुँह में भर लिया और चूस चूस कर गर्म कर दिया.
अनामिका मस्ती में पागल हो गई और अपनी चुत में लंड डालने की माँग करने लगी।
रमन ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ा और अपनी पत्नी की चुत पर दबा दिया। तभी रमन ने मेरे लंड पर अपने हाथों से कंडोम लगा कर अनामिका की चुत पर दबा दिया.
उसकी चूत में अपने लंड को डाल कर मेरी आँखें आनन्द से बंद हो गई और हम दोनों की आहह निकल गई। थोड़ा सा और लंड उसकी गुलाबी चूत में जाने के बाद अनामिका ने मुझे धीरे धीरे डालने को कहा।
मैंने उसके होंठों को चूमते हुए पूरे जोर से धक्का देकर पूरे लंड को उसकी चूत में उतार दिया. वो मेरे अचानक हमले को समझ पाती, तब तक मेरा लंड चूत की गहराई में उतर गया। उसकी आवाज मेरे होंठों में दब गई मैं उनके चुचों को मसलते हुए लंड अंदर बाहर करने लगा.
अब अनामिका भी अपने रंग में आने लगी और सेक्सी सिसकारी लेने लगी। रमन अनामिका के सिरहाने आकर अपनी पत्नी के सिर को गोद में लेकर बैठ गया और अनामिका के वासना से भरे मुख को देख कर मुस्कराते हुए उसकी चूत में मेरे लंड को आते जाते देख कर उसके चुचों को मसलने लगा।
मैं उसकी टांगों को अपने कंधों पर रख कर चुत का मर्दन करने लगा, पूरा बेडरूम ठप ठप की आवाज से भर गया।
रमन अपनी पत्नी से बोला- देख, आज तेरी आग बुझाने के लिए कई दिनों बाद सही लंड ढूंढ कर दिया है, बता तुझे कैसा लग रहा है?
अनामिका ने उखड़ी आवाज में बोला- आज इसे मैं अपने पास रखूंगी, इसे कहीं नहीं जाने दूंगी।
फिर मुझसे बोली- तुम अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतार दो।
मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और अनामिका की चुत फड़कते हुए पानी छोड़ गई.
मैंने उसे अपनी पोजीशन बदलने के लिए कहा तो वो डोगी स्टाइल में हो गई और अपनी गोरी बड़ी सेक्सी गांड को हिलाते हुए अपनी चुत चोदने का आमंत्रण दिया। मैंने उसकी गांड पर चांटा मारते हुए लाल बना दिया और अनामिका ने सेक्सी सिसकारी लेकर रमन के लंड को अपने मुँह में भर लिया और मैं पीछे से उसकी चूत में लंड डाल कर चुदाई करने लगा।
उसके मुँह में रमन का लोड़ा होने के कारण उसकी आह बाहर निकलने की बजाय बस गूं गूं और हम्म हम्म की आवाज आ रही थी। मैंने उसकी चूत में अपने लंड को डाल कर और जोर जोर से पट पट की मीठी सी आवाज से चोदते हुए उसकी सेक्सी गांड को कंपन करवा दिया।
वो आनन्द विभोर होकर अपनी गांड को हिलाते हुए अपनी चुत में खुद लंड ले रही थी। मैंने भी जोश दिखाते हुए अपने लंड को पूरा पंप करते हुए चरमोत्कर्ष की तरफ जाने लगा. इसी खींचा तानी में हम दोनों एक साथ चरमोत्कर्ष पर पहुंच गये और मैं उनके चुचों को मसलते हुए और पीठ पर चूमते हुए अनामिका की पीठ पर सुस्त होकर लेट गया।
फिर मैं साइड में लुढ़क गया और रमन जो अपना अनामिका से अपना लंड चुसवा रहा था, वो झट से आया और अनामिका की चुत में लंड डाल कर चुदाई करने लगा. वो थोड़ी देर चुदाई करते हुए अपना माल छुड़ा दिया।
वहां पर हम तीनों पसीने से तर बतर सुस्ता रहे थे लेकिन हम सब की चेहरे की खुशी साफ झलक रही थी। अनामिका मुझे अपने सीने से लगा कर मुझ पर पूरा प्यार लुटा रही थी। उसके चेहरे की खुशी साफ झलक रही थी जैसे कि उसे आज सालों बाद संतुष्टि मिली है।
उसके बाद कुछ देर आराम करने के बाद हमने डिनर किया। डिनर के दौरान अनामिका ने सेक्सी झीनी सी नाईटी डाली हुई थी और मैंने और रमन ने अंडरवीयर और बनियान डाल ली। वो गजब की सेक्सी लग रही थी.
मुझे अपनी किस्मत पर नाज हो रहा था कि मैंने इसके साथ सेक्स किया है।
डिनर के बाद अनामिका और रमन ने बताया कि कैसे वो काफी दिनों से इस तरह के फन के बारे में सोच रहे थे और कैसे मैंने उनकी फैन्टसी को हकीकत में बदल दिया।
थोड़ा और आराम करने के बाद सबकी कामवासना फिर से उफान पर थी, बेडरूम में जाकर हम तीनों ने फिर से एक दूसरे को नंगा कर दिया। मैं और रमन दोनों उसकी पत्नी की एक एक चुची से खेल रहे थे और उनको मुँह में भर कर अनामिका को गर्म करने लगे।
आहहह आहहह की मीठी सी आवाज से कमरा गूंजने लगा। रमन अपनी पत्नी की चुत में उंगली करने लगा, मैं भी अपने हाथ से उसकी जांघों को सहला रहा था. अब तो ये उसके बस की बात नहीं रह गई थी, वो बोली- सैम, मेरी चुत में लंड डाल कर मेरी प्यास बुझा दो।
मैंने उसकी एक ना सुनते हुए उसे बेड पर बैठने को कहा। रमन अपनी पत्नी के नीचे लेट गया और अनामिका की चुत चाटने लगा। अनामिका रमन के चेहरे पर बैठी चूत चुसवा रही थी और मैं अपना लंड चुसवा रहा था, वो रंडी की तरह गुर्राते हुए चुपड़ चुपड़ करके लोड़ा चूस रही थी. वो पूरे लंड पर जीभ चलाते हुए नीचे जाकर मेरे अंडकोष को चूसने लगी और अपने हाथों से लंड हिलाने लगी।
फिर मैंने नीचे लेट कर अनामिका को अपने लोड़े की सवारी करने के लिए कहा। वो अपनी गीली फुद्दी को मेरे लौड़े पर सेट कर के बैठी और उसे पूरा निगल गयी।
सिसकारी ले लेकर उसने मेरे लंड पर पूरा धमाल मचा दिया।
मैं डांस करते उसके चुचों को जोर जोर से दबा रहा था और चुस रहा था। कुछ देर में ही उसका बदन अकड़ने लगा और वो मेरी छाती को अपने नाखूनों से नोचने लगी। मैंने भी नीचे से उसकी गांड पर पंजा गड़ा कर कई करारे शॉट लगा दिए फिर अनामिका झड़ते हुए मेरी छाती पर पसर गयी।
मेरा भी तीसरा राउंड होने के कारण मैं ज्यादा देर टिक पा रहा था। मैंने अनामिका को मिशनरी पोजीशन में लेटा लिया और चुत में शॉट लगाने लगा। थोड़ी देर बाद अनामिका ने मुझे रूकने के लिए कहा क्योंकि उसकी चूत अब दर्द करने लगी थी और सूज कर पकोड़ा सी हो गई।
मैंने उसकी चूत में से अपने लोड़े को निकाल लिया और उसके पास लेट गया और अनामिका को किस करने लगा। रमन भी मेरे नंगे बदन को सहलाने लगा और उसने मेरे लंड को मुठियाना शुरू कर दिया, मेरी आंखें बंद होने लगी।
उन्होंने नीचे जाकर मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया. यह मेरा किसी पुरूष के साथ पहला मौका था, आश्चर्य की बात और बेहद ही अलग अनुभव था लेकिन मुझे बहुत आनन्द आया और मैंने अनामिका के होंठों पर अपने होंठों को रख दिया. नीचे उसका पति मेरे लंड को चूस चूस कर निचोड़ रहा था।
इस आनन्द को मैं सहन नहीं कर सका और रमन के मुँह में सारा लावा उगल दिया। रमन ने सारा लोड़ा साफ करके मुझे आंख मार दी।
उसके बाद अनामिका को बीच में लेकर उसे किस करते हुए नींद के आगोश में चले गए।
सुबह भी मैंने और अनामिका ने जल्दी जल्दी से चुदाई करके अपना अपना पानी निकाल लिया।
उसके बाद इन प्यारे कपल से जो मुफ्त की चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया जो अभी भी जारी है।
आपको मेरी फ्री सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेरी मेल आई डी पर सम्पर्क करके बता सकते हैं.
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