बीवी की अच्छी नहीं है क्या

हिंदी सेक्सी स्टोरी पढने वाले मेरे प्यारे दोस्तो, नमस्कार!
मेरा नाम मैं गुप्त रखना चाहूँगा. मेरी उम्र 39 साल की है और शादी को 13 साल हो चुके हैं, मैं दिल्ली में रहता हूँ, अन्तर्वासना पर मैंने खूब कहानियाँ पढ़ी हैं.

आज मैं आपको एक ऐसी घटना बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ कुछ दिन पहले अचानक ही घट गई.
मेरे घर के सामने मुझसे तीन साल बड़ी एक महिला रहती थी जिन्हें मैं दी कह कर बुलाता था, उन्होंने आज तक शादी नहीं की, सुना था कि किसी से प्यार करती थीं और उसने शादी कहीं और कर ली थी जिसकी वजह से उन्होंने शादी नहीं की.

एक रविवार के दिन मैं जब बाहर अपने काम से गया था और घर से सब लोग मौसी के यहाँ एक छोटे से फंक्शन में गए हुए थे, उनका रात नौ बजे तक आने का प्रोग्राम था, मेरा भी इसी समय के आस पास आने का था पर मेरा काम जल्दी खत्म हो गया और मैं सात बजे अपने घर पहुँच गया.

घर पहुँच कर याद आया कि सब लोग मौसी के यहाँ गए हुए हैं. मैंने दी के यहाँ टाइम पास करने का सोचा और उनके घर की बेल बजाई.
उन्होंने आकर दरवाजा खोला और बोलीं- क्या हुआ? घर पर ताला क्यों लगा है?
मैंने उन्हें सारी बात बताई तो वह बोलीं- ठीक है, तुम ऊपर आ जाओ, जब वो आ जाएँ तो चले जाना!

मैं जैसे उनके यहाँ जाता था, वैसे ही उनके यहाँ जाकर सोफे पर बैठ गया. सोफे के बराबर में ही एक सिंगल बेड बिछा हुआ था जिस पर वो भी बैठ गईं.
फिर हम लोग बातें करने लगे, उन्होंने मैक्सी पहन रखी थी.

बातें करते करते वो आलती पालथी मार कर बैठ गई तो मेरी नजर उनके पैरों की तरफ चली गई और मुझे उनकी चूत की हल्की सी झलक दिखलाई दी क्योंकि उन्होंने नीचे पेंटी नहीं पहन रखी थी.
और मेरी नजर वहीं रुक गई.
वो समझ गई कि मैं क्या देख रहा हूँ.
तो वो बोली- ये क्या हो रहा है?
मैं बिना सोचे बोल गया- अच्छी है!
सुनते ही वो बोली- बीवी की अच्छी नहीं है क्या?
मैं बोला- चाटने नहीं देती!

इसके बाद हमारी बातचीत कुछ इस प्रकार हुई:

मैं उनके इस तरीके से पूछने पर हिम्मत करके बोला- मेरी चाटने की इच्छा को वो ज्यादातर मना कर देती है… क्या मैं अपनी इच्छा इस समय पूरी कर सकता हूँ?
तो वो बोली- शर्म नहीं आती मुझसे इस तरह से बात करते हुए?
मैं बोला- आती है… पर आपने भी तो एक भी बार कोशिश नहीं की ढकने की!
और अपनी जीभ बाहर निकाल कर बोला- देखो ना, कैसे तड़प रही है वहां पर लगने के लिए!
और अपने हाथ को उनकी जाँघों पर रख दिया.

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हाथ रखते ही वो बोलीं- ये ठीक नहीं है!
मैं बोला- प्लीज, बस एक बार चाटने दो, मुझे मालूम है आपकी शादी नहीं हुई है… और मैं आपके साथ चुदाई नहीं करूँगा!
कह कर अपने हाथ को मैंने थोड़ा और ऊपर सरका दिया.

वो बोलीं- सिर्फ चाटना ही… और कुछ नहीं!
इतना सुनते ही मैंने उनकी मैक्सी को ऊपर सरका दिया तो देखा कि उनकी चूत आज भी गुलाबी थी और शायद बाल भी उन्होंने आज ही बनाए थे.

मैं जमीन पर खड़ा हो गया और उनकी टांगों में हाथ डाल कर चूत को ऊपर किया और अपनी जीभ निकाल कर उनकी चूत के दाने पर रख दी तो वो बैठी पोजीशन से लेटने की पोजीशन में हो गईं.
मैंने अपनी जीभ से जैसे ही दाने को हल्का सा रगड़ा, वो बोली- ध्यान से… बहुत अच्छा लग रहा है. प्यार से और देर तक करना! आज ही मैंने अपनी चूत के बाल कई महीनों बाद साफ़ किये हैं और तभी तुम आ गये… यहाँ तक तो सब ठीक था, पर मैं पेंटी नहीं पहन पाई और तुमने चूत देख कर ऐसी बात बोली कि मेरी इच्छा हो आई… पर सिर्फ चाटना!

मैंने अपनी जीभ को नुकीला सा बना कर चूत के दाने को पहले धीरे धीरे, फिर थोड़ा दबाव दाल कर रगड़ना शुरू कर दिया और वो अपनी आँखें बंद कर के मेरे सिर पर हाथ फेरने लगीं.
मैंने मुंह हटा कर पूछा- कैसा लग रहा है?
तो वो बोलीं- बहुत अच्छा!
मैंने बोला- क्या मुझे भी और अच्छा लगवा सकती हैं आप?
वो बोलीं- चुदाई नहीं… और कुछ बताओ, जो मैं तुम्हें भी अच्छा लगवा दूँ?
मैंने कहा- मेरा लंड थोड़ा-2 खड़ा होना शुरू हो गया है, इसे आप लोलीपोप समझ कर चूस दो!

मैंने अपनी पैंट को उतार दिया. वो फिर बैठ गईं और बोलीं- चलो, तुम्हारे लिए कर देती हूँ!
और अंडरवियर के ऊपर से लंड पकड़ कर बोलीं- दिखाओ तो सही कैसा है?
मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया और लंड को उनके हाथ में दे दिया.

वो लंड दबाते हुए बोलीं- जमीन पर खड़े होकर चुसवाओगे क्या?
मैंने कहा- नहीं!
और उनको बेड पर लिटा दिया और बोला- आप अपनी मैक्सी अगर उतार दें तो मेरे लिए आसानी हो जायेगी!

इतना सुनते ही वो बैठ गईं और मैक्सी उतार कर लेट गईं. मैं पहले उनकी चूचियों को पकड़ कर सहलाने लगा तो वो बोलीं- सिर्फ चाटने की परमिशन है!
मैं बोला- फ्री में तो ये भी पकड़े जाते हैं.

फिर उनके उपर मैं घोड़ा स्टाईल में हो गया और अपना लंड उनके होठों पर रगड़ने लगा.
वो बोलीं- अपना काम भी तो शुरू कर! मुझे बहुत अच्छा लग रहा था! लंड अड़ा दिया बीच में!
मैं अब 69 की पोजीशन में हो गया, मैंने जैसे ही चूत चाटनी शुरू की, उन्होंने लंड मुख में लेकर जीभ से चाटना शुरू कर दिया जैसे लंड चाटने का बहुत अच्छा तजुर्बा हो!

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मेरे चूत को चाटने पर जितना मजा उनको आता, वो लंड को उतना ही जोर से चूसतीं.

फिर वो मुख से लंड निकाल कर बोलीं- अब तो तू मेरी कसम तुड़वायेगा… डाल दे अपना लंड मेरी चूत में… अब जीभ फेल हो रही है, चूत के अन्दर खुजली शुरू हो गई है, लंड से खुजा इसे अब!
मैं भी तुरंत इरादा बदलने से पहले घूम गया और लंड को चूत के मुंह पर रख कर रगड़ने लगा तो वो लंड पकड़ कर बोलीं- रगड़ मत, बस अब धक्का मार!
मैंने जैसे ही धक्का मारा, लंड घुसा मगर चूत ज्यादा नहीं पर टाइट थी, मुझे सुहागरात के बाद के दिन याद आ गए, बीवी के साथ भी ऐसा ही होता था.

मैंने लंड बाहर निकाल और उस पर थूक लगा कर दुबारा चूत के सुराख में पेल दिया, अबकी बार पूरा लंड चूत के अन्दर था और वो बोलीं- अब धक्के मार… खुजली सहन नहीं हो रही है!
मैंने कहा- ठीक है!
और पहले लंड आधा बाहर निकाला और जोर से धक्का मारा.
वो बोलीं- हाँ, ऐसे ही!
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मैंने फिर वही किया तो गांड उठा के बोलीं- ऐसे ही!
फिर ऐसे ही कुछ धक्कों के बाद वो मुंह से आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह करने लगी और गांड उछालने लगीं. मैंने भी लंड को आधे से ज्यादा निकालना और जोर से धक्का देना शुरू कर दिया, हर आह आह आवाज में लंड अन्दर जाता और फिर बाहर आता!

अचानक उन्होंने अपनी टांगें टाइट कर ली और मैंने भे लंड को जल्दी जल्दी आधे से ज्यादा बाहर निकालना और जोर से धक्का देना शुरू कर दिया. आठ दस धक्कों में ही मेरे लंड ने चूत में ही थूक दिया और वो मुझसे चिपक कर बोलीं- मेरा काम कर दिया आज तुमने… मजा आ गया!

और फिर दो मिनट तक मैं उनकी चूची चूसता रहा, वो मेरे सर पर हाथ फेरती रहीं.
फिर दोनों खड़े हुए और टाइम देखा तो नौ बजने ही वाले थे, कपड़े पहन कर हम दोनों एक बार फिर गले मिले तो वो बोलीं- अब दुबारा मत कहना इस चीज़ के लिए… मुझे नहीं पता, मैं कैसे तैयार हो गई.

मेरी कहानी अच्छी लगी या नहीं, बता जरूर दीजियेगा.
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