भतीजे के लंड पर दिल आ गया- 2

Xxx चूत की कहानी मेरे पति के भतीजे से मेरी चूत की चुदाई की है, मेरी वासना की पूर्ति की है. भतीजे का लंड देख मेरे मन में उससे चुदाई की तमन्ना जाग उठी थी.

यह कहानी सुनें.

 

कहानी के पहले भाग
चाची की जवानी पर भतीजे की कामुक नजर
में आपने पढ़ा कि मेरे पति का भतीजा यानि मेरे जेठ जेठानी का बेटा हमारे पास रहने के लिए आया तो मुझे लगा कि वो मुझे वासना की नजर से देखता है. मेरा मन भी डोल गया.

अब आगे Xxx चूत की कहानी:

मैं जाकर सो गई और अमन का इंतज़ार करने लगी।
थोड़ी देर बाद अमन आया और आकर सो गया, उसने अभी कुछ नहीं किया।

रात को मुझे एहसास हुआ कि अमन मुझे हिला रहा था ताकि वो चेक कर सके कि नींद की गोली लेने के बाद कहीं मैं जाग तो नहीं जाऊंगी।
अब वो अपना हाथ मेरे दूध पर रख कर, उन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और मेरे ब्लाउज के एक एक करके सारे हुक खोल दिये।

मेरी ब्रा को नीचे करके उसने मेरे दूध को आज़ाद किया और उन्हें पकड़कर ज़ोर से दबाने लगा और मेरे निप्पल पर अपनी अंगुलियां रखकर उन्हें जोर जोर से घुमाने लगा।
उसने मेरे निप्पल को पकड़कर निप्पल के सहारे ही दूध को घुमाने लगा।

मेरे बूब्स 34 के थे इसलिए वो उसके घुमाने के कारण दर्द के साथ साथ मजा भी देने लगे थे।

फिर उसने अपने मुंह से मेरे दूध को चाटना और निप्पल को काटना शुरु कर दिया।
वो अपने दोनों हाथों से मेरे एक दूध को ही दबाये जा रहा था और उसे ही चाट-काट रहा था।

मेरी कामवासना बढ़ रही थी क्योंकि एक दूध के साथ तो वो बहुत मजे ले रहा था लेकिन दूसरे दूध को टच भी नहीं कर रहा था।

अब उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने शार्ट में डाल दिया अब मैं उसके लंड का नाप ले रही थी।
उसका लंड बहुत बड़ा था।

उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे हाथ से लंड पकड़वाकर मुठ मारने लगा।
10 मिनट तक उसने ऐसा किया और फिर जब उसका पानी निकालने वाला था तब मेरे हाथ को नीचे रख कर मेरे दूध पर अपना सारा पानी गिरा दिया।

मुझे लग रहा था कि अब यह मेरी आग शांत करेगा लेकिन उसने मेरे ब्लाउज के हुक बंद किये और जाकर सो गया।

अब मुझे उस पर गुस्सा आने लगा था क्योंकि वो तो इतनी रातों से खुद तो ठंडा हो जाता था लेकिन मुझे गर्म ही छोड़ देता था।

मैंने किसी भी हालत में उससे चुदाने का एक प्लान बनाया।

तो मैंने अमन को बुलाया।
मैं- मेरी पीठ में वापिस दर्द होने लगा है इसलिए क्या तुम मेरी मालिश कर दोगे?
अमन- चाची, यह तो मेरा सौभाग्य है कि मैं किसी के काम आऊं और उसका दर्द दूर कर सकूं।

मैं- पहले तुम मेरे कंधों की मालिश कर दो उसके बाद पीठ की कर देना।

अब मैं बेड पर बैठ गयी और अमन मेरे पीछे घुटनों के बल खड़ा हो गया।
उसने पहले मेरे कंधे दबाये।

अमन- चाची तेल लगाने से ब्लाउज खराब हो जाएगा इसलिये क्या में ब्लाउज को कंधों से नीचे कर दूं।
मैं- हाँ, तुम सही कह रहे हो; उतार दो।

उसने वैसे ही किया।
अब मेरी क्लीवेज, ब्रा और दूध का ऊपरी हिस्सा उसे दिख रहा था।

उसने हाथ में तेल लिया औए थोड़ी देर कंधे दबाने के बाद उसके हाथ अब धीरे धीरे मेरे दूध की तरफ बढ़ने लगा था।
उसने मेरे दूध के ऊपरी भाग को मसलना शुरू कर दिया और साथ ही अपने लंड को मेरी पीठ पर रगड़ने लगा।

मैं- अमन, अब तुम मेरी पीठ की मालिश कर दो!

अब मैं पीठ के बल लेट गयी और उसने मुझसे बिना पूछे ही मेरे ब्लाउज के हुक और ब्रा को खोल दिया।

मेरी जांघों के ऊपर बैठकर उसने हाथों में तेल लिया और मेरी चिकनी कमर पर लगाने लगा।

जैसे जैसे वो अपने हाथों को मेरी लोअर पीठ से ऊपर तक लेके जा था, वैसे वैसे उसके लंड की रगड़ मेरी गांड में लग रही थी।

थोड़ी देर बाद उसने अपनी हाथों की मालिश की गति कम कर दी औऱ लंड को गांड पर रगड़ने की गति बढ़ा दी।

अब मैंने उसे ना रोककर उसे ग्रीन सिग्नल दे दिया था.

अमन- चाची, आप घर का काम करके थक जाती हो. क्या मैं आपके पैरों की मालिश कर दूं?

मैं भी यही चाहती थी क्योंकि अब अमन मेरी चूत के पास भी अपना हाथ लेकर जा सकता था
अमन ने मेरी साड़ी के अंदर हाथ डाला और पैरों को दबाने लगा।

फुल बॉडी वैक्सिंग के कारण उसके हाथ एकदम मस्त चल रहे थे।
अब वो मेरी जांघों तक आ गया और जांघें दबाने लगा था.

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अमन- चाची, आप अपनी साडी उतार दो. नहीं तो अब मालिश करते समय यह खराब हो जाएगी।

मैं- हाँ, सही कहा। मैं थोड़ी ऊंची होती हूँ और तुम मेरी साड़ी को पेटिकोट से निकालकर साइड में रख दो।

अमन ने पेटिकोट से साड़ी निकालते वक़्त जानबूझकर अपनी अंगुलियां मेरी चूत के ऊपर वाले हिस्से से टच करवा दी।
मैं- आ आह आह!
अमन- क्या हुआ चाची?
मैं- कुछ नहीं!

उसने साड़ी को खींच के निकल दिया.
अब मैं उसके सामने पेटिकोट और एक खुले ब्लाउज और खुली ब्रा के साथ उसके सामने लेटी थी.

अमन- चाची, तेल कहां तक लगाना है?

मैं- मेरी सारी टांगें दुखती हैं इसलिये सारी टांगों पर ही तेल लगा दो.

मेरे पेटीकोट को उसने इतना ऊंचा कर दिया था कि मेरी लाल पैंटी उसे दिखने लगी थी।

उसने हाथों में तेल लिया और धीरे धीरे मेरे एक के बाद एक टांग के पैर, पिंडलियों, जंघा तक तेल लगाने लगा।
उसके बाद अपने हाथों के दबाव से नीचे से ऊपर तक दबाव बनाने लगा।

अमन- चाची, आप अपनी टांगें थोड़ी फैला लो ताकि मैं आपकी जाँघों की अंदर तक मालिश कर सकूं!

मैंने अपनी टांगें थोड़ी फैला ली लेकिन अगले ही पल अमन ने टांगों को अपने हाथों से और फैला दिया और दोनों टाँगों के बीच बैठ गया।

अमन मेरी लाल रंग की पैंटी साफ साफ देख पा रहा था।
उसने अंदरूनी जाँघों की मालिश शुरू की और धीरे धीरे अपना हाथ मेरी पैंटी को तरफ लेकर जाने लगा।

अब वह धीरे धीरे पैंटी के आस पास ही मालिश करने लगा जिससे मेरी पैंटी गीली होने लगी।

अमन का भी कंट्रोल टूट गया और उसने मेरी पैंटी के ऊपर से ही चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा.

मेरी सिसकारियां निकलने लगी थी, इससे अमन को हिम्मत मिली और उसने मेरी पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया और मेरी क्लिट को मसलने लगा।
अब मैं सातवें आसमान पर पहुंच चुकी थी.

उसने अपनी मिड फिंगर चूत में डाली और मेरे जी-स्पॉट को ढूंढने लगा।

जी-स्पॉट मिलते ही उसने उसे इतना रगड़ा कि मेरा 2 मिनट में ही पानी निकल गया।
मेरी चीख के साथ पानी निकला और उसके हाथ व मेरी पैंटी दोनों को पानी से भर दिया.

अमन- चाची, मैं आपको कब से पाना चाहता था. जिस दिन आप मेरी चाची बनी थी उस दिन से ही में आपको देखकर मुठ मार रहा था। आज मेरा सपना सच होने वाला है।
मैं- हाँ अमन, अब मैं तम्हारी हूँ, तुम अपना सपना पूरा कर लो।

अमन ने सबसे पहले मेरे ब्लाउज को उतारा फिर ब्रा और फिर पेटिकोट को भी ऊपर से उतार दिया।
अब अमन मेरे ऊपर चढ़ गया और अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए और अपने एक हाथ से मेरे दूध को दबाने लगा और दूसरे हाथ से मेरे दूसरे दूध को दबाने लगा।

धीरे धीरे वो मेरी गर्दन पर चाटने लगा और गर्म सांसें छोड़ने लगा।

उसने मेरे दूध को मुँह में लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने काटने और दबाने लगा।

मैं चीखे जा रही थी लेकिन उसने काट काट कर निशान बना दिये।

अब वो धीरे धीरे नीचे बढ़ा और मेरी पैंटी के ऊपर से ही उसे अपने हाथ से हिला हिला कर मुझे चरम स्तर तक लेकर जाने लगा।

मैं चाह रही थी कि वो मेरी पैंटी निकाल दे लेकिन वो ऐसा नहीं कर रहा था।

तो मैं बोली- प्लीज मेरी पैंटी उतार कर फिर करो अमन!
अमन- चाची, यही तो मैं सुनना चाहता था।

ऐसा कहकर उसने अगले ही पल मेरी पैंटी में अपनी दोनो अँगुली डाली और खींच कर पैंटी मेरे जिस्म से अलग कर दी।

अब वो मेरी चूत को चाटने लगा और अपनी एक हाथ की अंगुली मेरी चूत में डाल दी और दूसरे हाथ से मेरे क्लिट को हिलाने लगा।
मैं अपने आप पर अपना काबू छोड़ चुकी थी।

अमन- चाची आओ और मेरे लंड को चूसो!
उसने मुझे बिस्तर से खड़ा किया।

मैं घुटनों के बल उसके सामने बैठ गयी और मैंने उसके अंडरवियर को जैसे ही नीचे किया, उसका लंड बाहर आकर आज़ाद हो गया।
उसने भी अपनी प्राइवेट पार्ट के बाल साफ कर रखे थे, मतलब वो भी मुझे चोदने का पूरा मूड बना चुका था।

मैंने उसके लंड को अपने हाथ लिया और उसके लंड का टोपा अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
फिर उसकी दोनों गोलियों को मैंने बारी बारी से चूसा।

मैंने दोबारा लंड को मुँह में लिया और सिर्फ टोपा ही चूस रही थी क्योंकि आज से पहले मैंने कभी लंड नहीं चूसा था।
तभी अमन ने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को पकड़ा और धक्का लगाकर मेरे मुंह में अपना आधा लंड डाल दिया।

मेरे मुख से गु गु की आवाज आ रही थी।
उसने एक और धक्का मारा और अपना सारा लंड मेरे मुंह में डाल दिया.
अब तो मुझे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी।

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मैं उससे छूटने कोशिश की लेकिन उसने मेरे मुंह को और ज़ोर से पकड़ा और अपनी गति बढ़ाकर मेरे मुंह को चोदने लगा।

अब मुझे लगा कि मुझसे अब और सहा नहीं जाएगा इसलिये मैंने अमन की गोलियों को अपने हाथों से दबा दिया।
इससे उसे भी दर्द हुआ और उसने अपने लंड को मेरे मुंह से निकाला और आह आह ऊ आह करने लगा।

अब मैं अमन के पास गई- अमन मुझे माफ़ कर दो। मुझे सांस नहीं आ रही थी इसलिए मैंने ऐसा किया है.
अमन- कोई बात नहीं चाची, आपकी गलती नहीं है. मैं ज्यादा ही हवसी हो गया था.

अब मैंने उसके होठों से होंठ लगाए और पीछे जाती हुई बेड पर गिरी और मैंने अमन को भी अपने ऊपर गिरा लिया।
मैंने अमन के कान में कहा- अमन, प्लीज अब देर ना करो, मैं तड़प रही हूँ.

अमन यह सुनते ही खड़ा हुआ, उसने अपने लंड को हाथ में पकड़ा और मेरी चूत पर रख कर धीरे से धक्का लगाया.
उसका टोप्पा अगले ही पल मेरी चूत में प्रवेश कर गया।

उसने ज़ोर से 2 धक्के मारे और मेरी चीख के साथ उसका पूरा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया.

अब वो थोड़ी देर रुका और धक्के देने शुरू कर दिए।
मैं- आह आ आह और जोर ज़ोर से करो!
अमन- जी चाची!

उसने अपने धक्कों की गति बढा दी।
मेरे दूध बहुत हिल रहे थे इसलिए मैंने उसे अपने हाथों में थामा।

तभी अमन ने मेरे हाथ साइड किये और अपने हाथ से मेरे दूध को कस कर पकड़ लिया.
अमन- चाची डॉगी स्टाइल में करते हैं, मजा आएगा।

मैं खड़ी हुई और बेड पर डोगी स्टाइल में आ गयी।
उसने अपनी एक टाँग बेड पर रखी और मेरी गांड पर ज़ोर ज़ोर से 3-4 थप्पड़ मारे और मुझे कमर से पकड़ा।

वो अपना लंड मेरी चूत में डालकर चोदने लगा।
मैं भी उसका साथ देने लगी और अपनी गांड को हिलाने लगी।

अमन का स्टेमना काफी अच्छा था।
मैं 2 बार झड़ चुकी थी लेकिन अमन अभी भी चोदे जा रहा था।

अमन- चाची, मैं धक्के मार मार के थक गया हूँ, मेरा पानी नहीं निकल रहा है। मैंने सेक्स की गोली ली थी, उसके कारण ऐसा हो रहा है.

अब मुझे पता लगा कि अमन पहली बार में ही इतना लंबा कैसे चोदे जा रहा है।

मैं- तुम लेट जाओ और मैं तुम्हारे ऊपर आ जाती हूँ.

अमन लेट गया.
मैं अमन के लंड के ऊपर बैठी और लंड चूत में डाल कर सेट किया और अपने हाथ अमन के निप्पल पर रख कर अपनी कमर हिलाने लगी।

थोड़ी देर बाद अमन ने भी अपनी कमर उठा कर मेरा साथ देना शुरू कर दिया.

मैं तीसरी बार झड़ गयीं लेकिन अमन अभी भी नहीं झड़ा था.

मैंने उसका लंड मुख में लिया औऱ चूसने लगी क्योंकि अब मैं भी थक चुकी थी और अमन पागल हो रहा था।

उसने मेरा मुंह कस कर पकड़ा और मुखचोदन करने लगा।
मैं चीखें मार रही थे लेकिन अमन ने एक चीख ना सुनी।
उसका पानी अभी तक नहीं निकला था।

मैं-अमन, मैं लेट जाती हूँ और तुम मेरे ऊपर चढ़ जाओ!
मेरे लेटते ही अमन ने चूत में लंड डाला और मेरे ऊपर लेट गया।

मैंने अपनी टाँगों को अमन के उपर लपेट लिया औऱ अमन के धक्का लगाने पर मैं भी अपनी टांगों का ज़ोर लगाती ताकि अमन को ज्यादा जोर ना लगाना पड़े।

5 मिनट की भयानक चुदाई के बाद अमन बोला- चाची, मेरा निकलने वाला है!
मैं- चूत में ही छोड़ दो, मेरा भी निकलने वाला है.

अमन- आह आह … आ ह … चा चा ची … चाची मेरा निकल गया!
यह कह कर मेरे ऊपर गिर गया।

मैं उसके नीचे थी, उसका लंड अभी मेरी Xxx चूत में था और मेरी चूत उसके पानी से और मेरे पानी से भर गई थी इसलिए पानी बाहर निकल रहा था।

मेरे अंदर इतनी भी शक्ति नहीं थी कि मैं अब अमन को साइड कर के कपड़े पहन सकूं, इसलिए मैं वैसे ही पड़ी रही.

सुबह 4 बजे मेरी नींद खुली तो देखा कि अमन सोया पड़ा था।
मैं बड़ी मुश्किल से खड़ी हुई और 2 पेनकिलर लेकर वापिस सो गई।

2 घंटे के बाद उठी और मैंने अमन को उठाया।

अमन उठते ही फिर से किस करने लगा लेकिन मैं बहुत थक चुकी थी और मेरी चूत भी दर्द कर रही थी इसलिये मैंने उसे मना किया और कपड़े पहन कर बाहर आ गयी।

तो दोस्तो, यह थी मेरे और मेरे भतीजे के बीच के सेक्स संबंध की कहानी।
आप मुझसे इस ईमेल से कांटेक्ट करके मुझे मेरी Xxx चूत की कहानी के बारे में अपने विचार बता सकते हैं।
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