दोस्तो, मेरा नाम यश है और यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी यह कहानी पसंद आएगी.
यह कहानी मेरे घर के सामने रहने वाली भाभी की है. कहानी शुरू करने से पहले मैं सभी पात्रों से परिचय करवा देता हूं. सोनाली- मेरी भाभी
अजय, सोनाली का पति है. विमला और राजेश, सोनाली के सास-ससुर हैं. जय, सोनाली का देवर है और प्रिया सोनाली की ननद है.
सबसे पहले विमला की बात करते हैं, जो कि सोनाली की सास हैं. उनकी उम्र कुछ 45 साल के आस पास की होगी. सोनाली के ससुर राजेश की उम्र 48 साल के आस पास की. सोनाली के पति की 24 साल और उनकी खुद की 23 साल है. देवर जय की 22 साल और ननद प्रिया की उम्र 20 साल है.
अब मैं सोनाली भाभी की जवानी का बखान भी करे देता हूँ. सोनाली भाभी क्या माल हैं, सच में वो रूप की रानी हैं. उनकी नशीली आंखें, गुलाबी रसभरे होंठ, बड़े बड़े तने हुए मम्मे, हल्की सी बाहर को उठी हुई गांड और पतली कमर है. भाभी एकदम किसी कामदेवी से कम नहीं लगती हैं.
दोस्तो, मेरे सामने वाले परिवार वाले सब खुले विचारों वाले थे और राजेश ने भी कभी किसी को किसी बात के लिए टोका नहीं था, न कभी अपने बेटों को, ना कभी बेटी को. इसके साथ ही उन्होंने शादी के बाद कभी अपनी बहू को भी किसी बात के लिए नहीं टोका था.
यह कहानी तब की है, जब अजय भैया की शादी हुई थी. जब पहली बार बहू को घर में लाया गया, तो सब बहू की मुँह दिखाई और बहू से परिचय करने में लग गए. मैं थोड़ा मजाकिया टाइप का हूँ, इसलिए जब मैंने भाभी को अपना परिचय दिया, तो मैंने भाभी को मजाक में उनके कान में यह कह दिया कि भाभी आप बहुत ही सुंदर हो, मेरा बस चले तो, मैं ही आपके साथ सुहागरात मना लूँ.
इस पर भाभी ने मुझे गुस्से से देखा, तो मैंने कहा- अरे भाभी मैं तो मजाक कर रहा हूँ.
इतना कह कर मैं हंसता हुआ वहां से चला गया.
फिर जैसे तैसे शाम हुई और भैया भाभी की सुहागरात का टाइम हो गया. इधर किस्मत का खेल देखिए, उस दिन कमरा सजाने के लिए भी मैं ही था. तो सबसे पहले तो मैंने कमरा अच्छे से सजा दिया.
उसके बाद कमरे का मुआयना किया कि भैया भाभी की सुहागरात कैसे देखी जाए. मैंने देखा कि उस कमरे के पास एक और कमरा है, जो बंद रहता था. उस कमरे का एक दरवाजा इसी कमरे में लगा हुआ था और एक दरवाजा दूसरी तरफ भी था.
मैंने सोचा कि आज की लाइव सुहागरात का तो काम हो गया.
मैंने अपने लिए मुनासिब जगह से लाइव टेलीकास्ट की स्थिति देख कर तय की और कमरा सजा कर मैं सीधा उस कमरे में आ गया. उस कमरे को मैंने चैक किया, तो वहां कुछ पुराना सामान रखा हुआ था. फिर में दरवाजे के पास गया और वहां के की-होल से उस कमरे में देखने की कोशिश करने लगा, जहां भैया भाभी की सुहागरात होने वाली थी. लेकिन उस छेद में से कुछ सही से दिख नहीं रहा था.
मैंने फिर दरवाजे के पास एक मेज रख दी और दरवाजे के ऊपर जाली में से उस कमरे में देखने लगा. अब मुझे उस कमरे का नजारा अच्छे से दिखने लगा था. फिर मैंने सोचा कि मेरा काम हो गया. इसके बाद मैं उस कमरे से बाहर आ गया.
करीब 11 बजे भैया अन्दर कमरे में गए. जहां पहले से भाभी बिस्तर पर बैठी हुई थीं. फिर मैं भी उस कमरे में चला गया, जहां से में भैया भाभी की सुहागरात देख सकता था. दरवाजे के पास रखी हुई टेबल पर जाकर ऊपर से उस कमरे में देखने लगा.
मैंने मन में सोचा कि आज तो लाइव सुहागरात देख कर मजा ही आ जाएगा. मैं मन ही मन खुश होने लगा.
मैंने अन्दर देखा, तो भैया भाभी के पास बैठे थे और वे दोनों बातें कर रहे थे. फिर थोड़ी देर बाद भैया ने भाभी का घूंघट उठाया और गहने निकालने लगे.
तभी भाभी खड़ी हुईं और भैया को दूध का गिलास दे दिया. भैया ने आधा गिलास दूध पिया और आधा भाभी को पिला दिया. भाभी वहीं बेड के पास खड़ी थीं तो भैया भी खड़े हुए और भाभी के पास आ गए.
भैया ने भाभी को अपनी बांहों में ले लिया और पहले उनके गाल किस किया. फिर माथे पर किस किया और उसके बाद उनके होंठों पर किस करने लगे. इधर ये देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया. दोस्तो, अभी तक कमरे की लाइट चालू थी.
उसके बाद भैया ने धीरे धीरे भाभी के कपड़े निकालना शुरू कर दिए. पहले भाभी की साड़ी का पल्लू हटा कर उनके ब्लाउज़ के ऊपर हाथ रख दिया. भैया भाभी के मम्मे को हल्के हल्के दबाने लगे.
फिर उसके बाद भैया ने भाभी का ब्लाउज़ और साड़ी भी निकाल दी. अब भाभी सिर्फ ब्रा और पेंटी में भैया के सामने खड़ी थीं.
इधर भाभी को ऐसा देखकर मेरा बहुत बुरा हाल हो गया था. क्या मस्त फिगर था भाभी का … एकदम गदराया हुआ कंटीला फिगर था. उनके मम्मे उनकी ब्रा में से आधे से ज्यादा बाहर आ रहे थे. भाभी की बड़ी गांड मेरे लंड पर कहर ढा रही थी. भाभी की फिगर देख कर मुझे लगा कि भाभी ने अपने मम्मों को खूब दबाया है या शायद उन्होंने शादी से पहले किसी से इसका मजा लिया है.
जब भैया ने भाभी के मम्मों पर हाथ रखा, तो वो उनके हाथों में भी आ नहीं पा रहे थे. फिर भैया ने भाभी की ब्रा और पेंटी भी निकाल दी. वे भाभी के एक मम्मे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे और एक को अपने हाथ से दबाने लगे. दो पल बाद भैया एक हाथ भाभी की चूत पर फेरने लगे.
थोड़ी देर तक वे ऐसा ही करते रहे. फिर भैया भाभी से अलग हुए और अपने कपड़े निकालने लगे. जब उन्होंने कपड़े निकाल दिए, तो मैंने देखा उनका लंड कुछ खास बड़ा नहीं था. शायद 5 इंच का ही होगा. मैंने सोचा ये तो भाभी के साथ नाइंसाफी हुई, भाभी का इतना सेक्सी बदन है और उन्हें लंड छोटा सा मिला.
फिर भैया ने भाभी को अपना लंड चूसने को कहा, पहले तो भाभी मना करने लगीं. फिर भाभी ने भैया का लंड अपने हाथ में लिया और धीरे धीरे चूसने लगीं. लंड चूसने के समय मुझे फिर भाभी के चालू होने जैसा फ़ील हुआ. फिर देखते ही देखते भाभी ने पूरा का पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और तेज तेज चूसने लगीं. इससे हुआ ये कि जल्द ही भैया भाभी के मुँह में झड़ गए.
उसके बाद भैया ने भाभी को बेड पर लेटने को कहा, तो फिर भाभी बेड पर आकर लेट गईं.
जब भाभी बेड पर लेटी थीं, तब पहली बार मुझे भाभी की चूत के दर्शन हुए. भाभी की क्या गदर चूत थी यार … बिल्कुल चिकनी … मेरा मन तो किया कि अभी जाकर भाभी को चोद दूँ, लेकिन अभी फिलहाल देखने के अलावा कुछ भी नहीं कर सकता था.
फिर थोड़ी देर बाद भैया का लंड वापस से खड़ा हो गया और वे भाभी के पास जाकर लेट गए.
इधर मैं अपने लंड को बाहर निकाल कर मुठ मारने लगा.
उधर भैया भाभी की चूत चाट रहे थे और भाभी सिसकारियां ले रही थीं. भाभी की आंखें चूत चटवाने का मजा लेने के कारण बंद थीं.
थोड़ी देर बाद भैया ने भाभी की चुत चाटना बंद किया और भाभी के ऊपर आकर अपने लंड को भाभी की चूत पर सैट करने लगे.
भैया का लंड था तो छोटा, पर भाभी भी अभी तक तो मुझे वर्जिन ही लग रही थीं. उनकी सील भी शायद नहीं टूटी थी. भैया का लंड अन्दर घुसा, तो भाभी को कोई ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ. इससे मुझे भाभी के पहले से चुदे होने का शक होने लगा. हालांकि ये भी हो सकता था कि भैया का लंड छोटा होने की वजह से भाभी को ज्यादा दर्द नहीं हुआ हो और बिना किसी दिक्कत के भैया का लंड भाभी की चूत में चला गया हो.
खैर … भैया भाभी की चुदाई होने लगी और करीब करीब 10-15 मिनट की चुदाई के बाद भाई भाभी की चूत में ही झड़ गए. इधर मैं भी अपने हाथ से मुठ मार कर झड़ गया.
ये तो हुई सुहागरात की लाइव फिल्म … पर दोस्तो, इस कहानी का सबसे बड़ा ट्विस्ट तो रह ही गया था, जो मुझे बाद में पता चला था.
दो दिन बाद भाभी को घर की पूजा आदि से फुर्सत मिली और मुझे उनसे बात करने का मौका मिला. उस दिन भैया को किसी काम से बाहर जाना था, उनके साथ भैया के छोटे भाई को भी साथ जाना था. मैं उन दोनों के जाने के बाद ही भाभी के पास आया था. भाभी मुझे देखते ही हल्की सी मुस्कुराईं.
मैंने भी हंस कर उनको देखा. मैंने पूछा- और भाभी क्या हाल हैं?
भाभी ने इधर उधर देखा और धीरे से कह दिया- तुमको तो सब हाल चाल मालूम ही हैं.
उनकी इस बात से मैं चौंका, तो भाभी ने रोशनदान की तरफ उंगली उठा दी.
मैं सकपका गया कि मेरी चोरी पकड़ी गई. मतलब कि भाभी ने मुझे चुदाई के दौरान देख लिया था.
तभी मेरा भेजा चला और मैंने सोचा कि भाभी की मुस्कराहट शायद कोई और इशारा कर रही है.
मैंने बिंदास कह दिया- इसीलिए तो मैंने आपके कान में कुछ कहा था.
भाभी हंस दीं.
उन्होंने अपने एक हाथ की दो उंगली से कुछ ऐसा इशारा किया, जैसे वो कोई छोटी सी चीज के लिए बता रही हों.
भाभी भैया के लंड की छोटी साइज़ का इशारा करते हुए बोलीं- उस समय मुझे इसकी कुछ जानकारी ही नहीं थी.
मैं समझ गया कि भाभी को लंड छोटा लगा. मैंने अपने लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- मैं कुछ दिखा सकता हूँ?
भाभी ने अपनी आँखें मेरे लंड के उभार पर लगा दीं. मैंने अगले ही पल पेंट की चैन खोली और अपना लम्बा लंड भाभी के सामने लहरा दिया.
उन्होंने मेरे लंड को प्यासी नजरों से देखा और हाथ बढ़ा कर उसे टटोलते हुए कहा- ओके, अभी इसे अन्दर करो, रात में मेरे पास आने की कुछ तरकीब लगाना.
मुझे मालूम था कि आज रात भाभी की ननद प्रिया भाभी के साथ ही सोएगी. हालांकि वो मुझसे सैट थी लेकिन अभी चुदी नहीं थी.
मैंने भाभी से कहा- आप चिंता मत करो. बस रात में इस कमरे का दरवाजा खोल देना. एक फ्रूटी लाऊंगा वो आप अपनी ननद को पिला देना.
मैं इतना कह कर चला गया.
मैंने एक फ्रूटी खरीदी और उसमें इंजेक्शन से गहरी नींद में चली जाने वाली दवा को इंजेक्ट किया और सुई के छेद को बंद करके भाभी के कमरे में दे आया.
रात हुई तो भाभी के साथ उनकी ननद सोने आई. भाभी ने उसे कमरे के फ्रिज से फ्रूटी निकाल कर दे दी. उसने मजे से पी ली. वो बीस मिनट में ही गधे की तरह पैर पसार कर सो गई.
भाभी ने मुझे फोन किया, तो मैंने बगल के कमरे वाले दरवाजे पर दस्तक दे दी. भाभी ने दरवाजा खोल दिया. मैं उनको इसी वाले कमरे में ले आया और दरवाजा बंद कर दिया.
भाभी को मैंने फर्श पर बिछी हुई दरी पर लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया.
भाभी को बड़ी चुदास चढ़ी थी. उन्होंने लेटने के पहले ही अपनी सामने से खुलने वाली नाइटी को खोल दिया था.
आह … भाभी ने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था. उनके तने हुए मम्मे और झांट रहित चूत ने मेरे लंड को एकदम से खड़ा कर दिया. मैंने उनकी चूत पर उंगली लगाई तो भाभी बोलीं- पहले एक बार चोद दो, फिर दूसरे राउंड में खेल लेना.
मैंने आव देखा न ताव बस लंड को पेल दिया. भाभी की चूत को जैसे राहत मिल गई. एक दो झटके में ही भाभी गांड उठा उठा कर चुदाई के मजे लेने लगीं.
मैंने भाभी को चोदते हुए कहा- भाभी अब तक कितने ले चुकी हो.
भाभी ने भी मस्ती में जबाव दे दिया- तेरा पांचवां है.
मैं खुश हो गया कि भाभी पक्की चुदक्कड़ निकलीं … ये तो लगातार चोदने को मिलेंगी.
बस फिर क्या था, उस रात भाभी ने लंड भी चूसा और गांड भी मारने दी. तीन बार चुदाई का मजा मिला.
अब अगली बार भाभी की ननद की सीलतोड़ चुदाई होनी है. अब तक जगह का इंतजाम न हो पाने के कारण उसे चोद नहीं पा रहा था. अब उसको मैं भाभी के कमरे में ही चोद दूंगा.
भाभी की ननद प्रिया की चुदाई होते ही उसकी कहानी का मजा आपको मिलेगा. मुझे मेल करना न भूलें.
धन्यवाद.
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